Boycott Chinese Rakhi

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इस रक्षा बंधन करे चीनी राखी का बहिष्कार

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रक्षा बंधन त्योहार के दौरान अनुमानित 6,000 करोड़ रुपये का सामान हर साल बेचा जाता है जिसमें अकेले चीन लगभग 4,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय करता है।

चीन से न केवल तैयार राखी आयात की जाती है, बल्कि राखी बनाने वाले उत्पादों जैसे फोम, पेपर फ़ॉइल, राखी के धागे, मोती, बूँदें, राखी के लिए सजावटी सामान भी चीन से ही आयात किए जाते हैं।

चीनी वायरस और गालवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हाल ही में हुई झड़पों की पृष्ठभूमि और 20 भारतीय सैनिकों के बलिदान के खिलाफ, चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग बढ़ रही है।

चीन अपनी विस्तारवादी नीति को बदलने को तैयार नहीं है जिसके कारण उसका अपने पडोसी देशो के साथ तनाव बने रहता है। इसलिए उसको उसी की भाषा में जवाब देना एक मात्र विकल्प है।

चीनी लोग चीन में बने सामान को ही प्राथमिकता देते है। हमको भी यह कार्य करने की जरूरत है राखी खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर ले कही वह राखी चीन में तो निर्मित नहीं है। आप homemade Rakhi  का विकल्प भी चुन सकते है।  

स्वदेशी प्रोडक्ट अपनाने से क्या होगा ?

यह सवाल हर भारतीय पूछ रहा है की स्वदेशी अपनाने से क्या हो जायेगा चीनी सामान के बहिष्कार की मुहीम का असर होता दिख रहा है।

व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने (boycott china) चीनी राखी का बहिष्कार करने की अपील जारी की है।

CAIT ने शहरों में कच्ची बस्तियों में काम करने वाले लोगों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों, आंगनवाड़ियों में काम करने वाली महिलाओं, छोटे कारीगरों और अन्य लोगों को भी राखी बनाने और उन्हें बाजारों में बेचने का आग्रह किया है जो इन सभी वर्गों के लोगों के लिए रोजगार दिलाने में मददगार होगा।

स्वदेशी प्रोडक्ट को प्राथमिकता देनी की अपील करने के पीछे मुख्य उदेश्य भारत में रोजगार के नयो अवसरों को उत्पन्न करना है।

अगर हम स्वदेशी राखी को चुनते है तो आने वालो वर्षो में हमारे देश में लाखो लोगो को रोजगार मिल सकता है इसलिए स्वदेशी प्रोडक्ट्स को अपनाइये और हर मंच से इसका प्रचार प्रसार करिये।

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