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भारत के प्रधान मंत्री, श्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को लाल किले से अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के भाषण में कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए कहा था।

मैं पूरी दुनिया के लोगों को बताना चाहता हूं: आओ, भारत में बनाओ। आओ और भारत में निर्माण करो। जाओ और दुनिया के किसी भी देश में बेचो, लेकिन यहां निर्माण करो। हमारे पास कौशल, प्रतिभा, अनुशासन और कुछ करने की इच्छा है। हम दुनिया को भारत में आने वाला अवसर देना चाहते हैं,

मेक इन इंडिया, भारत सरकार का एक प्रमुख राष्ट्रीय कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देने, भारत में उद्योग लगाने, और उत्पादों का भारत में ही निर्माण करना है।

किन्तु इसके 6 वर्षो पश्चात भी हम वह अभी भी ज्यादा उन्नति नहीं कर पाए है। अगर हमने कुछ उन्नति की है तो वह विदेशो से पार्ट्स इम्पोर्ट कर भारत में उनके बाक्सो को प्रिंट करते है और उन पर मेक इन इंडिया का लोगो और मेक इन इंडिया लिख देते है।

मेड इन चाइना मूवी के परेश रावल की तरह कंपनिया उपभोक्ता को मुर्ख समझती है। और इस भ्रम में है की वह मेक इन इंडिया देख कर खुश हो जाता है। 

किन्तु अब सभी चाहते है यह तस्वीर बदलनी चाहिए भारत में ऐसे प्रॉडक्ट्स बनाये जाये जिनका प्रोसेसर, बोर्ड और बॉडी, सॉफ्टवेयर सब भारत में ही बना हो।

आज चाइना से विवाद के कारण हम चीन के सामान का विरोध कर रहे है और चीन के प्रॉडक्ट्स को बैन कर रहे है वही अगर चीन हमको अपने प्रॉडट्स एक्सपोर्ट करना बंद कर देगा तब क्या होगा।

इसका ताजा उदाहरण एशिया की प्रसिद्ध कंप्यूटर मार्किट नेहरू प्लेस (नई दिल्ली) में देख सकते है। आज नेहरू प्लेस कंप्यूटर स्पेयर पार्ट की कमी से जूझ रहा है इसका मुख्य कारण भारत चीन के बिगड़ते रिश्ते है। कंप्यूटर पार्ट्स आपूर्ति के लिए अन्य विकल्पों पर ध्यान दिया जा रहा है। कंप्यूटर पार्ट मैन्युफैक्चरिंग में भारत 15 स्थान पर है।

चीनी हार्डवेयर

आज भारत में मोबाइल के सबसे ज्यादा उपभोक्ता है और मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग इन इंडिया की बात की जाये तो हार्डवेयर स्पेस में चीनी कंपनियों का दबदबा और भी ज्यादा है। ग्लोबल बिजनेस एनालिसिस फर्म ‘काउंटरपॉइंट रिसर्च’ के मुताबिक, “भारतीय स्मार्ट फोन बाजार में चीनी ब्रैंड्स की बाजार हिस्सेदारी 2019 की पहली तिमाही के दौरान रिकॉर्ड 66 प्रतिशत तक पहुंच गई।”

चीनी फोन ब्रैंड Xiaomi, Vivo और Oppo MI भारत के घर-घर में जाने वाले नाम हैं। हालांकि, प्रमुख चीनी फोन कंपनियों में से एक, Xiaomi ने घोषणा की है कि वह भारत में अपने कुछ मॉडल बना रही है।

चीन के बहुत सारे इलेक्ट्रॉनिक आइटम और होम यूटिलिटी प्रोडक्ट खुले बाजार में बिकते हैं, जिन पर कोई ब्रैंड नेम ही नहीं होता जिससे कि उनकी पहचान की जा सके।

भारतीय मोबाइल फ़ोन

भारतीय मोबाइल फ़ोन बनाने वाली कंपनियों में Micromax के अलावा कोई और कंपनी ज्यादा प्रसिद्धि हासिल नहीं कर सकी। Micromax भी चीन से मोबाइल पार्ट एक्सपोर्ट कर मोबाइल फ़ोन भारत में सेल कर रहा था उसने Research and Development में ध्यान नहीं दिया।Micromax

Micromax तेजी से ग्रोथ कर रही थी और मोबाइल फ़ोन से आगे बढ़ कर टीवी और लैपटॉप तक सेल करने लगी भारत में Micromax के सस्ते फ़ोन धड़ले से बिक रहे थे उन्होंने मार्केट के एक बड़े हिस्से पर अपना दबदबा बना लिया था वही चीन की कंपनियों का केवल Research and Development में फोकस था और जल्दी ही वह भारतीय मार्केट में सस्ते फ़ोन खुद सेल करने लगा।

Micromax के खुद मोबाइल पार्ट्स नहीं होने के कारण वह अपने उपभोक्ताओं को चीनी फोन ब्रैंड Xiaomi, Vivo और Oppo MI से सस्ते फ़ोन नहीं दे पायी भरी घाटे के चलते वह मार्केट से बाहर हो गयी।

Micromax को चाहिए था की वह समय रहते अगर Research and Development पर ध्यान देता तो निसंदेह वह आज भारत में सबसे ज्यादा बिकने वाला मोबाइल फ़ोन होता

Bottom Line

police barrication

पूर्व सरकारों ने मेड इन इंडिया पर ध्यान नहीं दिया राजनीतिक अस्थिरता भ्रष्टाचार उद्योग लगाने में जटिलता और ख़राब रोड, पुलिस बैरिकेड के कारण सामान को समय पर मार्केट तक न पंहुचा पाना इन सब कारणों से हम अन्य देशो से पिछड़ गए।

हमने अपने देश के उद्योगपतियों को वह सम्मान भी नहीं गया जिसके कारण वह अपने बिज़नेस को आगे नहीं ले जा पाते है। वही अन्य देशो की सरकारे अपने देश के उद्योगपतियो के लिए अंतर्राष्ट्रीय देशो से समझौता करती है जिससे उन देशो में उनके लिए बिज़नेस करना आसान हो सके।

उद्योगपतियो को सम्मान देने वाले मेरे कथन पर आप व्यंग भी कर सकते है की विजय माल्या, मुहेल चौकसी, और नीरव मोदी जैसे उद्योगपतियो को लाखो करोड़ का सम्मान दिया गया और वह उस सम्मान को लेकर विदेशो में बस गए। पर वह हमारे सिस्टम का फेलियर है। जिसके चलते उन्होंने अपना सारा बिज़नेस समेटा और विदेशो में आराम की जिंदगी जी रहे है।

आपको ये पोस्ट कैसा लगा मुझे जरूर बताये।

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