Depression Symptoms in Hindi | Causes | Treatment | Stress



अवसाद: लक्षण, कारण, और उपचार
Depression (अवसाद) हमारे मन से संबंधित रोग होता है आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में प्रतिस्पर्धा के कारण तनाव (Stress) से हर व्यक्ति जूझता है।
कुछ हद तक तनाव होना सामान्य है लेकिन अगर तनाव आपके जीवन पर हावी होने लगता है तो डिप्रेशन (Depression Symptoms in Hindi) में तब्दील हो जाता है। यह नकारात्मक रूप से हमारे जीवन को प्रभावित करता है और उदासीनता की भावना पैदा होती है। जिससे विभिन्न प्रकार की भावनात्मक तथा शारीरिक समस्याएं उत्पन्न होने लगती है Depression से ग्रसित व्यक्ति के कार्य पर इसका असर पड़ने लगता है।
Depression का लम्बे समय तक चलना एक गम्भीर समस्या है। Depression से ग्रस्त व्यक्ति धीरे-धीरे समाज से कट जाते हैं एवं उनके दिमाग में आत्महत्या जैसे गलत विचार आने लगते हैं। सौभाग्य से, Depression का इलाज संभव है इससे ग्रसित व्यक्ति को अपनी चिंताओं के बारे अपने माता-पिता, जीवन साथी, मित्र, से बात करने की जरूरत है।
Depression Meaning in Hindi – क्या होता है डिप्रेशन या अवसाद?
डिप्रेशन को हिंदी में अवसाद के नाम से जाना जाता है। यह एक प्रकार का मूड डिसॉर्डर होता है जो बहुत ही आम है। चिकित्सकों के अनुसार नकारात्मक बीमारी है जो आपके सोचने की क्षमता, आपके कार्य करने की क्षमता को बुरे से प्रभावित करती है।यह आपके कार्य करने की क्षमता को कम कर सकता है। अलग अलग लोग विभिन्न तरीकों से डिप्रेशन का अनुभव करते हैं। डिप्रेशन के परिणामस्वरूप आप अपना समय बर्बाद कर सकते हैं और आपकी उत्पादकता कम हो सकती है। बहुत बार डिप्रेशन आपकी पुरानी स्वास्थ्य स्थितियों को भी प्रभावित कर सकता है।
बच्चों में Depression



बच्चों पर किये गए अध्यनो में पाया गया है की 11 से 17 वर्ष के भी Depression की समस्या से पीड़ित हो रहे मनोचिकित्सकों के अनुसार इसका मुख्य कारण पढ़ाई का दबाव और प्रतिस्पर्धा का होना यह लक्षण स्कूली शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों को चुनौतीपूर्ण बना सकते हैं।
छोटे बच्चों को यह व्यक्त करने में कठिनाई हो सकती है कि वे शब्दों में कैसा महसूस करते हैं। इससे उन्हें दुख की अपनी भावनाओं को समझाने में मुश्किल हो सकती है।
कॉलेज में समय तनावपूर्ण हो सकता है, कुछ छात्रों को इन परिवर्तनों का सामना करने में कठिनाई होती है जैसे शारीरिक परिवर्तन, सहपाठी प्रतिस्पर्धा, परिणामस्वरूप वे Depression का शिकार हो सकते है।
वे निम्नलिखित लक्षणों का अनुभव कर सकते हैं :-
दोस्तों और परिवार से दुरी बनाना, स्कूल की पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, खुद को दोषी, बेचैनी, असहाय या बेकार महसूस करना।
इसलिए बच्चो पर अपने विचार न थोपे उनसे बात करे और उनके दोस्त बन कर रहे जिससे जरूरत पड़ने पर वो आपके पास आकर अपनी समस्याओ के बारे में आपको बता सके।
वयस्क महिलाओं व पुरुषों में Depression का मुख्य कारण आर्थिक तंगी, अकेलापन, प्रियजन को खो देना, हार्मोन में आए बदलाव, पारिवारिक कलह बेरोजगारी, प्रताड़ना होते है।
Depression का अनुभव करने के लिए पुरुषों की तुलना में महिलाओं की अधिक संभावना है। कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एक तिहाई महिलाएं अपने जीवनकाल में Depression का अनुभव करती है।
उदासी या दुःख / शोक से अलग है
किसी प्रियजन की मृत्यु, नौकरी का खो जाना या किसी रिश्ते का अंत किसी व्यक्ति के लिए सहना मुश्किल अनुभव है। ऐसी स्थितियों के जवाब में विकसित होने के लिए उदासी या दु: ख की भावनाएं सामान्य हैं। नुकसान का सामना करने वाले अक्सर खुद को “उदास” होने का वर्णन कर सकते हैं।
लेकिन उदास होना डिप्रेशन होने जैसा नहीं है। शोक करने की प्रक्रिया प्रत्येक व्यक्ति के लिए प्राकृतिक है और Depression की कुछ समान विशेषताएं साझा करती हैं। दु: ख और Depression दोनों में सामान्य गतिविधियों से तीव्र उदासी और वापसी शामिल हो सकती है।
डिप्रेशन या अवसाद के कारण जो स्थिति खराब हो सकती है उनमें शामिल हैं
- गठिया
- दमा
- हृदय रोग
- कैंसर
- मधुमेह
- मोटापा
Depression के कारण
डिप्रेशन के प्रकार
डिप्रेशन का प्रकार उसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। कुछ लोगों में यह बहुत ही कम होता है, और उनमे दुःख के अस्थायी एपिसोड्स होते हैं। जबकि कुछ लोगों में यह बहुत गंभीर होता है और उनमे इसके एपिसोड चलते ही रहते हैं या यूँ कहें कि वे लगातार डिप्रेशन का शिकार रहते।
डिप्रेशन के प्रकार है-
- मेजर डिप्रेशन डिसॉर्डर (MDD)
- पर्सिस्टेंस डिप्रेसिव डिसॉर्डर(PPD )
- बाइपोलर डिसॉर्डर
- सीजनल अफ्फेक्टिव डिसॉर्डर(SAD)
- साइकोटिक डिसॉर्डर
- पेरीपार्टम डिसॉर्डर (PPD)
- प्रीमेंस्ट्रुअल डाइसफोरिक डिसॉर्डर (PMDD)
डिप्रेशन होने के बहुत सारे कारण होते हैं जैसे
- आर्थिक तंगी
- प्रतिस्पर्धा
- प्रियजन को खो देना
- हार्मोन में आए बदलाव
- पढ़ाई का दबाव
- पारिवारिक कलह
- बेरोजगारी
- प्रताड़ना
डिप्रेशन के कुछ सामान्य कारण
मस्तिष्क संरचना: यदि आपके दिमाग का आगे का लोब कम सक्रिय है तो आपको अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का जोखिम अधिक होता है
चिकित्सीय स्थितियां: कुछ medical conditions जैसे पुरानी बीमारी, अनिद्रा, पुराना दर्द, या अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसॉर्डर
- शराब और दवाओं का दुरूपयोग
- आत्म-सम्मान की कमी या आत्म-आलोचनात्मक होना
- मानसिक बीमारी का व्यक्तिगत इतिहास
- कुछ दवाएं भी डिप्रेशन (Depression in Hindi) का कारण हो सकती हैं
- तनावपूर्ण घटनाएं, जैसे किसी प्रियजन की मृत्यु, आर्थिक समस्याएं, या तलाक
- कुछ लोगों के पास उनके अवसाद के लिए कोई कारण नहीं होता।
Depression के लक्षण
- हमेशा उदास व चिंतित महसूस करना।
- मन में निराशावादी विचारों का संचार।
- खुद को दोषी, बेकार व असहाय महसूस करना।
- मनपसंद चीजों को भी करने में मन न लगना।
- एकाग्रता में कमी व निर्णय लेने में परेशानी
- बहुत अधिक व बहुत कम सोना
- भूख में परिवर्तन
- वजन का बढ़ना व कम होना
- बेचैनी व चिड़चिड़ाहट महसूस होना
- मन में अक्सर आत्महत्या या मरने का विचार आना
- सोशल लाइफ से दूर हो जाना
- परिवार व दोस्तों से दूरी बनाना
- शराब व नशीली दवाओं का अत्यधिक सेवन
Depression का इलाज



डिप्रेशन के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- अवसाद पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
- यह काफी आम समस्या है जो 20 में से 1 हिंदुस्तानी को है।
- अवसाद के लक्षण बच्चों, किशोरों और वयस्कों में अलग अलग हो सकते हैं।
- इलाज न किये जाने पर यह कई महीनों तक या कई सालों तक रह सकता है।
- इलाज के साथ इसके लक्षणों में कुछ ही हफ़्तों में सुधार दिखाई पड़ता है।
Depression Treatment in Hindi – डिप्रेशन का इलाज
Depression महसूस होने पर दोस्त या परिवार के सदस्य के साथ समस्याओं के बारे में बात करनी चाहिये। पीड़ित व्यक्ति को डॉक्टर या काउंसलर से मिलवाएं।
डिप्रेशन कोई कमजोरी नहीं होती कि आप आसानी से इससे बाहर आ जाएँ, इसके लिए आपको उचित और लम्बे उपचार की आवश्यकता होती ही है। यदि आपको लगता है कि डिप्रेशन या अवसाद का कोई इलाज नहीं है तो निराश न हो, इसके लिए मई आपको कुछ उपयोगी टिप्स दे रही हु इनका पालन करे
डिप्रेशन के इलाज के लिए मनोचिकित्सक ऐंटी-डिप्रेसेंट दवाओं का भी सहारा लेते है।मनोचिकित्सक आमतौर पर सलाह देते हैं मरीज में सुधार होने के बाद भी 6 या अधिक महीनों तक दवा लेते रहें और मरीज को अकेले नहीं रहने दे उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताये ।
परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं



परिवार के साथ समय बिताये उनसे बात करे थेरेपिस्ट कभी भी परिवार और दोस्तों की जगह नहीं ले सकता। इसलिए पीड़ित के साथ समय बिताएं, उसके साथ घूमने जाएं, मस्ती मजा करें, खूब बातें करें, दिल खोलकर हंसे, उन्हें महसूस कराये की वो इस दुनिया में वो अकेले नहीं हैं।
दोस्ती वह रिश्ता है, जिसमे न झिझक होती है, न शरम और न ही कोई बेचैनी। मित्र राजदार भी होते हैं और सुख-दुःख के साथी भी। आप अपने दिल की हर बात उससे बोल सकते हो। दोस्त के साथ वक्त बीताना आत्मविश्वास बढ़ाता है और आपके अंदर positive बदलाव लाता है।
पालतु जानवरों के संपर्क में आएं
आप Depression के शिकार हैं तो पालतू जानवर (Dog, Cat) पालिये। जानवरों में एक विशेष प्रकार का खिंचाव होता। उनसे बातें करिए। इन्हें खाना खिलाइए। उनकी आवाज और मासूमियत आपके दुख और एकांत को कम कर देंगी यह थेरेपी भी बहुत हद तक सफल रही है ये मासूम जानवर आपको बिना किसी शर्त के प्यार करते हैं।
प्रकृति के पास जाइए
आप पेड़-पौधे, तालाब, नदी-समुद्र, पहाड़ और जानवरों के पास जाएंगे तो आपको अच्छा महसूस होगा आप अपने घर पर भी प्लांट्स लगा सकते है रोज उनकी देखभाल करे, संगीत सुने जो भी आपका शौक़ है उनको पूरा करे।
योग करे
योग और मेडिटेशन से Depression का इलाज संभव है और अभी भी इसपर काफी शोध चल रहा है। Depression से बाहर आने का यह भी एक सफलतम इलाज देखा गया है।
दवाएं : आपका डॉक्टर एंटीड्रिप्रेसेंट्स, एंटीएंजाइटी, या एंटीसाइकोटिक दवाएं लिख सकता है।
साइको थेरेपी या मनोचिकित्सा: इसमें आप अपने मनोचिकित्सक के साथ बात करके नकारात्मक भावनाओं से निपटने के लिए कौशल सीख सकते हैं। आप परिवार या समूह चिकित्सा सत्र से भी लाभ उठा सकते हैं।
लाइट थेरेपी : व्हाइट लाइट की सहायता से डिप्रेशन के लक्षणों को कम किया जा सकता है और मूड को भी नियंत्रित किया जा सकता है। इस थेरेपी का इस्तेमाल मेजर डिप्रेसिव डिसॉर्डर का इलाज करने में किया जाता है।
वैकल्पिक उपचार : एक्यूपंक्चर या मैडिटेशन (ध्यान) की सहायता से भी डिप्रेशन का इलाज किया जाता है, इसके बारे में भी अपने डॉक्टर से अवश्य सलाह लें। कुछ हर्बल सप्लीमेंट्स जैसे सेंट जॉन वॉर्ट, SAMe और मछली के तेल का उपयोग
अवसाद के इलाज (Depression Treatment in Hindi) के लिए भी किया जाता है।
“किसी भी सप्लीमेंट या सप्लीमेंट को निर्धारित दवाई के साथ मिलाने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें। ऐसा करने से आप इसके दुष्प्रभावों से बच सकते हैं। कुछ सप्लीमेंट्स का आपकी सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है, और यह आपके डिप्रेशन (Depression in Hindi) को और बेकार भी कर सकता है।
नियमित व्यायाम : एक हफ्ते में कम से कम 3 से 5 दिन, 30 मिनट के लिए व्यायाम अवश्य करें। नियमित व्यायाम आपके शरीर में एंडोर्फिन्स नामक हार्मोन को बढ़ता है जो आपके मूड को अच्छा करता है।
शराब और नशीले पदार्थ न लें : शराब और नशीले पदार्थ आपको कुछ समय के लिए राहत पहुंचा सकते हैं पर लम्बे समय तक इसका सेवन डिप्रेशन और चिंता को और बढ़ा सकता है।
अपना ख्याल रखें : आप स्वयं की देखभाल करके अवसाद के लक्षणों में सुधार कर सकते हैं। इसके लिए अच्छी नींद लीजिये, एक स्वस्थ आहार खाएं, नकारात्मक लोगों से दूर रहें, और आनंददायक गतिविधियों में भाग लें।
कभी कभी अवसाद (Depression Meaning in Hindi) का इलाज दवाइयों से भी नहीं होता, तब उस स्थिति में आपका डॉक्टर आपको कुछ अन्य ट्रीटमेंट ऑप्शन देगा
जैसे कि- इलेक्ट्रोकोनवल्सिव थेरेपी, यह ब्रेन को स्टिमुलेट करती है और मेजर डिप्रेशन के इलाज (Depression Treatment in Hindi) की लिए इस्तेमाल की जाती है, ट्रांसक्रैनियल मेग्नेटिक स्टिमुलेशन – यह नर्व सेल्स को स्टिमुलते करती है और मूड को नियंत्रित करती है।
सुशांत सिंह राजपूत Depression or murder ?



सुशांत सिंह राजपूत की असामयिक मौत ने उनके फैन को स्तब्ध कर दिया था किसी को विस्वास नहीं होता की एक होनहार और सफल युवा अभिनेता Depression के चलते आत्महत्या भी कर सकता है उनको करीब से जानने वाले दावा करते है की वह ऐसा कायरतापूर्ण कार्य नहीं सकते।
उन्होंने बॉलीवुड में अपनी कड़ी मेहनत के बल पर बैकग्राउंड डांसर से एक सफल अभिनेता बनने का सफर तय किया। सफलता के शिखर पर पहुंच कर वह हार कैसे सकता है।



ऐसे कई सारे सवाल है जो हम सबके दिमाग में घूम रहे है सुशांत सिंह राजपूत द्वारा अभिनीत फिल्म छिछोरे जिसमे वह एक ऐसे ही बच्चे के पिता का किरदार निभाते नजर आते है जो पढ़ाई का दबाव और परीक्षा में असफल होने के कारण हार मान लेता है। और उसका पिता कैसे उसमे आत्विश्वास जगाता है यह कहानी दिल को छू लेती है
Bottom line
यदि आपका भी कोई परिचित डिप्रेशन से जूझ रहा हैं, तो इसे अनदेखा न करें। उनसे बात करे और अपने नजदीकी न्यरोलॉजिस्ट (डॉक्टर) से संपर्क करें।