Clove or Laung Benefits: लौंग खाने से क्या फायदा और क्या नुकसान है

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लौंग खाने से क्या फायदा है

Clove or Laung Benefits: लौंग खाने से क्या फायदा और क्या नुकसान है

Clove or Laung Benefits: आज के समय में, जीवन के गलत तरीके के कारण, महिला हो या पुरुष, हर कोई छोटी-मोटी बीमारियों का शिकार हो जाता है। वहीं इससे छुटकारा पाने के लिए लोग दवाइयों का सहारा लेते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।

लेकिन हम खुशकिस्मत हैं, जो भारत में रहते हैं जहां की रसोई अनेक प्रकार के मसालों से भरी रहती है। जिसमें एक है “लौंग” जिसका इस्तेमाल हमारे भोजन में स्वाद का तड़का तो लगाता है, साथ ही हमारी सेहत में भी चार चांद लगा देता है।लेकिन सच यह है कि बहुत सारे लोगों को लौंग के प्रयोग से होने वाले अनेक लाभों (Long Ke Fayde) के बारे में जानकारी ही नहीं होती। इस कारण लोग लौंग को केवल कुछ ही चीजों में प्रयोग करते हैं।आज के इस blog पोस्ट में हम जानेगे लौंग खाने से क्या फायदा (Clove or Laung Benefits) और क्या नुकसान है,

आयुर्वेदिक ग्रंथों में लौंग के इस्तेमाल से जुड़े कई उपाय बताए गए हैं। लौंग का सेवन कई बीमारियों को ठीक करने में मदद करता है। अगर रात में सोने से पहले लौंग का सेवन किया जाए तो पेट साफ रहता है, जिससे दिन भर ताज़गी बनी रहती है। लौंग का सेवन अंगों खासकर लिवर को फ्री रेडिकल्स के प्रभाव से बचाने में सहायक है।

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सर्दी, जुकाम या बुखार होने पर लौंग का इस्तेमाल अक्सर करना चाहिए। लौंग खाने से गले में आयी सूजन की समस्या से राहत मिलती है। लौंग के सेवन से भूख बढ़ती है, उल्टी रुकती है, पेट की गैस, अत्यधित प्यास लगने की समस्या और कफ-पित्त दोष ठीक होते हैं। इसके साथ ही आप रक्त विकार, सांसों की बीमारी, हिचकी और टीबी रोग में भी लौंग का उपयोग कर लाभ (Clove or Laung Benefits) पा सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों के लिए लौंग लाभदायक मानी जाती है। दरअसल, लौंग में यूजेनिया नामक तत्व होता है जो इसे एक प्रभावी एंटीइन्फ्लेमेटरी बनाता है। बस आपको रात को सोने से पहले दो लौंग चबाएं और गर्म पानी पीना है। लौंग मधुमेह में भी कारगर साबित होता है, क्यूंकि यह रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है, यानी जिनको शूगर की समस्या है उनको इसका बहुत लाभ मिलेगा। आइए लौंग के फायदे (Clove or Laung Benefits) के बारे में विस्तार से जानते हैं

लौंग क्या है? – What is Cloves?

लौंग (lavang) के वृक्ष पर लगभग 9 वर्ष की आयु में फूल लगने शुरू हो जाते हैं। इसकी फूल कलियों को ही सुखाकर बाजार में लौंग के नाम से बेचते हैं।लौंग एक सदाबाहर पेड़ होता है। इस पेड़ के फूलों की सूखी कलियों का इस्तेमाल प्राचीन काल से किया जाता रहा है। भारत में लौंग का इस्तेमाल मसाले के रूप में काफी प्रचलित है। इसका वैज्ञानिक नाम सीजिजियम अरोमैटिकम (Syzygium Aromaticum)है।गर्भवती महिलाओं को होने वाली उल्टी में लौंग बहुत लाभदायक होती है।

लौंग के फायदे – Benefits of Clove in Hindi

लौंग खाने से क्या फायदा होता है? अगर यह सवाल अक्सर आपके दिमाग में घूमता है, तो नीचे दिए गए लौंग के फायदों को पढ़ें। यहां रिसर्च के आधार पर हमने जानकारी दी है। बस लौंग का इस्तेमाल करते समय यह बात याद रखें कि यह गंभीर बीमारी का इलाज नहीं है। महज स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बचाव का एक तरीका है।

ओरल हेल्थ – लौंग की कलियां ओरल माइक्रो ऑर्गेनिज्म (मुंह में उत्पन्न होने वाले सूक्ष्म जीवों) को 70 प्रतिशत कम कर सकती हैं। इसी वजह से कई टूथपेस्ट में लौंग का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी, टी-ट्री ऑयल के साथ लौंग का इस्तेमाल करके घर पर ही बनाया गया माउथ वॉश ओरल हेल्थ को बेहतर (Clove or Laung Benefits) रख सकता है ।

लौंग का तेल भी विभिन्न पीरियडोंटल पैथोजेन (Periodontal Pathogens) से बचाव कर सकता है। यह वो बैक्टीरिया होते हैं, जो मसूड़ों में इंफेक्शन का कारण बनते हैं। दांतों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए लौंग काफी फायदेमंद माना जाता है। लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक तत्व दांतों के दर्द को कम करने का काम कर सकता है। यह प्लाक और कैरिज से भी दांतों को बचा सकता है ।

सर्दी-खांसी – लौंग के गुण में खांसी और सर्दी से बचाव भी शामिल है। लौंग में एंटीइंफ्लेमेटरी प्रभाव होता है, जो सर्दी और खांसी को कम कर सकता है। दरअसल, यह एक्सपेक्टोरेंट की तरह काम करता है, जो पूरे बलगम को मुंह से निकालकर ऊपरी श्वसन तंत्र को साफ कर सकता है।

डायबिटीज – लौंग का इस्तेमाल मधुमेह को कुछ हद तक नियंत्रित करना भी शामिल है। मधुमेह वो चिकित्सकीय स्थिति है, जिसके अंतर्गत रक्त में शर्करा की मात्रा अधिक हो जाती है। लौंग ब्लड ग्लूकोज को कम करके डायबिटीज को कंट्रोल कर सकता है। एक अन्य शोध में कहा गया है कि लौंग में एंटीहाइपरग्लाइसेमिक, हाइपोलिपिडेमिक और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं।

यह डायबिटीज की समस्या को कम करने के साथ ही लिपिड में सुधार करने और लिवर को बचाने का काम कर सकता है। लोंग के साथ ही लौंग का तेल भी ग्लूकोज को कम करने, लिपिड प्रोफाइल को सुधारने और किडनी संबंधी समस्या से डायबिटीज के मरीजों को बचाने का काम कर सकता है।

इंफ्लेमेशन से लड़ने के लिए – लौंग इंफ्लेमेशन से लड़ने में भी मददगार हो सकता है। लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) नामक कंपाउंड पाया जाता है, जो शरीर में एंटीइंफ्लेमेटरी एंजेंट की तरह कार्य कर सकता है। यह कंपाउंड इंफ्लेमेशन के कारण होने वाली बीमारियों और स्किन संबंधी समस्याओं से बचाने का काम कर सकता है। इंफ्लेमेशन की वजह से होने वाले एक्ने को कम करने में भी लौंग लाभदायक हो सकता है।

पाचन के लिए लौंग खाने के फायदे – लौंग शरीर के एंजाइम्स को उत्तेजित और पाचन तंत्र को बूस्ट करने का काम कर सकता है। इसका सेवन आंत में होने वाली जलन के स्तर को कम कर सकता है और अपच की समस्या को ठीक कर सकता है। लौंग पाचन संबंधी समस्या जैसे पेट का फूलना, गैस, अपच, मतली, डायरिया और उल्टी के लक्षणों से राहत दिला सकता है। इसके अलावा, लौंग और इसका तेल पेप्टिक अल्सर के लक्षण को भी कम कर सकता है।

लौंग का तेल गैस्ट्रिक म्यूकस को बढ़ाने में मदद करता है, जो पेट को सुरक्षा प्रदान करता है, लेकिन इस संबंध में अभी और रिसर्च की जरूरत है। वहीं, लौंग में 1 चम्मच शहद मिलाकर सोने से पहले लेने की सलाह दी जाती है। हां, पाचन संबंधी परेशानी बढ़ने पर डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।

वजन कम करने के लिए लवंग खाने के फायदे – वजन कम करने में लौंग भी मदद कर सकता है। पौष्टिक डाइट के साथ ही नियमित रूप से लौंग का सेवन वजन नियंत्रित करने के लिए किया जा सकता है। डाइटिशियन नेहा श्रीवास्तव के मुताबिक, लौंग मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देकर वैट मैनेजमेंट में मदद कर सकता है। घरेलू उपाय के साथ ही वजन कम करने के लिए योग व एक्सरसाइज करना भी जरूरी है।

कैंसर के लिए लौंग के लाभ – मेडिकल शोध के अनुसार लौंग ट्यूमर को बढ़ने से रोक सकता है। लौंग के एथिल एसीटेट अर्क में एंटी-ट्यूमर गतिविधि पाई गई है, जिस वजह से इसका इस्तेमाल कैंसर के जोखिम को कम करने के लिए किया जा सकता है। रिसर्च में बताया गया है कि ओलिक एसिड की मौजूदगी की वजह से लौंग एंटी-ट्यूमर प्रभाव को प्रदर्शित कर सकता है

रिसर्च में लौंग के एंटी-ट्यूमर प्रभाव की क्षमता को जांचने के लिए अधिक शोध की सलाह दी गई है। प्रारंभिक अध्ययनों से यह भी पता चलता है कि फेफड़े, त्वचा और डाइजेस्टिव कैंसर के मामलों में लौंग का तेल एक कीमोप्रीवेंटिव भूमिका (Chemopreventive role) निभा सकता है ध्यान दें कि लौंग कैंसर का इलाज नहीं है। यह बस बचाव का एक तरीका हो सकता है। कैंसर से ग्रस्त होने पर डॉक्टर से इलाज करवाना अनिवार्य है।


स्ट्रेस के लिए लौंग खाने के फायदे – लौंग में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो तनाव की वजह से होने वाले पैथोलॉजिकल परिवर्तनों की रोकथाम में मदद कर सकता है। शोध में कहा गया है कि लौंग में मौजूद एंटी-स्ट्रेस एक्टिविटी तनाव को कम तो कर सकती है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि लौंग किस तरह तनाव से बचा सकता है लौंग का तेल संचार प्रणाली को उत्तेजित यानी स्ट्यूमिलेट करता है और मानसिक थकावट व थकान को कम कर सकता है। इसे अनिद्रा, स्मृति हानि, चिंता और अवसाद को कम करने में सहायक माना जाता है

सिरदर्द और दांत दर्द – पारंपरिक रूप से सिरदर्द से राहत के लिए लौंग का उपयोग किया जाता रहा है। लौंग में एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो दांत दर्द से भी राहत दिला सकता है। इसके अलावा, लौंग का तेल भी दांत और सिर दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। लौंग के तेल को दांत में लगाने से और लौंग व उसके तेल को सूंघने से सिरदर्द कम हो सकता है

लौंग खाने से क्या फायदा है
लौंग खाने से क्या फायदा है

लिवर के लिए लवंग खाने के फायदे –लौंग का पानी पीने के फायदे में लिवर स्वास्थ्य भी शामिल है। एक स्टडी में कहा गया है कि पैरासिटामोल की वजह से होने वाले लिवर इंजरी को कम करने में लौंग मदद कर सकता है। यह साइटोप्लाज्मिक एंजाइम्स में सुधार करके लिवर इंजरी से बचाव कर सकता है। ध्यान दें कि लिवर संबंधी समस्या के लिए लौंग पर निर्भर नहीं रहा जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

टेस्टोस्टेरोन के स्तर के लिए लौंग – बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि लौंग का प्रयोग अगर संयमित मात्रा किया जाए, तो यह टेस्टोस्टेरोन के उत्पादन में मदद कर सकता है। हालांकि, रिसर्च में कहा गया है कि इसकी अधिक मात्रा टेस्टोस्टेरोन उत्पादन को कम भी कर सकती है।

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अस्थमा के लिए लौंग के उपाय – लौंग में यूजेनॉल (Eugenol) कंपाउंड होता है, जिसे अस्थमा के लिए अच्छा माना जाता है। एक शोध के अनुसार, यह कंपाउंड एंटीअस्थमेटिक प्रभाव को प्रदर्शित करता है, जिस वजह से अस्थमा से होने वाली परेशानी को कम करने में लौंग सहायता कर सकता है। रिसर्च में कहा गया है कि लौंग में मौजूद ब्रोन्कोडायलेटर और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुणों की वजह से यह एंटी-अस्थमेटिक ड्रग जैसी क्षमता दिखा सकता है ।

लौंग के तेल की सुगंध नाक की नली को साफ करने में मदद करते हैं। साथ ही अस्थमा, खांसी, जुकाम, साइनस, ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं को शांत कर सकते हैं। अस्थमा से राहत पाने के लिए लौंग व इसके तेल के साथ शहद और लहसुन के मिश्रण का सेवन किया जा सकता है ।

हड्डियों के लिए लौंग – हड्डियों को मजबूत बनाने में भी लौंग सहायक हो सकता है। दरअसल, लौंग में मैंगनीज होता है, जो हड्डियों को मजबूत बना सकता है । एक रिसर्च में कहा गया है कि लौंग के हाइड्रोक्लोरिक अर्क में मौजूद यूजेनॉल हाइपोगोनैडल ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी संबंधी रोग) के खिलाफ लड़कर हड्डी-संरक्षण का कार्य कर सकता है।

कान का दर्द – लौंग के फायदे (Clove or Laung Benefits) में कान के दर्द से राहत दिलाना भी शामिल है। कान के दर्द के लिए लौंग के तेल को उसमें मौजूद दर्द निवारक और एनेस्थेटिक नेचर की वजह से इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे थोड़े समय के लिए दर्द का एहसास कम व खत्म हो सकता है। लौंग के तेल को अन्य तेल के साथ मिलाकर कॉटन की मदद से एयर कैनाल के पास रखा जा सकता है। इससे दर्द कम होने के साथ ही कान के संक्रमण से भी राहत मिल सकती है ।

एक्ने – त्वचा पर होने वाले एक्ने और पिम्पल को कम करने में भी लौंग का उपयोग किया जा सकता है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल कंपाउंड एक्ने के कारण होने वाले इंफ्लेमेटरी रिस्पॉन्स को कम कर सकता है। अर्थात एक्ने बैक्टीरिया की वजह से होने वाले स्किन इंफ्लेमेशन को भी कम करने में लौंग सहायक हो सकता है। इसी वजह से घर पर लौंग के उपाय के लिए एक्ने को भी जाना जाता है।

अभी तक आपने लौंग (Cloves) खाने के फायदों के बारे में ही सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मामलों में लौंग का सेवन काफी नुकसानदेह (Harmful) भी साबित हो सकता है ? लौंग खाने के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। कुछ लोग बिना इसके नुकसान के बारे में सोचे, माउथ फ्रेशनर के तौर पर दिन भर लौंग चबाते हैं, तो वहीं कुछ लोग भोजन के ज़रिये भी लौंग का बहुत अधिक सेवन करते हैं. ऐसे लोगों को लौंग के अत्यधिक (Excess) सेवन से जुड़े इन नुकसानों के बारे में भी जानने की ज़रूरत है. लौंग के फायदे (Clove or Laung Benefits), तो आप ऊपर जान ही चुके हैं। अब हम लौंग खाने के नुकसान के बारे में बता रहे हैं

ग्लूकोज लेवल को कम कर सकती है – लौंग के सेवन से शरीर में ग्लूकोज़ का लेवल कम हो सकता है. इसलिए उन लोगों को लौंग का सेवन कम ही करना चाहिए जिनके शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा कम रहती हो.

खून को पतला कर सकती है – लौंग का सेवन उन लोगों को नहीं करना चाहिए, जिनको ब्लीडिंग डिसऑर्डर जैसे हीमोफीलिया की बीमारी है. लौंग में खून को पतला करने के गुण (Clove or Laung Benefits) होते हैं जिससे कटने या छिलने पर ब्लीडिंग ज्यादा हो सकती है.

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लौंग का ज्यादा सेवन करने से किडनी और लिवर को भी नुकसान हो सकता है. इसकी तासीर बहुत गर्म होती है जिसके चलते लिवर, किडनी और पेट की परेशानी होने का खतरा रहता है.

गर्भावस्था में नुकसानदायक हो सकती है – गर्भावस्था में लौंग का सेवन ज्यादा करने से शुरूआती दिनों में ब्लीडिंग होने की संभावना होती है. साथ ही जो प्रसूताएं बच्चे को दूध पिलाती हैं उनके दूध के ज़रिये बच्चे तक इसका असर पहुंच सकता है. जिससे बच्चे को भी एलर्जी सहित कई और दिक्कतें होने का खतरा होता है.

आंखों में जलन – लौंग के ज्यादा सेवन से आंखों में जलन होने की परेशानी हो सकती है. इसलिए इसके अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए.

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लौंग के अत्यधिक सेवन से शरीर में एलर्जी होने का खतरा भी बना रहता है. इसलिए लौंग का सेवन सोच-समझ कर करें.

पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन को कम कर सकती है – ज्यादा मात्रा में लौंग का सेवन नहीं करना चाहिए. इससे पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन नामक हॉर्मोन कम हो सकता है. जिससे पौरुष शक्ति कम होने की

लौंग का उपयोग – How to Use Clove in Hindi

लौंग का उपयोग दैनिक जीवन में कई तरह से किया जा सकता है। क्या है लौंग का उपयोग करने का तरीका आइए नीचे जानते हैं।

  • फ्लेवरिंग एजेंट के रूप में इसका इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों, अचार और सॉस में किया जा सकता है।
  • लौंग के गुण और खूशबू की वजह से इसे एरोमाथेरेपी के लिए भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • लौंग को उबालकर इसके पानी को माउथ वॉश की तरह उपयोग कर सकते हैं।
  • लौंग को भोजन में मसाले के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • एक कप गर्म पानी में एक चौथाई चम्मच लौंग का चूर्ण डालकर सुबह और रात को पी सकते हैं।
  • लौंग के तेल की कुछ बूंदों से माथे की मसाज करके तनाव से राहत पा सकते हैं। घरेलू लौंग के टोटके में यह उपाय शामिल है।
  • मसूड़े के दर्द और सूजन के लिए लौंग के तेल की कुछ बूंदों को संक्रमित जगह पर लगाकर धीरे-धीरे 1-2 मिनट तक हल्की मसाज कर सकते हैं।
  • गले के संक्रमण और सूजन को कम करने के लिए एक गिलास गर्म पानी में एक छोटे चम्मच लौंग के चूर्ण को मिलाकर गरारा कर सकते हैं।
  • ब्लैक-टी में एक लौंग डालकर भी इसका सेवन कर सकते हैं। इसे सर्दी-जुकाम ठीक करने के लिए घरेलू लौंग के टोटके भी कहा जाता है।
  • लौंग को सीधे मुंह में डालकर चबा सकते हैं।
  • 4-5 लौंग को पीसकर साफ रूमाल में रखकर सूंघ सकते हैं।

साबुत लौंग के लाभ  (Clove or Laung Benefits) के साथ ही लौंग के तेल के फायदे भी कई हैं। इसी वजह से हम आगे लौंग का तेल बनाने की विधि बता रहे हैं।

लौंग का तेल बनाने की विधि

लौंग और लौंग के तेल के फायदे के बारे में आप ऊपर जान चुके हैं। अब हम घर में लौंग का तेल बनाने की विधि बता रहे हैं।

सामग्री:

12-15 साबुत लौंग या एक चम्मच लौंग का पाउडर।
100 एमएल जैतून का तेल।


बनाने की विधि:

  • एक कांच की बोतल में पहले जैतून का तेल डालें।
  • फिर साबुत लौंग या फिर लौंग का पाउडर डाल दें।
  • ऐसा करने के बाद बोतल का ढक्कन टाइट से बंद करके उसे अच्छा से हिला लें।
  • अब करीब 10 से 14 दिन तक बोतल को रोज हिलाएं और ऐसे ही रहने दें।
  • 14 दिन के बाद लौंग के गुण जैतून तेल में समा जाएंगे और लौंग का तेल बनकर तैयार हो जाएगा।
  • चाहें, तो बोतल में से साबुत लौंग या लौंग के पाउडर को छान कर निकाल सकते हैं।
    अन्यथा, उन्हीं के साथ तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।

 लौंग को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखा जा सकता है। उसके बाद लौंग खाने के नुकसान के बारे में जानेंगे।

लौंग को लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें ?

लौंग की कलियां सालों-साल तक खराब नहीं होती हैं। इसको लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कुछ खास जतन करने की आवश्यकता नहीं पड़ती है। बस लौंग को सूर्य की रोशनी से दूर एयरटाइट डब्बे में डालकर रख दें। इससे लौंग की खुशबू बनी रहती है और किसी तरह की नमी उसमें नहीं आती है। लौंग का पाउडर अगर खरीद रहे है, तो उसे फ्रिज में एयर टाइट कंटेनर में डालकर स्टोर करके रख सकते हैं।

Q : लौंग कहां पाया या उगाया जाता है?
Ans : लौंग (lavang) के पैदा होने का स्थान मलक्का द्वीप है, लेकिन भारत के दक्षिण में केरल और तमिलनाडू में इसकी खेती की जाती है। भारतवर्ष में लौंग का अधिकांश आयात सिंगापुर से किया जाता है।

Q : एक दिन में कितने लौंग ले सकते हैं?
Ans : लौंग प्रति दिन 2.5 मिलीग्राम प्रति किलो वजन के हिसाब से लिया जा सकता है। इससे अधिक का सेवन करने से विषाक्तता हो सकती है। मोटे तौर पर कहें, तो एक व्यक्ति दो से तीन लौंग की कलियों का सेवन कर सकता है। लौंग के फायदे (Clove or Laung Benefits) और नुकसान इसकी मात्रा पर ही निर्भर करता है।

Q : लौंग के लिए एक अच्छा विकल्प क्या है?
Ans : वैसे तो लौंग का कोई विकल्प हो नहीं सकता है, लेकिन अगर किसी को लौंग से एलर्जी हो, तो वह जायफल का इस्तेमाल कर सकता है। जायफल को लौंग का निकटतम विकल्प माना जाता है।

Q : क्या लौंग का तेल मनुष्यों के लिए विषाक्त है?
Ans : अधिक मात्रा में सेवन करने या फिर बिना डायल्यूट किए इस्तेमाल करने से यह विषाक्त हो सकता है।

Q : लौंग के अन्य नाम क्या हैं?
Ans : लौंग का अंग्रेजी नाम क्लोव (Clove) है। उर्दू, मराठी और कन्नड़ में इसे लवंग कहा जाता है।

Q : क्या लौंग ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है?
Ans : हां, लौंग के सेवन से ब्लड सर्कुलेशन बेहतर हो सकता है।

Q : क्या लौंग से फेफड़े में खून आता है?
Ans : इस तथ्य से जुड़ा कोई वैज्ञानिक शोध उपलब्ध नहीं है। इसकी संयमित मात्रा सुरक्षित मानी जाती है। हां, क्लोव सिगरेट पीने से लंग्स इंजरी हो सकती है ।

Q : लौंग की तासीर कैसी होती है?
Ans : लौंग की तासीर गर्म होती है।

Q : रात को सोते समय लौंग खाने से क्या होता है?
Ans : रातों के समय यदि दो लौंग मुंह में रखी जाती हैं, तो खांसी नियंत्रित होने के साथ ही नींद भी बेहतर हो सकती है ।

Q : क्या खाली पेट लौंग खाने से फायदे हैं?
Ans : खाली पेट लौंग खाने से खांसी दूर हो सकती है। साथ ही स्ट्रेस दूर करने और वजन कम करने में भी खाली पेट लौंग खाना फायदेमंद हो सकता है।

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