लैवेंडर आयल किसे कहते है तथा इसके फायदे और नुकशान क्या है

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लैवेंडर (Lavender) आयल किसे कहते है ?तथा इसके फायदे और नुकशान क्या है ? (Lavender Oil Benefits, Uses and Side Effects )

लैवेंडर आयल किसे कहते है तथा इसके फायदे और नुकशान क्या है
लैवेंडर आयल किसे कहते है तथा इसके फायदे और नुकशान क्या है

लैवेंडर (Lavender) पुदिना परिवार (लैमिआसे के 39 फूल देने वाले पौधों में से) की एक प्रजाति है। यह प्रजाति एशिया में उत्पन्न हुई थी। लेकिन अब लैवेंडर (Lavender) की खेती दुनिया भर हो रही है। इसके फूलों में प्रचुर मात्रा में अमृत होता है। लैवेंडर (Lavender) का उपयोग बेक्ड व्यंजन और मिठाईयों में जायके तथा सुगंध के लिए किया जाता है।

लैवेंडर से व्यंजनों में फूल की खुशबू और थोड़ी मिठास आ जाती है और कभी कभी इसे भेड़ के दूध और बकरी के दूध से बनी चीज़ के साथ मिलाया जाता है। लैवेंडर का उपयोग औषधीय के रूप में भी बड़े पैमाने पर जड़ी बूटियों और अरोमाथेरपी के साथ किया जाता है। बाम, औषधि, इत्र, सौंदर्य प्रसाधन और सामयिक इस्तेमाल के लिए लैवेंडर (Lavender)का उपयोग किया जा है। लैवेंडर के फूल का मिश्रण कभी कभी काले, हरे या हर्बल चाय के साथ ताजेपन, सुगंध और स्वाद के लिए किया जाता है।

1970 के दशक में इसे एक जड़ी बूटी मिश्रण हेर्बेस डे प्रोवेंस कहा जाता था आमतौर लैवेंडर के साथ मिश्रण का आविष्कार एक थोक मसाले के व्यापारी द्वारा किया गया था उसके बाद लैवेंडर रसोई में बहुत लोकप्रिय हो गया।

लैवेंडर (Lavender) ऑयल कितने प्रकार के होते हैं ?

लैवेंडर (Lavender) लैवेनड्युला इंटरमीडिया (जिसे डच लैवेंडर भी कहते हैं), से आवश्यक तेल का उत्पादन होता है जिसमें तारपीन और कपूर की मात्रा होती है जिसका उपयोग तेज खुशबू के लिए किया जाता है। मैक्सिकन लैवेंडर, लैवेनड्युला स्टेकस, का उपयोग औषधि के लिए नहीं, बल्कि मुख्य रूप से भूनिर्माण के लिए किया जाता है।

लैवेंडर (Lavender)की 30 से ज्यादा प्रजातियां हैं, लेकिन इसे 4 खास प्रकार में बांटा जा सकता है, जिनके बारे में नीचे बताया गया है
इंग्लिश लैवेंडर : यह पौधा ज्यादा ठंड में भी जीवित रह सकता है और इसकी खुशबू सबसे अच्छी होती है, लेकिन इस लैवेंडर से ऑयल सबसे कम निकलता है

फ्रेंच लैवेंडर : इसके पौधे अन्य लैवेंडर के मुकाबले आकार में कुछ बड़े होते हैं। इसकी पत्तियां हरे और ग्रे रंग की होती हैं। इनकी खुशबू सबसे तेज होती है।तथा इस प्रकार के लैवेंडर को ज्यादा ठंड की जरूरत नहीं होती। यह लगभग 10 डिग्री फारेनहाइट तापमान में भी उग जाता है

स्पाइक लैवेंडर : इस लैवेंडर के पौधे घास की तरह दिखते हैं। यह लैवेंडर (Lavender) मेडिटरेनियन के क्षेत्र में उपयोग में लाया जाता है । इसके पौधे इंग्लिश लैवेंडर (Lavender) से छोटे होते हैं और इसकी ऊंचाई लगभग 200 से 700 मीटर होती है ।

लैवेंडिन : लैवेंडर का यह प्रकार इंग्लिश लैवेंडर और स्पाइक लैवेंडर का हाइब्रिड होता है। इसकी खेती खासकर उद्योग के लिए ही की जाती है, क्योंकि यह सबसे ज्यादा खूबसूरत होते हैं और सबसे ज्यादा तेल भी इन्ही में से निकलता है

लैवेंडर (Lavender) के फायदे  (Benefits of Lavender Oil)

लैवेंडर (Lavender) के फूल से बनने वाले लैवेंडर ऑयल को गुणकारी माना गया है। लैवेंडर ऑयल एक खास एसेंशियल ऑयल है, जो थकान और स्ट्रेस के अलावा, कई शारीरिक समस्याओं से उबरने में मदद कर सकता है।

सिरदर्द के लिए लैवेंडर ऑयल एक वैज्ञानिक शोध में पाया गया है कि लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी माइग्रेन के सिरदर्द को कम करने में असरदार साबित हो सकती है। इस शोध के लिए माइग्रेन से पीड़ित 129 लोगों को लैवेंडर ऑयल की अरोमाथेरेपी दी गई और इनमें से 92 लोगों को फायदा मिला।

लैवेंडर (Lavender) का उपयोग परफ्यूम के रूप में — परफ्यूम के रूप में उपयोग करने से यह आपको महकता हुआ तो रखता ही है, और आपको तरोताजा रखने में मदद कर सकता है। आप लैवेंडर (Lavender) की कुछ बूंदें अपने बाथटब में भी डाल सकते हैं।

जिससे आपको लगातार इसकी खुशबू भी आती रहेगी, जिससे आपको लैवेंडर तेल के फायदे जैसे सिरदर्द से आराम भी मिल सकते हैं, खुद को तरोताजा रखने के लिए आप लैवेंडर ऑयल की कुछ बूंदें अपनी कलाई और गले के आसपास लगा सकते हैं।

लैवेंडर (Lavender) से मुंहासों की समस्या में आराम — लैवेंडर (Lavender) मुंहासों में एक कारगर एंटी एक्ने की तरह काम करता है इसके उपयोग के लिए आप रूई की सहायता से लैवेंडर ऑयल को प्रभावित त्वचा पर लगाएं ,इस प्रयोग को मुंहासों की समस्या में आराम ना होने तक दिन में दो से तीन बार करे

लैवेंडर (Lavender) से एलोपेसिया का इलाज़ — एलोपेसिया एक तरह का रोग है, जिसमें बाल पैच के रूप में झड़ने लगते हैं और गंजापन होने लगता है। इसमें बाल एक पैटर्न में झड़ते हैं, जिसकी वजह से स्कैल्प दिखने लगती हैं। इस समस्या से आराम के लिए जोजोबा या ग्रेपसीड ऑयल के साथ लैवेंडर ऑयल को मिलाकर नियमित उपयोग करे समस्या में धीरे धीरे आराम मिलता है।

रूसी और जुओं को लैवेंडर (Lavender) से हटाए — लैवेंडर ऑयल में एंटीसेप्टिक और एंटी माइक्रोबियल गुण होते हैं, जो जुओं और उनके अंडों को खत्म करने में मदद करते हैं। इसके साथ ही लैवेंडर तेल के फायदे आपको रूसी को खत्म करने में भी मिल सकते हैं ,इसके लिए आप तीन से चार बूंद लैवेंडर ऑयल की ले और दो से तीन चम्मच जैतून का तेल ले।

जैतून का तेल लें और लैवेंडर ऑयल को आपस में मिक्स कर लें। फिर इससे स्कैल्प पर लगभग 20 मिनट तक मसाज करें। तथा 20 मिनट तक मसाज करने के बाद तेल को लगभग 10 मिनट और बालों में लगा रहने दें।अंत में बालों को शैम्पू करके धो लें।

लैवेंडर (Lavender) फेस मास्क : फेस मास्क या फेस पैक में लैवेंडर ऑयल की दो से तीन बूंदें मिला कर भी उपयोग कर सकते है। इस प्रयोग को हफ्ते में दो बार अवश्य करे । अगर आप किसी खास समस्या जैसे मुंहासों या डर्मेटाइटिस के लिए लैवेंडर ऑयल का उपयोग कर रहे हैं, तो उपयोग से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श अवश्य कर लें।

लैवेंडर तेल के नुकसान (Side Effects of Lavender)

  • गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान लैवेंडर के प्रयोग से बचें 
  • लैवेंडर तेल का लम्बे समय तक उपयोग करने से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। इस वजह से कुछ लड़कों में ज्ञ्नेकोमास्टिया (Gynecomastia) की समस्या देखी गई है। इसमें पुरुषों की छाती का आकार सामान्य से अधिक हो जाता है और देखने में खराब लगता है।
  • जिन लोगों को लैवेंडर से एलर्जी है, उन्हें इस तेल का उपयोग करने से बचना चाहिए।
  • इन उपायों को सावधानी के साथ प्रयोग किया जाना चाहिए क्योंकि लैवेंडर का तेल एक शक्तिशाली एलर्जेन भी हो सकता है।

लैवेंडर (Lavender) ऑयल बनाने की विधि

लेवेंडर के फूलों को उसकी टहनियों के साथ काट ले जिसकी लंबाई 6 इंच (15 सेंटीमीटर) या उससे ज्यादा होनी चाहिए। लेवेंडर के फूल, पत्तियां तथा नाज़ुक टहनियों का उपयोग तेल बनाने में किया जाता है, और मोटे, लकड़ी जैसे दिखने वाले डंठल का उपयोग न करें।

आप फूलों की कलिया तथा अच्छी महक वाली फूलों का भी इस्तेमाल तेल बनाने में कर सकते हैं इसके लिए उन्हें पहले छाया में सुखाये, या उन्हें कपड़े में लपेटे ताकि उनकी सुगंध और ज्यादा तेज़ बनें और तेल के बासी होने की संभावना कम रहती है । लेवेंडर की टहनियों को उपर की तरफ रबर बैंड से बाँध लें और गरमी वाली जगह पर उलटा लटकाए।

धूप में सुखाने से लेवेंडर जल्दी सूख जाते है,परन्तु पर्याप्त खुसबू काम हो जाती है तो कोशिश करे की छाया में ही सुखाये लेकिन लेवेंडर को पूरी तरह सूखने में दो सप्ताह लग सकते हैं। और उसके बाद लेवेंडर को हल्के से कूटें और एक साफ़ सूखे जार में भरें ,गीले जार में लेवेंडर का अर्क़ प्रभावित हो सकता है।

अब जार में कोई भी बिना सुगंध वाले या थोड़ी सुगंध वाले तेल को डालें ,ध्यान रखें कि सारे लेवेंडर तेल में डुब जाएं और जार की ढक्कन से नीचे 1 या 2 इंच (1.25-2.5 सेंटीमीटर) तक की जगह लेवेंडर के फैलने के लिए छोड़ दें। आप इसके लिए बादाम का तेल, जैतून का तेल (ऑलिव ऑयल), या सूरजमुखी का तेल भी प्रयोग कर सकते है ।

परन्तु इस्तेमाल से पूर्व एक बार सूंघ लें तेज़ खूशबू वाले तेल के इस्तेमाल करने से लेवेंडर की खुशबू दब जाती है । अब जार को कसकर बंद कर दें और धूप में रख दें। अच्छी खुशबू आने में लगभग 48 घंटे लगेंगे और लेवेंडर से तेल निकलने में 3 से 6 सप्ताह का समय लग सकता है। और इस तेल का उपयोग करे । 

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