Kainchi Dham in Hindi | Neem Karauri Ashram in Hindi | नीम करोली बाबा की महिमा

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Kainchi Dham

Kainchi Dham in Hindi | Neem Karauri Ashram in Hindi | नीम करोली बाबा की महिमा

Kainchi Dham : भारत में कई ऐतिहासिक मंदिर और धाम बने है । इन धामों और मंदिरो से जुड़ी लोगो की आस्था एवं पंरपराएँ अचंभित करने वाली है .लेकिन भारत के इन मंदिरों में एक ऐसा भी मंदिर है जिस पर केवल भारतीयों की ही नहीं बल्कि विश्व के लोगों की आस्था है .यह मंदिर है, उत्तराखंड के नैनीताल में स्थित कैंची धाम (Kainchi Dham)

आगामी 15 जून को भवाली स्थित विश्व प्रसिद्ध बाबा नीम करौली महाराज के धाम में होने वाले कैंची धाम मेले की तैयारियों में प्रशासन जुट गया है। शनिवार को मंदिर परिसर में एसडीएम कुश्याकटौली ने मंदिर प्रबंधन के साथ बैठक की। जिसमें 15 जून को पार्किंग, यातायात, सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की गई।

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बता दे कि इससे पहले दो वर्ष कोरोना के चलते कैंची धाम में मेले का आयोजन नहीं किया गया। लेकिन इस वर्ष मेले का आयोजन भव्य स्तर पर किया जा रहा है। प्रशासन इसकी तैयारी में जुट गया है।

15 जून को लगेगा कैंची मेला

“कैंची धाम” के नीब करौरी बाबा (नीम करौली) की ख्याति विश्वभर में है। बाबा के भक्तों का मानना है कि बाबा हनुमान जी के अवतार थे। नैनीताल से लगभग 65 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी भी खाली हाथ वापस नहीं लौटता।

यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है। यही कारण है कि देश-विदेश से हज़ारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं। श्री हनुमान जी के अवतार माने जाने वाले बाबा के इस पावन धाम पर पूरे साल श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन हर साल 15 जून को यहां पर एक विशाल मेले व भंडारे का आयोजन होता है। यहां इस दिन इस पावन धाम में स्थापना दिवस मनाया जाता है।

बाबा नीब करौरी ने इस आश्रम की स्थापना 1964 में की थी। बाबा 1961 में पहली बार यहां आए और उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिल कर यहां आश्रम बनाने का विचार किया था।

Neem Karauri Ashram
Neem Karauri Ashram

हनुमान जी अवतार माने जाते है बाबा

मान्यता है कि बाबा नीब करौरी को हनुमान जी की उपासना से अनेक चामत्कारिक सिद्धियां प्राप्त थीं। लोग उन्हें हनुमान जी का अवतार भी मानते हैं। हालांकि वह आडंबरों से दूर रहते थे। न तो उनके माथे पर तिलक होता था और न ही गले में कंठी माला।

एक आम आदमी की तरह जीवन जीने वाले बाबा अपना पैर किसी को नहीं छूने देते थे। यदि कोई छूने की कोशिश करता तो वह उसे श्री हनुमान जी के पैर छूने को कहते थे। बाबा नीम करौली को भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है. कहते हैं कि यहां कोई भी व्‍यक्ति मुराद लेकर जाए तो वह खाली हाथ नहीं लौटता. यहां बाबा का समाधि स्थल भी है. विदेशी भक्‍तों की बात करें तो यहां अमेरिकी लोग सबसे ज्‍यादा आते हैं

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ये विदेशी है बाबा के भक्त

बाबा के भक्तों में एक आम आदमी से लेकर अरबपति-खरबपति तक शामिल हैं। बाबा के इस पावन धाम में होने वाले नित-नये चमत्कारों को सुनकर दुनिया के कोने-कोने से लोग यहां पर खिंचे चले आते हैं। बाबा के भक्त और जाने-माने लेखक रिचर्ड अल्बर्ट ने मिरेकल आफ लव नाम से बाबा पर पुस्तक लिखी है।

इस पुस्तक में बाबा नीब करौरी के चमत्कारों का विस्तार से वर्णन है। इनके अलावा एप्‍पल के संस्‍थापक स्‍टीव जॉब्‍स, फेसबुक के संस्‍थापक मार्क जुकरबर्ग (Mark Zuckerberg) और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स बाबा के भक्‍त रहे हैं, नीम करोली बाबा के धाम में आ चुके बड़े बड़े नामों में पूर्व राष्ट्रपति वीवी गिरी, अँग्रेज जनरल मकन्ना, भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु आदि नाम शामिल है।

यहां आकर अपनी जिंदगी में अलग-अलग दुविधाओं से गुजर रहे लोगों को एक विजन मिल जाता है।जिंदगी को नए तरिके से देखने का जिंदगी जीने का इसलिए लोगो में आज भी कैंची धाम (Kainchi Dham) के प्रति बहुत आस्था देखि जाती है

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15 जून का स्‍थापना दिवस है । नीम करौली बाबा (Neem Karoli Baba) के पास देश ही नहीं दुनिया भर से भक्‍त आते थे और प्रेरणा पाते थे । उन्‍होंने 1964 में नैनीताल के पास पंतनगर में यह धाम/आश्रम बनाया था, जिसमें स्‍टीव जॉब्‍स (Steve Jobs) कई दिनों तक रहे । 15 जून को इस धाम की स्‍थापना दिवस के मौके पर देवभूमि कैंची धाम (Kainchi Dham) में मेला लगता है ।

Kainchi Dham
Kainchi Dham

नीम करोली बाबा का जीवन परिचय

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) जी का वास्तविक नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था। उनका जन्म अकबरपुर (उत्तर प्रदेश) में सन 1900 के आस पास हुआ था। नीम करोली महाराज के पिता का नाम श्री दुर्गा प्रशाद शर्मा था।

नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) जी गृहस्थ जीवन के साथ- साथ धार्मिक और सामाजिक कामों में सहायता करते थे। मात्र 11 वर्ष की उम्र में ही उनका विवाह एक ब्राह्मण कन्या के साथ कर दिया गया था। परन्तु शादी के कुछ समय बाद ही उन्होंने घर छोड़ दिया तथा साधु बन गए। माना जाता है कि लगभग 17 वर्ष की उम्र में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी।

लगभग 10 वर्ष तक घर से दूर रहे। एक दिन उनके पिता उनसे मिले और गृहस्थ जीवन का पालन करने को कहा। पिता के आदेश को मानते हुए नीम करौली बाबा घर वापस लौट आये और दोबारा गृहस्थ जीवन शुरू कर दिया। नीम करौली बाबा के 2 बेटे और 1 बेटी हैं. बड़े बेटे अपने परिवार के साथ भोपाल में रहते हैं और छोटे बेटे का हाल ही में निधन हो गया है.

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नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) हनुमान जी के परम भक्‍त थे, उन्‍होंने देश में भगवान हनुमान के कई मंदिर बनवाए. इसी कड़ी में उन्‍होंने नैनीताल के पास कैंची गांव में भी हनुमान मंदिर बनवाया बाबा नीब करौरी 1961 में पहली बार यहां आए

कैसे जाएं नीम करोली बाबा आश्रम

नीम करोली बाबा आश्रम नैनीताल – अल्मोड़ा रोड पर, भवाली से 9 किलोमीटर और नैनीताल से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में एक ट्रेन काठगोदाम के लिए रवाना हो सकती है और फिर दो घंटे की बस की सवारी के साथ कैंची धाम पहुंचा जा सकता है। आश्रम बस स्टॉप के करीब स्थित है।

आपको भी इस आश्रम की भव्यता के दर्शन करने कम से कम एक बार यहां जरूर जाना चाहिए।

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