Alkanet : रतनजोत पौधा एक फायदे अनेक

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Alkanet Uses, benefits and Side Effects of alkanet in hindi
Alkanet Uses, benefits and Side Effects of alkanet in hindi

Alkanet- रतनजोत (Alkanet या Dyers’ Bugloss),जिसे रंग-ए-बादशाह भी कहते हैं, बोराजिनासीए (Boraginaceae) जीववैज्ञानिक कुल का एक फूलदार पौधा है। इसके नीले रंग के फूल होते हैं।इसकी जड़ से एक महीन लाल रंगने वाला पदार्थ मिलता है जिसका प्रयोग खाने और पीने की चीज़ों को लाल रंगने के लिए होता है,इसके अलावा दवाईयों, तेलों, शराब, इत्याद में भी इसके लाल रंग का इस्तेमाल होता है। कपड़े रंगने के लिए भी इसका प्रयोग होता है। वास्तव में ‘रतनजोत’ (Alkanet) नाम इस पौधे की जड़ से निकलने वाले रंग का है लेकिन कभी-कभी पूरे पौधे को भी इसी नाम से पुकारा जाता है। ध्यान दें कि कभी-कभी जत्रोफा को भी रतनजोत कहा जाता है।आज के लेख में आपको रतनजोत के पोषक तत्व, फायदे, उपयोग व नुकसान के बारे में विस्तार से बताने वाले हैं।

रतनजोत (Alkanet) पौधा, अंग्रेजी में इसे जेट्रोफा कहते है। रतनजोत से बायो डीजल बनता है जो कि पर्यावरण के लिए आशीर्वाद साबित हो सकता है। खासकर के भारत जैसे देश में जहां प्रदूषण का लेवल दिन ब दिन बढ़ता जा रहा है ऐसे में इस पौधे की खेती करना अब अनिवार्य हो गया है। यहीं वजह है कि रतनजोत (Alkanet) की खेती बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य दोनों सरकारें किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। इस पौधे का आयुर्वेद में भी महत्व बताया गया है। औषधी के रुप में ये कई रोगों को मिटाने में कारगर साबित हो रहा है।

मौलिक रूप से इसका उदगम स्थान अफ्रीका एवं दक्षिणी अमेरिका माना गया है और ऐसी मान्यता है कि दुनिया के शेष भागो में इसके प्रसार का कार्य पुर्तगालियों द्वारा किया गया है । 16वीं शताब्दी में पुर्तगालियों द्वारा ही भारतवर्ष में इसे लाया गया जो कि कमोवेश पुरे देश भर में उगता है या उगाया जाने लगा है । यह दुनिया भर के सभी उष्णकटिबन्धीय तथा उपोष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में पाया जाता है ।

रतनजोत की खेती करने से फायदे

  • रतनजोत के बीज सस्ते मिलते है
  • दूसरी फसल की तुलना में रतनजोत के बीजों में तेल की मात्रा तकरिबन 37% ज्यादा होती है, यानिकी उतना ही ज्यादा मुनाफा।
    05 किग्रा जेट्रोफा के तेल से 1 किग्रा बायोडिजल पैदा होता है। जेट्रोफा का तेल जलाने पर धुआंरहित स्वच्छ लौ पैदा करता है। इसे बाजार में ना बेचे तब भी अपने घर में यूज कर सकते है।
  • इसकी खेती और उपयोग के लिये कोई तकनीक नही चाहिये
    रतनजोत के उपयोग
  • रतनजोत के फायदे ? (Benefits of Alkanet in Hindi)

    रतनजोत एक बेहतरीन जड़ी बूटी है जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है। चलिए आगे रतनजोत (Alkanet) के फायदे के बारे में बताते हैं।

    सिरदर्द को दूर करने में – सिरदर्द की समस्या किसी को भी हो सकती है। सिरदर्द की समस्या को दूर करने के लिए रतनजोत (Alkanet) लाभदायक होता है। रतनजोत में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होता है जो सिरदर्द को कम करता है। रक्त परिसंचरण में सुधार करता है। यदि सिरदर्द में दर्द का अनुभव हो रहा है रतनजोत के जड़ का उपयोग करें। इसके अलावा माइग्रेन की समस्या को दूर करता हैं।

    अच्छी नींद के लिए – बहुत से लोग को नींद न आने की समस्या होती है जिसके कारण अन्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। रतनजोत के तेल में औषधीय गुण अच्छी मात्रा में होता है जो अनिद्रा की समस्या को दूर कर अच्छी नींद लाने में सहायक होता है। हालांकि रोजाना नियमित रूप से रतनजोत के तेल से सिर की मालिश करना चाहिए। इसके अलावा तनाव को कम करने में सहायक होता है इसलिए रतनजोत तेल का उपयोग रोजाना करें।

    बुखार को ठीक करने में – रतनजोत की जड़ में औषधीय गुण होता है जो शरीर के उच्च तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है। आयुर्वेदिक उपचार में बुखार को कम करने के लिए उपयोग किया जाता है। रतनजोत (Alkanet) बुखार को ठीक करने के साथ कमजोरी को कम करता है। पसीने के माध्यम से बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकल जाता है।

    दिल को स्वस्थ रखने में – दिल को स्वस्थ रखने के लिए रतनजोत (Alkanet) की जड़ उपयोगी होता है। रतनजोत में औषधीय गुण होता है जो विषाक्त पदार्थ को दूर करने में मदद करता है और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है। इसके लिए पानी में रतनजोत की जड़ को भिगोकर उपयोग कर सकते है। शरीर से गंदगी दूर होने पर हृदय ठीक तरीके से अपना कार्य करने लगता हैं।

    वजन कम करने में – वजन कम करने के लिए रतनजोत का उपयोग फायदेमंद होता है। रतनजोत के चूर्ण का उपयोग वजन कम करने के लिए किया जाता है। रासायनिक उत्पादकों की जगह रतनजोत का उपयोग फायदेमंद होता है। इसके चूर्ण का उपयोग नुकसान नहीं होता है।

जेट्रोफा के उपयोग -Uses of Alkanet in Hindi

  • इसके पौधे भू-क्षरण रोकने के लिये काम आते हैं- जत्रोफा की जडें जमीन से फास्फोरस सोखने का काम करती हैं – इसका यह गुण अम्लीय भूमि के लिये वरदान है .ये पौधा जमीन पर पत्तियां गिराता है जो भूमि की उर्वरा-शक्ति को बढाता हैं.
  • इसके बीजों से तेल निकालने के बाद जो खली बचती है वह उच्च कोटि की जैविक खाद है (नाइट्रोजन से भरपूर)। इसे जानवरों को भी खिलाया जा सकता है क्योकि यह प्रोटीन से भरपूर होती है।
  • ग्लीसरीन भी इसका एक सह-उत्पाद है।
  • जानवर और कीडे इससे प्राकृतिक रूप से ही दूर भागते हैं। इसलिये इसका उपयोग बागों और खेतों की रक्षा के लिये चारदीवारी के रूप में भी किया जाता है

बायोडिजल का उपयोग

इसके बीजों को पीसने से तेलप्राप्त होता है.इस तेल से वाहनों के लिये बायोडिजल बनाया जा सकता है
तेल को सीधे लालटेन में डालकर जलाया जा सकता है.तेल को जलाकर भोजन पकाने के काम में लिया जा सकता है

इसके तेल के अन्य उपयोग हैं – जलवायु संरक्षण, वार्निश, साबुन, जैव कीट-नाशक आदि

औषधीय उपयोग

  • इसके फूल और तने औषधीय गुणों के लिये जाने जाते हैं।
  • इसकी पत्तियां घाव पर लपेटने (ड्रेसिंग) के काम आती हैं।
  • इसके अलावा इससे चर्मरोगों की दवा, कैंसर, बाबासीर, ड्राप्सी, पक्षाघात, सर्पदंश, मच्छर भगाने की दवा तथा अन्य अनेक दवायें बनती हैं।
  • कब्ज या पेट से जूडी बिमारीयों के लिए रतनजोत का बीज वरदान है।
  • इसके छाल और जड़ो से ‘डाई’और मोम बनायी जा सकती है।

रतनजोत के नुकसान ? Side-Effects of Alkanet in Hindi

रतनजोत के फायदे तो कई है लेकिन दुर्लभ स्तिथि में नुकसान हो सकता हैं।

  • रतनजोत की जड़ की डाई का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • स्तनपान व गर्भावस्था वाली महिलाओं को रतनजोत का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • जिन लोगो को रतनजोत से एलर्जी की समस्या होती है उनको सेवन नहीं करना चाहिए।
  • रतनजोत के फल या पत्ती को सीधे तौर पर उपयोग में नहीं लाना चाहिए।
  • लिवर रोग से ग्रस्त लोगो को रतनजोत का उपयोग नहीं करना चाहिए।
  • रतनजोत की जड़ का उपयोग उच्च रक्तचाप वाले को कम मात्रा में नहीं करना चाहिए

आईएं आपकों बताते है कि रतनजोत की खेती कैसे करते है।

ज़मीन कैसी चाहिए

रतनजोत की खेती के लिए उपजाऊ और खराब (उसर भूमि), दोनो ही भूमि उचित है
जहां बारिश कम होती है वहां और जहां बारिश ज्यादा होती है वहां, दोनों ही जगह रतनजोत का पौधा जीवित रहता और फलता-फूलता है
जहां दूसरी फसलें नही ली जा सकतीं, वहां भी इसकी पैदावार ली जा सकती है
रतनजोत को सड़क के किनारे, रेलवे लाइन या नहर के किनारे लगा सकते हैं।

रतनजोत की विशेषता

इसका पौधे बहुत उंचा नही होता जिससे फल और बीज इकट्ठा करने में दिक्कत नही होती जमीन पर खडे होकर ही फल तोडे जा सकते हैं।पौधा लगाने के लगभग दो वर्ष में फल आने लगते हैं.इसके पौधा लगभग 50 वर्ष तक फल पैदा करता है। बार-बार फसल लगाने की जरुरत नहीं पडती।रतनजोत के पौधें को लगाना आसान है, ये तेजी से बढता है और देखरेख की बहुत कम जरूरत होती है।इसे जानवर नही खाते और कीट नही लगते। इस कारण इसकी विशेष देखभाल नहीं करनी पडती। यह किसी भी फसल का प्रतिस्पर्धी नहीं है, बल्कि यह उन फसलों की पैदावार बढाने में मदद करता है।सबसे अहम बात यह है कि एक बार इसे लगाने के बाद चालीस से पचास साल तक इसकी फसल ली जा सकती है।

रतनजोत रोपण का समय

रतनजोत का रोपण दो तरीके से किया जा सकता है। बीज से नर्सरी तैयार करके और पौधे से कलम काटकर सीधे भूमि में रतनजोत का रोपण किया जा सकता है। दोनों ही विधियों से तैयार पौधों को जुलाई से सितंबर के बीच बरसात के मौसम में रोपण किया जा सकता है। रोपण करने के दौरान रतनजोत को पानी की आवश्यकता होती है, इसलिए बारानी खेतों में इसे बारिश के समय ही रोपा जाना जरूरी है।

रतनजोत पौधे लगाने का तरीका

रोपण के लिए पौधे से पौधे की दूरी दो मीटर रखनी चाहिए। कतार से कतार के बीच दूरी भी इतनी ही रखी जानी चाहिए। पौधे का रोपण दो फीट गहरे गड्डे में 2 गुना 2 मीटर चौड़ाई आकार में करने के बाद मिट्टी को अच्छी तरह से दबा देना चाहिए। रतनजोत के ढाई हजार पौधे प्रति हैक्टेयर के हिसाब से पौध रोपण करना चाहिए।

रतनजोत खाद एवं उर्वरक

रोपण से पूर्व गड्डे में मिट्टी (4 किलो), कम्पोस्ट की खाद (3 किलो) तथा रेत (3 किलो) के अनुपात का मिश्रण भरकर 20 ग्राम यूरिया 120 ग्राम सिंगल सुपर फॉस्फेट तथा 15 ग्राम म्युरेट ऑफ पोटाश डालकर मिला दें। दीमक नियंत्रण के लिए क्लोरो पायरिफॉस पाउडर (50 ग्राम ) प्रति गड्डे में डालें, इसके बाद पौधा रोपण करें।

रतनजोत सिंचाई

पौधे लगाने के 15-20 दिन बाद इसकी अच्छी तरह से सिंचाई कर दी जानी चाहिए जिससे बेहतर फसल ली जा सकती है। इसके बाद हर आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहना चाहिए। इसमे एक वर्ष बाद पौधे में फूल आने शुरू हो जाते हैं। फूल से फल बनते समय अच्छी सिंचाई कर दी जाए तो सभी फूल, फल बन जाते हैं और उत्पादन अच्छा होता है।

रतनजोत खरपतवार नियंत्रण

खरपतवार नियंत्रण हेतु विशेष ध्यान रखें तथा रोपा फसल में फावड़े, खुरपी आदि की मदद से घास हटा दें। वर्षा ऋतु में प्रत्येक माह खरपतवार नियंत्रण करना चाहिए।

रतनजोत रोग नियंत्रण

कोमल पौधों में जड़-सडऩ तथा तना बिगलन रोग मुख्य है। नर्सरी तथा पौधों में रोग के लक्षण होने पर 2 ग्राम बीजोपचार मिश्रण प्रति लीटर पानी में घोल को सप्ताह में दो बार छिडक़ाव करें।

रतनजोत पशुओं से सुरक्षा

इस पौधे को पशु खाना पसंद नहीं करते हैं इसलिए इसकी पशुओं से सुरक्षा करने की कोई जरूरत ही नहीं पड़ती है। इसके बीज जहरीले होते हैं। कई बार अखबारों में खबर आती है कि रतनजोत के बीज खाने से बच्चे बीमार हो गए। यह इसी वजह से होता है।

रतनजोत कटाई

रतनजोत के फल गुच्छे के रूप में बनते हैं जो पकने पर काले पड़ जाते हैं। पके फलों की तुड़ाई के साथ ही ऊपर के छिलके को हटाकर बीज निकाल लेने चाहिए। ऐसे में प्रत्येक फल में तीन से चार बीज निकाले जा सकते हैं। इन बीजों को एकत्र कर बाजार में बिक्री के लिए भी भेजा जा सकता है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार 5 वर्षों तक रतनजोत के पौधे को मार्च में दो से तीन फीट की ऊंचाई से काट देना चाहिए। इससे प्रत्येक कटी शाखा से तीन से चार अतिरिक्त शाखाएं निकल आती है। पौधे में जितनी अधिक शाखाएं होती है, उत्पादन उतना ही अधिक होता है। पांच वर्ष बाद पौधे की कटाई बंद कर देनी चाहिए।

रतनजोत अतिरिक्त आदमनी के लिए इसके साथ उगाए सकते हैं ये फसलें भी

किसान अतिरिक्त आदमनी के लिए इसकी फसल के साथ अन्य औषधीय पौधे व लता वाली फसलें भी उगा सकते हैं। इसके पौधों की दो कतारों के बीच दो मीटर की दूरी होने से बीच में छाया पसंद करने वाली औषधीय फसलें जैसे अश्वगंधा, सर्पगंधा, सफेद मूसली और हल्दी इत्यादी उगाकर अतिरिक्त लाभ कमाया जा सकता है। इसके अलावा रतनजोत के खेत में लता वाली फसलें जिनमें कौंच, करेला, कलिहारी, गिलोय इत्यादी शामिल है उन्हें भी उगाया जा सकता है। इसका पौधा वर्ष में एक बार अपने पत्ते गिराता है जो भूमि के लिए पौष्टिक खाद का काम करते हैं।

Q: रतनजोत के बीज खाने से क्या होता है?
Ans: बीज खाने के बाद चक्कर और उल्टी की शिकायत होती है।

Q: रतनजोत बालों में कैसे लगाएं?
Ans: रतनजोत ऑइल को शैंपू करने से एक दिन पहले बालों में लगाएं। रात को इस तेल की मालिश करके सो जाएं और सुबह उठकर शैंपू कर लें। आपने जो तेल तैयार किया है यह लाल रंग का तेल होता है। क्योंकि रतनजोत को तेल में पकाने पर यह लाल रंग छोड़ता है।

Q: रतनजोत से क्या होता है?
Ans: बालो को स्वस्थ रखने में, त्वचा को स्वस्थ रखने में, अनिद्रा दूर करने में, आंखो की रोशनी बढ़ाने में, त्वचा का रूखापन दूर करने में, बुखार को कम करने में, रक्तचाप को नियंत्रित करने में, दाद खाज खुजली दूर करने में आदि है।

 

उम्मीद करती हु आपको रतनजोत (Alkanet) के विषय में सभी जानकारिया अच्छी लगी होगी। अगर आपको रतनजोत के उपयोग से स्वास्थ्य में किसी तरह की समस्या हो रही है, तो चिकिस्तक (Physician) से संपर्क कर सकते हैं। मेरा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है। मैं आपको किसी प्रकार की दवा, उपचार की सलाह नहीं देती। आपको अच्छी सलाह केवल एक चिकिस्तक ही दे सकता है। पोस्ट पसंद आये तो इसे अन्य लोगो को भी साझा करे

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