Giloy Immunity Booster drink : ठंड के मौसम में पीएं ये काढ़ा, बीमारियों से कोसो दूर

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Giloy Immunity Booster drink: ठंड के मौसम में पीएं Immunity Booster Giloy काढ़ा, बीमारियों से कोसो दूर

Giloy : उत्तर भारत में ठंड ने दस्तक दे दी है. ऐसे में हमें कई तरह की मौसमी बीमारियां (seasonal diseases)हो सकती हैं. इसमें सर्दी, जुकाम, बुखार (cold, flu, fever)आदि शामिल है. आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में गिलोय का इस्तेमाल किया जाता है. यह काफी सस्ती आयुर्वेदिक औषधि है. गिलोय को गुडूची या अमृता के नाम से भी जाना जाता है.

गिलोग का रस, और काढ़ा डेंगू, चिकनगुनिया, बुखार जैसी गंभीर बीमारियों में दिया जाता है. बदलते मौसम में गिलोय कई तरह के वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी बचाता है. सर्दियों के मौसम में आप इसका सेवन करते हैं तो सर्दी, खांसी, बुखार आदि परेशानियों से राहत मिलती है

गिलोय (Giloy) का काढ़ा इम्युनिटी बूस्टर ड्रिंक (Immunity Booster drink) होने के साथ-साथ कई अन्य फायदे भी देती है। आज की इस पोस्ट में मैं आपको बताऊगी की गिलोय (Giloy) कब और कितनी मात्रा में लेना चाहिए, साथ ही गिलोय (Giloy) का काढ़ा कैसे बनाये एवं इसके फायदे और नुकसान क्या क्या है।

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गिलोय क्या है ?

गिलोय एक बहुवर्षिय लता होती है। इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह होते हैं।गिलोय को सौ मर्ज की एक दवा कह सकते हैं। आयुर्वेद में इसे कई अन्य नामों से जाना जाता है जैसे की अमृता, गुडुची, छिन्नरुहा, चक्रांगी, आदि। ‘बहुवर्षायु तथा अमृत के समान गुणकारी होने से इसे अमृता नाम से भी जाना जाता है।

कहते हैं कि देवताओं और दानवों के बीच समुद्र मंथन के समय जब अमृत निकला और इस अमृत की बूंदें जहां-जहां छलकीं, वहां-वहां गिलोय की उत्पत्ति हुई।इसका वानस्पतिक नाम ( Botanical name) टीनोस्पोरा कॉर्डीफोलिया (tinospora cordifolia) है।

गिलोय को किस तरह लें?

हम सभी को ताजा गिलोय (Giloy) मिले, यह जरूरी नहीं है। मेडिकल स्टोर्स पर गिलोय की गोलियां आसानी से मिल जाती हैं। वयस्क इसकी दो गोलियां एक दिन में ले सकते हैं। वहीं, 5 से 10 साल तक की उम्र के बच्चों को आधी से एक गोली एक दिन में दी जा सकती है। इससे ऊपर की उम्र के बच्चों को 1 गोली एक दिन में दी जा सकती है। बच्चों की लंबाई और वजन के अनुसार डॉक्टर से भी राय ली जा सकती है कि इसका डोज क्या रखा जाए?

गिलोय जूस

अगर आपको गिलोय (Giloy) का तना मिल गया है तो इसे अच्छे से धोकर दो ग्लास पानी में उबाल लें। पानी को उबाल कर आधा कर लें। फिर इसे ठंडा करके रोजाना एक ग्लास जूस पीया जा सकता है।

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गिलोय का पाउडर

यूं तो गिलोय का पाउडर (चूर्ण) बनाना बहुत ही आसान है। और यह बाजार में भी मासानी से उपलब्ध है। अगर आप इसे घर पर बनाना चाहते है तो उसके लिए सबसे पहले गिलोय की डंडियों को धूप में अच्छी तरह से सुखा लें।

गिलोय का काढ़ा

इसे और बेहतर करने के लिए 2 इंच अदरक, 3-4 तुलसी के पत्ते, गिलोय की बड़ी स्टिक, 2 काली मिर्च और कॉर्न ले लें। अब 2 ग्लास पानी में अदरक, तुलसी और गिलोय (Giloy) मिलाएं। पानी को उबाल कर आधा कर लें। अब गैस बंद करके इसमें काली मिर्च, लौंग डालकर ढक दें। अब 5 से 10 मिनट बाद छानकर इस पानी को गुनगुना करके पी लें। इसे दिन में एक बार 1 ग्लास पीया जा सकता है।

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गिलोय का काढ़ा बनाने का सामान (giloy decoction)

गिलोय- 1 फुट लंबा तना
नीम की पत्तियां-5 से 6
तुलसी की पत्तियां-10 से 12 पत्तियां
काला गुड़-20 ग्राम

गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि (How to make Giloy decoction)

  • सबसे पहले गिलोय (Giloy) के टुकड़ों को एक पैन में डालकर उसमें 4 कप पानी मिलाएं
  • इसके बाद इसे कम आंच पर 20 मिनट तक पकाएं.
  • फिर इसमें नीम की पत्तियां, तुलसी की पत्तियां और काला गुड़ मिला दें.
  • फिर इसे तब तक पकाएं तब तक की यह 2 कप ना रह जाएं.
  • बाद में इसे छानकर इसे मरीज को दें.
  • आपको जल्दी ही सर्दी, खांसी, बुखार आदि परेशानियों से मुक्ति मिलेगी.

गिलोय का काढ़ा पीने के जबरदस्त फायदे (Amazing benefits of drinking Giloy decoction)

डायबिटीज में फायदेमंद — ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए भी फायदेमंद है गिलोय. आयुर्वेद में डायबिटीज के मरीजों को गिलोय खाने की सलाह दी जाती है.

स्किन के लिए फायदेमंद — गिलोय में भारी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो स्किन को जवां रखने में मदद करता है. यह स्किन पर मौजूद झुर्रियों को हटाकर सेल्स को स्वस्थ और निरोगी बनाने में मदद करता है.

ब्लड को साफ करने में मददगार — यह ब्लड में मौजूद टॉक्सिन (Toxins) को निकालकर चेहरे पर निखार लाने में मदद करता है. इसके साथ ही यह चेहरे पर होने वाले पिंपल्स, एक्ने आदि समस्या को दूर करता है.

डाइजेशन को ठीक करता है — अगर आपको कब्ज, एसिडिटी आदि समस्या रहती है तो इसके लिए गिलोय (Giloy)  बहुत फायदेमंद है. गिलोय के साथ आंवला पाउडर का सेवन करने से पेट संबंधी कई बीमारियां दूर होती हैं और यह पाचन तंत्र को मजबूत करने में भी मदद करता है.

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इम्युनिटी के लिए गिलोय — गिलोय में कई चिकित्सीय तत्व हैं, जो हमारे शरीर के लिए चमत्कार का काम करते हैं। इसे रोजाना लेने पर आपकी ओवरऑल स्वास्थ्य पर काफी अच्छा असर पड़ सकता है।

 गिलोय को फूड ओर ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा अप्रूव भी किया गया है। इसमें कहा गया है कि गिलोय की जड़ और तना दोनों ही चिकित्सीय लाभ के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

बुखार ठीक करती है — इस जड़ी-बूटी में एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो बीमारी से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करते हैं। यह आपके शरीर में मौजूद गंदगी को भी बाहर निकालता है, जिससे आपका खून साफ रहता है। गिलोय बुखार आदि से भी शरीर की रक्षा करता है। इसी के साथ इसे जूस या गोली किसी भी तरह लिया जाए, यह आपकी इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।

पाचन शक्ति बढ़ाती है — यह (Giloy) बेल पाचन तंत्र के सारे कामों को भली-भांति संचालित करती है और भोजन के पचने की प्रक्रिया में मदद कती है। इससे व्यक्ति कब्ज और पेट की दूसरी गड़बडिय़ों से बचा रहता है।

स्ट्रेस कम करती है — गलाकाट प्रतिस्पर्धा के इस दौर में तनाव या स्ट्रेस एक बड़ी समस्या बन चुका है। गिलोय एडप्टोजन की तरह काम करती है और मानसिक तनाव और चिंता (एंजायटी) के स्तर को कम करती है। इसकी मदद से न केवल याददाश्त बेहतर होती है बल्कि मस्तिष्क की कार्यप्रणाली भी दुरूस्त रहती है और एकाग्रता बढ़ती है।

बढ़ाती है आंखों की रोशनी — गिलोय को पलकों के ऊपर लगाने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसके लिए आपको गिलोय पाउडर को पानी में गर्म करना होगा। जब पानी अच्छी तरह से ठंडा हो जाए तो इसे पलकों के ऊपर लगाएं।

अस्थमा में भी फायदेमंद — मौसम के परिवर्तन पर खासकर सर्दियों में अस्थमा को मरीजों को काफी परेशानी होती है। ऐसे में अस्थमा के मरीजों को नियमित रूप से गिलोय की मोटी डंडी चबानी चाहिए या उसका जूस पीना चाहिए। इससे उन्हें काफी आराम मिलेगा। 

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गिलोय से गठिया में मिलेगा आराम — गठिया यानी आर्थराइटिस में न केवल जोड़ों में दर्द होता है, बल्कि चलने-फिरने में भी परेशानी होती है। गिलोय में एंटी आर्थराइटिक गुण होते हैं, जिसकी वजह से यह जोड़ों के दर्द सहित इसके कई लक्षणों में फायदा पहुंचाती है।

अगर हो गया हो एनीमिया, तो करिए गिलोय का सेवन — भारतीय महिलाएं अक्सर एनीमिया यानी खून की कमी से पीडि़त रहती हैं। इससे उन्हें हर वक्त थकान और कमजोरी महसूस होती है। गिलोय (Giloy) के सेवन से शरीर में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बढ़ जाती है और एनीमिया से छुटकारा मिलता है।

बाहर निकलेगा कान का मैल — कान का जिद्दी मैल बाहर नहीं आ रहा है तो थोड़ी सी गिलोय को पानी में पीस कर उबाल लें। ठंडा करके छान के कुछ बूंदें कान में डालें। एक-दो दिन में सारा मैल अपने आप बाहर जाएगा।

कम होगी पेट की चर्बी गिलोय शरीर के उपापचय (मेटाबॉलिजम) को ठीक करती है, सूजन कम करती है और पाचन शक्ति बढ़ाती है। ऐसा होने से पेट के आस-पास चर्बी जमा नहीं हो पाती और आपका वजन कम होता है।

यौनेच्छा बढ़ाती है गिलोय — आप बगैर किसी दवा के यौनेच्छा बढ़ाना चाहते हैं तो गिलोय का सेवन कर सकते हैं। गिलोय में यौनेच्छा बढ़ाने वाले गुण पाए जाते हैं, जिससे यौन संबंध बेहतर होते हैं।

खूबसूरती बढ़ाती है और जावा रखती है गिलोय — गिलोय (Giloy) न केवल सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है, बल्कि यह त्वचा और बालों पर भी चमत्कारी रूप से असर करती है। गिलोय में एंटी एजिंग गुण होते हैं, जिसकी मदद से चेहरे से काले धब्बे, मुंहासे, बारीक लकीरें और झुर्रियां दूर की जा सकती हैं।

इसके सेवन से आप ऐसी निखरी और दमकती त्वचा पा सकते हैं, जिसकी कामना हर किसी को होती है। अगर आप इसे त्वचा पर लगाते हैं तो घाव बहुत जल्दी भरते हैं। त्वचा पर लगाने के लिए गिलोय की पत्तियों को पीस कर पेस्ट बनाएं। अब एक बरतन में थोड़ा सा नीम या अरंडी का तेल उबालें। गर्म तेल में पत्तियों का पेस्ट मिलाएं। ठंडा करके घाव पर लगाएं। इस पेस्ट को लगाने से त्वचा में कसावट भी आती है।

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बालों की समस्या को दूर करे — बालों को लम्बे और घने करती है गिलोय (Giloy) अगर आप बालों में ड्रेंडफ, बाल झडऩे या सिर की त्वचा की अन्य समस्याओं से जूझ रहे हैं तो गिलोय के सेवन से आपकी ये समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।

गिलोय के नुकशान (Giloy side effects)

साइड इफेक्ट्स का रखें ध्यान
वैसे तो गिलोय (Giloy) को नियमित रूप से इस्तेमाल करने के कोई गंभीर दुष्परिणाम अभी तक सामने नहीं आए हैं लेकिन चूंकि यह खून में शर्करा की मात्रा कम करती है। इसलिए इस बात पर नजर रखें कि ब्लड शुगर जरूरत से ज्यादा कम न हो जाए। 

गिलोय के नुकशान — गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को गिलोय के सेवन से बचना चाहिए।पांच साल से छोटे बच्चों को गिलोय न दे।

गिलोय का काढ़ा कितनी मात्रा में पीएं

गिलोय (Giloy) का काढ़ा आपको प्रतिदिन एक कप से ज्यादा नहीं पीना चाहिए. एक कप से ज्यादा मात्रा में काढ़ा पीने से आपको नुकसान भी हो सकते हैं. अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो आपको डॉक्टर की परामर्श के बाद ही इसे पीना चाहिए.

कब लें गिलोय?

गिलोय (Giloy) की गोलियों या जूस को खाली पेट सुबह लेना सबसे अधिक लाभकारी है। इसे रोजाना लेने से जलन की समस्या से निजात मिलती है, प्लेटलेट्स का काउंट बढ़ता है, डायबिटीज नियंत्रित होती है और इम्युनिटी बढ़ती है।

गिलोय का काढ़ा कितने दिन तक पीना चाहिए?

गिलोय (Giloy) का काढ़ा सामान्य बुखार को तीन दिनों के भीतर ही ठीक कर देता है। इसके अलावा बुखार यदि पुराना हो तो विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार इसका ज्यादा से ज्यादा दिन तक उपयोग किया जा सकता है।

गिलोय का पौधा कैसे लगाएं ?

गिलोय का पौधा उप उष्णकटिबंधीय जलवायु में बलुई दोमट मिट्टी या लाल ,काली मिटटी में उगाया जाता है. गिलोय (Giloy) के तनों की कटाई जून -जुलाई के दौरान की जाती है जो पौधारोपण की सर्वश्रेष्ठ सामग्री है. दो गांठों सहित 6 -8 इंच की कटिंग सीधे रोपी जाती है. मुख्य पौधे से जून – जुलाई में प्राप्त तने 24 घंटों के अंदर खेत में सीधे रोपे जाते हैं

गिलोय की पहचान कैसे करे ?

आयुर्वेद में गिलोय को ज्‍वर (बुखार) की सर्वोत्तम औषधि माना गया है। गिलोय के पत्तों का आकार पान के पत्तों की तरह होता है। इसका तना सफेद से लेकर भूरा रंग का होता है और यह 1 से 5 से. मी की मोटाई तक बढ़ सकता है।

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क्या गिलोय की तासीर गर्म होती है?

हां गिलोय (Giloy) की तासीर गर्म होती है। गिलोय का काढ़ा और जूस बनाकर भी प्रयोग किया जाता है। गिलोय पीने में कड़वा होता है इसके लिए हम काढ़े में शहद मिला सकते है। गिलोय के तने का जूस लेने से डेंगू, त्वचा, आंखों, पेट और आर्थराइटिस में फायदा मिलता है। शरीर में जलन होने पर आंवला के साथ इसका जूस लेने से लाभ होता है

गिलोय अलग-अलग बीमारियों में आएगी काम

अरंडी यानी कैस्टर के तेल के साथ गिलोय मिलाकर लगाने से गाउट(जोड़ों का गठिया) की समस्या में आराम मिलता है।इसे अदरक के साथ मिला कर लेने से रूमेटाइड आर्थराइटिस की समस्या से लड़ा जा सकता है।चीनी के साथ इसे लेने से त्वचा और लिवर संबंधी बीमारियां दूर होती हैं।आर्थराइटिस से आराम के लिए इसे घी के साथ इस्तेमाल करें।कब्ज होने पर गिलोय में गुड़ मिलाकर खाएं।

गिलोय (Giloy) का जूस, काढ़ा,और चूर्ण (पाउडर) घर पर किस प्रकार बनाना है? इसकी पूरी जानकारी आपको पोस्ट में दे दी है। जिससे आप शुद्ध रूप से गिलोय का इसका सेवन कर सकें।अगर किसी कारणवश घर पर गिलोय का जूस, काढ़ा,और चूर्ण (पाउडर) नहीं बना सकते तो बाजार में गिलोय के के सभी प्रोडक्ट आसानी से उपलब्ध है आप चाहें तो वहां से भी खरीद सकते हैं।

आप सभी से एक निवेदन अपने घर में जंहा भी उचित स्थान हो (बड़े गमले या आंगन में ) गिलोय की बेल अवश्य लगायें। यह बहु उपयोगी वनस्पति के साथ साथ आयुर्वेद का अमृत है।

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