Brown Rice Benefits and Side Effects in Hindi|

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Brown Rice Benefits and Side Effects in Hindi
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ब्राउन राइस के फायदे, उपयोग और साइड इफेक्ट | Brown Rice Benefits, Uses and Side Effects in Hindi

Brown Rice Benefits : भारत में ज्यादातर लोग सफेद चावल खाना पसंद करते हैं और इसे रोजाना की डाइट में शामिल भी करते हैं, लेकिन सेहत और पोषण के लिहाज से सफेद चावल से ज्यादा ब्राउन राइस फायदेमंद होते हैं। वास्तव में चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप ब्राउन राइस है।

सफेद चावल की पॉलिशिंग की जाती है, जिससे पोषक तत्व काफी हद तक कम हो जाते हैं। ब्राउन राइस खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि चावल के पोषक तत्व जैसे मिनरल, फाइबर और बी कॉम्पलेक्स बरकरार रहते हैं। इसमें फास्फोरस, कैल्शियम, सेलेनियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज और पोटेशियम के साथ-साथ आयरन और जिंक की अच्छी मात्रा होती है। ब्राउन राइस न सिर्फ आपके आहार में चावल की कमी को पूरा करेगा, बल्कि आपको वजन कम करने में भी मदद करेगा।

ब्राउन राइस क्या हैं | What is Brown Rice in Hindi

चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप ब्राउन राइस कहलाता है। इसके भूरे रंग के कारण ही इसे ‘ब्राउन राइस’ कहा जाता है। यह सफेद चावल के मुकाबले पकने में ज्यादा समय लेता है और स्वाद में भी थोड़ा अलग होता है। साथ ही, सफेद चावल की तुलना में इसमें ज्यादा पोषक तत्व होते हैं, क्योंकि यह किसी रिफाइन या पॉलिश प्रक्रिया से नहीं गुजरता। सिर्फ इसके ऊपर से धान के छिलके उतारे जाते हैं। ब्राउन राइस खाने के फायदे ये हैं कि इससे शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैलोरी मिलती है। साथ ही यह फाइबर, विटामिन और मिनरल्स का एक अच्छा स्रोत हैं ।

ब्राउन राइस के फायदे – Benefits of Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस में प्रोटीन, मैग्नीशियम, पोटैशियम व फास्फोरस जैसे मिनरल पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। ये न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं, बल्कि त्वचा और बालों के लिए भी ब्राउन राइस के फायदे हैं, जिनके बारे में हम लेख में आगे बताएंगे। वहीं, इस बात का भी ध्यान रखें कि ब्राउन राइस किसी भी गंभीर बीमारी का संपूर्ण इलाज नहीं है। यह केवल बीमारियों के लक्षणों को कम कर सकता है। आइए, अब समझते हैं कि ब्राउन राइस के स्वास्थ लाभ क्या हैं।


सेहत के लिए ब्राउन राइस के फायदे – Health Benefits of Brown Rice in Hindi

देखा जाए, तो सेहत और पोषण के लिहाज से सफेद चावल से ज्यादा ब्राउन राइस फायदेमंद होता है। वास्तव में चावल का बिना रिफाइंड किया हुआ प्राकृतिक रूप ही ब्राउन राइस है। सफेद चावल की पॉलिशिंग की जाती है, जिससे इसमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। जबकि ब्राउन राइस खाने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि चावल के पोषक तत्व जैसे मिनरल, फाइबर और बी-कॉम्प्लेक्स जलैसे पोषक तत्व बरकरार रहते हैं।

यह केवल कोलेस्ट्रॉल ही कम नहीं करता, बल्कि मधुमेह और कैंसर के जोखिमों को भी कम करने में मदद करता है। यह वजन कम करता है और कमजोर हड्डियों के लिए बड़े काम की चीज है। इतना ही नहीं, पाचन शक्ति में सुधार के साथ यह दिल की सेहत को भी दुरूस्त रखता है।

ब्राउन राइस किस प्रकार स्वास्थ्य लाभ प्रदान कर सकता है। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि ब्राउन राइस यहां बताई गई किसी भी शारीरिक समस्या व बीमारी का इलाज नहीं है। इसका सेवन इनसे बचाव और इनके प्रभाव को कुछ हद तक कम करने में मदद कर सकता है।

दिल की सेहत के लिए – स्वस्थ दिल के लिए ब्राउन राइस अत्यधिक फायदेमंद है। दिल का दौरा या दिल की बीमारियां रक्त धमनियों में जमा हो रहे प्लाक के कारण होती है। ब्राउन राइस दिल से संबंधित विकारों से बचाव करता है।

कोलेस्ट्रॉल कम करता है – ब्राउन राइस का सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल कम होता है। यह अनचाहे फैट को शरीर के आंतरिक हिस्सों में जमने से रोकता है। यह घुलनशील फाइबर का स्त्रोत है, जो बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाता है।

डायबिटीज के जोखिम को कम करता है – सफेद चावल में शर्करा की मात्रा ज्यादा होती है और इसके कारण डायबिटीज के मरीज इसे खाने से कतराते हैं। लेकिन इसका बेहतरीन विकल्प ब्राउन राइस है, जिसके सेवन से रक्त में शर्करा का स्तर नहीं बढ़ता है। ब्राउन राइस का ग्लासेमिक इंडेक्स बहुत ही कम होता है और धीरे पचता है, जिससे रक्त शर्करा का स्तर कम रहने में मदद मिलती है। रक्त शर्करा के अचानक उतार-चढ़ाव से भी बचाता है।

वजन कम करता है – जो लोग वजन कम करना चाहते हैं उनके लिए ब्राउन राइस एक शानदार विकल्प है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है, जिससे पेट भरा रहता है और बार-बार खाने से बच जाते हैं जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।

हड्डियों के लिए बड़े काम का – हड्डियों को मजबूत बनाने में ब्राउन राइस की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसमें उच्च मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है। एक कप ब्राउन राइस में 21 प्रतिशत मैग्नीशियम होता है। मैग्नीशियम की कमी के कारण हड्डियों के घनत्व में कमी आ सकती है और ऑस्टियोपोरोसिस व गठिया जैसे रोग हो सकते हैं। इसमें विटामिन डी और कैल्शियम भी होता है जो हड्डियों के विकास के लिए आवश्यक है।

कैंसर से सुरक्षा – ब्राउन राइस के सेवन से ल्यूकेमिया, ब्रेस्ट कैंसर, कोलोन कैंसर और अन्य प्रकार के कैंसर से शरीर की सुरक्षा होती है। इसमें उच्च मात्रा में मौजूद फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट लाभ पहुंचाते हैं। अध्ययनों में पाया गया है कि ब्राउन राइस जैसे साबुत अनाज ब्रेस्ट कैंसर और अन्य हार्मोन संबंधित कैंसर के खिलाफ सुरक्षा करते हैं।

पाचन शक्ति में सुधार – ब्राउन राइस पाचन के लिए अच्छा है। इसमें अघुलनशील फाइबर पाया जाता है जो पाचन क्रिया में सुधार लाता है। इसके सेवन से कब्ज और बवासीर जैसे रोग से बचाव होता है। इसमें मौजूद मैंगनीज वसा के पाचन में मददगार है।

ब्राउन राइस का उपयोग । How to Use Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस के स्वास्थ्य लाभ जाने के बाद इसे बनाने की विधि जानना जरूरी है।

ब्राउन राइस बनाने की विधि (4 लोगों के लिए)

सामग्री
250 ग्राम ब्राउन राइस
500 मिली लीटर पानी
एक सॉस पैन
दो चम्मच घी

विधि
पैन में पानी उबलने के लिए रख दें।
जब पानी अच्छी तरह से उबल जाए, तो उसमें ब्राउन राइस डाल दें और मध्यम आंच पर 30 मिनट के लिए पकाएं।
अच्छी तरह पक जाने पर आंच बंद कर दें और चावल को 10 से 15 मिनट के लिए ढक कर रख दें।
फिर चावल पर घी डालकर परोसें। इसके अलावा, ब्राउन राइस से वेजिटेबल पुलाव व मशरूम राइस आदि भी बना सकते हैं। इसका इस्तेमाल खीर भी बनाने में किया जा सकता है।

कितना खाएं

ब्राउन राइस कितना खाना चाहिए और कब खाना चाहिए, 

इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें। दिनभर में एक कप पके हुए ब्राउन राइस का सेवन किया जा सकता है।

ब्राउन राइस और सफेद चावल में क्या अंतर है

ब्राउन राइस और सफेद चावल में अंतर है। दरअसल ब्राउन राइस का भूसा नहीं उतारा जाता, जिससे इसके पोषक तत्व साबुत अनाज जितने ही रहते हैं। सफेद चावल का भूसा उतार कर उसे प्रोसेसिंग करके सफेद पॉलिश युक्त कर दिया जाता है। इस प्रोसेसिंग के दौरान चावल में मौजूद कई पोषक तत्व कम हो जाते हैं। हालांकि ब्राउन राइस को इसके स्वाद, पकने में ज्यादा समय लेने और ज्यादा समय तक न रख पाने की वजह से भारत में अकसर लोग इसे लेना पसंद नहीं करते, लेकिन अब बेहतर तकनीक की मदद से ब्राउन राइस को ज्यादा समय तक रखा जा सकता है। इसका स्वाद भी अब काफी लोगों को पसंद आने लगा है। ब्राउन राइस में भी नॉन बासमती फायदेमंद है। इसके दाने का आकार छोटा और जीआई (ग्लाइसेमिक इंडेक्स) कम होता है।
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अब जानते हैं कि ब्राउन राइस के नुकसान क्या-क्या हैं।

ब्राउन राइस के नुकसान – Side Effects of Brown Rice in Hindi

ब्राउन राइस स्वास्थ्य के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है, लेकिन साइंस ने इसके सेवन से होने वाले एक बड़े दुष्प्रभाव के बारे में लोगों को अवगत कराया है।ब्राउन राइस में आर्सेनिक की मात्रा अधिक पाई जाती है जिसके कुछ दुष्प्रभाव हो सकते हैं,

ब्राउन राइस खाने का सबसे बड़ा दुष्प्रभाव यह है कि इसमें फाइटिक एसिड नामक एंटी पोषक तत्व बहुत ज्यादा होता है। एंटी न्यूट्रिएंट एक यौगिक है, जो कई अलग-अलग पौधों के उत्पादों में पाया जाता है। यह हमारे शरीर को कुछ पोषक तत्वों को अवशोषित करने से भी रोक सकता है। फाइटेट या फाइटिक एसिड , एक सामान्य पोषक तत्व है, जो फलियां, नट, बीज, और साबुत अनाज में पाया जाता है।

  • जी मिचलाना, उल्टी, सिरदर्द और डायरिया ।
  • आर्सेनिक की मात्रा बढ़ जाने से स्किन, मूत्राशय और लंग कैंसर हो सकता है ।

The International Journal of Food Sciences and Nutrition में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, भोजन में मौजूद फाइटिक एसिड शरीर के मिनरल्स , विशेष रूप से आयरन , जिंक, मैग्नीशियम और कैल्शियम के अवशोषण को सीमित कर देता है। जिससे पोषक तत्वों के लाभ आपके शरीर को बहुत ज्यादा नहीं मिल पाते।

भले ही आप इन मिनरल्स से भरपूर ब्राउस राइस का सेवन कर रहे हों, लेकिन अगर आप किसी अन्य भोजन के जरिए भी पोषक तत्व खा रहे हों, तो फाइटिक एसिड इन पोषक तत्वों को भी नष्ट करने की क्षमता रखता है। खाद्य विज्ञान और सुरक्षा की व्यापक समीक्षा की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्राउन राइस को पचाना सफेद चावल की तुलना में कठिन है, लेकिन इसके फाइटिक एसिड सामग्री के प्रभाव को कुछ कम करने के तरीके हैं।

हॉवर्ड हेल्थ ने एक अन्य बात की चर्चा की है कि फाइटिक एसिड एक ही समय में खाए जा रहे खाद्य पदार्थों के साथ अपने अधिकांश मिनरल अब्जॉप्शन को रोकता है। इसलिए यदि आप दोपहर के भोजन के लिए ब्राउन राइस के साथ आयरन से भरपूर कुछ खा रहे हैं, तो आपका ब्राउन राइस उस विशेष भोजन से मिनरल्स को सीमित कर देगा। इसी वजह से हावर्ड एक ही मील में एक ही फाइटेट हैवी फूड ज्यादा मात्रा में खाने की सलाह नहीं देता है।

ब्राउन राइस सेहतमंद है, लेकिन इसमें मौजूद फाइटिक एसिड शरीर में पोषक तत्वों की कमी के लिए जिम्मेदार है। इसलिए इस बड़ी वजह से यह ब्राउन राइस कभी- कभी अच्छा विकल्प नहीं होता। लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से यह सफेद चावल से ज्यादा फायदेमंद है।

ब्राउन राइस के नुकसानों जानकार घबराने की जरूरत नहीं है। अपने आहार में सीमित मात्रा में इसे शामिल कर इसका लाभ उठाया जा सकता है।

खाने से पहले जरूर भिगोएं ब्राउन राइस

Howard School of Public Health का मानना है कि हालांकि चावल में पाए जाने वाले फाइटेट्स मिनरल्स के आपके अवशोषण पर कुछ नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। ब्राउन राइस खाने के फाायदे अभी भी इसके नुकसान से ज्यादा हैं। ब्राउन राइस खाने और फाइटिक एसिड के उच्च स्तर से बचने के लिए फूड्स जर्नल कुछ नेचुरल फाइटेट्स को हटाने के लिए ब्राउन राइस को पकाने से पहले हाई टैंप्रेचरी पर भिगोने का सुझाव देता है।

हॉवर्ड हेल्थ के अनुसार ब्राउन रइस को पकाने से पहले भिगोया या अंकुरित किया जाता है, तो इसमें फाइटिक एसिड लेवल बहुत कम होता है।

FAQ:

Q : क्या बासमती ब्राउन राइस, रेगुलर ब्राउन राइस से बेहतर है?

Ans : दोनों ही चावल लगभग एक जैसे हैं, लेकिन रेगुलर ब्राउन राइस में बासमती चावल की तुलना में शुगर की मात्रा कम होती है। इसीलिए, इसे बासमती से ज्यादा पौष्टिक माना जाता है।

Q : ब्राउन राइस इतने महंगे क्यों है?

Ans : ब्राउन राइस के ऊपर की परत नहीं निकाली जाती और उस परत में थोड़ी-सी तेल की मात्रा होती है, जिस कारण ये जल्दी खराब हो सकते हैं। इसलिए, ये सफेद चावल की तुलना में महंगे होते हैं ।

Q : क्या वजन कम करने के लिए ब्राउन राइस आपके लिए अच्छा है?

Ans : जी हां, वजन कम करने के लिए ब्राउन राइस बहुत अच्छा है। इसमें फाइबर और अनरिफाइंड कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जो वजन कम करने में मदद कर सकते हैं ।

Q : क्या रोज ब्राउन राइस खाना ठीक है?

Ans : नहीं, ब्राउन को रोज खाना ठीक नहीं है, क्योंकि ब्राउन राइस को रोज खाने से आपके शरीर में आर्सेनिक की मात्रा बढ़ सकती है। इसके दुष्प्रभाव हम इस लेख में ऊपर बता चुके हैं।

उम्मीद है कि आपको ब्राउन राइस खाने के फायदे और उपयोग के विषय में पूरी जानकारी मिल गई होगी। यहां इस postब्राउन राइस में मौजूद पौष्टिक तत्वों के साथ-साथ इसे बनाने की विधि भी बताई है।आशा करती हु कि यह लेख आपके लिए मददगार साबित होगा। इस तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए sangeetaspen.com के साथ जुड़े रहें ।

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