MP Guna district farmer drank pesticide
एमपी के गुना जिले के किसान और उसकी पत्नी ने क्यों पिया कीटनाशक



घटना तकरीबन 2–4 दिन पहले की है। एक विवादित ज़मीन को खाली करवाने मध्यप्रदेश पुलिस पहुँचती है। जो कि बिना कुछ सोचे समझे लाठीचार्ज करती है। जो कि निर्दोष दंपत्ति थे ‘राजू और सावित्री’। उनकी बेरहमी से पिटाई की। उनकी साल भर की मेहनत से जो फसलें ऊँगायी थी उनको क्रूर पुलिसवालों ने अफसरों के आदेश पर जेसीबी चलवा दी।
राजू व सावित्री की इस बेरहमी से पिटाई की जैसे कि वो कोई आतंकवादी हो। फसलें बर्बाद होने पर उन दंपतियों ने कीटनाशक दवा का सेवन कर लिया।
उक्त जमीन पर राजकुमार अहरिवार, उनकी पत्नी सावित्री देवी और भाई शिशुपाल अहिरवार आदि ने मिलकर सोयाबीन और मक्का बो रखी थी, अपनी फसल में जेसीबी चलती देख राजकुमार अहिरवार ने फसल खराब न करने का अनुरोध किया, और सुनवाई न होने पर पति-पत्नी ने फसल में डालने के लिए रखा जहरीला कीटनाशक पी लिया।
लानत है ऐसी मीडिया पर जो केवल ये दिखा रही है कि ‘अमिताभ ने नाश्ता किया या नही’ या फिर ‘राजस्थान में पायलट जहाज उड़ा पायेगा या नही’। मीडिया पर भरोसा करना आज के समय की सबसे बड़ी गलती है।
आंख बंद कर के मीडिया को बात को सच नही बोला जा सकता है। क्योंकि कुछ चंद पत्रकारों को छोड़कर ये पूरी मीडिया फालतू की खबरें दिखाने में ज्यादा दिलचस्पी है।
कुल मिला कर जो हुआ वो बेहद गलत है। पुलिसवालों की इस शर्मनाक हरकत से देश सकते में है। शासन को इसमें जरूर देखना चाहिए।
यह फोटो आपको विचलित कर सकते है।
मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा बेरहमी से पिटाई किये जाने से और अपनी फसल को नष्ट होते देख घायल व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ कीटनाशक पी लिया अपने माता पिता को पकड़े हुए एक असहाय बच्चे। पुलिस का अमानवीय व्यहार जिसको सिर्फ तबादलों और निलंबित कर देना काफी है।



संतोष जनक खबर यह है की अब किसान दम्पति अब खतरे से बाहर बताये जा रहे है। और प्रशासन से न्याय की गुहार लगा रहे है।
क्यों पिया किसान और उसकी पत्नी ने कीटनाशक
पीड़ित किसान राजकुमार अहिरवार की पत्नी सावित्री देवी अहरिवार के कार्रवाई के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए बताया, उन्हें नहीं पता था कि ये जमीन सरकारी है। हमने तो उनसे (गब्बू पारदी) से बटाई पर ली है। हमने खेती के लए तीन लाख रुपए का कर्ज़ लिया है। इसलिए हम कर रहे थे कि 2 महीने और रुक जाओ, हम फसल काटने के बाद चले जाएंगे।”
पत्रकार पूछते हैं कि आपकी गेहूं की फसल भी उखाड़ी गई थी, फिर आपने ये फसल बोई, और आप पर कितना कर्जा है? जिसके जवाब में सावित्री बाई अहिरवार कहती हैं,” हां हमने ये फसल (गेहूं के बाद वाली) बोई, ताकि कर्ज़ा चुका सकें। हम पर 3 लाख का कर्ज़ा चढ़ा है। अब कर्जा़ कैसे चुकाएंगे अगर सरकार नहीं देगी तो हम दवाई (कीटनाशक) पीएंगे और मरेंगे। इतने बच्चे कहां से पालेंगे, राशन कार्ड हमारे पास है नहीं और कुटी (सरकारी कॉलोनी) है नहीं।”
गांव कनेक्शन के अनुसार कलेक्टर गुना (तत्कालीन) एस विश्वनाथन ने गांव कनेक्शन को बताया, ” जमीन सरकार की है, इससे पहले भी प्रशासन ने इसे कब्जा मुक्त कराया था, लेकिन फिर भूमाफिया ने फिर कब्जा कर लिया था।
मंगलवार को जब टीम पहुंची तो भूमाफिया गब्बू पारदी ने बटाईदार किसान राजुकमार अहिरवार को आगे कर दिया। कार्रवाई रोकने के लिए राजकुमार अहरिवार और उनकी पत्नी ने कीटनाशक पी लिया। पुलिस उन दोनों को तत्काल अस्पताल ले जाना चाहती थी, लेकिन इन्हीं के बीच के कुछ लोग ले जाने नहीं दे रहे थे। राजकुमार के भाई शिशुपालन एक महिला पुलिस कर्मी को धक्का दिया जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई की।”
बुधवार देर शाम गांव कनेक्शन से फोन पर कलेक्टर एस विश्वनाथन ने बताया की उन्होंने मामले की अपने स्तर पर जांच कराई है। ” जांच में प्राथमिक तौर पर पता चलता है कि अतिक्रमणकारी (गब्बू पारदी) चाहते थे कि राजकुमार और उनकी पत्नी की मौके पर मौत हो जाए, ताकि केस दूसरा बन जाए, लेकिन पुलिस ने उन्हें किसी तरह अस्पताल पहुंचाया और जिनकी जान बच गई।
हमारी मुख्य कार्रवाई भूमाफिया गब्बू पारदी के खिलाफ है, लेकिन वो सामने नहीं आया। प्रशासन की टीम राजकुमार के परिवार की सरकारी घर दिलाने (पीएम आवास आदि) में मदद करेगी, उसके रोजगार का प्रबंध कराएगी और बच्चों को महास्वरूप बाल आश्रम में भर्ती कराएगी।’
Palghar lynching
इसी साल पालघर में भी एक ऐसी ही घटना देखने को मिली थी जहाँ पर पुलिस वाले ही दो साधुओ को कुछ असामाजिक तत्वों के हवाले कर देते है और उनकी निर्मम हत्या हो जाती है।