EVM : भाजपा प्रत्याशी की कार से ईवीएम बरामद

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EVM recovered from BJP candidate's car
EVM recovered from BJP candidate’s car

असम समेत पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के दौरान EVM को लेकर नया बवाल शुरू हुआ, लेकिन अब चुनाव आयोग की सफाई के बाद मामला ठंडा पड़ गया है। भाजपा प्रत्याशी की कार से ईवीएम बरामद होने के बाद हल्ला मचाया, लेकिन चुनाव आयोग ने जांच के स्पष्ट किया कि पोलिंग पार्टी ईवीएम लेकर लौट रही थी, तभी उनकी गाड़ी खराब हो गई।

तभी वहां पहुंचे भाजपा प्रत्याशी ने उनकी मदद की। इस तरह चुनाव में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है। पोलिंग पार्टी को तब जानकारी नहीं थी कि जिस कार से वे लिफ्ट ले रहे हैं, वो भाजपा प्रत्याशी की है। बहरहाल, अब चुनाव आयोग ने चार अधिकारियों का सस्पेंड कर दिया है और करीमगंज के बूथ नंबर 149 पर दोबारा वोटिंग के लिए कहा है।

अब तक की पूरी कहानी, वायरल वीडियो पर टूट पड़ा था विपक्ष

इससे पहले की खबर के मुताबिक, बीती रात असम में भाजपा के एक प्रत्याशी की कार से कथिततौर पर EVM मिलने से हड़कंप मच गया है। चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारियों से रिपोर्ट तलब की, लेकिन इससे पहले ही विपक्षी दलों का इससे एक बार फिर EVM पर सवला उठाने का मौका मिल गया ।

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हर चुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की कार से ईवीएम मिलती हैं और चुनाव आयोग हर बार नजरअंदाज कर देता है। चुनाव आयोग को सख्त कार्रवाई करना चाहिए। जिस प्रत्याशी की कार से EVM मिली है,

उनका नाम कृष्णानंद राय है जो पथरकंडी से भाजपा प्रत्याशी हैं। पूरे घटनाक्रम का एक कथित वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो स्थानीय पत्रकार ने पोस्ट किया है। बता दें, असल में गुरुवार को ही दूसरे चरण का मतदान खत्म हुआ है।

वीडियो शेयर करते हुए स्थानीय पत्रकार अतानु भूयन ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, पथरकंडी से भाजपा उम्मीदवार कृष्णेंदु पॉल की कार से ईवीएम मिलने के बाद स्थिति तनावपूर्ण है। कांग्रेस व अन्य दलों के लोग इस वीडियो को तेजी से वायरल कर रहे हैं और ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठा रहे हैं। शशि थरूर समेत कई नेताओं ने इसे शॉकिंग करार दिया है।

प्रियंका गांधी वाड्रा ने उठाया सवाल

मामला सामने आने के बाद प्रि्यंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया, हर बार ऐसे वीडियो सामने आते हैं जिनमें प्राइवेट गाड़ियों में ईवीएम ले जाते हुए पकड़े जाते हैं। अप्रत्याशित रूप से उनमें कुछ चीजें कॉमन होती है- गाड़ियां भाजपा उम्मीदवार या उनके साथियों से जुड़ी होती हैं।

वीडियो एक घटना के रूप में सामने आते हैं और फिर झूठ बताकर खारिज कर दिया जाता है। भाजपा अपनी मीडिया मशीनरी का इस्तेमाल करके उन्हें ही आरोपी ठहरा देती है जिन्होंने वीडियो एक्सपोज किए।

फैक्ट यह है कि ऐसे कई सारी घटनाएं रिपोर्ट की जा रही हैं लेकिन इन पर कुछ नहीं किया जा रहा है। चुनाव आयोग को इन शिकायतों पर निर्णायक रूप से कार्रवाई शुरू करने की आवश्यकता है। अन्य राष्ट्रीय दलों भी सामने आएं।’

news by : webduniya 

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