know asthma to beat asthma in hindi | Asthma Symptoms and causes | Asthma ka Ilaj | अस्थमा के कारण,उपचार और रोकथाम के तरीके

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Asthma ka Ilaj
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know asthma to beat asthma in hindi | Asthma Symptoms and causes | Asthma ka Ilaj | अस्थमा के कारण,उपचार और रोकथाम के तरीके

Asthma : आज के वातावरण में हर कोई अपनी व्यस्त जीवनशैली में खुद पर ध्यान नहीं दे पाता और कई सारी ऐसी गलतियां कर बैठता है जिसके कारण बीमारी हो जाती है। मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर, कैंसर, अस्थमा (Asthma)  बहुत कम ही लोग इस दुनिया में ऐसे होंगे जो किसी बीमारी से मुक्त हों।

आप सोच रहे होंगे की आज इतनी बीमारियों के विषय में एक साथ ही क्यों बता रही हु में आपको किसी बीमारी के बारे में नहीं बल्कि अस्थमा के विषय बता रही हु जी हां अस्थमा (Asthma) की बीमारी एक खतरनाक बीमारी है।दुनिया में तकरीबन 33 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं इसलिए 3 मई को विश्व अस्थमा दिवस(World Asthma Day) मनाया जाता है जिससे लोगो में इस बीमारी के लिए जागरूकता बड़े और आसानी से इसका उपचार किया जा सके

अस्थमा (Asthma)क्या है?

अस्थमा (Asthma) की बीमारी एक खतरनाक बीमारी है। यह एक ऐसी बीमारी है कि अगर किसी व्यक्ति को हो जाए तो यह जिंदगी भर रहती है।दुनिया में तकरीबन 33 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और हर साल तकरीबन ढाई लाख मौत इस बीमारी के कारण होती हैं। अस्थमा (Asthma)एक तरीके की लाइलाज बीमारी है, परंतु कुछ दवाओं और एहतियात के जरिए हम इस पर काबू पा सकते हैं, लेकिन इससे पूरी तरह छुटकारा पाना थोड़ा मुश्किल है।

अस्थमा को दमे की बीमारी भी कहते हैं। यह सांस फूलने की बीमारी है। जब किसी भी व्यक्ति की सांस की नलियों में खराबी या उसके फेफड़ों की नलियां पतली हो जाती हैं और उसके कारण सांस लेने में तकलीफ होती है तो इस बीमारी को दमे या अस्थमा की बीमारी कहा जाता है। ये भी कहा जाता है की साइनस ही आगे चलकर अस्थमा (Asthma),दमा जैसी गम्भीर बीमारियों में बदल सकता है। इससे गम्भीर संक्रमण हो सकता है।

साइनस संक्रमण, एल्रजीस, पोलन, केमिकल्स को सूंघ लेना और एसिड रीफलक्स अस्थमा अटैक के कुछ ट्रिगर्स हैं।

इस बीमारी में व्यक्ति को दौरे भी पड़ते हैं। इसका सबसे अच्छा इलाज इनहेलर है। इनहेलर को अस्थमा के रोगियों को हमेशा अपने साथ रखना चाहिए।

यदि वे इनहेलर का इस्तेमाल कम करेंगे या उसे इस्तेमाल करना छोड़ देंगे तो यह उनके लिए बहुत खतरनाक होगा क्योंकि अस्थमा की बीमारी इस कारण बढ़ जाएगी और उनकी जान भी जा सकती है।

कोविड संक्रमण से रिकवरी भी आप में अस्थमा के जोखिम को बढ़ाती है। कोविड रिकवरी के बाद एलर्जीस का परेशान करना आम बात हो गई है। धुएं, धूल, तेज़ मेहक जैसी चीज़ें जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकती हैं, इनसे दूर रहना चाहिए।

अस्थमा की बीमारी के लक्षण

  • साँस फूलना
  • साँस लेने में तक़लीफ़ होना
  • साँस का उखड़ जाना
  • अत्यधिक ख़ासी आना
  • अत्यधिक थकान महसूस करना
  • कोहरे या धुएं से एलर्जी होना

अस्थमा के कारण

अस्थमा की बीमारी के कई सारे कारण हैं परंतु कुछ कारणों के बारे में आपको बताते हैं। 

  • धुएं के कारण
  • कोहरे के संपर्क से
  • तेज तेज चलने के कारण
  • धूल व मिट्टी इत्यादि के कारण
  • मौसम बदलने के दौरान
  • श्वसन नलिकाओं में इंफेक्शन के कारण

ध्यान देने योग्य बातें

1 – सांस लेने में दिक्कत यदि किसी व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो तो उसे चाहिए कि वह डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज कराएं। यदि वह इस बात को नजरअंदाज करता है तो यह उसके लिए खतरनाक साबित हो सकती है। इससे पहले कि बीमारी बढ़े उसका इलाज कराना ज़रूरी होता है।

2 – जब भी किसी व्यक्ति को सांस लेते वक्त सीटी की आवाज आए तो यह अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं।

3 – यदि किसी व्यक्ति को हर रोज खांसी आती है और ऐसा उसके साथ लगातार एक या 2 महीने तक है तो उसे चाहिए कि वह चिकित्सक के पास जाकर अपनी जांच करवाएं।

4 – जिस व्यक्ति को हमेशा सर्दी व जुखाम रहता है उसको भी डॉक्टर से टेस्ट करा लेना चाहिए ताकि उसको सर्दी व जुखाम का कारण पता चल सके।

5 – अस्थमा का सबसे बड़ा लक्षण होता है कि व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत होती है और उसकी सांस बहुत जल्दी फूल जाती है।

6 – जल्दी थकान हो जाना। व्यक्ति को कमजोरी के कारण जल्दी थकान महसूस होने लगती है जिसके कारण उसकी बहुत जल्दी सांस फूलने लगती है।

7 – सीने में दर्द व जलन होना अस्थमा का लक्षण हो सकता है।

8 – नींद में बेचैनी या परेशानी अस्थमा के लक्षण हो सकते हैं। यदि किसी को सोने में बेचैनी और परेशानी होती है तो यह अच्छी बात नहीं है। तुरंत इसकी जांच करवाएं।

9 – शरीर के अंदर या बाहर एलर्जी अस्थमा की बीमारी का कारण बन सकते हैं। यदि किसी को ऐसी एलर्जी बराबर रहती है तो उसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

10 – धूल और मिट्टी के कारण भी दमा की बीमारी होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर किसी व्यक्ति को धूल व मिट्टी से एलर्जी है तो उसे हमेशा धूल व मिट्टी की जगह अपनी नाक को बंद रखे रहना चाहिए क्योंकि इससे दमा या अस्थमा की बीमारी होने की संभावना बढ़ सकती है।

11 – मौसम की तबदीली के कारण! जिस भी व्यक्ति को मौसम के बदलने से फर्क पड़ता है तो उसे चाहिए कि वह खासतौर पर अपना ध्यान रखें।

12 – सांस की नलियों में इन्फेक्शन होने के कारण अस्थमा की बीमारी होती है।

अस्थमा की बीमारी को जानने के लिए कुछ जांचें

अस्थमा की बीमारी को जानने के लिए कुछ बातों का जानना अति आवश्यक है जिससे हम पता लगा सकते हैं कि किसी व्यक्ति को अस्थमा की बीमारी है, नहीं है या होने की संभावना है। उसके बाद हम उसका इलाज आसानी से कर सकते हैं। लक्षणों के सामने आते ही व्यक्ति को चाहिए कि वह डॉक्टर के पास जाकर अपनी जांच करवाए और उसके द्वारा बताई गई बातों पर अमल करें।

  • शरीर की जांच के जरिए अस्थमा की बीमारी को जांच सकते हैं।
  • मेडिकल टेस्ट के जरिए।
  • एलर्जी टेस्ट के द्वारा भी हम लोग अस्थमा की बीमारी का पता लगा सकते हैं और उसका निवारण कर सकते हैं।
  • खून की जांच के जरिए।
  • स्पायरोमेट्री के द्वारा भी हम अस्थमा या दमा की बीमारी को जान सकते हैं।
  • एक्सरे के द्वारा।
  • रक्त में ऑक्सीजन की मात्रा की जांच कराने से भी हम अस्थमा की बीमारी को जान सकते हैं।
  • फेफड़ों में हरकत की जांच के द्वारा भी अस्थमा की बीमारी का पता लगाया जा सकता है।
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अस्थमा की बीमारी का इलाज

यहां पर एक बात बता देनी बहुत आवश्यक है कि अस्थमा एक लाइलाज बीमारी है। यदि किसी व्यक्ति को यह बीमारी हो गई है तो उसको जिंदगी भर इनहेलर का इस्तेमाल करना पड़ सकता है, परंतु कुछ एहतियात और इलाज हैं, जिसके द्वारा अस्थमा की बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।

जीवनशैली में सुधार – जो लोग अस्थमा की बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हैं उन्हें चाहिए कि वे अपनी जीवनशैली को सुधारें। जीवनशैली में सुधार के द्वारा ही हम इस खतरनाक बीमारी से बच सकते हैं, क्योंकि हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई सारे ऐसे काम और बातें होती हैं जिनको हम नजरअंदाज कर देते हैं और वही कारण बनती हैं हमारी बीमारियों का।

नशीली चीजों का उपयोग ना करे – यदि कोई नशीले पदार्थ का इस्तेमाल करता है तो उसे चाहिए कि वह नशीली चीजों को छोड़ दे, क्योंकि नशा खतरनाक चीज होती है। दमा की बीमारी ज्यादातर इनका सेवन करने वाले लोगों को ही होती है। दमा की बीमारी से छुटकारा पाने के लिए जरूरी है कि नशीली चीजों से छुटकारा हासिल करें।

धूल, मिट्टी से परहेज – धूल, मिट्टी से परहेज करें, क्योंकि धूल व मिट्टी के द्वारा भी अस्थमा की बीमारी हो सकती है। यदि किसी को अस्थमा की बीमारी है तो उसे चाहिए कि वह धूल व मिट्टी से परहेज करें और हमेशा नाक में कोई कपड़ा बांध ले जिससे वह सुरक्षित रहे।

सर्दियों में अपना अधिक ध्यान रखे – बहुत से लोगों को मौसम के बदलने से बहुत फर्क पड़ता है और यह अस्थमा के रोगियों के लिए खतरनाक है। इसलिए जब भी मौसम की तबदीली हो तो उन्हें खास तरीके से रहना चाहिए। खासतौर से सर्दी के मौसम में क्योंकि सर्दी का मौसम अस्थमा की बीमारी के लिए बहुत ज्यादा खतरनाक होता है। सर्दियों में अस्थमा की बीमारी जोर पकड़ लेती है।

एलर्जी भी है अस्थमा का कारण – अगर किसी को किसी भी तरीके की एलर्जी है तो उसे उस एलर्जी का इलाज करवाना चाहिए। अगर अस्थमा की बीमारी है तो उससे बचाव के लिए डॉक्टर से संपर्क करें क्योंकि एलर्जी के कारण अस्थमा की बीमारी हो सकती है।

अधिक सोने से परहेज – जिन लोगों को अस्थमा की बीमारी है उन्हें चाहिए कि वह ज्यादा ना सोएं, क्योंकि अस्थमा की बीमारी ज्यादा सोने से बढ़ सकती है। इसलिए ज्यादा सोने से परहेज करें।

समय पर खाना खाये – समय पर खाना खाये – यह बात सभी पर लागू होती है की समय पर खाना खाये लेकिन अस्थमा रोगी रात को जल्दी खाना खा लेना उनके लिए यह जरूरी है। साथ ही ेशा भोजन करे जो आसानी से डाइजेस्ट (digest) हो जाए ।

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