Karwa Chauth 2020 : सरगी क्या है,क्यों दी जाती है,सरगी का महत्व,

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Karwa Chauth 2020: What is Sargi, why it is given, the importance of Sargi,
Karwa Chauth 2020: What is Sargi, why it is given, the importance of Sargi,

Karwa Chauth 2020 : सरगी क्या है, और क्यों दी जाती है, सरगी का महत्व (Karwa Chauth 2020: What is Sargi, and why it is given, the importance of Sargi)

सरगी क्या है ? और क्यों दी जाती है ?(What is Sargi, and why it is given)

सरगी (Sargi) एक प्रकार का खास भोजन है जो करवा चौथ पर सूर्योदय से पहले सास द्वारा अपनी बहू को दी जाती है और सूर्योदय (सुबह 4 से 5 बजे) से पहले सरगी कहानी चाहिए क्युकी सूर्योदय से चद्रोदय तक (सुबह से शाम) निर्जला निराहार रहना होता है ।

चौथ का शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2020 Shubh Muhurat)

करवा चौथ तिथि- 04 नवंबर 2020 (बुधवार)
करवा चौथ पूजा मुहूर्त-
शाम 5 बजकर 29 मिनट से शाम 6 बजकर 48 मिनट तक
चंद्रोदय- रात 8 बजकर 16 मिनट पर
चतुर्थी तिथि आरंभ- सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर (04 नवंबर)
सरगी से जुड़ी कुछ खास बातें

विवाहित महिलाओ के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन करवा चौथ (Karwa Chauth)

व्रत का होता है। इस वर्ष करवा चौथ (Karwa Chauth) 04 नवंबर 2020 (बुधवार) के दिन है।

इस महिलाये इस दिन अपने सुख सौभाग्य तथा पति की लंबी आयु की कामना के लिए पुरे दिन निराहार तथा निर्जल रह कर व्रत करती हैं।

इस दिन व्रत से पूर्व सूर्योदय से पहले सास या परिवार के अन्य बड़े बुजुर्गो द्वारा अपनी बहू को भेंट के रूप में सरगी (Sargi) दी जाती है । ये इस दिन (करवा चौथ Karwa Chauth) ) के दिन दिया जाने वाला मुख्य भोजन होता है जो पुरे दिन महिलाओ के अंदर एनर्जी बनाये रखता है ।

इस सरगी (Sargi) को देने का कारण होता है कि व्रत आरंभ करने के पहले व्रती ( बहु) सेहतमंद खाद्य पदार्थ खा ले जिससे उसे पुरे दिन एनर्जी मिले और वो व्रत को अच्छे से कर सके।

सरगी (Sargi) के साथ सास द्वारा बहु को श्रंगार करने का सामान भी दिया जाता है कई महिलाओ में पहले करवा चौथ पर यह सब सामान मायके (पीहर) से आता है। सरगी (Sargi) खाने के बाद ही करवा चौथ का व्रत आरंभ होता है।


इसके बाद पूरे दिन निर्जला रहते हैं और चंद्र उदय के बाद चंद्रमा की पूजा करके ही उसको समाप्त किया जाता है। चंद्रमा की पूजा में पहले चांद को छ्न्नी में से देखा जाता है, फिर चंद्रमा की आरती की जाती है और फिर पति को देखकर उनकी आरती की जाती है। इसके बाद पति के हाथों जल पीकर व्रत खोला जाता है।

अनेक स्थानों पर दिन में कथा करती है महिलाये

करवा चौथ के दिन कई स्थानों पर महिलाये ग्रुप में एकत्रित हो कर दिन में (4 -5 बजे) सूर्य को जल चढ़ा कर कथा करती है। और चाय पानी पीती है।

यह नियम पहले करवा चौथ पर ही आरम्भ किया जाये तो अति उत्तम मन जाता है परन्तु अगर कोई महिला निराहार रहना चाहे चन्द्रमा के आने तक तो वह अपने नियम अनुसार रह सकती है।

क्या दिन में पूजा करके चाय पानी पिया जा सकता है

दिन में कथा करके जल पान इसलिए किया जाता है की बहुत सी महिलाये गर्भावस्था में करवा चौथ करती है जिससे नजला रहने के कारण गरब में पल रहे शिशु को परेशानी होने का भी रहता है। या कई महिलाओ को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या होती है तो उनको दवा खाना अनिवार्य होता है इसलिए जल पान किया जाता है।
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सरगी थाली में क्या क्या रखे (What to keep in the sargi plate)

ये सामान सरगी थाली में शामिल करें

सरगी की थाली में पांच या सात प्रकार के व्यंजन, जैसे मिठाई, मठरी, फल, ड्राई फ्रूट्स, सेवईं आदि होते हैं। इसके अतिरिक्त इसमें कपड़े और गहने भी रखे जाते है।

साथ ही थाली में श्रंगार का अन्य सामान जैसे, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी आदि भी रखे जाते हैं। सासें अपनी बहू को इन सभी चीजो को थाली में सजा कर अखंड सौभाग्यवती रहने का आशीर्वाद देती हैं। इन सभी को रखने का अपना एक अर्थ तथा महत्व होता है।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई सभी जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. https://sangeetaspen.com/ इनकी पुष्टि नहीं करता है)


(इन विचारो पर अमल करने से पहले संबंधित जानकारों/विशेषज्ञ से संपर्क अवश्य कर ले)


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