Diwali 2020 Date : जानें धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, भैया दूज, गोवर्धन पूजा का सही समय

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Diwali 2020 Date : धनतेरस (Dhanteras 2020) का पर्व

Dhanteras 2020 :know here Dhanteras in india correct date and time
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हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का बहुत महत्व है। दिवाली का पर्व धनतेरस से आरंभ हो कर भाई दूज पर समाप्त होता है। इस वर्ष दिवाली 14 नवंबर (शनिवार) को आ रही है।

इससे एक दिन पहले (Dhanteras 2020) धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। लेकिन इस बार छोटी और बड़ी दिवाली एक ही दिन है। दरअसल कार्तिक मास की त्रयोदशी इस साल 13 नवंबर की है और छोटी और बड़ी दिवाली 14 नवंबर की हैं।

इस वर्ष यह पर्व (Dhanteras 2020) 13 नवंबर को मनाया जाएगा।लेकिन ज्योतिशो के अनुसार इस वर्ष (2020) में धनतेरस 2020 (Dhanteras 2020) 2 दिन मनाया जायेगा। क्युकी त्रयोदशी तिथि का शुभारंभ गुरुवार, 12 नवंबर की रात्रि 9:30 बजे से हो रहा है.

12 नवंबर को खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त रात्रि 11:30 से 1:07 बजे और रात्रि 2:45 से अगले दिन सुबह 5:57 तक है.  13 नवंबर को खरीदारी के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 5:59 से 10:06 बजे, 11:08 से 12:51 बजे और 3:38 से संध्या 5:00 बजे तक है.

धनतेरस के शुभ मुहूर्त (Dhanteras shubha muhut)

12 नवंबर

रात्रि 11:30 से 1:07 बजे तक

13 नवंबर

सुबह 5:59 से 10:06 बजे,

11:08 से 12:51 बजे

दिवा 3:38 से संध्या 5:00 बजे तक

जो लोग 12 नवंबर को धनतेरस (Dhanteras) मना रहे हैं, वे 13 तारीख को नरक चतुर्दशी मनाएंगे और 14 तारीख को दिवाली मनाएंगे. वहीं, जो लोग 13 नवंबर को धनतेरस मनाएंगे, वे दिवाली के दिन ही नरक चतुर्दशी भी मनाएंगे।

जो शुक्रवार 13 नवंबर की संध्या करीब 6:00 बजे तक रहेगी. इसलिए 12 नवंबर की रात्रि 9:30 बजे के बाद से धनतेरस को लेकर खरीदारी की जा सकती है. हालांकि उदया तिथि में त्योहार मनाया जाता है। ऐसे में धनतेरस (Dhanteras) 13 नवंबर को मनाया जाएगा।

छोटी दिवाली कब है ( when is Choti Diwali)

छोटी दिवाली (Choti Diwali) 2020
छोटी दिवाली (Choti Diwali) 2020

छोटी दिवाली (Choti Diwali) का पर्व दीपावली (Diwali) से ठीक एक दिन पहले मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व (14 नवंबर) मनाया जाएगा दरसल 14 नवंबर को नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली एक ही दिन है।

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) को यम चतुर्दशी (Yam Chaturdashi) और रूप चतुर्दशी (Roop Chatirdashi) या रूप चौदस (Roop Chaudas) भी कहते हैं. । इस दिन दीप दान किया जाता है जो की यमराज को समर्पित होता है।

Read also : Diwali 2020 Date : छोटी दिवाली कब है,जानें यम पूजा और नरक चतुर्दशी का शुभ मुहुर्त तथा पूजा विधि

नरक चतुर्दशी (Narak Chaturdashi) तिथि और स्‍नान का शुभ मुहूर्त 

चतुर्दशी तिथि प्रारंभ: 13 नवंबर 2020 को शाम 05 बजकर 59 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समाप्‍त: 14 नवंबर 2020 को दोहपर 02 बजकर 17 मिनट तक.
अभ्‍यंग स्‍नान का मुहूर्त: 14 नवंबर 2020 को सुबह 05 बजकर 23 मिनट से सुबह 06 बजकर 43 मिनट तक.
कुल अवधि: 01 घंटे 20 मिनट.

दीपावली पूजन 2020 Date: कब है (When is Deepawali 2020)

When is Deepawali 2020
When is Deepawali 2020

कार्तिक कृष्ण अमावस्या को सम्पूर्ण भारत में दीपावली का त्यौहार बड़े हर्षों-उल्लास से मनाया जाता है यह हिन्दुओ का सबसे बड़ा त्यौहार है, आज लोग विभिन्न प्रकार से घरो और दुकानों (बाजारो) को रौशनी से सजाते है जो की रात्रि में बहुत मन मोहक लगती है।

When is Deepawali 2020

और रात्रि को माता लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है इसी दिन लक्ष्मी समुद्र से प्रकट हुयी थी, और इसी दिन राजा बलि को पाताल का राजा बना कर वामन (जो की विष्णु के अवतार थे) भगवान ने उनकी ठोड़ी पर रहना स्वीकार किया तथा श्री राम चंद्र जी ने रावण का वध कर सीता जी और लक्ष्मण, हनुमान व सेना सहित अयोध्या लोटे थे ।

Diwali 2020 Lakshmi पूजन 

चूंकि दीपावली अमावस्या तिथि की रात और लक्ष्मी पूजन की शाम को होता है, इसलिए 14 नवंबर को ही महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा। अमावस्या अगले दिन 15 नवबर को 10 बजे तक रहेगी।

Bhai Dooj 2020 Date: कब है भाई दूज का पावन पर्व, जानें क्यों मनाया जाता है यह त्यौहार.
Bhai dooj 2020
Bhai dooj 2020

भाई दूज ( यम द्वितीय) यह त्यौहार कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को मनाया जाता है यह भाई -बहन के प्रेम का प्रतीक है. बहन के द्वारा भाई को तिलक लगाना तथा भाई का बहन के घर भोजन करना अति फलदायक होता है।

( Bhai dooj 2020 know why this festival celebrated here are the significance)

ऐसी मान्यता हैं की इस दिन जों भाई बहन के घर आते है। उन्हें धन धान्य, आयुष्य व अपरिमित सुख़ की प्राप्ति होती हैं उन्हें जीवन में कभी अकाल मृत्यु का भय नहीं होता हैं। दिन 15 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी और अंतिम दिन 16 नवंबर को भाई दौज या चित्रगुप्त जयंती मनाई जाएगी।

भाई दूज पर तिलक का शुभ मुहूर्त (Bhai dooj 2020 tilk shubha muhurt )

भाई दूज पर तिलक का समय- दोपहर 01:10 बजे से दोपहर 03:18 बजे तक
अवधि- 2 घंटा 8 मिनट
द्वितीया तिथि प्रारंभ-16 नवंबर 2020 को सुबह 07:06 बजे से
द्वितीया तिथि समाप्त- 17 नवंबर 2020 को तड़के 03:56 बजे तक

भाई को तिलक लगाने की विधि

  • सुबह स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें. भगवान का पूजन करें.
  • मुहूर्त से पहले भाई के तिलक के लिए थाल सजा लें.
  • थाल में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फल, फूल, मिठाई, अक्षत और सुपारी रख लें.
  • पिसे हुए चावल के आटे या घोल से चौक बनाएं और शुभ मुहूर्त में इस चौक पर भाई को बिठाएं.
  • इसके बाद भाई को तिलक लगाएं.
  • तिलक करने के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें और उनकी आरती उतारें.
  • तिलक और आरती के बाद भाई को मिठाई खिलाएं और अपने हाथों से बना भोजना कराएं.

गोवर्धन पूजा कब  है (when is Govardhan puja 2020)

Govardhan puja 2020
Govardhan puja 2020

हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का अलग ही महत्व है। यह पर्व दिवाली के ठीक दूसरे दिन मनाया जाता है। इस वर्ष गोवर्धन पूजा 15 नवंबर 2020 को है। हिन्दू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा का त्यौहार मनाया जाता है

गोवर्धन पूजा का शुभ मूहर्त  (Govardhan puja 2020)

गोवर्धन पर्व 15 नवंबर 2020 को पड़ रहा है, तिथि है कार्तिक माह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा. पूजा का सांय काल का शुभ मुहूर्त दोपहर के 3 बजकर 17 मिनट से शुरू होकर शाम 5 बजकर 24 मिनट तक का है. वहीं प्रतिपदा तिथि 15 नवंबर 2020 की सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और 16 नवंबर 2020 को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी.

दरअसल इस बार पंचांग के अनुसार द्वितीय तिथि नहीं जिसके कारण तिथि घट रही हैं। इस साल कार्तिक मास की अमावस्या 14 नवंबर 2020 को पड़ रही है। इस बार 14 नवंबर को दोपहर दो बजकर 18 मिनट तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी।

इसके बाद अमावस्या तिथि शुरू हो जाएगी। अमावस्या तिथि 14 नवंबर से प्रारंभ होकर दोपहर 2 बजकर 17 मिनट से अगले दिन 15 नवंबर को सुबह 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगी। ऐसे में दिवाली 14 नवंबर को मनाई जाएगी।

बंदी छोड़ दिवस क्या है (bandichhod diwas)14 November 2020

बंदी छोड़ दिवस क्या है (bandichhod diwas)14 November 2020
बंदी छोड़ दिवस क्या है (bandichhod diwas)14 November 2020

बंदी छोड़ दिवस (लिबरेशन डे) एक सिख त्यौहार है जो दिवाली के दिन ही मनाया जाता है। बंदी छोड़ दिवस छठे गुरु, गुरु हरगोबिंद के ग्वालियर और उनके साथ 52 अन्य राजकुमारों के जेल से रिहाई पर मनाते हैं।

बंदी शब्द का हिन्दी अर्थ कैदी, छोड़ को रिहाई और दिवस का मतलब दिन है। बंदी छोड़ दिवस को कैदियों को जेल से आजादी वाले दिन के रूप में मनाया जाता है।

गुरु अमर दास ने इस त्यौहार के लिए दिवाली का चयन किया, जिसे बाद में बंदी छोड़ दिवस क्या है (bandichhod diwas) के रूप में संदर्भित किया गया, सिखों द्वारा मनाए जाने वाले तीन प्रसिद्ध त्यौहारों में से एक है यह त्यौहार, अन्य त्यौहारों में माघी और वैसाखी हैं।

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(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. https://sangeetaspen.com/ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)

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