Govardhan Puja 2020: आज है गोवर्धन पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

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Govardhan Puja 2020: आज है गोवर्धन पूजा, जानिए शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

इस साल गोवर्धन (Govardhan Puja) पूजा 15 नवंबर (रविवार) को है. हिंदू मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा की जाती है. गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का पर्व/ त्योहार प्रतेक वर्ष दीपावली /दिवाली (Diwali) के दूसरे दिन आता है

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)या अन्नकूट कब मनाते हैं ?

इस वर्ष (2020) दिवाली 14 नवंबर को मनाई गई, ऐसे में गोवर्धन पूजा 15 नवंबर (आज) है।गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) के पर्व पर गोवर्धन और गाय माता की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है. इस त्योहार पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का चित्र बनाकर गोवर्धन भगवान की पूजा की जाती है.

तथा अनेक स्थानों पर गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) को अन्नकूट (Annakoot or Annakut) के नाम से भी जाना जाता है.अन्नकूट (Annakoot or Annakut) का अर्थ है अन्न का समूह या अन्न का पर्वत। इस दिन 56 या 108 तरह के पकवान बनाकर श्रीकृष्‍ण को उनका भोग लगाया जाता है. इन पकवानों को ‘अन्‍नकूट’ (Annakoot or Annakut) कहा जाता है.

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)या ‘अन्‍नकूट’ (Annakoot or Annakut) पूजा का शुभ मुहूर्त-

प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- 15 नवंबर 2020 को सुबह 10 बजकर 36 मिनट से
प्रतिपदा तिथि समाप्‍त- 16 नवंबर 2020 को सुबह 07 बजकर 06 मिनट तक
गोवर्द्धन पूजा सांयकाल मुहूर्त- 15 नवंबर 2020 को दोपहर 03 बजकर 19 मिनट से शाम 05 बजकर 27 मिनट तक
कुल अवधि- 02 घंटे 09 मिनट


गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)या ‘अन्‍नकूट’ (Annakoot or Annakut) पूजा का मन्त्र

गोवर्धन धराधार गोकुल त्राणकारक।
विष्णुबाहु कृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रभो भव: ।।

क्यों मनाते हैं गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)?

गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) से संबंधित एक प्राचीन कथा प्रचलित है. एक बार भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों से इंद्रदेव की पूजा करने के स्थान पर गोवर्धन (Govardhan Puja) की पूजा करने को कहा.

इससे पहले गोकुल के वासी इंद्रदेव को अपना इष्ट मानकर उनकी पूजा करते थे. भगवान श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों से कहा कि गोवर्धन पर्वत के कारण ही उनके जानवरों को खाने के लिए चारा मिलता है.

गोर्वधन पर्वत के कारण ही गोकुल में बारिश होती है. इसलिए इंद्रदेव की जगह गोवर्धन पर्वत (Govardhan Prvt) की पूजा-अर्चना की जानी चाहिए.


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जब इंद्रदेव को श्रीकृष्ण की इस बात के बारे में ज्ञात हुआ तो उन्हें बहुत क्रोध आया और बृज में सात (7) दिनों तक तेज मूसलाधार बारिश शुरू कर दी. तब श्रीकृष्ण भगवान ने बृज के लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर बृजवासियों को इंद्र के प्रकोप से बचा लिया.

उस दिन बृज के लोगों ने श्रीकृष्ण को 56 भोग लगाया था। इसी कारण कई स्थानों परगोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) को ‘अन्‍नकूट’ (Annakoot or Annakut) पूजा भी कहा जाता है। इससे खुश होकर श्रीकृष्ण ने गोकुलवासियों की हमेशा रक्षा करने का वचन दिया था.


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गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) का शुभ मुहूर्त

2020 में जानिए गोवर्धन पूजा की तारीख और शुभ मुहूर्त. आप भी इसी दौरान पूजा करेंगे तो शुभ फल की प्राप्ति होगी.

तिथि- कार्तिक माह, शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (15 नवंबर 2020)
गोवर्धन पूजा सायं काल मुहूर्त- दोपहर 3:17 मिनट से शाम 5:24 मिनट तक
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ- सुबह 10:36 बजे से (15 नवंबर 2020)
प्रतिपदा तिथि समाप्त- सुबह 07:05 बजे तक (16 नवंबर 2020)

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गोवर्धन पूजा की संपूर्ण विधि

हर पूजन की तरह गोवर्धन पूजा करने का भी एक सही तरीका होता है. जानिए कैसे की जाती है गोवर्धन पूजा.

1. गोवर्धन पूजा के दिन सुबह-सुबह शरीर पर तेल मलकर नहाएं.
2. घर के मुख्य दरवाजे पर गाय के गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं. साथ ही गोबर का गोवर्धन पर्वत भी बनाएं और पास में ग्वाल बाल और पेड़-पौधों के चित्र भी बनाएं.
3. उसके बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति रख दें.

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4. फिर श्रीकृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करें.
5. पूजा की समाप्ति पर पकवान और पंचामृत से भोग लगाएं.
6. फिर गोवर्धन पूजा की कथा सुनें और आखिर में प्रसाद बांटे

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