Human Rights Day 2021: मानवाधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है



Human Rights Day 2021: मानवाधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है | human rights day 2021 why celebrate human rights day what is its theme this year
Human Rights Day 2021 : प्र्तेक वर्ष 10 दिसंबर को ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ (Human Rights Day) मनाया जाता है।धरती पर रहने वाले हर व्यक्ति का एक मौलिक अधिकार है जिसके बारे में उन्हें अवश्य पता होना चाहिए।संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1948 में मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा (UDHR) को अपनाया।
यूडीएचआर एक मील का पत्थर दस्तावेज है जो उन अधिकारों की घोषणा करता है जो एक इंसान के रूप में उनकी जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, राजनीतिक, देश, मूल और जन्म की परवाह किए बिना हर कोई हकदार है।
यह घोषणापत्र दुनिया में सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज है जो 500 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। मानवाधिकार सतत विकास लक्ष्यों के केंद्र में हैं, जिसका अर्थ है कि मानवीय गरिमा के अभाव में, हम सतत विकास को आगे बढ़ाने की उम्मीद नहीं कर सकते। संयुक्त राष्ट्र का मानना है कि 10 दिसंबर उस दुनिया के पुनर्निर्माण में मानवाधिकारों के महत्व की पुष्टि करने का एक अवसर है जिसमें हम रहना चाहते हैं, ग्लोबल एकजुटता की जरुरत के साथ-साथ हमारी परस्परता और साझा मानवता की आवश्यकता है।
संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने 1950 में 10 दिसंबर (10 December) के दिन को मानवाधिकार दिवस (World Human Rights Day) घोषित किया था,
जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों का ध्यान मानवाधिकारों (Human Rights) की ओर आकर्षित करना था। साल 1948 में यूनाइटेड नेशन्स जनरल असेंबली ने इसको अपनाया,
लेकिन आधिकारिक तौर पर इस दिन की घोषणा साल 1950 में हुई। ‘अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस’ (International Human Rights Day) मनाने के लिए असेंबली ने सभी देशों को 1950 में आमंत्रित किया ।
जिसके बाद असेंबली ने 423 (V) रेज़्योलुशन पास कर सभी देशों और संबंधित संगठनों को इस दिन को मनाने की सूचना जारी की थी।
मानवाधिकार दिवस क्यों मनाया जाता है – Why is Human Rights Day celebrated ?
मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) लोगों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। मानवाधिकार (Human Rights) में स्वास्थ्य, आर्थिक सामाजिक, और शिक्षा का अधिकार आदि आते है।
मानवाधिकार (Human Rights) वे मूलभूत नैसर्गिक अधिकार हैं जिनसे मनुष्य को नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि के आधार पर वंचित या प्रताड़ित नहीं किया जा सकता।
मानवाधिकार दिवस किसी भी जाति, रंग, धर्म, लिंग, भाषा, राजनीतिक या अन्य राय, राष्ट्रीय या सामाजिक मूल, संपत्ति, जन्म या किसी भी अन्य स्टेटस के बावजूद सभी मनुष्यों के पूर्ण अधिकारों का प्रतीक है।
भारत में मानवाधिकार – Human Rights in India
भारत में मानवाधिकार कानून (Human Rights Law) 28 सितंबर 1993 में अमल में आया। जिसके बाद सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया।
मानवाधिकार (Human Rights) आयोग राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्षेत्रों में भी काम करता है । जैसे मज़दूरी, HIV एड्स, हेल्थ, बाल विवाह, महिला अधिकार. मानवाधिकार आयोग (Human Rights Law) का काम ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना है ।
मानवाधिकार दिवस 2021: थीम (Human Rights Day 2021 Theme)
इस साल के मानवाधिकार दिवस की थीम “समानता, असमानताओं को कम करना, मानव अधिकारों को आगे बढ़ाना” है। समानता और गैर-भेदभाव का सिद्धांत मानव अधिकारों के केंद्र में है। समानता का मतलब है समावेश और गैर-भेदभाव- यानी विकास के लिए असमानताओं को कम करना ही मानवाधिकार का सबसे अच्छा तरीका है।
इस वर्ष का विषय ‘समानता’ और यूडीएचआर के अनुच्छेद 1 से संबंधित है जो कहता है कि ‘सभी मनुष्य स्वतंत्र और सम्मान और अधिकारों में समान हैं। समानता और गैर-भेदभाव के सिद्धांत मानवाधिकारों के केंद्र में हैं। दस्तावेज में निर्धारित संयुक्त राष्ट्र के दृष्टिकोण में समाज में कई लोगों को प्रभावित करने वाले भेदभाव को संबोधित करना और समाधान खोजना शामिल है। समानता, समावेश और गैर-भेदभाव-विकास के लिए मानवाधिकार आधारित दृष्टिकोण असमानता को कम करने का एकमात्र सर्वोत्तम तरीका है।
मानवाधिकार दिवस 2021 के बारे में
मानवाधिकार परिषद (Human Rights Council) में संयुक्त राष्ट्र के 47 निर्वाचित सदस्य राज्य शामिल हैं, जिन्हें असमानता, दुर्व्यवहार और भेदभाव को रोकने, सबसे कमजोर लोगों की रक्षा करने और मानवाधिकारों के उल्लंघन के अपराधियों को दंडित करने का अधिकार है। बता दें कि मानवाधिकारों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय कानूनों, और विश्व स्तर पर संधियों द्वारा संरक्षित और बरकरार रखा गया है।
मानवाधिकार दिवस 2021: महत्व (Human Rights Day 2021 Significance)
मानवाधिकार दिवस काफी अहम है, खासकर कोविड-19 के बाद जिसने गरीबी को और गहरा किया है, और असमानता, भेदभाव और मानवाधिकार संरक्षण में खाई को बढ़ाया है। हालांकि, बेहतर, अधिक लचीला और टिकाऊ दुनिया का निर्माण करके इन खाली जगहों को भरना और मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना संभव है।