कंडाली का साग है स्‍वाद में लाजवाब

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कंडाली का साग है स्‍वाद में लाजवाब (Kandali vegetable )
कंडाली का साग है स्‍वाद में लाजवाब (Kandali vegetable )

उत्तराखंड देवभूमि के नाम से विश्व में प्रसिद्ध है तथा यहाँ अनेको पर्यटन स्थल भी है साथ ही (पहाड़) के व्यंजन भी हर जगह अपने स्वाद पौश्टिकता के लिए प्रसीद है । इन स्वादिस्ट व्यंजनों से आज हम sangeetaspen ब्लॉग के माध्यम से आपको उत्तराखंड के एक ऐसे व्यंजन के बारे में बताने जा रहे है। जो खाने में बहुत स्वादिष्ट है

परन्तु इसकी बनाने कि सुरुवादी प्रकिर्या बहुत जटिल है। इस व्यंजन का नाम है कंडाली (नेटल (Nettle /कंडाली का साग।) इस लाजवाब खाने का स्वाद हर किसी की जुबां पर हमेशा रहता है। इसी को देखते हुए अब पहाड़ी खानों की मैदानी क्षेत्रों में भी काफी मांग बढ़ गई है। कंडाली के साग के साथ झंगोरे (एक प्रकार का पहाड़ी भात) का स्‍वाद लेंगे तो आप हमेशा याद रखेंगे।

कंडाली तोड़ते समय सावधानिया

कंडाली कि कोमल पत्तियों को तोड़कर लाने के लिए किसी दस्ताने या चिमटे या कैंची का उपयोग करे नहीं तो नजर हटी और दुर्घटना घटी वाली स्थिति है.क्युकी कंडाली में काटे यानी कि छोटे छोटे रोये होते है (दंश) लगने की संभावना न्यूनतम हो जाएगी अब इसकी एक-एक पत्ती को बड़ी सतर्कता से तोड़ते हुए किसी टोकरी में रखे ।

आवश्यक सामग्री (चार से पांच लोगों के लिए)

सिसौण/ बिच्छू घास/नेटल (Nettle) / कंडाली के पत्ते- एक किलो
सरसों तेल- 50 मिली
लहसुन- पांच-छह कलियां
साबुत लाल मिर्च- 5
जखिया या जीरा (कुमाऊ का एक मसाला) – आधा चम्मच
धनिया पाउडर- एक चम्मच
गरम मसाला- आधा चम्मच
नमक – स्वादानुसार

अब कंडाली की सब्जी बनाने की प्रक्रिया (निर्माण विधि)

पतियाँ तोड़ने के बाद इन्हे हल्का हल्का आग में सेक ले या तेज़ धुप में फैला दे ध्यान रहे बच्चो से दूर रखे इससे कंडाली के काटे चुभने कि संभावना कम हो जाती है फिर इन पत्तियों को अच्छे से साफ़ (धो) कर ले धोते वक्त भी पर्याप्त सतर्कता बरतनी होगी .इन पत्तों को अच्छी तरह धोने के बाद किसी भगोने में उबाल ले

पत्तों के भली-भांति उबल जाने पर पानी को गिरा दे . पत्तों को सिल बट्टे पर या मिक्सी में पीस लें. अगर सिलबट्टा या मिक्सी उपलब्ध ना है तो इन्हें बरतन में करछी कि सहायता से घोट लें. अब एक कड़ाही में तेल गर्म कर लें. इसमें लाल मिर्च तल (फ्राई) कर बाहर निकाल लें। अब तेल में जखिया,जीरा और बारीक-बारीक कटी लहसुन डाल दें. लहसुन के सुनहरा हो जाए

तो प्याज़, टमाटर (टमाटर तब डाले जब आप इस सब्जी में हल्का खट्टापन लाना चाहते हैं) । और जो भी मसाले (धनिया पाउडर, गरम मसाला व नमक मिलाएं) डाले। मसालों जब तेल छोड़ने लगे तब कंडाली पत्तियों के पेस्ट को इसमें डाल दें।

अब धीरे-धीरे इसमें पानी डालें. ध्यान रहे कि पानी न तो अधिक मात्रा में हो और नही कम। कुछ देर (५ मिंट) गैस को तेज रखे और जब थोड़ा सब्जी बन जाये उसके बाद गैस कम (धीमी) करके सब्जी बनने दें।

अब आपकी सब्जी त्यार हे इसे किसी बर्तन (थाली) में निकालिए. तथा ऊपर से एक-दो चम्मच देसी घी डालिए.एक किनारे पर तल कर रखी गई लाल मिर्च भी रखिए. 

कुमाऊ में अब इसे चावल (भात) के या रागी (मंडुवे) की रोटी के साथ बहुत पसंद किया जाता है । कंडाली को अंग्रेजी में नेटल (Nettle) कहते है इसकी चाय भी बनती है ।जो बहुत लाभदायक होती है ।

हमें भी बताये आपको यह कुमाउनी (कंडाली) सब्जी का स्वाद कैसा लगा

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