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Bhumi Amla Benefits
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Bhumi Amla Benefits in Hindi | bhumi amla ke fayde | भुई आँवला के फायदे, नुकसान व सेवन की विधि | Phyllanthus niruri Benefits in Hindi | what is bhumi amla and side effects in hindi | भुंई आंवला | भूआमलकी

bhumi amla : आप भुई आंवला के वृक्ष (bhumi amla plant) के बारे में शायद बिल्कुल नहीं जानते होंगे। असल में, बहुत कम लोग भुई आंवला के बारे में जानते हैं। भूमि आंवला (Bhumi Amla) एक ऐसा पौधा है जो अपने औषधीय गुणों के कारण जाना जाता है। यह आपके लिवर को डैमेज होने से बचाने में बहुत लाभदायक माना जाता है।

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यह (bhumi amla) आपके शरीर में गैस्ट्रिक एसिड का उत्पादन कम करके आपको अल्सर व बहुत सारी पेट की बीमारियों से भी बचा सकता है। ऐसा इसमें पाई जाने वाली एंटीवायरल प्रॉपर्टीज व एंटीऑक्सीडेंट्स के कारण होता है। कुल मिला कर कहा जा सकता है कि भूमि आंवला आपके शरीर के लिए बहुत अच्छा होता है। यह आपकी किडनी में पथरी होने से भी बचाता है।

आयुर्वेद के अनुसार, भुई आंवला एक जड़ी-बूटी है। भुई आंवला के फायदे से अनेक बीमारियों को ठीक किया जाता है।आंवला स्वाद में कसैला और मीठा होता है। अधिक प्यास लगने की परेशानी, खांसी, खुजली, कफ और बुखार आदि में भूमि आंवला के फायदे तो मिलते ही हैं, साथ ही लीवर के किसी भी प्रकार के रोग के लिए भुई आंवला को दिव्य औषधि भी माना जाता है।

भुंई आंवला (वानस्पतिक नाम: Phyllanthus niruri) अथवा भुंई आमला अथवा भूआमलकी एरन्ड कुल का लगभग 1.5 फीट से 2 फीट ऊंचा एक वर्षीय पौधा होता है जो बरसात के समय खेतों में खरपतवार के रूप में स्वयंमेव उगता दिखाई देता है। यद्यपि आंवला की तुलना में यह पौधा बहुत छोटा होता है

परन्तु आवंला (bhumi amla)  के पौधे जैसे पत्तों तथा पत्तों के पीछे छोटे-छोटे आंवला जैसे फल लगने के कारण संभवतया इसको जमीन का आंवला अथवा ‘भुंई आमला’ (bhumi amla) कहा जाता है। अधिकांशतः बंजर जमीनों के साथ-साथ खेतों में वर्षा ऋतु में खरपतवार के रूप में उगने वाले पौधे भुंई आमला का उत्पत्ति स्थल अमेरिका माना जाता है।

भुई आंवला क्या है? (What is Bhui Amla in Hindi)

भुई आंवला के छोटे-छोटे पौधे (bhumi amla plant) वर्षा-ऋतु में उत्पन्न होते हैं। ये पौधे शरद्-ऋतु में फूलने-फलने के बाद गर्मी के मौसम में सूख जाते हैं। इसके फल धात्रीफल की तरह गोल, लेकिन आकार में छोटे होते हैं। इसी कारण इसे भूधात्री और भूम्यामल भी बोला जाता है। भू-आंवला की तीन प्रजातियां होती हैं-

Phyllanthus urinariaLinn-  पौधा (bhumi amla tree) शाखाओं से युक्त, सीधा और भूमि पर फैलने वाला होता है। इसके पत्ते छोटे, चपटे होते हैं। इसके पत्ते आंवले के पत्तों के समान होतेत हैं, लेकिन आंवले के पत्तों की तुलना में ये छोटे एवं चमकीले होते हैं।इसके फल गोलाकार, धात्रीफल जैसे गोल एवं शाखाओं के नीचे एक कतार में निकले हुए होते हैं।

Phyllanthus maderaspatensis L – यह पौधा (bhumi amla tree) सीधा या जमीन पर फैलता है। इसके तने की छाल, शाखाएं, और फल लाल रंग के होते हैं। इसके पत्ते आंवले जैसे चिकने और चमकीले हरे रंग के होते हैं। इसके फूल गोलाकार होते हैं। इसके पंचांग का प्रयोग चिकित्सा में किया जाता है। यह कफ विकार, पेशाब से संबंधित बीमारी, भूख की कमी को दूर करने और कामोत्तेजना को बढ़ाने में मदद करता है।

Phyllanthus niruri L – चिकित्सा की दृष्टि से Phyllanthus urinaria Linn. का ही प्रयोग किया जाता है

भुई आँवला के फायदे, नुकसान व सेवन की विधि . Bhumi Amla Benefits
भुई आँवला के फायदे, नुकसान व सेवन की विधि . Bhumi Amla Benefits

भूमि आंवला के फायदे – Bhumi Amla Or Bhui Amla Ke Fayde In Hindi

भूमि अमला से पीलिया का इलाज  – भूमि अमला (Bhumi Amla) की ताजा जड़ पीलिया के इलाज के लिए बहुत प्रभावी है। पीलिया को ठीक करने के लिए इस जड़ी बूटी की जड़ को पीसकर और दूध या किसी भी रस में मिलाकर पेस्ट बनाकर प्रयोग कर सकते हैं। भूमि अमला त्वचा के इन्फेक्शन और सूजन का इलाज करता है। इसमें ज़हर बेअसर करने वाले गुण होते हैं।

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लिवर डिसऑर्डर से जूझ रहे लोग भूमि आंवला (bhumi amla) का प्रयोग अवश्य करें – लिवर की समस्याओं से निजात पाने के लिए भूमि आंवला सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है। यह आपके लिवर में सूजन आना, लिवर का ढंग से काम न करना या पीलिया हो जाना आदि चीजों से आपको ठीक होने में मदद करता है।

यह न केवल लिवर के डिटॉक्सिफिकेशन के लिए सही रहता है बल्कि उसके पोषण के लिए भी सही रहता है। क्योंकि भूमि आंवला (bhumi amla) में रसायन व पित्त बैलेंसिंग जैसे गुण होते हैं।पाचन न होना व एसिडिटी जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है

भूमि आंवला – भूमि (bhumi amla) आंवला आपके पाचन को सही ढंग से होने में मदद करता है।

यह आपको अपाचन व एसिडिटी की समस्या से छुटकारा दिलाने में लाभदायक होता है। ऐसा इसके पित्त बैलेंसिंग गुणों के कारण होता है। यह आपको ठंडक भी प्रदान करता है जिस कारण आपको एसिडिटी जैसी समस्या से मुक्ति मिलती है।

हाई शुगर लेवल को नियंत्रित करता है भूमि आंवला – यदि आप भी डायबिटीज से ग्रस्त हैं या आपकी ब्लड शुगर लेवल बहुत हाई रहता है तो आपको भूमि आंवला का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। क्योंकि इसमें तिक्ता व काश्य रस गुण होते हैं जो आपकी शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।

यह आपके मेटाबॉलिज्म के लिए भी बहुत लाभदायक रहता है। इसलिए जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल हाई है उन्हें अपनी डाइट में भूमि आंवला को जरूर शामिल कर लेना चाहिए।

ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसी समस्याओं को ठीक करने में समर्थ – क्या आपको कभी कभार नाक से खून आने की समस्या है या फिर यदि किसी महिला को मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या है तो आप भूमि आमला का प्रयोग कर सकते हैं। यह आपको इन समस्याओं से निजात पाने में बहुत सहायता कर सकता है। इसके सीता व कश्य गुण आपके अतिरिक्त ब्लड फ्लो को मैनेज करने में मदद कर सकते हैं।

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चर्म रोग की हर समस्या से पाएं मुक्ति – भूमि आंवला एक ब्लड प्यूरिफायर का भी काम करता है क्योंकि इसमें मौजूद तीक्ता रस व इसकी पित्त बैलेंसिंग प्रकृति आपकी स्किन से जुड़ी समस्याओं को ठीक करने में काफी सहायक सिद्ध होती हैं। यदि आप किसी स्किन से जुड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं तो आपको भूमि आंवला का प्रयोग अवश्य ही करना चाहिए। यह आपके खून को साफ करता है जिससे आपकी स्किन निखरने लगती है।

भुई आंवला के उपयोगी भाग (Useful Parts of Bhui Amla in Hindi?)

भुई आंवला का इस्तेमाल इस तरह से किया जा सकता हैः-

भुई आंवला पंचांग
भुई आंवला के पत्ते
भुई आंवला की जड़

भुई आंवला का इस्तेमाल कैसे करें? (How to Use Bhui Amla in Hindi?)

भुई आंवला का इस्तेमाल इतनी मात्रा में कर सकते हैंः-

  • भुई आंवला का रस (Patanjali Bhumi amla juice) – 10-15 मिली
  • भुई आंवला चूर्ण (Patanjali bhumi amla powder) – 3-6 ग्राम
  • भुई आंवला का काढ़ा – 10-30 मिली
  • अधिक लाभ लेने के लिए चिकित्सक के परामर्शानुसार प्रयोग करें।

भुई आंवला कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Bhui Amla Found or Grown?)

भुई आंवला (bhumi amla) प्रायः आर्द्र स्थानों में खरपतवार के रूप में पैदा होता है। भारत में सभी स्थानों पर यह पाया जाता है। लगभग 900 मीटर की ऊंचाई तक इसके पौधे (bhumi amla tree) मिलते हैं।

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