Honey Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

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Honey Benefits, Side Effects And Uses In Hindi
Honey Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

Honey – मधु या शहद (Honey-हनी ) एक मीठा, चिपचिपा तरल पदार्थ है जो मधुमक्खियों द्वारा पौधों के पुष्पों में स्थित मकरन्दकोशों से स्रावित मधुरस से तैयार किया जाता है इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है। और आहार के रूप में मौनगृह में संग्रह किया जाता है।शहद फूलों के मीठे रस से बनकर तैयार होता है और पीला भूरे रंग के इस पदार्थ को मधुमक्खियों द्वारा बनाया जाता है. मधुमक्खियों द्वारा तैयार किए जाने वाले इस पदार्थ का इस्तेमाल लोगों द्वारा खूब किया जाता है,

शहद का इस्तेमाल (uses of honey) प्राचीन काल से ही होता आया है और शहद के फायदे (shahad ke fayde) के बारे में आयुर्वेद में भी प्रमुखता से उल्लेख मिलता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शहद मधुमक्खियों द्वारा फूलों के रस से बनाया गया एक तरल पदार्थ है। इसे मधुमक्खियों द्वारा कई चरणों में काफी लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार किया जाता है। आयुर्वेद में शहद (honey in hindi) को एक औषधि का दर्जा हासिल है और अब पूरी दुनिया में लोग मिठास के लिए भी शहद का इस्तेमाल करने लगे हैं। पिछले कुछ दशकों में शहद पर हुए कई वैज्ञानिक शोध आयुर्वेद में बताए इसके गुणों (Benefits of honey) की पुष्टि करते हैं।

इस समय दुनिया के लगभग 780 करोड़ लोग अपनी Immunity यानी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. आप भी जरूर अपनी Immunity बढ़ाने के लिए कई प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहे होंगे और इनमें सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला प्रोडक्ट है शहद. लोग सुबह उठते ही गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर पीते हैं. वो मानते हैं कि ऐसा करने से उनकी Immunity बढ़ेगी और वजन घटेगा.

इससे वो फिट रहेंगे और वायरस के संक्रमण से भी बचेंगे. Infection से बचने के लिए काढ़ा भी खूब पिया जाता है, इसमें भी शहद का इस्तेमाल होता है. शहद सभी आयु के लोगों के लिए श्रेष्ठ आहार माना जाता है और रक्त में हीमोग्लोबिन निर्माण में सहायक होता है।

एक किलोग्राम शहद से लगभग 5500 कैलोरी ऊर्जा मिलती है। एक किलोग्राम शहद से प्राप्त ऊर्जा के तुल्य दूसरे प्रकार के खाद्य पदार्थो में 65 अण्डों, 13 कि.ग्रा. दूध, 8 कि.ग्रा. प्लम,19 कि.ग्रा. हरे मटर, 13 कि.ग्रा. सेब व 20 कि.ग्रा. गाजर के बराबर हो सकता है।

लेकिन आप जानते है जिस शहद को आप फिट रहने के लिए इस्तेमाल रहे है वह शहद आपको संक्रमण से बचाने के बदले और बीमार बनाता है. क्युकी वह मिलावटी भी हो सकता है आप जान कर हैरान होंगे कि दुनिया में सबसे ज्यादा मिलावट शहद में ही होती है.आज की इस पोस्ट में हम sangeetaspe.com के माध्यम से शहद के फायदे, नुकसान, उपयोग और शहद में हो रही मिलावट के बारे में जानेगे : Honey Benefits, Side Effects And Uses In Hindi

Table of Contents

शहद में पाए जाने वाले वाले पोषक तत्व

शहद ज़रूरी पोषक तत्वों, खनिजों और विटामिन का भंडार है। शहद (honey in hindi) में मुख्य रुप में फ्रक्टोज पाया जाता है। इसके अलावा इसमें कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं। एक चम्मच (21 ग्राम) शहद में लगभग 64 कैलोरी और 17 ग्राम शुगर (फ्रक्टोज, ग्लूकोज, सुक्रोज एवं माल्टोज) होता है। शहद में फैट, फाइबर और प्रोटीन बिल्कुल भी नहीं होता है।

शहद के प्रकार।

शहद के कई प्रकार होते हैं। इन प्रकारों का वर्गीकरण प्रायः उन मधुमक्खियों द्वारा मधुरस एकत्रित किये जाने वाले प्रमुख स्रोतों के आधार पर किया जाता है। उदाहरणार्थ अल्फा-अल्फा मधु, बरसीम मधु, छिछड़ी या शैन मधु, लीची मधु आदि। इसके अलावा शहद के संसाधन और शोधन की प्रक्रिया के आधार पर किया जा सकता है[1]:

निष्कासित मधु या छाना हुआ शहद — निष्कासित मधु को छाना हुआ शहद भी कहते हैं। यह मधु निष्कासन मशीन द्वारा निकाला जाता है तथा शहद का शुद्धतम प्रकार होता है। यह मौनगृहों से पाली गई मधुमक्खियों जैसे एपिस मैलीफरा और एपिस सिराना से प्राप्त होता है। निष्कासित मधु निम्न प्रकार का हो सकता है।

तरल मधु — तरल मधु वह होता है जो शहद दृश्य रवों (क्रिस्टल) से मुक्त हो यानि जो एकदम रवेदार न हो।

रवेदार मधु — इसमें मधु पूर्ण रूप से रवेदार या ठोस बन जाता है। यह क्रिस्टलीकरण प्राकृतिक रूप से या भिन्न क्रिस्टलीकरण क्रियाओं द्वारा हो सकता है।

निचोड़ने से प्राप्त शहद — यह शहद मधुमक्खियों को निर्दयी ढंग से मारने के बाद प्राप्त किया जाता है क्योंकि शहद प्राप्त करने के लिए उनके छत्ते को निचोड़ा जाता है। इस प्रकार का शहद प्राकृतिक रूप से बने छत्तों से प्राप्त होता है जैसे जंगली मौन (एपिस डौरसेटा) या भारतीय मौन (एपिस सिराना) जो प्राकृतिक रूप से जंगलों, चट्टानों, पुरानी इमारतों आदि में छत्ते बनाती हैं। निचोड़ने से प्राप्त शहद न केवल अशुद्ध होता है परन्तु जल्दी ही खराब भी हो जाता है।

कोष्ठ मधु (शहद)

कोष्ठ मधु या हनी कॉम्ब — कोष्ठ या कॉम्ब मधु छत्तों के कोष्ठों में होता है जहां पर यह संग्रह किया जाता है। कौम्ब मधु भिन्न प्रकार का होता हैः

खण्ड कौम्ब मधु (शहद) — यह भिन्न माप के वर्गाकार या आयाताकार मोमी छत्तों के खण्डों में पैदा किया जाता है।

व्यक्तिगत खम्ड कौम्ब मधु — इसे छोटे-छोटे मोमी छत्तों के खण्डों में पैदा किया जाता है। प्रत्येक खण्ड साधारण खण्ड के माप का एक चौथाई भाग होता है।

अम्बार कौम्ब मधु — यह मधु छिछली निष्कासन की जानी वाली फ्रेमों से, जिनमें पतली सुपर छत्ताधार लगी होती है, से पैदा किया जाता है। ये छत्ते जब पूरी तरह मधु से भर जाते हैं तथा कोष्ठक सील कर दिये जाते हैं तो इसे मौन गृह से निकाल कर ऐसे ही पैक कर बेच दिया जाता है।

काट कौम्ब मधु — इसमें अम्बार कौम्ब मधु को भिन्न माप के टुकड़ों में काटा जाता है, इसके किनारों को निष्कासित किया जाता है तथा व्यक्तिगत टुकड़ों को पोलीथीन के थैलों में लपेटा जाता हैं।

चंक मधु — इसमें कट कौम्ब मधु को एक डिब्बे में, जिसमें तरल निष्कासित मधु भरा होता है, पैक कर दिया जाता है।

Honey Benefits, Side Effects And Uses In Hindi
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शहद के भौतिक गुण

एक शहद का जार जिसमें हनी डिपस है।शहद के भौतिक गुण इसकी शुद्धता मानक ज्ञात करने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।

आद्रता बही गुण

शहद आर्द्र होता है तथा हवा से नमी सोख लेता है। जिन क्षेत्रों में बहुत अधिक नमी होती है वहां मधु के खराब होने की अधिक संभावना होती है। शहद में आर्द्रता सोखने की गुणवत्ता इसमें उपस्थित शर्करा की सान्ध्रता तथा नमी पर निर्भर करती है। शहद में उपस्थित नमी का विशेष आपेक्षिक आर्द्रता के साथ सन्तुलन में होती है। मधु को नमी सोखने तथा सड़ने से बचाने के लिए ठीक संग्रहण करना चाहिए।

गाढ़ापन

शहद गाढ़ा द्रव्य होता है तथा गाढ़ेपन का माप इसके बहाव/प्रवाह को दर्शाता है। गर्म करने से इसका गाढ़ापन कम हो जाता है। गाढ़ापन प्रोटीन मात्रा पर भी निर्भर करता है जो अन्ततः मधुरस स्रोत पर निर्भर करता है। जिस मधु में प्रोटीन की अधिक मात्रा होती है वह अधिक गाढ़ा होता है।

शुद्ध शहद का विशिष्ट घनत्व 1.35 से 1.44 होना चाहिए। अपवर्तन मापी (रिफ़्रैक्टरमीटर) प्रयोग करके मधु में नमी/आर्द्रता को मापा जा सकता है। इन दोनो गुणों को मापने से शहद में नमी की मात्रा का पता चलता है।

सुगन्ध और रंग

शहद का रंग तथा इसकी गन्ध पुष्पन स्रोत पर निर्भर करती है जहां से इसे एकत्र किया जाता है। भिन्न फूलों से प्राप्त मधुरस का रंग तथा गन्ध भिन्न होती है और यह मधुरस की मूल रचना पर निर्भर करता है। भिन्न शहद का रंग हल्के से गहरे अम्बर (तृणमणि) का तथा गन्ध मध्यम सुखद होती है।

भारत के एक NGO, Centre for Science and Environment यानी CSE द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट से शहद में मिलावट पर 4 बड़ी बातें सामने आईं हैं. इस रिपोर्ट के मुताबिक,

  • बाज़ार में मिलने वाला 80 प्रतिशत शहद मिलावटी है.
  • भारत के कई बड़े ब्रांड्स के शहद में चीनी की मिलावट पाई गई है.
  • भारत की Labs इस मिलावट का पता नहीं लगा पाईं.
  • Germany की एक लैब में NMR टेस्ट से भारतीय शहद में मिलावट पकड़ी गई.

Food Safety and Standards Authority यानी FSSAI के मुताबिक किसी भी शहद को शुद्ध होने के लिए उसे कम से कम 50 Tests पर खरा उतरना होता है. हालांकि इसके बाद भी बाजार में मिलने वाला ज्यादातर शहद शुद्ध नहीं है.

शहद में मिलावट पर रिपोर्ट

शहद में मिलावट CSE की रिपोर्ट में हुआ खुलासा (samples tested in Gujarat)

CSE की महानिदेशक सुनीता नारायण की ओर से बुधवार को एक रिपोर्ट जारी कर यह जानकारी साझा की थी , जिसमे बताया गया कि भारतीय बाजारों में बिक रहे शहद के लगभग सभी ब्रांडों में जबरदस्त तरीके से शुगर सिरप (Sugar syrup) की मिलावट की जा रही है।

samples tested in Gujarat

सुनीता नारायण का कहना है कि शहद में शुगर सिरप की मिलावट खाद्य धोखाधड़ी (Food Fraud) है। इससे पहले भी इसी संगठन ने वर्ष 2003 और 2006 के दौरान सॉफ्ट ड्रिंक में कीटनाशक की उपस्थिति का खुलासा किया था।

शहद के नमूनों की जांच गुजरात हुयी (Honey samples tested in Gujarat)

सीएसई के द्वारा 13 कंपनियों के शहद के नमूनों की जांच कराई गयी , जिनमें से 77 फीसद में मिलावट पाई है। CSE ने शहद के नमूनों की जांच पहले गुजरात के राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निग इन लाइवस्टॉक एंड फूड (सीएएलएफ) में कराई थी।

खोज में यह तथ्य मिलने का किया था दावा (Claimed to have found this fact in search)
77 फीसदी नमूनों में शुगर सिरप के साथ अन्य मिलावट पाए गए.
कुल जांचे गए 22 नमूनों में केवल पांच ही सभी परीक्षण में पास हुए.
शहद के प्रमुख ब्रांड्स जैसे डाबर, पतंजलि, बैद्यनाथ, झंडु, हितकारी और एपिस हिमालय, सभी एनएमआर टेस्ट में फेल पाए गए
13 ब्रांड्स में से सिर्फ 3 – सफोला, मार्कफेड सोहना और नेचर्स नेक्टर, सभी परीक्षणों में पास पाए गए.

भारत से निर्यात किए जाने शहद का एनएमआर  (NMR) परीक्षण 1 अगस्त, 2020 से अनिवार्य कर दिया गया है, जो यह बताता है कि भारत सरकार इस मिलावटी व्यापार के बारे में जानती थी, इसलिए उसे अधिक आधुनिक परीक्षणों की आवश्यकता पड़ी.

ज्यादातर नमूने हुए फेल (Most honey samples fail)

NDDB में सभी बड़ी कंपनियों के नमूने पास हो गए, जबकि कुछ छोटी कंपनियों के नमूने फेल हो गए. जब इन्हीं सैंपल्स को जर्मनी स्थित प्रयोगशाला में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकार्य न्यूक्लियर मैग्नेटिक रेजोनेंस (एनएमआर) परीक्षण के लिए भेजा गया तो लगभग सभी बड़े-छोटे ब्रांड्स फेल हो गए.

कीमत क्वालिटी के हिसाब से तय होती है

शहद में मिलावट गणित

शहद में मिलावट के पीछे साधारण सा गणित है. आप ये गणित समझ जाएंगे तो मिलावट की वजह भी साफ हो जाएगी. शहद कारोबारी मधुमक्खी पालकों से शुद्ध शहद 100 रुपए प्रति किलो से लेकर 1000 रुपए प्रति किलो तक खरीद सकते हैं. ये कीमत क्वालिटी के हिसाब से तय होती है, जबकि Sugar Syrup केवल 40 रुपए किलो में मिल जाता है. अब आप सोचिए, रिटेल मार्केट में आपको शहद 200 से 400 रुपए किलो की औसत कीमत पर मिल जाता है. शहद की प्रोसेसिंग, पैकिंग और ट्रांसपोर्टेशन यानी सारी लागत लगाने के बाद भी आपको वो शहद 200 रुपए किलो मिल रहा है जिसकी रॉ मैटेरियल की कीमत ही 100 रुपए से शुरू होती है.

भारत में मिलावटी शहद बेचने वालों को चीन से मदद मिलती है

गारंटी के साथ Sugar Syrup बेचा जाता है

चीन की Websitesपर गारंटी के साथ ऐसा Sugar Syrup (fructose syrup) बेचा जाता है, जो Test Proof होता है. यानी शहद में इस Sugar Syrup की मिलावट को पकड़ना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन भी होता है. इस समय भी चीन की कई कंपनियां ऐसा टेस्ट प्रूफ, Sugar Syrup बेच रही हैं. शहद में मिलावट करने वाले मधु माफिया अक्सर इसे पकड़ने की कोशिश करने वालों से दो कदम आगे रहते हैं. भारत सरकार को भी इसकी जानकारी है, और वो जब भी कोई नई गाइडलाइंस लाती है तो ‘मधु माफिया’ इससे बचने के लिए कोई नया Sugar Syrup ले आते हैं.



honey

दिलचस्प बात ये है कि चीन दुनिया में सबसे ज्यादा शहद का निर्यात करता है, हालांकि इसके मिलावटी होने की संभावना बहुत ज्यादा है.

वर्ष 2006 तक शहद में मिलावट इतने बड़े पैमाने पर नहीं हो रही थी. इसके बाद चीन से Sugar Syrup का आयात होने लगा और फिर शहद में मिलावट शुरू हो गई.

2 वर्ष पहले तक भारत में 11 हज़ार मीट्रिक टन Sugar Syrup आयात होता था और इसका 70 प्रतिशत चीन से आयात किया जाता था.

माना जाता है कि इसमें से ज्यादातर Sugar Syrup का इस्तेमाल शहद में मिलावट के लिए किया गया.

हालांकि अब कुछ भारतीय कारोबारियों ने चीन की कंपनियों से ये तकनीक खरीदकर देश में ही Sugar Syrup बनाना शुरू कर दिया है. यानी अब शहद में मिलावट करना और आसान हो गया है.

अगर कभी छापेमारी में शहद बनाने वाली कंपनियों के पास ऐसा Sugar Syrup मिलता है तो वो दावा करती हैं कि इसका इस्तेमाल टॉफी बनाने के लिए किया जाता है. यानी बचाव के लिए इन कंपनियों के पास सभी उपाय होते हैं.

शुद्धता को एक मौलिक अधिकार का दर्जा

विडंबना ये है कि जिस शुद्धता को एक मौलिक अधिकार का दर्जा मिलना चाहिए था वो शुद्धता भारत में एक Luxury बनकर रह गई है और जो लोग इस Luxury की कीमत नहीं चुका सकते, वो मिलावटी भोजन करने को मजबूर हैं.

कानून के मुताबिक अगर मिलावटी सामान की वजह से किसी की मौत हो जाती है तो आरोपी को उम्र कैद की सज़ा हो सकती है और उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी हो सकता है. लेकिन अगर मिलावटी सामान से किसी को कोई शारीरिक नुकसान नहीं पहुंचता है तो आरोपी को सिर्फ 6 महीने की सज़ा होती है. गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचने की स्थिति में 6 साल की सज़ा के साथ साथ 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. यानी मिलावट को रोकने के लिए कानून तो मौजूद हैं. लेकिन इसका असर मिलावट-खोरों पर नहीं हो रहा है.

शहद के स्रोत की जानकारी

हालांकि मिलावट रोकने के लिए कुछ और कदम भी उठाए जा सकते हैं. FSSAI चाहे तो शहद का Nuclear Magnetic Resonance यानी NMR टेस्ट जरूरी कर सकती है. इस समय शहद का एक्सपोर्ट करने के लिए ये टेस्ट करना जरूरी है और शहद बेचने वाली कंपनियों के लिए शहद के स्रोत की जानकारी देना भी अनिवार्य किया जाना चाहिए.

शुद्ध शहद क्या होता है?

क्या आपके शहद में चीनी है? सेंटर फ़ॉर साइंस की इस रिपोर्ट के आने के बाद हमने इस बात की पड़ताल शुरू की. लेकिन शहद में चीनी या किसी भी मिलावट की जरूरत होती ही क्यों है? सबसे जरूरी था ये समझना कि शुद्ध शहद क्या होता है.

शुद्ध शहद में किसी भी तरह की मिलावट की जरूरत नहीं होती. लेकिन शुद्ध शहद की कीमत 500 से 1000 रुपए प्रति किलो या इससे ज्यादा भी हो सकती है. शहद को सस्ता करने के लिए उसकी मात्रा बढ़ानी ज़रुरी है और ये काम मिलावट करके ही किया जा सकता है. इसीलिए शहद में चीनी, गुड़, चावल का सिरप, मक्के का सिरप या पूरी तरह केमिकल्स से बना सिरप मिलाकर भी इसे बेचा जा सकता है.

इस आशंका से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आप जो शहद बाजार से खरीदकर लाए हैं. उसमें शहद की मात्रा केवल 10 फीसदी ही हो, बाकी सब मिलावटी हो. शुद्ध शहद अपने आप में किसी दवा से कम नहीं है. लोग शहद का प्रयोग वज़न घटाने, इम्युनिटी बढ़ाने, डायबिटीज़ जैसी कई बीमारियों से बचने के लिए करते हैं. लेकिन अगर शहद में चीनी मिला दी जाए तो जिन बीमारियों से बचने के लिए आप शहद खा रहे हैं, वही शहद आपको बीमार कर सकता है.

शहद को सबसे सुरक्षित मीठा माना जाता है. दुनिया में फूलों की जितनी किस्में होती हैं उतनी ही किस्म के शहद बनाए जा सकते हैं. आपको शायद जानकर हैरानी हो कि अजवायन, जामुन, लीची से लेकर यूकेलिप्टस और नीम के फूल से भी शहद बनता है. लेकिन अगर आप ये सोच रहे हैं कि आपके घर में जो शहद है उसकी शुद्धता की पहचान आप कैसे कर सकते हैं तो हम आपको बता दें कि ये काम बहुत आसान नहीं है.

Benefits of Honey for Skin and Hair - eMediHealth

भारत में शहद बेचने के लिए उसे 50 तरह के टेस्ट पास करने पड़ते हैं उसके बाद भी बाज़ार में 80 प्रतिशत मिलावटी शहद ही बिक रहा है. फिर भी कुछ तरीके हैं जिससे आप शहद की क्वालिटी कुछ हद तक चेक कर सकते हैं.

शहद का घनत्व लगभग 1.36 कि.ग्रा./लीटर (जल से 36% घना) होता है।मधु में कॉर्न सीरप या इक्षु शर्करा मिश्रण की मिलावट की जांच आइसोटोप रेश्यो मास स्पेक्ट्रोमीट्री द्वारा की जा सकती है। इस विधि द्वारा 7% तक की निम्न मात्रा भी जांची जा सकती है।

और हां, अगर आपको लगता है कि शहद अगर जम जाता है तो वो नकली ही होगा. ऐसा नहीं है. शहद किस किस्म के पौधे से बना है. किस तापमान पर स्टोर किया गया है. उसकी पैकिंग और प्रोसेसिंग कैसी है. इस आधार पर शहद का गाढ़ा या हल्का होना और जमना निर्भर करता है.

शुद्ध शहद स्वादिष्ट होने के साथ साथ पौष्टिक भी होता है. सर्दियों से इसका इस्तेमाल दवा के रूप में किया जाता है. आयुर्वेद में शहद को अमृत के समान माना गया है. हालांकि मुनाफा कमाने के लिए कई कंपनियां इस अमृत में मिलावट कर रही हैं. इस मिलावट को समझने के लिए हम आपके साथ National Bee Board से मिले कुछ आंकड़े शेयर करना चाहते हैं.

शहद उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में 8वाँ प्रमुख देश है, जहाँ प्रतिवर्ष 1.05 लाख मीट्रिक टन शहद उत्पादित होता है। राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1,412,659 मधुमक्खी कॉलोनियों के साथ कुल 9,580 पंजीकृत मधुमक्खी-पालक हैं। हालांकि, वास्तविक संख्या बहुत अधिक हो सकती है। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने 2018-19 में 732.16 करोड़ रुपये मूल्य का 61,333.88 टन प्राकृतिक शहद का निर्यात किया था। प्रमुख निर्यात स्थलों में अमेरिका, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, मोरक्को और कतर जैसे देश शामिल थे।

पिछले एक वर्ष में देश में 11 करोड़ 50 लाख किलोग्राम शहद का उत्पादन हुआ.लगभग 6 करोड़ 25 लाख किलोग्राम शहद का निर्यात किया गया.

और चौंकाने वाली जानकारी ये हैं कि देश में हर वर्ष करीब 3 करोड़ किलोग्राम मिलावटी शहद का इस्तेमाल किया जाता है. संभव है कि आपने भी ये मिलावटी शहद खरीदा होगा और सौ प्रतिशत शुद्ध मानकर उसका सेवन भी किया होगा.

शहद की शुद्धता

अब आपको ऐसे दो तरीक़ों के बारे में बताएंगे, जिनकी मदद से आप घर बैठे शहद की शुद्धता का पता लगा सकते हैं.

इसके लिए आप पानी से भरे एक गिलास में एक चम्मच शहद डाल दें. अगर शहद पानी में घुल जाता है तो समझ लीजिए जो शहद आप खा रहे हैं वो मिलावटी है. अगर शहद पानी में घुलने की जगह गिलास में नीचे बैठ जाता है तो इसका मतलब है, शहद असली है.

आप आग की मदद से भी असली और मिलावटी शहद की पहचान कर सकते हैं. इसके लिए आप रुई को शहद में डुबोने के बाद उसे आग लगा दें. अगर रुई कुछ सेकेंड में जल गई तो इसका मतलब होगा शहद पूरी तरह शुद्ध है. अगर शहद मिलावटी होगा तो इसमें देर से आग लगेगी.

लेकिन ये भी सच है कि खाने-पीने की ज्यादातर वस्तुओं की जांच आप घर पर नहीं कर सकते. क्योंकि ये जांच किसी लैब में ही संभव हो पाती है. लेकिन आप मिलावटी सामान की शिकायत ज़रूर कर सकते हैं.

The Top 6 Raw Honey Benefits: Fights Infection, Heals Wounds, and More

FSSAI के टोल फ्री नंबर पर शिकायत

इसके लिए आपको FSSAI के टोल फ्री नंबर 1800112100 पर फोन करके शिकायत दर्ज करानी होगी. आप इस टोल फ्री नंबर पर भी संपर्क कर सकते हैं और मिलावट से जुड़ी शिकायत दर्ज करा सकते हैं.

मिलावटी शहद सिर्फ़ भारत की नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है. शहद दुनिया का सबसे मिलावटी पदार्थ है.

पूरी दुनिया में शहद का सबसे बड़ा बाज़ार अमेरिका में है. अमेरिका में शहद की खपत उत्पादन के मुक़ाबले काफ़ी ज़्यादा है. यही वजह है कि मिलावटी शहद अमेरिका के लिए भी एक बड़ी समस्या है.

वर्ष 2009 में अमेरिका में मिलावटी शहद का सबसे बड़ा मामला सामने आया था. इसे तब वहां Honey Laundering कहा गया. उस समय दूसरे देशों की मदद से चीन ने भारत के रास्ते अमेरिका के बाजारों में मिलावटी शहद बेचा था. इस घोटाले के बाद अमेरिका में दूसरे देशों से आने वाले शहद की जांच के लिए नियम और कड़े कर दिए गए.

कनाडा में भी दूसरे देशों से आए शहद की जांच में 27 प्रतिशत नमूने शुद्धता की जांच पर खरे नहीं उतरे.

वर्ष 2015 में European Union ने विदेशों से आने वाली शहद का 40 प्रतिशत हिस्सा मिलावटी पाया था.

इसी तरह ऑस्ट्रेलिया में वर्ष 2018 में वैज्ञानिकों ने मिलावटी शहद पर एक रिसर्च की थी. इसमें शहद के हर पाँच में से एक नमूने में Sugar Syrup के इस्तेमाल की बात सामने आई थी.

CSE ने पहले भी कई मामलों पर दी थी रिपोर्ट

Centre for Science and Environment ने इससे पहले भी कई मामलों पर अपनी रिपोर्ट दी थी.

वर्ष 2003 में Coca-Cola में Pesticides का खुलासा किया गया था. तब जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाई गई और उसने इस रिपोर्ट को सही माना था

वर्ष 2010 में शहद में एंटीबाय़ोटिक होने का दावा किया गया.

इसके बाद वर्ष 2014 में FSSAI ने शहद में एंटीबायोटिक की जांच का भी नियम जोड़ दिया

वर्ष 2014 में चिकन में भी एंटीबायोटिक होने का दावा किया गया

इसके बाद वर्ष 2017 में दूध, अंडे और चिकन की जांच के नए मानक बनाए गए. यानी जब भी CSE ने खाद्य पदार्थों में मिलावट पर कोई बड़ा खुलासा किया, तब तब सरकार ने गाइडलाइंस में बदलाव किए

शहद के लाभ ( Benefits of Honey )

Honey: Benefits,Uses and Side Effects - Bye Bye Piles

शहद सेहत के लिए है फायदेमंद (Health Benefits of Honey)

चोट को करे ठीक

शरीर के जले हुए या फिर चोट लगे हुए हिस्से पर अगर शहद लगाया जाए तो, वो घाव जल्द सही हो जाता है. एक अनुसंधान के मुताबिक ये कई तरह के बैक्टीरियां यानी जीवाणुओं को मारने में कारगर होता है और घाव को जल्द भरने में मदद करता है. हालांकि अगर आपके शरीर का कोई हिस्सा ज्यादा जल गया है, तो आप डॉक्टर से उसका इलाजा करवाएं. क्योंकि शहद का उपचार हल्के जले घाव में ही मददगार होता है.

नाखूनों को करता है मजबूत

कई लोगों के नाखून काफी कमजोर होते हैं, जिसके कारण वो जल्द टूट भी जाते हैं और उनमें दरार भी पड़ने लगती है. अगर आपको भी नाखून से जुड़ी ये समस्या है, तो आप इस समस्या का हल शहद द्वारा कर सकते हैं. आपको बस थोड़े से शहद में एक चौथाई एप्पल साइडर विनेगर मिलना होगा और इस मिश्रण में अपने नाखूनों को 10 मिनट तक रखना होगा.
इस प्रक्रिया को सप्ताह में दो रिपिट करें, क्योंकि ऐसा करने से आपके नाखून ना केवल मजबूत हो जाएंगे, साथ ही उनमें चमक भी आ जाएगी और इनके आस पास की त्वचा नरम भी हो जाएगी.

इम्यून सिस्टम को दे मजबूती (Strengthens Immune system)

शहद में जिंक और आयरन जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं जो कि हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी को कई तरह की बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत बनाते हैं. इसलिए जिन लोगों का भी इम्युनिटी सिस्टम कमजोर है वो लोग इसका सेवन कर अपने इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत कर सकते हैं.

रक्त चाप को करें नियंत्रण (Blood Pressure)

उच्च रक्त चाप की बीमारी काफी खतरनाक बीमारी है और ये बीमारी होने से शरीर को कई अन्य बीमारियां लगने का भी खतरा बना रहता है. इसलिए रक्त चाप को सही रखना काफी जरूरी होता है.

जिन लोगों को भी ये समस्या है वो शहद का सेवन कर अपने उच्च रक्त चाप को सही कर सकते है. दरअसल इसके अंदर एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड्स पाए जाते हैं जो कि रक्त चाप को सही करने का कार्य करते हैं.

कोलेस्ट्रॉल के स्तर को रखे सही (Cholesterol level)

कोलेस्ट्रॉल की बीमारी की समस्या आजकल आम हो गई है और कई लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं. उच्च कोलेस्ट्रॉल का स्तर होने से इसका सीधा असर दिल पर पड़ता है. इसलिए शरीर में इसका स्तर सही रखना काफी जरूरी होता है. जो भी लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं वो शहद खाकर अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को सही कर सकते हैं. क्योंकि शहद के अंदर मौजूद विटामिन कोलेस्ट्रॉल को सही रखने में मदद करते हैं.

ट्राइग्लिसराइड्स की बीमारी को करे सही (Triglycerides)

ट्राइग्लिसराइड्स रक्त में पाए जाने वाला एक प्रकार का वसा है और अगर इस का स्तर खून में बढ़ जाता है तो मधुमेह-2 होने का खतरा बना रहता है. इसलिए ये बेहद जरूरी होता है कि आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर एकदम सही रहे और इसका स्तर सही रखने के लिए आप चीनी की जगह शहद का सेवन करना शुरू कर दें.

दिल के लिए लाभदायक (Good For Heart Health)

शहद का सेवन कर दिल को सेहतमंद रखा जा सकता है. जिन लोगों को भी दिल से जुड़ी समस्या है वो इसको अपने डाइट के खाने में जोड़ लें. क्योंकि इसके अंदर फिनोल और अन्य एंटीऑक्सीडेंट कंपाउंड्स पाए जाते हैं, जो कि दिल की बीमारी होने के खतरे को कम करते हैं

शहद और नींबू पानी के फायदे (Honey With Lemon)शहद नींबू गर्म पानी के फायदे और बनाने का तरीका - Nimbu shahad aur garam pani  ke fayde aur banane ka tarika

 

शरीर से जुड़े फायदे — गला खराब होने पर अगर पानी में शहद और नींबू के रस को मिलाकर पीया जाए तो गाले की खराश को दूर किया जा सकता है. इसके अलावा अगर इन दोनों चीजों को गर्म पानी में मिलाकर सुबह खाली पेट पीया जाए, तो वजन को कम भी किया जा सकता है.

मुंह की बदबू को करे खत्म — जिन लोगों के भी मुंह से बदबू आती है, वो शहद और नींबू की मदद से इस बदबू को खत्म कर सकते हैं. मुंह की बदबू से परेशान लोगों को बस शहद और नींबू के रस को पानी में मिलाकर, उससे रोजाना कुछ दिन कुल्ला करना होगा.

त्वचा से जुड़े फायदे (Skin benefits of honey)

शरीर के अलावा अगर इन दोनों चीजों का इस्तेमाल एक साथ त्वचा पर किया जाए, तो त्वचा में निखार आ जाता है. साथ ही त्वचा पर मुहांसों से पड़े निशानों को भी खत्म किया जाता है.

शहद और दूध के फायदे (Honey With Milk)

पेट के लिए लाभदायक (Stomach) — दूध में अगर एक चम्मच शहद डालकर पीया जाए तो इससे पेट सही रहता हैं और साथ में ही पेट की रक्षा कब्ज, पाचन, पेट संक्रमण जैसी बीमारियों से भी की जा सकती है. इसलिए पेट की बीमारियों से परेशान रहने वाले लोग रोज सुबह उठ कर इन दोनों चीजों का एक साथ सेवन करें.

शरीर का स्टैमिना बढाए (Boosts Stamina) — दूध में काफी प्रोटीन पाए जाते हैं, जबकि शहद में आवश्यक कार्बोहाइड्रेट मौजूद होतो हैं, जो कि मेटाबॉलिज्म को सही करने का कार्य करते हैं. इसलिए जो लोग जल्द ही थक जाते हैं, वो इन दोनों चीजों का सेवन एक साथ कर अपने शरीर का स्टैमिना बढ़ा जा सकते हैं.

हड्डियों को बनाए मजबूत (Bone) — शहद और दूध को एक साथ पीने से शरीर की हड्डियों को मजबूत किया जा सकता है और साथ में ही जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रहती है उनके लिए भी ये दोनों चीजे लाभदायक होती हैं.

शहद के नुकसान और सेवन से जुड़ी सावधानियां (side effects of honey in hindi)

honey side effects: honey is not good for health when consume with leman  tea and hot milk it become sweet poison says ayurvedic doctor - Honey side  effects: गर्म दूध- लेमन टी

शहद के फायदे (shahad ke fayde) तो अब आप सभी को पता चल ही चुकें हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि शहद के सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं? जी हाँ, अगर आप ज़रुरत से अधिक मात्रा में या गलत चीजों के साथ शहद मिलाकर खाते हैं तो आपको शहद के नुकसान (shahad ke nuksan) झेलने पड़ सकते हैं। आइये जानते हैं कि शहद के नुकसान क्या हैं और किन परिस्थितियों में या किन चीजों के साथ शहद का सेवन नहीं करना चाहिए।

अधिक मात्रा में सेवन करने से बचें 

अगर आप सामान्य रूप से खाने में शहद का सेवन कर रहे हैं तो दिन भर में एक से दो चम्मच का सेवन पर्याप्त है और अगर आप इसे औषधि के रूप में या त्वचा के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं तो चिकित्सक द्वारा बताए खुराक के अनुसार ही सेवन और उपयोग करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से शहद के साइड इफ़ेक्ट (side effects of honey) हो सकते हैं और इससे उल्टी-मिचली आना और कुछ मामलों में डायरिया की शिकायत हो सकती है।

एक साल से कम उम्र के बच्चे को ना खिलाएं शहद

आधुनिक चिकित्सा पद्धति में ऐसा माना गया है कि एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद (honey in hindi) नहीं खिलाना चाहिए। इससे बच्चों में बोटुलिज़्म (Botulism) का खतरा हो सकता है। इसलिए अगर आप एक साल से कम उम्र के बच्चे को शहद खिलाना चाहते हैं तो पहले डॉक्टर की सलाह लें। इसी तरह छोटे बच्चों की त्वचा पर भी शहद लगाने से परहेज करना चाहिए।

पराग कणों से एलर्जी वाले लोग करें परहेज 

यदि आपको पराग कणों से एलर्जी (pollen allergy) है तो आपको शहद के सेवन या उपयोग से परहेज करना चाहिए। शोध के अनुसार जिन लोगों को पराग कणों से एलर्जी होती है, अगर वे शहद का उपयोग करते हैं तो उनकी एलर्जी और बढ़ सकती है।

संवेदनशील त्वचा वाले लोग करें परहेज 

अगर आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील है तो सीधे तौर पर शहद न लगाएं, बल्कि शहद में गुलाब जल या दूध मिलाकर उसे पतला कर लें और फिर उसे त्वचा पर लगाएं। दूध और शहद का मिश्रण त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है।

अनियंत्रित ब्लड शुगर लेवल

कई लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि क्या डायबिटीज के मरीज शहद का सेवन कर सकते हैं? या चीनी की बजाय शहद का सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा फायदेमंद है? आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिन लोगों का डायबिटीज नियंत्रण में है वे खाने के तौर पर शहद का सेवन कर सकते हैं। शहद के सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे डायबिटीज से होने वाली समस्याओं से बचाव होता है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि अगर आपका शुगर लेवल अनियंत्रित रहता है तो फिर शहद के सेवन से परहेज करें। मधुमेह के मरीज शहद का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रुर लें।

ब्लड प्रेशर के मरीज 

शहद का रोजाना सेवन करने से मिलेंगे 10 बड़े फायदे -  8-benefits-of-beauty-and-health-of-honey - Nari Punjab Kesari

अगर आप पहले से हाई ब्लड प्रेशर की दवाइयां (antihypertensive medicine) ले रहे हैं तो रोजाना शहद खाने के दौरान अपना ब्लड प्रेशर ज़रुर चेक करते रहें।

समान मात्रा में घी और शहद ना लें 

आयुर्वेद में घी और शहद की समान मात्रा का एक साथ सेवन ना करने की सलाह दी गयी है। आयुर्वेद में इसे विरुद्ध आहार की श्रेणी में रखा गया है। इसलिए घी के साथ शहद का समान मात्रा में सेवन ना करें।

गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान

वैसे तो शहद के फायदे हर उम्र के लोगों के लिए उपयोगी हैं लेकिन गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान आप इसका सीमित मात्रा में ही सेवन करें। अगर आप शहद का सेवन औषधि के रुप में करना चाहती हैं तो स्त्री रोग विशेषज्ञ की सलाह के अनुसार करें।

गर्म पानी में डालकर ना पियें

गुनगुने पानी में शहद मिलाकर पीते समय हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि पानी एकदम खौलता हुआ नहीं होना चाहिए और कभी भी शहद को पानी में डालकर उबालें नहीं क्योंकि ये भी विरुद्ध आहार की श्रेणी में आते हैं। इसलिए हमेशा हल्के गुनगुने पानी या सामान्य तापमान वाले पानी के साथ ही शहद का प्रयोग करें।

अब आप शहद के फायदे, नुकसान, उपयोग और शहद में हो रही मिलावट से भली भांति परिचित हो चुके हैं। आजकल बाज़ार में शहद के कई ब्रांड्स आसानी से उपलब्ध हैं। आप अपनी सुविधानुसार इनमें से किसी का भी सेवन कर सकते हैं।

Q : शहद कब जहर बन जाता है?

Ans : नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन द्वारा एक अध्ययन में सलाह दी गई है कि गर्म शहद (> 140 डिग्री सेल्सियस) को घी के साथ मिलाने पर एचएमएफ का उत्पादन होता है जो हानिकारक प्रभाव पैदा कर सकता है, और हमारे पेय को जहर बना सकता है.

Q : असली शहद कहां मिलेगा

Ans : असली शहद जंगलों, गाँव देहातों में पुराने ऊंचे पेड़ों पर, ऊंची-ऊंची पहाड़ों की चट्टानों पर मिलता है डिपार्टमेंटल स्टोर्स और परचूरन की दुकान पर तो कतई नहीं मिलता है..ना ही मधुमक्खी पालन केंद्रों पर

Q : ओरिजिनल शहद का क्या पहचान है?

Ans : अगर पानी से जांच नहीं कर पा रहे हैं, तो आग से शहद की शुद्धता की जांच कर सकते हैं। इसके लिए एक मोमबत्तीच जलाएं और एक लकड़ी में रूई लपेट कर उस पर शहद लगा लें। फिर इस शहद लगी रूई को आंच पर रखें, अगर रुई जलने लगे, तो शहद शुद्ध है। अगर जलने में समय लेती है, तो शहद में पानी की मिलावट हो सकती है।

Q : शहद को खाने से क्या होता है?

Ans : शहद को खाने से सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं. शहद खाने से शरीर के टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं.

Q : क्या शुद्ध शहद जमता है?

Ans : शहद का जमना एक कुदरती प्रक्रिया है । शुद्ध शहद भी जम ( crystallized ) सकता है । … प्राकृतिक रूप से तैलीय बीज वाली वनस्पति के फूलों से अगर मधुमक्खी शहद बनाती है तो उसके जमने की सम्भावना अधिक होती है । इसीलिए मधुमक्खी पालन में बक्से को राई, सूर्यमुखी, तिल, सोयाबीन की फसल वाले खेतों के बीच रखते है, जिससे जमता है

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