Cow Hug Day | Cow Hug Day you should know these facts | Cow Hugging Benefits |’Cow Hug Day’से मिल रहा है जबरदस्त फायदा | जानवरों को गले लगाने से इंसान को कितना फायदा होता है

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Cow Hug Day

Cow Hug Day | Cow Hug Day you should know these facts | Cow Hugging Benefits |’Cow Hug Day’से मिल रहा है जबरदस्त फायदा | जानवरों को गले लगाने से इंसान को कितना फायदा होता है

Cow Hug Day : बीते दिनों मध्यप्रदेश में वेलेंटाइन डे को काउ हग डे (Cow Hug Day) के रूप में मनाने की अपील की गई थी। मध्यप्रदेश पशुपालन कल्याण बोर्ड ने लोगों से अपील की थी कि 14 फरवरी को गौ आलिंगन दिवस (Cow Hug Day)के रुप में मनाया जाए।

बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने कहा था कि इससे लोगों में गाय के लिए प्रेम बढ़ेगा। हालांकि बोर्ड ने अपनी अपील वापस ले ली। लेकिन अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज अपनी बात पर कायम नजर आए।उन्होंने आज दिन की शुरूआत गायों के साथ ही की है।उन्होंने गायों का पूजन अर्चन कर उन्हें रोटी और गुड़ खिलाया और उन्हें गले लगा कर स्नेह किया।

Cow Hug Day : भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने 14 फरवरी को काउ हग डे (Cow Hug Day) मनाने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद से ही देश में ‘काउ हग डे’ (Cow Hug Day) को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। कुछ लोगों ने जानवरों के प्रति प्रेम और स्नेह का भाव बनाए रखने के लिए इस प्रस्ताव का स्वागत किया। मगर वहीं दूसरी तरफ ‘Cow Hug Day’ को लेकर सोशल मीडिया पर मजाक, मीम्स और कमेंट्स की बाढ़ आ गई है।

वैलेंटाइन डे के विरोध में पशुपालन कल्याण बोर्ड ने कॉउ हग डे मनाने की अपील भले ही वापस ले ली हो, लेकिन इस अपील का असर देखने को जरूर मिल रहा है. क्युकी 14 फेब्रुअरी (february) को मध्यप्रदेश पशुपालन कल्याण बोर्ड के उपाध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी महाराज ने 14 फरवरी को गौ आलिंगन दिवस (Cow Hug Day) के रुप में मनाया और युवाओं से गायों के संरक्षण का संकल्प लेने की अपील की है ।

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गाय को गले लगाने के फायदे को लेकर वैश्विक स्तर पर कई रिसर्च सामने आ चुके हैं।

‘Cow Hug Day’ से मिल रहा है जबरदस्त फायदा.जानवरों को गले लगाने से इंसान को कितना फायदा होता है।

  • पशु चिकित्सको ने दावा किया कि पशु (Cow Hug Day) को गले लगाने से हाई ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को मदद मिली है।
  • हालांकि केवल गायों को ही गले नहीं लगाया जा सकता है। यह कोई भी जानवर हो सकता है जो आपको कोमलता का अनुभव प्रदान करें। इस कैटेगिरी में कुत्ता या घोड़े को भी रखा जा सकता है।
  • पशु को गले लगाने से विचलित मन को शांत होने में मदद मिलती है। हालांकि त्वचा से त्वचा मिलने में कोई औषधीय गुण ट्रांसफर नहीं होता है।
  • पशु चिकित्सको के अनुसार गाय शांत होती हैं, आसानी से इंसानों से परिचित हो जाती हैं।
    घोड़े गायों से भी अधिक शांत होते हैं, लेकिन वे आसानी से मित्र नहीं बन सकते। यही बात डॉग्स के लिए लागू होती है।
  • गाय को गले (Cow Hug Day)लगाने से भावनात्मक रूप से परेशान और उच्च रक्तचाप वाले रोगियों को फायदा हुआ, जिससे यह साबित होता है कि यह 100% विज्ञान है।’
  • गायों को गले (Cow Hug Day)लगाने से भावनात्मक संपन्नता आएगी और सामूहिक प्रसन्नता बढ़ेगी।
  • वैदिक परंपराएं पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं और पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है।

दुनिया में गायों से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभ को दी गई मान्यता

मनोवैज्ञानिकों सहित कई एक्सपर्ट्स का कहना है कि गाय से होने वाले स्वास्थ्य लाभ को आज दुनिया भर में मान्यता दी जा रही है। एक्सपर्ट्स कहते हैं पालतू जानवर हमेशा ही तनाव तनाव कम करने में आपकी मदद करते हैं। कुत्ते और बिल्लियों को पालतू जानवरों की इस श्रेणी में सबसे ऊपर रखा जाता है।

इसके अलावा भी कई जानवरों के साथ इंसान का जुड़ाव उनके तनाव को कम करने में काफी मदद करता है। नीदरलैंड्स में गाय को गले लगाना एक आम बात है। डच भाषा में गाय को गले लगाने को ‘कोए नफेलेन’ ( “koe knuffelen”) कहा जाता है। इसे एक सदियों पुरानी प्रथा के तौर पर जाना जाता है, जो एक उपचार के तौर पर देखी जाती है।

जानवरों को गले लगाकर इंसानों का तनाव होता है कम

AIIMS के एक मनोचिकित्सक ने कहा, ‘इंसान का जानवरों को गले लगाना, इंसानों और जानवरों दोनों के लिए सांत्वना और आराम के तरीके के रूप में देखा जाता है। इसे पशु चिकित्सा के तौर पर देखा जाता है। जो लोग अपने जीवन में काफी अकेले हैं, वह जानवरों को गले लगाकर काफी सुखद अनुभव करते हैं।

इससे उनका मानसिक तनाव कम होता है। मनोचिकित्सक ने कहा कि किसी पालतू जानवर को गले लगाकर लोग अपने तनाव को कम कर सकते हैं। मगर लोग आमतौर पर गायों को गले लगाना पसंद करते हैं। दरअसल भारत में गायों का एक सांस्कृतिक महत्व है और इसे एक पवित्र पशु माना जाता है।

वैदिक युग से है यह प्रथा

गाय को गले लगाना कोई नए जमाने की एक्टिविटी नहीं है। इसकी उत्पत्ति वैदिक युग में हुई है। एक गाय एक अत्यधिक विकसित और संवेदनशील प्राणी है और वेदों में उसे धेनु कहा गया है।

कबीर के बारे में कहा जाता है कि उन्हें अपनी काव्य क्षमता तब मिली जब एक गाय ने उनके माथे को चाटा। गाय क्वांटम स्तर पर एक उच्च चेतना से उलझी हुई है और इसका मनुष्यों पर कर्म प्रभाव है। लगभग सभी विश्व धर्मों और संस्कृतियों ने गाय से जुड़े लाभों की बात की है।

क्या है पूरा मामला

भारतीय पशु कल्याण बोर्ड ने एक नोटिस जारी कर लोगों से 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’(Cow Hug Day) मनाने की अपील की है। गौरतलब है कि हर साल 14 फरवरी को ‘वैलेंटाइन डे’ मनाया जाता है।

पशुपालन और डेयरी विभाग के तहत आने वाले बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं।

’ नोटिस में कहा गया है कि गायों को गले लगाने से भावनात्मक संपन्नता आएगी और सामूहिक प्रसन्नता बढ़ेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि वैदिक परंपराएं पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण लगभग विलुप्त होने के कगार पर हैं और पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को लगभग भुला दिया है।

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