International mens day 2020 : अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास

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International mens day 2020
International mens day 2020
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प्रतेक वर्ष 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) मनाया जाता है. यह दिन मुख्य रूप से पुरुषों के अधिकारों, तथा पुरुषों को भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न, हिंसा और असमानता से बचाने और उन्हें उनके अधिकार दिलाने के लिए

आज देश-विदेश में अनेक जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. दरअसल, समाज भले ही पुरुष प्रधान हो लेकिन हमारे समाज मै कई बार पुरुष भी अत्याचार का शिकार होते हैं. भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया.

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस  (International Men’s Day)

क्या आपको पता है लगभग 80 देशों में 19 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस (International Men’s Day) मनाया जाता है और इसे युनेस्को का भी सहयोग प्राप्त है. इस दिन को आप अपने पुरुष दोस्तों, सहकर्मियों,

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस  (International Men’s Day)

पिता, भाई और पति को ख़ास महसूस कराने के लिए उन्हें कोई प्यार भरा संदेश, गुलदस्ता, ग्रीटिंग, शेविंग किट, शर्ट या उनकी मनपसंद कोई उपहार आदि उन्हें दे कर उन्हें बताइए कि वो आपके जीवन में बहुत अहमियत रखते हैं.उनके बिन आपका जीवन अधूरा है।

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2020 की थीम (Theme of International Men’s Day 2020)

हर साल अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस अलग-अलग थीम के आधार पर मनाया जाता है. इस बार की थीम है – अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2020 की थीम ‘Better Health for Men and Boys’ है. यानी कि पुरुषों और लड़कों के सही स्वास्थ्य की तरफ काम करना.


ऐसे हुई पुरुष दिवस की शुरुआत (This is how men’s day started)

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, 19 नवंबर को मनाया जाने वाला एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम है. इसकी शुरुआत 7 फरवरी 1992 को थॉमस ओस्टर द्वारा की गई थी. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस की परियोजना की कल्पना एक साल पहले 8 फरवरी 1991 को की गई थी.

इसके बाद 1999 में इस परियोजना को त्रिनिदाद और टोबैगो में फिर से शुरू किया गया.भारत में डॉ. जीरोम तिलकसिंह में पुरुषों के अधिकारों और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए काफी प्रयास किए. डॉ. जीरोम तिलकसिंह के पिता जा जन्म 19 नवंबर को होता था. इसी तारीख को भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की शुरुआत हुई.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का इतिहास (History of international men’s day)

1923 में कई पुरुषों द्वारा 8 मार्च को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की तर्ज पर अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाए जाने की मांग की गई थी.जिसके चलते पुरुषों ने आंदोलन भी किये . उस समय पुरुषों ने 23 फरवरी को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाने की मांग की थी.
इसके बाद 1968 में अमेरिकन जर्नलिस्ट जॉन पी. हैरिस ने एक आर्टिकल लिखते हुए कहा था

कि सोवियत प्रणाली में संतुलन की कमी है. उन्होंने लिखा था कि सोवियत प्रणाली महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाती है लेकिन पुरुषों के लिए वो किसी प्रकार का दिन नहीं मनाती.

International Men’s Day was celebrated for the first time

फिर 19 नवंबर 1999 में त्रिनिदाद और टोबैगो के लोगों द्वारा पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया गया. डॉ. जीरोम तिलकसिंह ने जीवन में पुरुषों के योगदान को एक नाम देने का बीड़ा उठाया था. उनके पिता के बर्थडे के दिन विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है. धीरे धीरे दुनियाभर में इसे 19 नवंबर को मनाया जाने लगा.

भारत ने साल 2007 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया. इसके बाद से ही भारत में हर साल 19 नंवबर को अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है.

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस का महत्व (Importance of International Men’s Day)

अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मुख्य रूप से पुरुष और लड़कों के स्वास्थ्य पर ध्यान देने, लिंग संबंधों में सुधार करने और पुरुष रोल मॉडल्स को उजागर किए जाने के लिए मनाया जाता है.ndtv. की एक रिपोट के अनुसार InternationalMensDay की वेबसाइट के मुताबिक,

दुनिया में महिलाओं से 3 गुना ज्यादा पुरुष सुसाइड करते हैं. 3 में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार है. महिलाओं से 4 से 5 साल पहले पुरुष की मौत होती है. महिलाओं से दोगुना पुरुष दिल की बीमारी के शिकार होते हैं. पुरुष दिवस पुरुषों की पहचान के सकारात्मक पहलुओं पर काम करता है.

पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं (Following are the main objectives of celebrating Men’s Day)

पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना.
समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना.
पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर.
पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना.
लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना.
एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना

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