21 जून: सूर्यग्रहण,कब है सूतक और ग्रहण काल

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21 जून (रविवार) को मृगशिरा नक्षत्र और मिथुन राशि मेंं इस साल का पहला और आखिरी सूर्य ग्रहण लगेगा जो भारत में दिखेगा. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों के अनुसार चूड़ामणि योग में रविवार सुबह 10.27 से 1.52 बजे तक सूर्य ग्रहण (solar eclipse) रहेगा। 

आषाढ़ कृष्ण पक्ष के दौरान ये सूर्य ग्रहण चूड़ामणि योग में खंडग्रास में होगा. ज्योतिषीय भविष्यवाणी के अनुसार यह सूर्य ग्रहण खतरनाक होगा. मंगल पर शनि की दृष्टि रहेगी और छ: ग्रह वक्री चाल में रहेंगे. जानकारों का मानना हे की यह एक चमत्कारी खगोलीय घटना (Astronomical event) है। 

कब है सूतक और ग्रहण काल

सुबह 10.27 बजे से सूर्यग्रहण शुरू होगा और इसे दोपहर 1.52 मिनट तक देखा जा सकेगा. ग्रहण का सूतक 9 से 12 घटे पहले से शुरू हो जाएगा।

  • सूतक शनिवार रात 10.14 बजे से शुरू होगा।
  • सूतक के समय पूजा-पाठ नहीं किए जाते हैं। 
  • इस समय में सिर्फ मंत्र जाप कर सकते हैं। 

ग्रहण के समय क्या करें

ग्रहण के शुरू होने से पहले स्नान कर लें, मध्य में हवन करें, देवार्चन और स्नान-दान करें।
ग्रहण में स्नान कि महिमा बताते हुए कहा गया है कि – सर्वगंगा समं तोये सर्वे ब्रह्मसमाद्विजा: सर्वभूमि समं दानं द्रष्टयोश्चन्द्रसूर्ययो: ।
हिंदी अनुवाद : ग्रहण में सभी जल गंगा जल के समान पवित्र होता है. सभी द्विज ब्रह्म स्वरुप होते हैं। सभी प्रकार के दान भूमिदान के समान फल देने वाले हैं।

ग्रहण के विषय में शास्त्रों में क्या कहा गया है ?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के समय अन्न-पानी ग्रहण करना मना है। यहां तक कि शास्त्रों में मलमूत्र त्याग तक मना है वहीं बच्चों, वृद्ध, रोगी इस नियम से मुक्त रखा गया है. प्रसूती के लिए कहा गया है अपने घरों में खाने में तुलसी, कुशा डाल कर रखें. इससे अन्न अपवित्र नहीं होता है। सूतक काल में ग्रहण खत्म होने तक योग, जप,ध्यान, पूजा, इष्ट का ध्यान करें इसका अनंत फल शास्त्रों में बताया गया है।

चूड़ामणि योग युक्त ग्रहण – जब सूर्यग्रहण रविवार को और चन्द्र ग्रहण सोमवार को लगता है तो वह ग्रहण चूड़ामणि योग युक्त ग्रहण कहलाता है. यह योग विशेष फलप्रद व सिद्धप्रद होता है।

ABP NEWS के अनुसार : मृगसिरा व आद्रा नक्षत्र और मिथुन राशि पर लगने वाले सूर्य ग्रहण को चूड़ामणि सूर्य ग्रहण भी कहा जाता है। इस ग्रहण को खण्डग्रास सूर्य ग्रहण के नाम से भी जाना जाता है।

जब सूर्य ग्रहण चूड़ामणि योग युक्त हो जाता है तो वह विशेष फलदायी और मंगलकारी होता है। इससे इस सूर्य ग्रहण का और भी महत्व हो गया है। आइये जानें कि इस सूर्य ग्रहण का 12 राशियों पर क्या असर पड़ेगा।

सूर्य ग्रहण का 12 राशियों पर प्रभाव

मेष राशियह सूर्य ग्रहण मेष राशि के जातकों के लिए अत्यंत शुभकारी है. मान –सम्मान, पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, धन लाभ का योग है. इन जातकों को अपना व्यवहार मीठा रखना चाहिए. वाहन चलाते और यात्रा करते समय सावधान रहना चाहिए. किसी नई डील पर हस्ताक्षर करते समय सावधान रहें. हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ करें लाभ होगा।

वृषभ राशिवृषभ राशि वालों के लिए आर्थिक समस्या और पारिवारिक कलह बढ़ सकती है. इस राशि वालों को भोजन आदि का विशेष ध्यान रखना चाहिए. वाणी पर नियंत्रण जरुरी है. इनके लिए गुरु और श्री महालक्ष्मी की पूजा तथा अन्न दान करना लाभप्रद रहेगा. इस ग्रहण के कुप्रभाव से बचने के लिए ललिता सहस्रनाम व देवी कवच का पाठ करना चाहिए।

मकर राशि मकर राशि वालों के लिए यह समय शुभ व लाभदायी है. उनके हर कार्य बनते नजर आयेंगें फिर भी स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए।

मिथुन राशिइस राशि के लिए यह ग्रहण अशुभकारी है. इस लिए इन्हें अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होगी, मन अशांत रहेगा. किसी व्यक्ति पर सहज विश्वास न करें. अधिक से अधिक ध्यान, जप, साधना, आसन करें. इससे लाभ होगा. विष्णु सहस्त्रनाम, ॐ नमो नारायणा, के जप से लाभ होगा।

कर्क राशि – इस राशि वालों को आर्थिंक नुकसान हो सकता है, दुर्घटना का सामना करना पड़ सकता है. ये अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें, नए मित्र न बनाएं, दान करने से ख़ास कर कृत्रिम पैर, जूते के दान से ग्रहण का प्रभाव कम हो सकता है।

सिंह राशिइस सूर्य ग्रहण से सिंह राशि वालों को अप्रत्याशित लाभ हो सकता है क्योंकि सिंह राशि सूर्य की राशि है. विदेश से धन मिलने के योग है. परन्तु धन कमाने की लालसा पर नियंत्रण रखें और संतुलन बनाये रखें. संतान की तरफ से सुखद समाचार मिल सकता है. वाहन से सावधान रहें. माँ के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें।

कन्या राशिइस राशि के जातकों को अपने कार्य स्थल पर अत्यंत सावधानी बरतनी होगी क्योंकि कर्म योग एक बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाला है कर्म को सुधारने के लिए हर दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें या सुनें. भगवद्गीता का दूसरा और चौथा अध्याय पढ़ें और समझें।

तुला राशितुला राशि का संबंध नव-भाव से है, जो धर्म और कानून को भी प्रस्तुत करता है. कानून के विरुद्ध काम न करें, बिना हेलमेट के वाहन न चलायें. माता-पिता, वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में रहें। धर्म-कर्म वाले विषय पर अधिक बल दें। भावुकता में कोई निर्णय न ले।

वृश्चिक राशिशारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें, मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। कर्म क्षेत्र में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है। पुराने जन्मों का कर्म सामने आने वाला है। मौन धारण करना, ध्यान, समाधि में रहना लाभदायक होगा। बदलाव का समय है जो थोडा तकलीफ दे सकता है।

धनु राशिधनु राशि वालों के लिए समय बहुत अच्छा नहीं है. कोई भी कदम सोच विचार कर तथा पारदर्शिता के साथ उठाये. दिन में दो बार ध्यान करना, माता लक्ष्मी या देवी की पूजा करना, सूर्य नमस्कार बहुत फायदेमंद होगा।

कुंभ राशिकुंभ राशि पंचम स्थान में है जो शुभ नहीं है. इन्हें अपने हर कार्य को बहुत सोच विचार कर करना होगा. मंत्र साधना के लिए यह समय उत्तम है।

मीन राशिमन उदास रह सकता है जायदाद, वाहन आदि कोई चीज न खरीदें। संगीत सुनें, शिव की पूजा करें लाभ होगा।

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