Bajrang Punia Won Bronze Medal : बजरंग पूनिया ने अपने नाम किया कांस्य पदक

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बजरंग पुनिया के मेडल जीतने के बाद बधाइयों का तांता
बजरंग पुनिया के मेडल जीतने के बाद बधाइयों का तांता

Bajrang Punia Won Bronze Medal : बजरंग पूनिया ने अपने नाम किया कांस्य पदक

टोक्यो में चल रहे 2021 ओलंपिक में देश को हरियाणा (झज्जर) निवासी बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कजाकस्तान के दौलेट नियाज़बेको को ब्रॉन्ज मेडल (कांस्य पदक) के मुकाबले में हराया।

टोक्यो ओलंपिक में भारत के पहलवान बजरंग पूनिया बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) का मुकाबला आज शनिवार (7 अगस्त, 2021) को कजाकस्तान के दौलेट नियाज़बेको से हुआ। बजरंग पूनिया की माँ ने अपने बेटे की जीत के लिए शिवरात्रि का व्रत रखा था। वहीं उनके पिता भी अपने बेटे की जीत को लेकर आश्वस्त थे। उन्होंने भरोसा जताया था कि बेटा देश के लिए मेडल ज़रूर लेकर आएगा। उनके पिता ने ही उन्हें पहलवानी का कहरा सिखाया था।

इससे पहले सेमीफाइनल में बजरंग पूनिया को हार मिली थी। लेकिन, उस मैच में भी उन्होंने वापसी का पूरा प्रयास किया था। इससे पहले हुए दो मैचों में उनका प्रदर्शन शानदार रहा था। 

इससे पहले बजरंग पूनिया (Bajrang Punia)पिछले 10 अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में पदक जीतने में कामयाब रहे थे। उन्होंने 6 स्वर्ण, 3 रजत और 1 कांस्य पदक अपने नाम किया था। बता दें कि टोक्यो ओलंपिक में गए मनु भाकर, सुमित नागल, दीपक पूनिया और राहुल रोहिल्ला झज्जर के ही हैं।

राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री तक ने दी पुनिया को बधाई

बजरंग पुनिया के मेडल जीतने के बाद बधाइयों का तांता लग गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने बधाई दी है. राष्ट्रपति कोविंद ने ट्वीट किया, ”भारतीय कुश्ती के लिए एक खास पल.

बजरंग पुनिया को टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर बधाई. आपने वर्षों से अथक प्रयासों, निरंतरता और तप के साथ खुद को एक उत्कृष्ट पहलवान के रूप में स्थापित किया है. आपकी सफलता की खुशी हर भारतीय साझा करता है.”

 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, ”टोक्यो ओलंपिक से खुशखबरी. शानदार तरीके से लड़े बजरंग पुनिया. आपकी उपलब्धि के लिए आपको बधाई. इससे हर भारतीय को गर्व और खुशी होती है.”

याद दिलाते चलें कि बजरंग पूनिया ने 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल के क्वार्टर फाइनल में इरान के मोर्तेजा चेका को 2-1 से हरा कर सेमीफाइनल में जगह बनाई थी। खुड्डन गाँव निवासी बजरंग पूनिया का परिवार उनके बेहतर प्रशिक्षण के लिए सोनीपत शिफ्ट हो गया था।

अपने गुरु योगेश्वर दत्त से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। बजरंग पूनिया के पिता ने मैच से पहले बताया था कि सुबह उनकी बेटे से बात हुई थी।

इस बातचीत में पिता ने बजरंग पूनिया को बताया था कि उन्होंने पिछले तीनों मैच देखे हैं और उन्हें लगता है कि वो अपना गेम नहीं खेल रहे हैं। पिता ने नोटिस किया था कि बजरंग पूनिया सटीक अटैक नहीं कर पा रहे हैं।

अजरबैजान के हाजी अलीयेव ने बजरंग पूनिया को सेमीफाइनल में 12-5 से हरा दिया था, जिसके बाद उनकी गोल्ड और सिल्वर की उम्मीदें ख़त्म हो गई थीं। बजरंग पूनिया के पिता ने कहा था कि वो खाली हाथ नहीं लौटेंगे।

आपको बता दें कि एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले बजरंग पुनिया वेट कैटेगरी में वर्ल्ड के नंबर वन पहलवान माने जाते हैं।

पहलवान बजरंग पुनिया का जन्म सन 1994 में 26 फरवरी को भारत देश के हरियाणा राज्य के झज्जर जिले के खुदन गांव में जाट परिवार में हुआ था। बजरंग पुनिया की माता का नाम ओम प्यारी है तथा इनके पिता का नाम बलवान सिंह पुनिया है। बता दें बजरंग पुनिया के पिताजी भी एक पेशेवर पहलवान है। इनका एक भाई भी है जिनका नाम हरेंद्र पुनिया है और वह भी पहलवानी करते हैं।

बजरंग पुनिया शादी एवं पत्नी

बजरंग पुनिया ने पिछले साल 25 नवंबर 2020 को संगीता फोगाट के साथ शादी की है. लॉकडाउन की वजह से 21 बारातियों के साथ वे अपनी दुलहन लेने पहुंचे थे. और पूरी रस्मों रिवाज के साथ इनकी शादी हुई.

बजरंग पुनिया धर्म और नागरिकता

पहलवान बजरंग पुनिया हिंदू धर्म के जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं तथा यह भारतीय नागरिकता रखते हैं।


बजरंग पुनिया शिक्षा

पहलवान बजरंग पुनिया ने अपनी प्राइमरी एजुकेशन अपने गांव के विद्यालय से ही पूरी की है। इन्होंने सिर्फ 7 साल की उम्र में ही कुश्ती खेलना चालू कर दिया था, जिसमें इन्हें इनके पिता का काफी सहयोग भी प्राप्त हुआ था।

बजरंग पुनिया ने अपनी ग्रेजुएशन महर्षि दयानंद यूनिवर्सिटी से पूरा किया है। इसके साथ ही इन्होंने इंडियन रेलवे में टिकट चेकर का भी काम किया है। बजरंग पुनिया के कोच का नाम योगेश्वर दत्त है।


बजरंग पुनिया पुरस्कार

कुश्ती पहलवान बजरंग पुनिया को साल 2015 में भारत सरकार की तरफ से अर्जुन अवार्ड दिया गया था।

बजरंग पुनिया को साल 2019 में सेंट्रल गवर्नमेंट की तरफ से पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था।

साल 2019 में ही 29 अगस्त को बजरंग पुनिया को राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड दिया गया था।

बजरंग पुनिया को साल 2013 में डेव स्चुल्ज़ मेमोरियल टूर्नामेंट मे सिल्वर पुरस्कार और साल 2015 में डेव स्चुल्ज़ मेमोरियल टूर्नामेंट मे फिर से सिल्वर का पुरस्कार प्राप्त हुआ था।

बजरंग पुनिया का करियर

साल 2013 में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया (Bajrang Punia) ने पार्टिसपेट किया था। यह चैंपियनशिप दिल्ली में हुई थी, इसमें बजरंग पुनिया सेमीफाइनल तक पहुंचने में सफल हुए थे, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।

इसके बाद साल 2013 में ही वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप बुद्धा पेस्ट, हंगरी में बजरंग पुनिया ने 60 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में अपने नाम कांस्य पदक हासिल किया था।

इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 2014 में राष्ट्रमंडल खेल, ग्लास्गो जो कि स्कॉटलैंड में आयोजित हुआ था,वहां पर 61 किलोग्राम वर्ग की कैटेगरी में बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल हासिल किया था।

दक्षिण कोरिया में आयोजित हुए एशियाई खेल में बजरंग पुनिया ने फिर से अपने नाम गोल्ड मेडल प्राप्त किया था, वहीं साल 2017 में दिल्ली में आयोजित हुए एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में बजरंग पूनिया ने एक बार फिर से गोल्ड मेडल पर हाथ साफ किया था। इसके बाद आगे बढ़ते हुए साल 2018 में राष्ट्रमंडल खेल में फिर से बजरंग पुनिया ने गोल्ड मेडल जीता।

और इसी वर्ष 2021 में ही बजरंग पुनिया ने एक बार फिर से एशियन गेम्स में मेडल जीता। इस प्रकार पहलवान बजरंग पूनिया ने अभी तक 3 ब्रॉन्ज मेडल, 4 सिल्वर मेडल और 5 गोल्ड मेडल अलग-अलग गेम्स में जीते हैं।

बजरंग पूनिया की मनपसंद चीजे

बजरंग पुनिया को खेलों में बास्केट बॉल खेलना, फुटबॉल खेलना और रिवर राफ्टिंग करना अच्छा लगता है।इनका मनपसंद भोजन चूरमा है। कप्तान चंद्रुप्त और योगेश्वर दत्त बजरंग पुनिया के पसंदीदा पहलवान रहे हैं।


Q : बजरंग पुनिया कौन है ?
Ans : भारतीय रेसलर

Q : बजरंग पुनिया की उम्र कितनी है ?
Ans : 27 साल

Q : बजरंग पुनिया के कोच कौन है ?
Ans : एम्जारियास बेन्टिनिडी

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