हैप्पी मदर्स डे



दुनिया में अगर कोई आपको समझता है तो वो आपकी मां है .जो आपके चहरे और आपकी आवाज़ से ही आपके दुःख,दर्द को महसूस (समझ) कर लेती है .माँ का स्थान भगवान से भी बढ़कर है .माँ ही है जो हमारी पहली गुरु होती है प्रतेक स्थान पर माँ (माता) को प्रमुख स्थान प्रदान है. इसीलिए कहा जाता है माता,पिता,गुरु,देवता माँ का किसी से मुकाबला नहीं है. फिर भी बच्चे मां के योगदान को भुला देते हैं। आज मदर्स डे के इस ख़ास मौके पर https://sangeetaspen.com ब्लॉग के माध्यम से मदर्स डे से जुडी कुछ बाते बता रहे है
मदर्स डे की सुरुवात कब और क्यों हुयी थी ?
मदर्स डे की शुरुआत मां के महत्वपूर्ण योगदान को मनवाने के लिए ही हुई थी।प्रत्येक वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है.इस दिन की सुरुवात का पूरा श्रेय अमेरिका की ऐना.एम.जारविस को दिया जाता है .जारविस के प्रयासों के कारण ही संयुक्त राज्य अमेरिका ने 8 मई, 1914 के दिन से मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे घोषित किया. इस वर्ष (2020) मदर्स डे 10 मई को मनाया जा रहा है.
ऐना.एम.जारविस ने मदर्स डे की सुरुवात कैसे की ?
ऐना की मां अन्ना रीस जारविस 2 दशकों तक एक चर्च में संडे स्कूल टीचर रहीं। एक दिन वह संडे स्कूल सेशन के दौरान बाइबिल में मां पर एक पाठ के बारे में बता रही थीं। उस समय जारविस लगभग 12 साल की थीं।तब उन्होंने अपनी मां को कहते सुना की एक दिन ऐसा आएगा जब मां और मातृत्व को मनाने के लिए एक ख़ास दिन समर्पित किया जाएगा .क्युकी उस समय तक सिर्फ पुरुषों को समर्पित दिन होते थे जिनको मनाया जाता था। महिलाओं के लिए कोई दिन नहीं होता था।
ऐना ने अपनी मां की मिर्त्यु के दो साल बाद मदर्स डे मानाने का अभियान चलाया
जब ऐना की मां का निधन हो गया तो उसके दो सालों बाद, ऐना और उनकी दोस्तों ने एक अभियान चलाया। और उन्होंने मदर्स डे के दिन राष्ट्रीय छुट्टी की बात अमेरिकी सरकार के सामने रखी,जिसमे ऐना को लोगों का अच्छा समर्थन मिला।और संयुक्त राज्य अमेरिका ने 8 मई,1914 के दिन से मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे घोषित किया
ऐना मदर्स डे को सामान्य तरिके से मनाना पसंद करती थी
ऐना का मानना था की मदर्स डे के दिन माँ को एक फूल दे कर उनका धन्यवाद किया जाये ऐना महंगे उपहारों और बाजारीकरण का घोर विरोध करती थी.क्युकी लोगो ने इसे मुनाफाखोरी और कमाई का जरिया बना दिया था.जिसके कारण उन्होंने अपने अंतिम दिनों में मदर्स डे को कैलेंडर से हटवाने की मुहिम चलाई।
मदर्स डे की जड़ें प्राचीन ग्रीस और रोम से भी जुडी हुयी है
कुछ इतिहासकारो के अनुसार स्यबेसे ग्रीक देवताओं की माता थीं और मदर्स डे पर ग्रीक के लोग उनकी पूजा करते थे तथा सभी देवियों को मां मानते थे और उनके सम्मान में उत्सवों का आयोजन करते थे। लेकिन आधुनिक मदर्स डे की जड़ें ‘मदरिंग संडे’ में मिलती है। ईसाई धर्म के लोगों द्वारा इंग्लैंड और यूरोप के कई देशों में इसे मनाया जाता था। श्रद्धालु लेंट सीजन के चौथे रविवार को मुख्य चर्च में प्रार्थना के लिए जमा होते थे। मुख्य चर्च को मदर चर्च के नाम से जाना जाता था। समय के साथ मदर्स डे का रूप बदलता गया और इसे मां को सम्मानित करने के लिए मनाया जाने लगा। बच्चे अपनी मां को मदर्स डे पर प्यार और सम्मान के प्रतीक के रूप में फूल और अन्य उपहार भेंट करते है
माँ के लिए हर दिन मदर्स डे है
माँ के लिए हर दिन मदर्स डे है आज मैं एक बेटी भी हु और माँ भी इस मदर्स डे पर मै अपने जीवन के उन ख़ास दो लोगो को धन्यवाद देना चाहती हु जिन्होंने मेरे आज के दिन को (मदर्स डे )को बहुत खास बनाया है पहला धन्यवाद मेरी माँ का जो मुझे इस खूबसूरत दुनिया मै लायी और जीवन की हर मुश्किल राह पर मेरे साथ खड़ी रहती है.दूसरा धन्यवाद मेरी बेटी का जिसने मुझे माँ होना क्या होता है यह महसूस कराया
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