Gayatri Prasad Prajapati : गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप में उम्रकैद, ₹2 लाख जुर्माना

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गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप में उम्रकैद, ₹2 लाख जुर्माना
गायत्री प्रसाद प्रजापति को गैंगरेप में उम्रकैद, ₹2 लाख जुर्माना

Gayatri Prasad Prajapati : अखिलेश सरकार यानी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में परिवहन, खनन और सिंचाई जैसे महत्वपूर्ण विभागों में मंत्री का दायित्व संभालने वाले गायत्री प्रसाद प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) और उनके दो साथियों आशीष शुक्ला एवं अशोक तिवारी को गैंगरेप और पाक्‍सो एक्‍ट मामले में एमपी/ एमएलए अदालत ने 12 नवंबर को उम्रकैद की सजा सुनाई है। तीनों पर दो-दो लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। इससे पहले पूर्व मंत्री को लखनऊ की एक अदालत ने 10 नवंबर को सामूहिक बलात्कार का दोषी करार दिया था।

2017 में चित्रकूट की रहने वाली एक महिला ने तत्कालीन सपा सरकार के कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) समेत चार लोगों पर महिला और उनकी नाबालिग बेटी को नशा देकर गैंगरेप किये जाने की बात कही थी । और किसी को बताने पर उसके पूरे परिवार को जान से मरने की धमकी भी दी।

इसके बाद पीड़िता ने न्याय पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर की थी.पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज हुआ और 824 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई थी। बाद में कोर्ट की सुनवाई के समय 17 गवाह और पुलिस की चार्जशीट के आधार पर गायत्री प्रजापति को दोषी पाया गया

मामले में 10 नवम्‍बर को कोर्ट ने प्रजापति और उनके दो साथियों को दोषी करार देते हुए सजा दी है।

सत्ता के नशे में चूर होकर एक नाबालिग की जिंदगी बर्बाद करने वाले गायत्री प्रजापति को कल ही आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है

शुरुआत से जानें

  • साल 2013 में चित्रकूट के राम घाट पर गंगा आरती के दौरान पीड़िता की मुलाकात गायत्री प्रजापती से हुई थी.
  • 2014 से 2016 तक गायत्री प्रजापति और कुछ लोगों ने पीड़िता के साथ लगातार सामुहिक दुराचार किया.
  • पीड़िता ने पहली बार साल 2016 में यूपी के डीजीपी को इस मामले की शिकायत की थी.
  • 16 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को पीड़िता की तहरीर दर्ज करने का आदेश दिया.
  • साल 2017 में गायत्री प्रजापति, विकास वर्मा, आशीष शुक्ला और अशोक तिवारी के खिलाफ यूपी पुलिस ने कई धाराओं में केस दर्ज किया. इसके बाद अमरेन्द्र सिंह उर्फ पिंटू, चंद्रपाल और रूपेश्वर उर्फ रूपेश के नाम भी जोड़े गए.
  • फिर 2 नवंबर 2021 को सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए गए थे.
  • 8 नवंबर 2021 को कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई पूरी कर ली.
  • 10 नवंबर 2021 को गायत्री प्रजापति, अशोक तिवारी और आशीष कुमार को दोषी करार दिया था.
  • वहीं, अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, विकास वर्मा चंद्रपाल और रुपेशवर उर्फ रूपेश को साक्ष्यों के प्रमाण के बाद बरी कर दिया गया.

कौन हैं गायत्री प्रसाद प्रजापति?

गायत्री प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) ने साल 1995 के आसपास समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए थे. उन्होंने अमेठी विधानसभा से 1996 और 2002 का विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन जीत हासिल नहीं हुई. इसके बाद, 2012 के विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति (Gayatri Prasad Prajapati) अमेठी सीट से जीत गए और फरवरी 2013 में उन्हें सिंचाई राज्यमंत्री बनाया गया.

जुलाई 2013 में मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ तो उन्हें स्वतंत्र प्रभार दे दिया गया. इसके बाद, जनवरी 2014 में उन्हें खनन विभाग का कैबिनेट मंत्री बना दिया गया. गायत्री प्रजापति ने एक बार फिर 2017 में सपा के टिकट पर अमेठी से चुनाव लड़ा. हालांकि, बीजेपी की गरिमा सिंह के आगे उनकी साइकिल पंक्चर हो गई.

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