Mint Natural Medicine : पुदीना के फायदे और उपयोग

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पुदीना के फायदे, उत्पति और उपयोग

Mint Natural Medicine : पुदीना (Mint) बहुत ही स्वादिष्ट और रिफ्रेशिंग होता है।यह मेंथा वंश से संबंधित एक बारहमासी, खुशबूदार जड़ी है। इसकी विभिन्न प्रजातियां यूरोप, अमेरिका, एशिया, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया मे पाइ जाती हैं, साथ ही इसकी कई संकर किस्में भी उपलब्ध हैं।यह भी पढ़े : Indor Plant Benefits: कोरोना काल में शुद्ध हवा के लिए घर पर लगाएं Indor Plant,इतने मिलेंगे फायदे

पुदीना (Mint) को अंग्रेजी में मिन्ट कहते हैं। इसका वैज्ञानिक नाम मेंथा अरवैन्सिस हैं। पुदीना के अंदर कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह विटामिन ए से भरपूर होने के साथ-साथ बहुत ही गुणकारी भी है। यह स्वास्थ्य के लिए भी बेहद लाभकारी होता है। पुदीने को गर्मी और बरसात की संजीवनी बूटी कहा गया है जैसे कि ऊर्जा, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, नियासिन, विटामिन ए, विटामिन सी, सोडियम, पोटेशियम, आयरन, मैग्नीशियम और कैल्शियम आदि पाए जाते हैं।

पुदीना की उत्पति कैसे हुयी

ऐसा विश्वास किया जाता है कि मेंथा / पुदीना (Mint) का उद्भव भूमध्यसागरीय बेसिन में हुआ तथा वहॉ से ये प्राकृतिक तथा अन्य तरीकों से संसार के अन्य हिस्सों में फैला, जापानी पोदीना, ब्राजील, पैरागुए, चीन, अर्जेन्टिना, जापान, थाईलैंड, अंगोला, तथा भारतवर्ष में उगाया जा रहा है।

भारतवर्ष में मुख्यत: तराई के क्षेत्रों (नैनीताल, बदायूँ, बिलासपुर, रामपुर, मुरादाबाद तथा बरेली) तथा गंगा यमुना दोआन (बाराबंकी, तथा लखनऊ तथा पंजाब के कुछ क्षेत्रों (लुधियाना तथा जलंधर) में उत्तरी-पश्चिमी भारत के क्षेत्रों में इसकी खेती की जा रही है।यह भी पढ़े : kafal : काफल पहाड़ी फलों का राजा पहुचाये कई रोगों में लाभ

पुदीना के अलग-अलग भाषाओं में नाम

पुदीना के विभिन्न भाषाओं में अलग-अलग नामों हिंदी में पुदीना या पोदीना, मराठी में पंदिना, बंगला में पुदिना, संस्कृत में पूतिहा व पुदिन, गुजराती में फुदीनों तथा अंग्रेजी में स्पियर मिंट कहते हैं।

पुदीना का उपयोग – Mint Natural Medicine use 

सेहत संबंधी कोई भी परेशानी हो, घरेलू नुस्खों के जरिए उन्हें ठीक किया जा सकता है। पुदीना (Mint) भी इन्हीं घरेलु नुस्खों में से एक है, जिसका महत्व एवं उपयोग आयुर्वेद में भी बताया गया है। यह भी पढ़े : पुदीना चाय (Mint tea)

मेन्थोल/ पुदीना (Mint)का उपयोग बड़ी मात्रा में दवाईयों, सौंदर्य प्रसाधनों, कालफेक्शनरी, पेय पदार्थो, सिगरेट, पान मसाला आदि में खुशबू हेतु किया जाता है।
इसके अलावा पुदीना का तेल यूकेलिप्टस के तेल के साथ कई रोगों में काम आता है। ये कभी-कभी गैस दूर करने के लिए, दर्द निवारण हेतु, तथा गठिया आदि में भी उपयोग किया जाता है।

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पुदीने के उपाय / लाभ – mint benefits

  • पुदीने के ताजे पत्तों को मसलकर मूर्छित व्यक्ति को सुंघाने से मूर्छा दूर होती है।
  • प्रसव के समय पुदीने का रस पिलाने से प्रसव आसानी से हो जाता है।
  • बेहोश व्यक्ति को पुदीना (Mint Natural Medicine) की खुशबू सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है। पोदीने के पत्तों को मसलकर सुंघाने से बेहोशी दूर हो जाती है।
  • बिच्छू या जहरीले कीड़े के काटे स्थान पर पुदीने का रस लगाने से यह विष को खींच लेता है और दर्द को भी शांत करता है।साथ ही पुदीने के पत्तों का रस 2-2 चम्मच की मात्रा में दिन में 3 बार रोगी को पिलाने से आराम मिलता है।
  • दस ग्राम पुदीना (Mint Natural Medicine) व बीस ग्राम गुड़ दो सौ ग्राम पानी में उबालकर पिलाने से बार-बार उछलने वाली पित्ती ठीक हो जाती है।
  • गठिया के रोगी को पोदीने का काढ़ा बनाकर पीने से पेशाब खुलकर आता है और गठिया रोग में आराम मिलता है। यह भी पढ़े : Hydroponics farming in india
  • पोदीने (Mint Natural Medicine) की पत्तियों को पीसकर गाढ़े लेप को सोने से पहले चेहरे पर अच्छी तरह से लगाए । सुबह चेहरा गर्म पानी से धो लें। इस लेप को रोजाना लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे, झांइयां और फुंसियां दूर हो जाती हैं और चेहरे पर निखार आ जाता है।

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