Jaundice in Hindi | Home remedies for jaundice | piliya ki medicine | piliya in hind | piliya rog ka ilaj | reason of piliya पीलिया (जॉन्डिस) के घरेलू उपाय व लक्षण

हेल्थ
Home remedies for jaundice
Home remedies for jaundice

Table of Contents

Jaundice in Hindi | Home remedies for jaundice | piliya ki medicine | piliya in hind | piliya rog ka ilaj | reason of piliya | piliya ka ilaj for new born baby | पीलिया (जॉन्डिस) के घरेलू उपाय व लक्षण

Jaundice in Hindi : पीलिया या जॉन्डिस होने का कारण बिलीरुबिन नामक पदार्थ है, जिसका निर्माण शरीर के ऊतकों और रक्त में होता है। हमारी बॉडी के रेड ब्लड सेल्स एक तय समय यानी 120 दिन बाद टूट जाते हैं तो बिलिरुबिन नाम का बाई-प्रोडक्ट बनता है।

यह पदार्थ लिवर से होते हिए मूलमूत्र के द्वारा शरीर से बाहर निकल जाता है। वहीं अगर शरीर के रेड ब्लड सेल्स 120 दिन से पहले टूट जाते हैं तो लिवर में बिलिरुबिन की मात्रा अधिक बढ़ जाती है जिससे पीलिया (Jaundice in Hindi) जैसी बीमारी हो जाती है।

पीलिया आमतौर पर नवजात शिशुओं में होता है। समय पर इलाज नहीं मिलने से इसका असर मस्तिष्क पर भी पड़ सकता है।इसके अलावा पीलिया (Jaundice in Hindi) जॉन्डिस दूषित पानी और दूषित खाना खाने से भी होता है।Jaundice लिवर की बीमारी है। इसमें मरीज की त्वचा से लेकर आंखें, नाखून, पेशाब का रंग पीला हो जाता है।

यह भी पढ़े :  जानें सेहत के लिए कितना फायदेमंद है ये देसी फल

लिवर कमजोर होकर ठीक से काम करना बंद कर देता है।भूख धीरे-धीरे कम हो जाती है। प्रायः पीलिया होने पर लोग घबराने लगते हैं और पीलिया का इलाज करने के लिए एलोपैथिक के साथ-साथ अन्य कई तरह के उपाय करने लगते हैं। क्या आपको पता है कि आप पीलिया का घरेलू उपचार (home remedies for jaundice) भी कर सकते हैं।

पीलिया क्या है? (What is Jaundice in Hindi?)

पीलिया (Piliya) तब होता है, जब शरीर में बिलीरुबिन नामक पदार्थ बहुत अधिक हो जाता है। बिलीरुबिन की अत्यधिक मात्रा होने से लिवर पर बुरा प्रभाव पड़ता है, और इससे लिवर के काम करने की क्षमता कमजोर पड़ जाती हैं। बिलीरुबिन धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैल जाता हैं जिससे व्यक्ति को पीलिया रोग हो जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि बिना डॉक्टर की सलाह लिए पीलिया (Jaundice in Hindi) की दवा ना खाएं।

पीलिया होने के कारण (Jaundice Causes in Hindi)

बिलीरुबीन पीले रंग का पदार्थ होता है। ये रक्त कोशिकाओं में पाया जाता है। जब ये कोशिकाएं मृत हो जाती हैं तो लिवर इनको रक्त से फिल्टर कर देता है। जब लिवर में कुछ दिक्कत होने के चलते यह प्रक्रिया ठीक से नहीं हो पाती तो बिलीरुबीन बढ़ने लगता है। इसी के चलते त्वचा पीली नजर आने लगती है। लिवर में गड़बड़ी के कारण, बिलीरुबिन शरीर से बाहर नहीं निकलता है, और इससे पीलिया (Jaundice in Hindi) हो जाता है। इसके अलावा कारण से भी पीलिया हो सकता है

यह भी पढ़े : Wrong Ways of Eating Fruits | गर्मियों में इन फलो को गलत तरीकों से कभी न खाएंहो सकती हैं प्रॉब्लम्स

  • हेपेटाइटिस
  • पैंक्रियाटिक का कैंसर
  • बाइल डक्ट का बंद होना
  • एल्कोहल से संबधी लिवर की बीमारी
  • सड़क के किनारे, कटी, खुतली, दूषित वस्तुएं और गंदा पानी पीने से।
  • कुछ दवाओं के चलते भी यह समस्या हो सकती है।

पीलिया के लक्षण

शरीर में खून की कमी, शरीर पीला हो जाना, पाचन तंत्र कमजोर हो जाना, आंखों में पीलापन, पेशाब का रंग पीला हो जाना, मतली जैसा महसूस होना, भूख लगभग खत्म हो जाना, बार बार चक्कर आना, थकावट होने के साथ साथ वजन में भी काफी तेजी से गिरावट आना। ये सभी पीलिया के लक्षण हैं। हालांकि इसका मुख्य असर आपके लिवर पर पड़ता है और लिवर कमजोर हो जाता है।

पीलिया किन लोगों को हो सकता है? (Who is at Risk of Jaundice?)

 पीलिया (Piliya) हो सकता है piliya ka ilaj for new born baby

  • पीलिया (Jaundice in Hindi)नवजात शिशु से लेकर वृद्धावस्था तक किसी भी वर्ग के व्यक्ति को हो सकता है।
  • नवजात शिशुओं को पीलिया का खतरा अधिक होता है। जब शिशु का जन्म होता है तो शिशु के शरीर के लाल रक्त कोशिकाओं की अधिकता होती है। जब ये अतिरिक्त (RBC) सेल्स टूटने लगते हैं तो नवजात को पीलिया होने की संभावना हो जाती है।
  • शिशु में पीलिया की शुरुआत सिर से होती है, फिर चेहरा पीला पड़ जाता है। इसके बाद सीने और पेट में फैल जाता है। अंत में पैरों में फैलता है। शिशु को अगर पीलिया से 14 दिन से ज्यादा समय तक ग्रस्त रहता है तो उसके परिणाम घातक हो सकते हैं।

पीलिया में परहेज (Avoid These in Jaundice Disease)

जॉन्डिस के लक्षण दिखने पर सबसे ज़रुरी है कि जीवनशैली और खानपान में बदलाव लाएं. 

  • बाहर के बने खाने का परहेज करें।
  • एक साथ ढेर सारा खाना ना (home remedies for jaundice) खाएं।
  • ज्यादा मिर्च-मसालेदार तले हुए खाना मैदा आदि का प्रयोग ना करें।
  • दाल और बींस न खाएं। ये लीवर पर ज्यादा बोझ डालते हैं और तकलीफ बढ़ सकती है।
  • ज्यादा मेहनत करने से बचें। ज्यादा मेहनत से तकलीफ बढ़ सकती है।
  • शराब- शराब लिवर के लिए बहुत हानिकारक होता है। इसके सेवन से लिवर पर बुरा असर पड़ता है।
  • नमक- पीलिया में ज्यादा नमक वाली चीजें (अचार) खाने से बचना चाहिए। ज्यादा नमक वाली चीजें खाने में पीलिया को ठीक होने में अधिक समय (home remedies for jaundice) लगता है।
  • कॉफी या चाय- चाय और कॉफी में मौजूद कैफीन पीलिया ठीक होने में बाधक बन सकती है। इसलिए पीलिया में इनका परहेज करना चाहिए।
  • दाल- पीलिया में दाल खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि दालों से आंतों में सूजन हो सकती है।
  • मक्खन- पीलिया के मरीज को मक्खन खाने से परहेज करना चाहिए। मक्खन में वसा बहुत ज्यादा होता है। इसे खाने से पीलिया के मरीज में तनाव भी बढ़ता है।
  • जंक फूड- पीलिया में जंक फूड खाने से बचना चाहिए। जंक फूड में कई तरह के तेल मसाले डाले जाते हैं, जो कि पीलिया के मरीज के लिए बहुत ही नुकसानदायक होते हैं।
  • मीट, अंडे, चिकन और मछली- पीलिया में कुछ प्रोटीन युक्त आहार (अंडा, मांस आदि) लेने से बचना चाहिए। 

यह भी पढ़े : Dark Circles : आंखों के नीचे के काले घेरेदूर करने के घरेलु टिप्स

Home remedies for jaundice
Home remedies for jaundice

पीलिया दूर करने के अन्य घरेलू नुस्खे

  • पीलिया के आयुर्वेदिक इलाज में शामिल है त्रिफला का उपयोग। रात में त्रिफला भिगोकर रख दें और सुबह पानी को छान कर पी लें। दो हफ्तों तक यह प्रयोग किया जाए तो पीलिया में राहत मिलती है। इसी तर्ज पर खड़े धनिया का उपयोग किया जाता है।

यह भी पढ़े : त्रिफला चूर्ण के फायदे, उपयोग एवं नुकसान

  • साबुत धनिया को रात भर पानी में भिगोकर रख दें और सुबह इस पानी को पी लें। यह प्रयोग दो सप्ताह तक करने से पीलिया जल्द खत्म हो जाता है।
  • मूली और मूली के पत्तों का रस निचोड़कर पीने से भी पीलिया में जल्दी राहत मिलती है। मूली के रस में काला नमक मिलाकर पीने से आपका पाचनतंत्र भी सही होगा और पीलिया जल्द खत्म हो जाएगा। इसकी सलाह डॉक्टर भी देते हैं।
  • गन्ने का रस पिएं, गन्ने का रस साफ और हाइजीनिक तरीके से निकाल कर पीने से पीलिया में राहत मिलती है।
  • विटामिन सी वाले फल जैसे नींबू, संतरा, आंवला और टमाटर का सेवन करने से भी पीलिया जल्द खत्म हो जाता है।
  • एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को रात भर एक गिलास पानी में भिगोकर रख दें औऱ सुबह सुबह इसे छीन कर पी लें। दो सप्ताह में पीलिया का असर खत्म हो जाएगा।
  • नीम के पत्तों का रस भी पीलिया के मरीजों के लिए रामबाण हैं। रोज नीम के ताजे पत्तों का रस निकाल कर रोगी को देने से सप्ताह भर में पीलिया उतर जाता है।
  • पपीता, आमला, तुलसी, अनानास, छाछ और दही आदि का सेवन करने से भी पीलिया को दूर करने में मदद मिलती है।
  • इसके अलावा पीलिया के मरीजों को गरिष्ठ यानी भारी भोजन नहीं करना चाहिए। तला भुना और खासकर बाहर का खाने से बचना होगा। घर में बने ताजे और गर्म भोजन से पीलिया जल्द ठीक होगा। कोशिश करें कि हल्का भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी, पतली रोटी संग सब्जी का सेवन करे।
  • पीलिया के मरीजों के लिए सबसे जरूरी है कि वो इस दौरान उबले हुए पानी को ठंडा करके ही पिएं क्योंकि पानी में संक्रमण होने के कारण ही पीलिया होता है इसलिए बीमारी के दौरान पानी उबाल कर ही पिएं और बाहर रेहड़ी या बोतल बंद पानी पीने से बचें।

पीलिया से बचने और पीलिया ठीक होने के बाद की कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां

पीलिया से बचने के लिए सबसे जरूरी है लिवर को स्वस्थ्य रखना। भोजन जितना सादा होगा, लिवर उतना स्वस्थ्य रहेगा। यदि पीलिया ठीक हो गया है तो भी कुछ दिनों तक खिचड़ी, दलिया जैसी साधारण चीजें खाते रहें। जिन लोगों को पीलिया हो जाता है, उनके रक्तदान करने पर मनाही होती है। अपने खानपान में मूली, गोभी, दही को शामिल करें। भरपूर मात्रा में पानी पिएं।

FAQ :

Q : अगर किसी को पीलिया हो जाए तो क्या करना चाहिए?

Ans :अगर दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिया जाए तो इससे बहुत ही लाभ होता हैं। अगर रोगी सत्तू खाकर गन्ने का रस सेवन किया जाय तो सप्ताह भर में ही पीलिया ठीक हो जाता है। अगर गेहूं के दाने के बराबर सफेद चूना गन्ने के रस में मिलाकर सेवन किया जाय तो भी जल्द से जल्द पीलिया दूर हो जाता है।

Q : पीलिया में कौन सी जड़ी बूटी है?

Ans :पीलिया रोग ठीक करने एक आयुर्वेदिक औषधि के बारे में बताने जा रहे हैं। यह आयुर्वेदिक औषधि एक पौधा है, जिसे बोलचाल की भाषा में भूमि आंवला कहत हैं। इसका वानस्पतिक नाम भुंई आंवला (वानस्पतिक नाम: Phyllanthus niruri) अथवा भुंई आमला अथवा भूआमलकी एरन्ड है। इसे जड़, तना, पत्ती सहित पीसकर सात दिन लगातार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

Q : पीलिया का झाड़ा कैसे दिया जाता है?

Ans : पीलिया झाड़ने वालों का कहना है कि मंत्रोच्चारण और दूभ यानी दूर्वा की मदद से पीलिया को झाड़ा जाता है। कांसे की थाली में सरसों का तेल डालकर उसे दूभ से घूमाया जाता है

Q : क्या पीलिया में दूध पीना चाहिए?

Ans : मात्र सात दिनों में ही पुराने से पुराना रोग जड़ से नष्ट हो जाएगा । अरंड के पत्तों का रस 10 से 20 ग्राम तक गाय के कच्चे दूध में मिलाकर प्रतिदिन सुबह-शाम सेवन करें। इसके सेवन से 3 से 7 दिनों में पीलिया नष्ट हो जाता है।

Q : पीलिया में कौन सी सब्जी खाना चाहिए?

Ans : आलू, गाजर, शकरकंद और चुकंदर जैसी सब्जियों को उबालें और मसलकर खाएं। यह सब्जियां पीलिया को ठीक करने में बहुत ज्यादा फायदेमंद होती हैं क्योंकि ये वसा रहित होती हैं। इन्हें खाने से पीलिया रोगियों को किसी प्रकार का नुकसान नहीं होता है

Q : पीलिया के रोगी को क्या क्या खाना चाहिए?

Ans : पीलिया के मरीजों को छाछ अथवा दही सेवन करना चाहिए। इसके लिए छाछ में काला नमक मिलाकर सेवन करें। इससे पाचन तंत्र में सुधार होता है और पीलिया में आराम मिलता है। विशेषज्ञों की मानें तो मूली का रस पीने से रक्त में अतिरिक्त बिलुरुबिन बाहर निकल जाता है

Q : पीलिया रोग में शरीर का कौन सा अंग प्रभावित होता है?

Ans : पीलिया सीधे लिवर को प्रभावित करता है।

Q : पीलिया में अंडा खा सकते हैं क्या?

Ans : पीलिया रोग में अंडे या मांस के सेवन से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे लिवर पर असर होता है।

अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के अन्य रोचक लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट sangeetaspen.com और sangeetaspen youtube channel के साथ।

Leave a Reply