Liquorice Benefits | Mulethi Ke Fayde | Amazing Benefits And Uses Of Mulethi | मुलेठी के फायदे, नुकसान

हेल्थ
Liquorice Root Health benefits & how to Use It
Liquorice Root Health benefits & how to Use It

Liquorice Benefits | Mulethi Ke Fayde | Amazing Benefits And Uses Of Mulethi | Mulethi Ke Fayde

बचपन से ही आप मुलेठी का नाम सुनते आ रहे होंगे. जिसे आप पान वाले के पास से भी आराम से प्राप्त कर सकते हैं. लेकिन सिर्फ मुलेठी स्वाद देने के काम ही नहीं आती है, बल्कि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद भी साबित हो सकती है. इसी वजह से आयुर्वेद और चीनी चिकित्सीय पद्धति भी मुलेठी को स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं.

मुलेठी का परिचय (Introduction of Mulethi)

मुलेठी (Mulethi, also known as Yashtimadhu or Jeshthamadh) एक गुणकारी जड़ी बूटी है। आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गले की खराश में इसका उपयोग करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। हालांकि मुलेठी के फायदे (mulethi ke fayde) सिर्फ इतने ही नहीं हैं बल्कि इसका मुख्य इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है। इस लेख में हम आपको मुलेठी के फायदे, नुकसान और सेवन के तरीकों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं। मुलेठी के फायदों के बारे में जानने से पहले ये जानना ज़रूरी है कि असल में मुलेठी है क्या (what is mulethi)

मुलेठी क्या है? (What is Mulethi in Hindi?)

मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। आमतौर पर इसी पौधे के तने को छाल सहित सुखाकर उसका उपयोग किया जाता है। इसके तने में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका स्वाद मीठा होता है। यह दांतों, मसूड़ों और गले के लिए बहुत फायदेमंद है। इसी वजह से आज के समय में कई टूथपेस्ट में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है।

अन्य भाषाओं में मुलेठी के नाम ( Name of Liquorice in Different Languages)

मुलेठी का वानस्पतिक नाम Glycyrrhiza glabra Linn। (ग्लिह्राइझा ग्लॅब्रा) Syn-Glycyrrhizahirsuta Roxb
कुल का नाम : Fabaceae (फैबेसी) है।

मुलेठी के फायदे और सेवन का तरीका (Mulethi Benefits and uses in Hindi)

औषधीय दृष्टि से देखें तो मुलेठी कई रोगों में लाभकारी है। यह वात और पित्त दोष को कम करती है। शरीर के बाहरी हिस्सों की बात करें तो यह त्वचा रोगों और बालों के लिए फायदेमंद हैं। मुलेठी के प्रयोग से खून साफ़ होता है, बाल बढ़ते हैं और बुद्धि तेज होती है। इसके अलावा भी मुलेठी के फायदे (mulethi ke fayde) कई हैं जिनके बारे में हम आपको आगे बता रहे हैं।

Liquorice Root Health benefits & how to Use It
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Liquorice Benefits in Hindi: मुलेठी के फायदे

मुलेठी एक बारहमासी जड़ी-बूटी है, जो यूरोप और एशिया में खासकर इस्तेमाल की जाती है. मुलेठी का स्वाद थोड़ा मीठा और वुडी (woody) होता है. आइए, मुलेठी के फायदे जानते हैं.

स्किन कंडीशन में फायदेमंद – हेल्थलाइन के मुताबिक, मुलेठी में 300 कंपाउंड होते हैं, जिसमें से कुछ कंपाउंड में एंटीइंफ्लामेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं. जिस कारण मुलेठी की जड़ का रस एक्जिमा, मुंहासे जैसी स्किन कंडीशन में फायदेमंद साबित हो सकता है.

सीने में जलन या अपच – मुलेठी का रस अपच या एसिड रिफ्लक्स के कारण होने वाली सीने में जलन से राहत दिला सकता है. ऐसा कई शोध दावा करते हैं. हालांकि, इसको लेकर और शोध होने की जरूरत है.

डायबिटीज में फायदेमंद – चूहों पर की गई एक स्टडी के मुताबिक, मुलेठी का रस ब्लड शुगर को सुधारने और किडनी को स्वस्थ बनाने में मददगार साबित हो सकता है. हालांकि, इंसानों पर इससे जुड़े शोध होने अभी बाकी हैं.

वेट लॉस में मददगार – हेल्थलाइन के मुताबिक, कुछ स्टडी बताती हैं कि मुलेठी का रस बॉडी मास इंडेक्स को कम करने और वेट लॉस में मददगार साबित हो सकता है. हालांकि, इस विषय पर विस्तार से शोध की जरूरत है.

खांसी या गले की खराश – मुलेठी में मौजूद एंटीबैक्टीरियल व एंटी-इंफ्लामेटरी गुण खांसी या गले की खराश से राहत देने में भी मददगार देखे गए हैं. इसके लिए आप मुलेठी और अदरक का रस मिलाकर चाय बनाएं और उसका सेवन करें.

FAQ :

Q : मुलेठी कौन सी बीमारी में काम आती है?

Ans : मुलेठी का इस्तेमाल सदियों से आंखों के रोग, मुख रोग, कंठ रोग, उदर रोग, सांस विकार, हृदय रोग, घाव के उपचार के लिए किया जाता आ रहा है।

Q : मुलेठी खाने के क्या फायदे हैं?

Ans : मुलेठी एक आयुर्वेदिक औषधि है. मुलेठी (Mulethi Ke Fayde) को आप चूस कर या असल में मुलेठी में कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीबायॉटिक और प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो न सिर्फ सर्दी और खांसी बल्कि, वायरल फ्लू से भी बचाने में मदद कर सकता है

Q : मुलेठी की तासीर क्या होती है?

Ans : मुलेठी की तासीर ठंडी होती है इसलिए सर्दियों के मौसम में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।और इसका सेवन केवल इतना टुकड़ा लें जिसे आप आसानी से मुंह में रख लें और केवल इसका रस चूसते रहें।

Q : मुलेठी का दूसरा नाम क्या है?

Ans : मुलेठी को यष्टिमधु या मुलहठी या मुलेठी कहते है।। इसका वैज्ञानिक नाम ग्‍लीसीर्रहीजा ग्लाब्र (Glycyrrhiza glabra) कहते है। इसे संस्कृत में मधुयष्‍टी, बंगला में जष्टिमधु, मलयालम में इरत्तिमधुरम, तथा तमिल में अतिमधुरम कहते है। इसमें गुलाबी और जामुनी रंग के फूल होते है।

Q : मुलेठी कितनी मात्रा में लेनी चाहिए?

Ans :आमतौर पर मुलेठी का सेवन 3-5 ग्राम ही पाउडर के रूप में करना चाहिए। इतना टुकड़ा लें जिसे आप आसानी से मुंह में रख लें और केवल इसका रस चूसते रहें।

Q : मुलेठी पाउडर को हिंदी में क्या कहते हैं?

Ans : मुलेठी (लीकोरिस या नद्यपान) का उपयोग व्यापक रूप से मिठाई, टूथपेस्ट और पेय पदार्थ में स्वाद बढ़ाने के लिए किया जाता है। इसका उपयोग भारतीय आयुर्वेद के साथ-साथ चीनी दवाओं में भी प्राचीन काल से होता आ रहा है। औषधीय प्रयोजनों के लिए, इस जड़ी बूटी की सूखी जड़ का प्रयोग किया जाता है।

Q : मुलेठी के साइड इफेक्ट्स क्या है?

Ans : मुलेठी का नियमित सेवन उच्च रक्तचाप, सोडियम और जल प्रतिधारण, और हाइपोकैलिमिया (रक्त में पोटेशियम के सामान्य स्तर से नीचे) से जुड़ा हुआ है। अत्यधिक नद्यपान की खपत चयापचय क्षारीयता, कम रेनिन गतिविधि और हाइपोल्डोस्टेरोनिज्म का कारण बन सकती है।

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