Benefits of Drinking Buttermilk in Summer | Garmi Me Chach Pine Ke Fayde In Hindi

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benefits of drinking Butter Milk in summer | Garmi Me Chach Pine Ke Fayde In Hindi | गर्मियों में छाछ पीने के फायदे
benefits of drinking ButterMilk in summer

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benefits of drinking Butter Milk in summer | Garmi Me Chach Pine Ke Fayde In Hindi | गर्मियों में छाछ पीने के फायदे

ButterMilk : गर्मियों के दिनों में शरीर को ठंडक और स्फूर्ति देने वाली चीजों का सेवन जरूरी है। इस मौसम में छाछ सबसे अधिक लाभदायक है। विभिन्न भारतीय भाषाओं में छाछ को मठ्ठा और मोरू भी कहा जाता है। छाछ प्रायः गाय, भैस के दूध से जमी दही को फेटकर बनता है।ताजा मट्ठा (छाछ) पीने से शरीर में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है, तथा यह शरीर के लिए स्वास्थ्य वर्धक है। दही को मथने के बाद बनने वाली छाछ को न केवल ठंडे पेय के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं, बल्कि इसका नियमित सेवन शरीर से बीमारियों को दूर भगाने में भी मदद करता है।

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छाछ में विटामिन ए, बी, सी, ई और के होता है और इसका सेवन शरीर के पोषक तत्वों की कमी पूरी करता है। जिन लोगों में रोगों से लड़ने की क्षमता कमजोर होती है, उन लोगों के लिए छाछ का सेवन जरूरी है। इसके हेल्दी बैक्टीरिया, कार्बोहाइड्रेट और लेक्टोज शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं।

आयुर्वेद में छाछ को सात्विक आहार माना गया है। दही से बनने वाला यह पेय पदार्थ स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है। जब भी आप भारी या मसालेदार भोजन की वजह से एसिडिटी का अनुभव करें, तो एक गिलास छाछ पी लें।

आयुर्वेद में छाछ के बारे में कहा गया है –

भोजनान्ते पिबेत्‌ तक्रं, दिनांते च पिबेत्‌ पय:।
निशांते पिबेत्‌ वारि: दोषो जायते कदाचन:।।

भोजन के बाद छाछ, दिनांत यानी शाम को दूध, निशांत यानी सुबह पानी पीने वाले के शरीर में कभी किसी तरह का दोष या रोग नहीं होता। इसलिए भोजन के बाद छाछ पीना स्वास्थ्य के लिए ठीक माना जाता है।

छाछ क्या है – What is Butter Milk in Hindi

कई लोग छाछ को दूध और मक्खन का मिश्रण मान लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। जब दही को मथनी से मथा जाता है, तब मक्खन अलग हो जाता है और जो बचता है वो छाछ कहलाता है। छाछ अधिकांश भारतीय घरों में पाई जाती है और दैनिक रूप से भोजन के साथ या भोजन के बाद इसका सेवन किया जाता है। छाछ बनाने के विधि में कुछ मसाले भी शामिल होते हैं, जैसे कि जीरा पाउडर, काली मिर्च, अदरक, हरी मिर्च, करी पत्ता और धनिया पत्ता। ये सभी सामग्रियां छाछ के जायके और चिकित्सकीय गुण को बढ़ा देती हैं।

प्राचीन ग्रंथों में छाछ – Buttermilk In Ancient Texts in Hindi

आयुर्वेद में छाछ का उल्लेख किया गया है, जिसका इस्तेमाल स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों के खिलाफ उपचार के लिए किया जाता है। स्वास्थ्य के लिहाज से छाछ पीने के फायदे कई हैं। यह भोजन पचाने में मदद करती है और पेट को शांत रखती है इसका स्वाद कुछ खट्टा होता है। छाछ का यह गुण पाचन में सुधार का काम करता है। सूजन, जलन, पाचन संबंधी विकार, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल बीमारी, एनीमिया और भूख की कमी के खिलाफ छाछ एक प्राकृतिक उपचार है।

छाछ के प्रकार – Different Types Of Buttermilk in Hindi

छाछ को प्राकृतिक दही से तैयार किया जाता है। फुल क्रीम दही से बनी छाछ में चीनी मिलाकर पीने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह अपनी विशेषताओं में प्राकृतिक दही के समान है।

जिस छाछ को बिना क्रीम वाली दही से तैयार किया जाता है, वह मुधमेह रोगियों और वजन से परेशान लोगों के लिए सटीक है। पानी के आधे अनुपात के साथ बनी छाछ पीने से ऊर्जा और पाचन में सुधार होता है। बिना फैट वाली छाछ थकान और पेट को ठंडा करने का काम करती है।

छाछ में शामिल हैं सभी आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स

छाछ एक संपूर्ण भोजन है। यह पोषण से भरपूर है और एक अच्छे संतुलित आहार के लिए सभी आवश्यक तत्व इसमें मिल जाते हैं। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, न्यूनतम फैट, विटामिन और आवश्यक एंजाइम होते हैं। दैनिक रूप से छाछ का सेवन किया जाना चाहिए।

benefits of drinking Butter Milk in summer | गर्मियों में छाछ पीने के फायदे

छाछ में 90 प्रतिशत से अधिक पानी होता है, इसलिए इसका सेवन शरीर में जल संतुलन को बनाए रखने में मदद करता है। जिससे डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है साथ ही आंतें इसे धीरे-धीरे एब्जॉर्ब करती हैं, क्योंकि इसकी सामग्री ज्यादातर प्रोटीन के साथ जुड़ी होती हैं। छाछ पीना किसी भी अन्य स्वाद वाले पेय या फिर सादे पानी की तुलना में बेहतर है।

फर्मेंटेड छाछ का स्वाद खट्टा होता है, लेकिन जैविक रूप से मानव शरीर और कोशिकाओं के लिए बहुत पोषक भरा होता है।छाछ शरीर की गर्मी को शांत करने का काम भी करता है। यह महिलाओं द्वारा खासतौर पर पसंद किया जाता है

क्योंकि यह मासिक धर्म (Period)से पहले और बाद में शरीर की गर्मी को शांत करता है। साथ ही मासिक धर्म (Period)से पीड़ित महिलाओं के कई लक्षणों को छाछ कम करने का काम करता है। अचानक गर्मी (हॉट फ्लैश) लगने जैसी समस्या से पीड़ित लोग छाछ को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना सकते हैं। साथ ही जिनके शरीर का तापमान और मेटाबॉलिज्म स्तर अधिक होता है, वो बटरमिल्क का लाभ उठा सकते हैं।

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तैलीय भोजन को साफ करने का काम

अगर आप भारी भोजन के बाद पेट को फूला हुआ महसूस करते हैं, तो एक गिलास छाछ आपकी इस समस्या को शांत कर सकता है। छाछ के साथ अदरक, जीरा व धनिया आदि मिलाकर पीने से पाचन क्रिया को बहुत मदद मिलती है। इसके अलावा, छाछ भोजन से तेल और वसा को साफ करने में भी कुशल है। भारी भोजन के बाद आमतौर पर लोग सुस्ती महसूस करते हैं, लेकिन भोजन के बाद एक गिलास छाछ आपकी इस सुस्ती को दूर कर सकता है। इसके सेवन के बाद आप अधिक चुस्त महसूस करने लगेंगे।

छाछ में मिलाए जाने वाले सभी मसाले पाचन एजेंट की तरह काम करते हैं।

अदरक, काली मिर्च और जीरा सभी बेहतरीन पाचन गुणों से समृद्ध होते हैं। ये सभी कामिनटिव पदार्थ हैं, जो पेट से गैस को दूर करते हैं। इन सामग्रियों का एक साथ सेवन करने से जठरांत्र मार्ग (Gastrointestinal/गैस्ट्रोएन्टराइटिस) ठंडा होता है। नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से जठरांत्र संबंधी परेशानियां उत्पन्न नहीं होती हैं। छाछ से ठीक होने वाली पाचन संबंधी कुछ बीमारियां इस प्रकार हैं –

डिहाइड्रेशन के खिलाफ प्रभावी

दही में नमक व मसाले डालकर बनाई गई छाछ डिहाइड्रेशन को रोकने का एक प्रभावी उपचार है। यह इलेक्ट्रोलाइट्स से भरा प्रभावी पेय है, जो शरीर से पानी की कमी और शरीर में गर्मी के खिलाफ लड़ने का काम करता है।गर्मी के मौसम में फर्मेंटेड और ठंडा बटरमिल्क शरीर के लिए बहुत ही उपयोगी माना जाता है। गर्मी के दौरान छाछ पीने से पसीने के जरिए शरीर से बाहर निकले पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है।गर्मियों के दौरान आप इसका आनंद जी भरकर ले सकते हैं। यह आपको चुभन भरी गर्मी, बेचैनी और डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है साथ ही थकान से आराम दिलाने का काम करेगा।

Benefits of Drinking Buttermilk iin Summer

फैट के बिना कैल्शियम

बहुत लोग मानते हैं कि यह बटरमिल्क है, इसलिए यह फैट और कैलोरी से भरा होगा, लेकिन सामान्य दूध की तुलना में इसमें कम फैट होता है। दूध में एक महत्वपूर्ण घटक होता है – कैल्शियम। दूध भी वसा से भरा होता है। लैक्टोज को सहन न करने वालों ( जो दूध का सेवन करने से बचते हैं) के लिए छाछ एकमात्र प्राकृतिक कैल्शियम का स्रोत है। ऐसे लोग छाछ का सेवन करके आवश्यक कैल्शियम ले सकते हैं।

कैल्शियम शरीर के लिए बहुत ही जरूरी है। कैल्शियम हड्डियों के विकार जैसे ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने और इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छाछ अतिरिक्त कैलोरी के बिना कैल्शियम और पोषण की खुराक प्रदान करता है। दैनिक भोजन में आवश्यक कैल्शियम लेने से हड्डियों को स्वस्थ रखने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारी से हड्डियों को दूर रखता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चों की हड्डियां व दांत स्वस्थ रहें, तो उन्हें नियमित रूप से छाछ पीने को दें। इस पेय में मौजूद कैल्शियम से बोन डेंसिटी को बनाए रखने में मदद मिलती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से इन सभी गुणों के लिए छाछ को दैनिक आहार में शामिल करना अच्छा विकल्प है।

विटामिन में समृद्ध

छाछ में बी कॉम्प्लेक्स विटामिन और विटामिन-डी जैसे गुण भी होते हैं। विटामिन की कमी के कारण होने वाली कमजोरी और एनीमिया जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए छाछ अच्छा विकल्प है। छाछ में मौजूद विटामिन-डी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने का काम भी करता है। यह पेय आपको सुझाए गए किसी अन्य विटामिन स्रोत से 21 प्रतिशत से अधिक विटामिन की मात्रा देता है।

शरीर को करता है डिटॉक्स

छाछ में राइबोफ्लेविन नाम का तत्व होता है, जो भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने, हार्मोन के स्राव और पाचन में सहायता करता है। साथ ही शरीर कोशिकाओं में एंजाइम को सक्रिय करने के लिए राइबोफ्लेविन का उपयोग करता है, जिससे ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह लीवर के कार्य को भी प्रभावित करता है और शरीर को डिटॉक्स करने में सहायता प्रदान करता है। बटरमिल्क में एंटी-ऑक्सीडेशन गुण भी होते हैं।

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रक्तचाप को करता है कम

अध्ययन से पता चलता है कि छाछ में भरपूर मात्रा में बायोएक्टिव प्रोटीन होते हैं। ये कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करते हैं। यहां तक कि कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखने के लिए आयुर्वेदिक ग्रंथों ने भी छाछ के सेवन को अच्छा बताया है। साथ ही छाछ में एंटी बैक्टीरियल और एंटी वायरल गुण भी होते हैं। छाछ में मौजूद विशेष प्रोटीन रक्तचाप को नियंत्रित करने और कैल्शियम, पोटैशियम व मैग्नीशियम रक्तचाप को कम करने में मदद करते हैं। नियमित रूप से छाछ पीने से रक्तचाप को नियंत्रित किया जा सकता है।

वजन कम करने में मददगार

छाछ एक बहुउपयोगी पेय है, जो आपके बढ़ते वजन पर भी रोक लगा सकता है। क्योंकि इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व और विटामिन्स होते हैं। यह पाचन में सहायता करता है और शरीर में पानी का संतुलन बनाए रखता है। साथ ही यह गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट को भी स्वस्थ रखने में मदद करता है।जो लोग अपने वजन को लेकर परेशान हैं, वे रोजाना नियमित रूप से बटरमिल्क का सेवन कर सकते हैं। छाछ अन्य डेयरी उत्पाद जैसे दूध, दही और पनीर में पाए जाने वाली कैलोरी व वसा के बिना शरीर को आवश्यक पोषण और एंजाइम प्रदान करता है।

 

इसे नियमित रूप से पीने से आप हाइड्रेटेड और ऊर्जावान बने रहते हैं। यह शरीर को प्रोटीन, विटामिन्स, खनिज, कैल्शियम, पोटैशियम, मैग्नीशियम और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए आवश्यक अन्य एंजाइम प्रदान करता है। यह उपयोगी पेय है,

भोजन बनाने में इस्तेमाल

छाछ का उपयोग खाना पकाने में भी किया जा सकता है। जैम, पालक और ब्रोकोली को भी छाछ में डालकर अलग-अलग स्वाद पाए जा सकते हैं। यह एसिड, कैल्शियम और विभिन्न एंजाइमों का एक प्रमुख मिश्रण है। इसके प्रयोग से भोजन में एक खास प्रकार का स्वाद आ जाता है। छाछ का इस्तेमाल केक बनाने में किया जाता है। केक के अलावा हल्के रसीले बिस्कुट और यहां तक कि वेफल्स और पेनकेक्स बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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लेकिन जब आप छाछ को किसी भोजन में डालते है यानी पक्की हुयी छाछ (करी चावल या अन्य भोजन में उबाली छाछ) गर्म होती है और कच्ची छाछ ठंडी होती है। जैसे लस्सी इसके अलावा छाछ का उपयोग करके बनाई गई मकई की रोटी नम रहती है और जल्दी सूखती नहीं है। चिकन को तलने से पहले जब छाछ में भिगोया जाता है, तो यह रसदार और नरम रहता है। माना जाता है कि पूर्व और भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में मटन-लैम का स्वाद बढ़ाने के लिए मांस को छाछ में मैरीनेड करने की सलाह दी जाती थी।

प्रोबायोटिक्स लाभ

शरीर के लिए छाछ के फायदों की श्रृंखला बड़ी है। छाछ बैक्टीरिया से समृद्ध होता है, जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के लिए फायदेमंद होता है। ऐसे बैक्टीरिया को प्रोबायोटिक्स कहा जाता है। स्वस्थ बैक्टीरिया हर किसी के कोलन (मलाशय) में मौजूद होते हैं। पोषण के लिए ये बैक्टीरिया हमारी मदद कर सकते हैं।

छाछ के बैक्टीरिया में लैक्टिक एसिड गुण होता है, क्योंकि ये लैक्टोज को लैक्टिक एसिड में बदल देते हैं। ये भोजन में मौजूद पोषक तत्वों को आसानी से शरीर में समा जाने में मदद करते हैं। बटरमिल्क के बैक्टीरिया को समग्र गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्वास्थ्य के लिए मददगार माना जाता है और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) को कम करता है। आईबीएस के लिए छाछ एक सटीक घरेलू विकल्प हो सकता है। छाछ के बैक्टीरिया अच्छे बैक्टीरिया के विकास में मदद करते हैं और खराब बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते हैं।


बॉडी मास को बढ़ाता है

छाछ प्रोटीन से भरपूर है, इसलिए यह शरीर में प्रोटीन की मात्रा भी बढ़ाता है। शरीर की हर कोशिका में प्रोटीन होता है। सभी कोशिकाएं मरम्मत और खुद को बनाए रखने के लिए प्रोटीन पर निर्भर हैं। मांसपेशियों के निर्माण के लिए प्रोटीन जरूरी है। छाछ कई बॉडी बिल्डरों का पसंदीदा पेय है। यह शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए विटामिन्स प्रदान करता है और अनावश्यक कैलोरी के बिना ही पौष्टिक होता है। प्रोटीन मजबूत हड्डियों, सख्त मांसपेशियों और स्वस्थ त्वचा के लिए महत्वपूर्ण तत्व है।

त्वचा की देखभाल और सौंदर्य प्रसाधनों में उपयोग

  • छाछ पीने के फायदे कई हैं। छाछ पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने के साथ-साथ त्वचा के लिए भी फायदेमंद है। शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने पर त्वचा पर कई नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं। ऐसे में छाछ टॉक्सिन से लड़ने का काम करता है।
  • छाछ त्वचा को मॉइस्चराइज करता है और उसे प्राकृतिक चमक देता है। छाछ का लाभ लेने के लिए जरूरी नहीं कि आप इसका सिर्फ सेवन ही करें। इसका इस्तेमाल बाहरी तरीके से करने से भी कई लाभ मिल सकते हैं। इसलिए, बटरमिल्क बाथ को त्वचा के लिए फायदेमंद माना गया है। यह प्रोबायोटिक लैक्टिक एसिड में समृद्ध है, इसलिए इसका इस्तेमाल फेस मास्क के रूप में किया जा सकता है।
  • इसका उपयोग त्वचा की मृत कोशिकाओं को हटाने और मुलायम करने के लिए किया जा सकता है। यह झाइयों (freckles) के उपचार के लिए भी उपयोगी हो सकता है।
  • बटरमिल्क एंटी एंजिंग के रूप में भी काम कर सकता है। इसका इस्तेमाल फेस मास्क और फेस वॉश के रूप में किया जा सकता है। छाछ का नियमित उपयोग त्वचा को कसने में मदद करता है और इसे झुर्रियों से मुक्त रखता है।
  • लैक्टिक एसिड के कसैले गुणों की वजह से छाछ को चेहरे पर लगाने से काले धब्बों और दाग से निजात मिल सकती है। शहद और अंडे का मिश्रण छाछ के लाभों को बढ़ा सकता है। यह सन टैन को हटाने में मदद करता है और त्वचा को एक चमक देता है।
  • एवोकाडो और शहद के साथ छाछ को मिलाकर आप हेयर मास्क बना सकते हैं, जिसके आपके बाल मुलायम हो जाएंगे।
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प्रतिरक्षा स्तर बढ़ाता है

छाछ को लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया से समृद्ध माना गया है। यह जीवाणु प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाता है और शरीर को रोजमर्रा के खाद्य पदार्थों में मौजूद हानिकारक रोगजनकों से लड़ने में मदद करता है।

छाछ में अधिक नमक न जोड़ें, क्योंकि इससे छाछ के पोषक तत्व कम हो जाते हैं। प्रोबायोटिक के रूप में, यह योनि संक्रमण और यूरिनरी ट्रैक्ट के खिलाफ सक्रिय है। मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में कैंडिडा संक्रमण एक आम समस्या है और नियमित रूप से छाछ का सेवन करने से इसे कम किया जा सकता है।

अल्सर के खिलाफ प्राकृतिक चिकित्सा

कई केस स्टडी में यह प्रमाणित किया गया है कि छाछ पीना अल्सर के खिलाफ एक प्राकृतिक उपचार है। यह हार्ट बर्न को रोकता है और एसिड को भोजन नलिका में ऊपर जाने से रोकता है। इसके शीतल प्रभाव के कारण अल्सर को फैलने से रोका जा सकता है।

यीस्ट यानी थ्रश के खिलाफ सक्रिय

दिन में दो या तीन गिलास छाछ का सेवन यीस्ट यानी थ्रश इंफेक्शन (मुंह से जुड़ा संक्रमण, जो कैंडिडा फंगस की वजह से होता है) के लिए अच्छा घरेलू उपचार है। छाछ में मौजूद स्वस्थ बैक्टीरिया फंगस के विकास को रोकते हैं। थ्रश के लिए आप बटरमिल्क को माउथ वॉश के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। यह मुंह के छालों और घावों को ठीक करने में भी मदद करता है।

सनबर्न के खिलाफ उपयोगी

अगर आप अधिक समय से धूप में हैं और आपकी त्वचा लाल हो गई है और जलन हो रही है, तो तुरंत राहत पाने के लिए इस नुस्खे को आजमाएं। आधा कप छाछ में समान मात्रा में टमाटर का रस मिलाकर प्रभावित क्षेत्रों पर लगाएं। इसे लगभग एक घंटे तक लगा रहने दें। बाद में त्वचा को धो लें। यह त्वचा को ठंडक प्रदान करता है और सनबर्न से त्वचा को होने वाले दर्द को कम करता है। साथ ही त्वचा पर पड़ी लालिमा को भी कम करेगा।

बवासीर के इलाज

बवासीर के लिए बटरमिल्क असरदार इलाज है। अगर आप बवासीर से पीड़ित हैं, तो चावल और केले के मिश्रण में एक कप छाछ मिलाकर सेवन कर सकते हैं। बवासीर से राहत पाने के लिए दिन में दो बार इसका सेवन करें।

सर्दी-जुकाम से राहत

छाछ आम सर्दी और बहती नाक से लड़ने के लिए कारगर माना जाता है। कुछ महीन कटे लहसुन और अदरक को छाछ के साथ मिलाएं और दो-तीन बार लें।

फूड इंडस्ट्री के लिए उपयोगी

फूड इंडस्ट्री में छाछ के सूखे रूप यानी बटरमिल्क पाउडर का बड़ी मात्रा में उपयोग किया जाता है। यह कारगर इमल्सीफायर (एक प्रकार का घोल) है, जिसका इस्तेमाल व्हिप्ड क्रीम (Whipped Cream ) में किया जाता है। इसके अलावा, दूध से बने पेय पदार्थ में भी पोषक तत्व बढ़ाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है।

छाछ के अन्य इस्तेमाल की बात करें, तो इसका प्रयोग पीतल के बर्तनों को चमकाने के लिए भी किया जा सकता है। इसके लिए सादे पानी में छाछ मिलाई जाती है और बर्तनों की सफाई की जाती है। यहां छाछ में मौजूद लैक्टिक एसिड की अहम भूमिका देखी जा सकती है।

छाछ जरूरी पोषक तत्वों से भरा एक स्फूर्तिदायक शीतल पेय है, जो शरीर की गर्मी को कम करता है। खासकर, तब जब तापमान बढ़ रहा हो और सूरज की गर्मी आपको परेशान कर रही हो। यह आपको सबसे गर्म दिनों में शांती का अनुभव कराएगा। इस पेय का मुख्य घटक लैक्टिक एसिड है, जो मानव शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे बीमारियों और जीवाणु संक्रमण से लड़ने में शरीर को शक्ति मिलती है।

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