Karwa Chauth 2020 : Ghar par kaise sajaye Karwa Chauth thali

आस्था
Karwa Chauth 2020 : Ghar par kaise sajaye Karwa Chauth thali, krve mhtv
Karwa Chauth 2020 : Ghar par kaise sajaye Karwa Chauth thali, krve mhtv

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Karwa Chauth 2020 : करवा चौथ में कर्वे का महत्व (Karwa Chauth me karve ka mahatva)

करवा चौथ में कर्वे का महत्व (Karwa Chauth me karve ka mahatva)

करवा चौथ (Karwa Chauth) में कर्वे का बहुत महत्व होता है| कर्वे का अर्थ मिटटी से बना हुआ बर्तन होता है जिस में गेहूं रखी जाती है और “चौथ का अर्थ होता है चौथा दिन| करवा चौथ को कृष्णा पक्ष के चौथे दिन (चतुर्थी) को मनाया जाता है|

करवा चौथ (Karwa Chauth) के कुछ दिन पहले औरते मिटटी के गोला आकर के बर्तनो को खरीदती है| इसको वह बहुत सुंदर प्रकार से सजाती है| इसमें वह अपनी मिठाईया, फल, सिंदूर, चूड़िया, परांदा, कपड़े, मेवे, और अपनी सजावट के समान को रखती है| और शाम को एक-दूसरे से मिलती है और एक दूसरे की देती है|

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घर में सजाये अपनी करवा चौथ (Karwa Chauth)पूजा थाली (Karwa Chauth 2020 : Ghar par kaise sajaye Karwa Chauth thali )

करवा चौथ का व्रत हर महिला के लिए बहुत स्पेशल होता है। इस दिन का इन्तजार महिलाएं बेसब्री से पुरे वर्ष करती है। और जब यह दिन आता है तो दुल्हन की तरह सज कर चांद की पूजा करती हैं।

अब सोचिये आप दुल्हन की तरह सजी है और आपकी हाथ में पूजा की थाल बिना सजावट के तो अच्छा नहीं लगेगा। इसलिए में कुछ घरेलु टिप्स लायी हु जिनसे आप घर बैठे अपनी थाल को बहुत सुन्दर सजा सकते है।

और इसका लम्बे समय तह उपयोग भी कर सकते है। इस थाल को सजाने के लिए आपको कुछ सामान चाहिए जो आपको लोकल मार्केट में आसानी से मिल जाएगा और आगे आप चाहे तो इस सामान से आप अपनी करवा और छलनी को भी सजा सकती हैं।

थाल सजाने के लिए आवश्यक सामग्रियां (karva chauth ki thal sajane ke liye aavashyak samagri)
थाल सजाने के लिए आवश्यक सामग्रियां (karva chauth ki thal sajane ke liye aavashyak samagri)

थाल सजाने के लिए आवश्यक सामग्रियां (karva chauth ki thal sajane ke liye aavashyak samagri)

कुछ गोटे या लैस यह लैस आप अपनी सुविधा से मोटे या पतले या स्टोन (मोती वाले) जैसे आपको पसंद हो ले लें,आप थाल सजाने के लिए स्टोन्स, शीशा या दूसरा सजाने का सामान भी ले सकती हैं।

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इसके बाद इन लैस को चिपकाने के लिए ग्लू ,और कोई कलर पेपर या रैपिंग शीट,और कुछ लटकन अगर आप चाहे तो ।

पूजा के लिए स्टील की थाली की बजाए दफ्ती (गत्ते) की थाल बना लीजिए। उसे मनचाहे आकार (गोल, चौकोर, बर्फी शेप) में काट लें। इस पर रैपिंग शीट या कलर पेपर लगा दें।

अब सबसे पहले थाल की गोलाई या लम्बाई के अनुसार लैस पर ग्लू लगाकर थाल के चारों और चिपका लें। इसके बाद थाली में अंदर की और कलर पेपर या रैपिंग शीट ताल के नाप से काटकर चिपका दें।

अब थाल के किनारों पर छोटे-छोटे लटकन लटका कर सजाये । आपकी थाल त्यार है।है ना आसान कितने कम समय में इतनी सुंदर थाल त्यार हो गयी अब ठीक ऐसे ही करवा चौथ पूजा में यूज होने वाले करवा और छलनी को भी सजा लीजिए।

करवा चौथ (Karwa Chauth) पर होने वाली कथा और भगवान की पूजा के लिए सामग्री (karva chotha pr chandmaa darshn ke smy thaal me aavshyk samgriya)

करवा चौथ (Karwa Chauth) पर चंद्रमा को अर्घ्य देने से पहले भगवान गणेश, शिव-पार्वती और करवा माता की पूजा की जाती है। उसके बाद करवा चौथ व्रत की कथा या कहानी सुनी जाती है।

करवा चौथ (Karwa Chauth) पूजा पर पूजा की मान्यताओं अलग -अलग है कही यह पूजा दिन में और कहीं शाम को चंद्रमा की पूजा से पहले होती है। 

पूजा की सामग्री में ये सभी चीजे अवश्य होनी चाहिए ।

करवा चौथ (Karwa Chauth)  माता की पूजा के लिए उनकी तस्वीर होनी चाहिए।
पूजा का दीपक जलाने के लिए रुई और घी (कोशिस करे की इस दिन घी का ही दीपक लगाए)।
इसके साथ ही अबीर, गुलाल, कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, कलावा, जनेउ जोड़ा (गणेशजी और शिव जी के लिए), फूल, अक्षत (चावल), चंदन, इत्र, अगरबत्ती और नारियल होना चाहिए।
माता जी को नैवेद्य लगाने के लिए मिठाई भी रखें।
खील से भरे करवे रखे जाते हैं।
मीठी मट्ठी का भी महत्व बताया गया है।
सुहाग की सभी सामग्रिया जैसे-बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां होती हैं।
सास या घर में मौजूद कोई बुजुर्ग महिला के लिए कपड़े रखे जाते हैं।

करवा चौथ (Karwa Chauth) पर चंद्रमा के दर्शन करते समय आपकी थाली में ये खास चीजें होनी चाहिए (karva chotha pr chandmaa darshn ke smy thaal me aavshyk samgriya)

पूजा के लिए रुई और घी का दीपक होना चाहिए। साथ में अबीर, गुलाल, कुमकुम, हल्दी, मेहंदी, कलावा, जनेउ जोड़ा (गणेशजी और शिव जी के लिए), फूल, अक्षत (चावल), चंदन, इत्र, अगरबत्ती और नारियल होना चाहिए।

माता जी को नैवेद्य लगाने के लिए मिठाई भी रखें।
चंद्र दर्शन के लिए छलनी,चंद्रमा को अर्घ्य देने के लिए करवे में जल,व्रत खोलने के लिए पानी और मिठाई।

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