Christmas Day 2021 -22 | Special thing of Christmas festival

आस्था
Christmas Day 2021 -22
Merry Christmas Day 2021 -22
Christmas Day 2021 -22

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Christmas Day 2021 -22 | Special thing of Christmas festival

Christmas Day 2021-22 : क्रिसमस (Christmas) का पर्व नजदीक है, संयुक्त राष्ट्र संघ के आंकड़ों के अनुसार, विश्व के करीब डेढ़ सौ करोड़ लोग ईसाई धर्म के अनुयायी हैं। क्रिसमस (Christmas)को बड़ा दिन भी कहते हैं।

Merry Christmas 2021: हर साल 25 दिसंबर को पूरी दुनिया क्रिसमस डे (Christmas Day) के तौर पर मनाती है. 24 दिसंबर की शाम से इस त्योहार का जश्न शुरू हो जाता है. क्रिसमस डे आज हर बच्चे का फेवरेट डे बन गया है. और बच्चों से लेकर बड़ों तक ने इस दिन की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.इस दिन को प्रभु यीशु का जन्म हुआ था,

लेकिन क्या आपको पता है कि आखिर इस त्योहार को क्यों मनाया जाता है ?

क्रिसमस इस वजह से मनाया जाता है

यूरोप में गैर ईसाई समुदाय के लोग सूर्य के उत्तरायण के मौके पर एक बड़ा त्योहार मनाते थे. इनमें प्रमुख था 25 दिसंबर (25 December) को सूर्य के उत्तरायण होने का त्योहार. इस तारीख़ से दिन के लंबा होना शुरू होने की वजह से, इसे सूर्य देवता के पुनर्जन्म का दिन माना जाता था. कहा जाता है कि इसी वजह से ईसाई समुदाय के लोगों ने इस दिन को ईशू के जन्मदिन के त्योहार क्रिसमस (Christmas Day)के तौर पर चुना. क्रिसमस से पहले ईस्टर ईसाई समुदाय के लोगों का प्रमुख त्योहार था.

इसे यीशू मसीह के जन्मदिवस के रूप में मनाते हैं, शुरुआत में ईसाई समुदाय के लोग यीशू यानि ईसा मसीह के जन्मदिन को एक त्योहार के रूप में नहीं मनाते थे, लेकिन, चौथी शताब्दी के आते-आते उनके जन्मदिन को एक त्योहार के तौर पर मनाया जाने लगा.

Christmas day 2021-22
Christmas day 2021-22

लगभग 2 हजार साल पहले की बात है उस समय रोम का शासन होता था तथा लोगो को बहुत प्रतारित किया जाता था लोगो के कष्टों को कम करने तथा रोम के शासन से मुक्ति दिलाने के लिए ईश्वर के द्वारा जीसस (यीशु )को पृथवी पर भेजा गया था ।

प्रभु के द्वारा ग्रैबियल नामक दूत मैरी नामक युवती के पास भेजा गया तथा ईश्वर के दूत ग्रैबियल ने मैरी को जाकर कहा कि उसे ईश्वर के पुत्र को जन्म देना है यह बात सुनकर मैरी हैरान -परेशान हो गई क्योंकि वह कुंवारी थी तब उसने ग्रैबियल से पूछा कि यह कैसे संभव हो सकता है ।

तब ग्रैबियल ने कहा कि ईश्वर की यही इच्छा है और ईश्वर सब ठीक करेगे धीरे-धीरे समय बीतता गया और मैरी की शादी जोसेफ नाम के युवक से हो गई । भगवान के दूत ग्रैबियल जोसेफ के सपने में आते है और उससे कहते है ।कि जल्द ही मैरी गर्भवती होगी और आपको उसका खास ध्यान रखना पड़ेगा । क्योंकि उसकी होने वाली संतान और कोई नहीं स्वयं प्रभु यीशु हैं उस समय जोसेफ और मैरी नाजरथ (इजराइल का एक भाग है) में रहते थे ।

उस समय नाजरथ रोमन साम्राज्य का एक हिस्सा हुआ करता था। एक बार किसी कारण से जोसेफ और मैरी बैथलेहम( जोकि इस समय फिलस्तीन में है) चले गए । उस समय वहा पर बहुत लोग रहते थे ।वहा की सभी शरणालय और धर्मशालाएं भरे हुए थे जिसके कारण जोसेफ और मैरी रहने की जगह नहीं मिली बहुत खोजने के बाद उन्हें एक अस्तबल (जहा पर घोड़ो को रखा जाता हे ) में स्थान मिला ।

और इसी अस्तबल में मध्य रात्रि को प्रभु यीशु का जन्म हुआ । और अस्तबल के पास में ही कुछ गडरिए अपनी भेड़ो को चरा रहे थे । तब वहां पर ईश्वर के दूत प्रकट हुए गडरियों को प्रभु यीशु के जन्म की जानकारी दी इसके बाद गडरिए नवजात शिशु के समक्ष जाते है और शिशु को नमन किया ।


समय के साथ यीशु बड़े हुए और जगह जगह घूम कर लोगो को सन्देश देने लगे तथा लोगो के अनेको बीमारियों को भी दूर किया ।और इस प्रकार यीशु की प्रसिद्धि विश्व में चारो और फैलने लगी यीशु के अच्छे कार्यो को देखते हुए कुछ लोग उनके दुश्मन भी बन गए यीशु की प्रसिद्धि के कारण ही उन्हें अंत समय में अनेको यातनाये दी गयी । तथा क्रूस पर लटका कर मार दिया परन्तु जब यीशु को क्रूस पर लटका रहे थे तब भी उन्होंने अपने हार्डी से लोगो को दवा दी और प्रभु से प्रार्थना की ‘हे परम पिता परमेश्वर इन लोगो को क्षमा कर दीजिये ये लोग अज्ञानता के कारण ऐसा कर रहे है’ ।

प्रभु यीशु की याद में ही 25 दिसम्बर (25 December) को क्रिसमस (Christmas) का त्यौहार मनाया जाता है ।

Christmas day 2021-22
Christmas day 2021-22

आइए जानते हैं कि 2021 में क्रिसमस कब है

2021 में  25 दिसंबर,2021 (Christmas) को शनिवार है

25 दिसम्बर के दिन विश्व में क्रिसमस (Christmas) का त्यौहार बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है यह त्यौहार ईसाइयों का मुख्य त्योहारों में से एक है जिस प्रकार हिन्दुओ के लिए दीपावली का महत्व है और मुसलमानो के लिए ईद का महत्व है . ठीक उसी प्रकार ईसाइयों के लिए क्रिसमस का त्यौहार है तथा इसकी पूरी तैयारियां क्रिसमस से एक दिन पहले यानि की 24 दिसंबर की संध्या से ही आरंभ हो जाती है .

विश्व के अनेक देशो (यूरोपीय और पश्चिमी देशों ) में क्रिसमस की पूर्व संध्या से ही अनेको रंगारग कार्यकर्म होने प्रारंभ हो जाते है भारत के गोवा राज्य में भी क्रिसमस की धूम देखि जाती है इसके अतिरिक्त अन्य शहरों के बाजारों में तथा चर्चो में भी क्रिसमस की धूम देखि जा सकती है

आज के समय में क्रिसमस (Christmas) का त्यौहार सभी धर्मो के लोगो द्वारा मनाया जाने लगा है और बहुत से लोग प्रभु यीशु का ध्यान करते हैं और कैरोल गाते हैं तथा प्यार व भाईचारे का संदेश देते हुए एक -दूसरे के घरो में उपहार व मिठाइयां ले जाते हैं . हमेसा कहा जाता है खुसिया बाटने से बढ़ती है इस लिए अब क्रिसमस का त्यौहार एक धार्मिक पर्व नहीं रहा अब यह एक सामाजिक पर्व बन गया है पहले से क्रिसमस को सभी ईसाई लोग मनाते थे और अब कई गैर ईसाई लोग भी एक धर्मनिरपेक्ष उत्सव के रूप में मनाते हैं

आज के समय में बाजारवाद ने भी इस पर्व के प्रचार में बड़ी भूमिका निभाई है क्रिसमस (Christmas) के दौरान उपहारों का लेन-देन तथा सजावट का सामान एवं छुट्टी के कारण यह एक बड़ी आर्थिक गतिविधि भी बनता जा रहा है

क्रिसमस पर्व की खास बात – Special thing of Christmas festiva

क्रिसमस (Christmas) का पर्व आते ही लोगों में इसे लेकर बहुत उत्साह देखा जाता है। लोग अपने मित्रों और परिजनों को ग्रीटिंग्स कार्ड, सेंटा, क्रिसमस ट्री, और अन्य उपहार दे कर उन तक अपनी शुभकामनाएँ भेजते हैं। क्रिसमस कार्ड डे के रूप में कार्ड लेने और देने के इस प्रचलन के कारण हर साल नौ दिसंबर को क्रिसमस कार्ड डे मनाया जाता है।

क्रिसमस पर्व को खास बनाती है ये चीजे

क्रिसमस डे (Christmas day) पर क्रिसमस ट्री (Christmas Tree) का बडा़ महत्व है। यह क्रिसमस ट्री डगलस, बालसम या फर के वृक्ष की होती है जिसे क्रिसमस डे पर अच्छी तरह से सजाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि प्राचीन काल में मिस्र वासियों, चीनियों और हिबूर के लोगों ने सबसे पहले इस परंपरा की शुरुआत की थी।उनका विश्वास था की इन पौधों को घरों में सजाने से घर में नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं। लेकिन आधुनिक क्रिसमस ट्री (Christmas Tree)की शुरुआत जर्मनी में हुई । जहाँ इस वृक्ष को स्वर्ग का प्रतीक माना गया है।

क्रिसमस को खास बनाते हैं क्रिसमस ट्री और सेंटा क्लॉज (Santa clause)

क्रिसमस डे के मौक़े पर बच्चे सेंटा क्लॉज (Santa clause) का इंतज़ार बेसब्री से करते हैं। क्योंकि सेंटा बच्चों को गिफ्ट्स देता है। ऐसी मान्यता है कि सेंटा क्लॉज (Santa clause) की प्रथा संता निकोलस (Sant Nicolas) हैं, जिनका जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था. वे एशिया माइनर के पादरी थे। संता निकोलस (Sant Nicolas) बच्चों और नाविकों से बेहद प्यार करते थे।उन्होंने अपना पूरा जीवन यीशू को समर्पित कर दिया. उन्हें लोगों की मदद करना बेहद पसंद था. यही वजह है कि वो यीशू के जन्मदिन के मौके पर रात के अंधेरे में बच्चों को गिफ्ट दिया करते थे.

दरअसल संता निकोलस (Sant Nicolas) क्रिसमस और नववर्ष के दिन गरीब-अमीर सभी को प्रसन्न देखना चाहते थे। उनसे जुड़ी हुई कई कथाएँ और कहानियों सुनने प्रचलित हैं ।

Q : मैरी क्रिसमस का मतलब क्या होता है?

Ans : मैरी क्रिसमस का मतलब होता है आनंद, खुशी किस्मत या सौभाग्य लाने वाला मौका

Q : गर्मियों में क्रिसमस पर्व कहाँ मनाया जाता है?

Ans : ऑस्ट्रेलिया मे क्रिसमस का त्योहार गर्मियों मे मनाया जाता है,क्योकि पृथ्वी पर जब उत्तरी ध्रुव में ठण्ड पडती है ताे उस समय सूर्य दक्षिणायण हो जाता है और दिसम्बर के महीने में ऑस्ट्रेलिया में अधिक गर्मि पडती है इसी समय ऑस्ट्रेलिया मे क्रिसमस मनाया जाता है।

Q : क्रिसमस ट्री का पौधा कैसे लगाते हैं?

Ans : क्रिसमस ट्री को उत्तर दिशा में रखा जाना चाहिए. आप इसे उत्तर पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं. इसके साथ ही ध्यान रखें कि क्रिसमस ट्री का आकार तिकोना हो. वास्‍तु में तिकोने आकार को अग्नि का प्रतीक माना जाता है.

Q : क्रिसमस कब आता है

Ans : 25 दिसंबर ईसाई मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था. जिसकी वजह से इस दिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है

Q : क्रिसमस कैसे बनाते हैं

Ans : क्रिसमस के दिन सदाबहार वृक्ष को सजाकर सेलिब्रेशन किया जाता हैं यह परम्परा जर्मनी से शुरू हुई, जिसमे एक बीमार बच्चे को खुश करने के लिए उसके पिता ने सदाबहार वृक्ष को सुंदर तैयार करके उसे गिफ्ट दिया.

Q : क्रिसमस को बड़ा दिन क्यों कहा जाता है?

Ans : 25 दिसंबर को मनाए जाने वाले क्रिसमस को हिंदी में बड़ा दिन या बड़ा दिन कहा जाता है क्योंकि भारतीय या हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार कहा जाता है कि यह वर्ष का सबसे छोटा दिन होता है और इस दिन के बाद दिन की अवधि बढ़ने लगती है और रात की अवधि कम हो जाती है

Q : ऑस्ट्रेलिया में क्रिसमस पर्व किस ऋतु में मनाया जाता है

Ans : ऑस्ट्रेलिया मे क्रिसमस का त्योहार गर्मियों मे मनाया जाता है

मैं आशा करती हु कि क्रिसमस से संबंधित यह लेख आपको पसंद आया होगा। अगर आपका कोई सवाल है । तो Coment करके अवश्य बताये क्रिसमस डे की आपको हार्दिक शुभकामनाएँ ।

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