ऑनलाइन एजुकेशन या होम स्कूलिंग क्या है

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ऑनलाइन एजुकेशन या होम स्कूलिंग क्या है
ऑनलाइन एजुकेशन या होम स्कूलिंग क्या है

कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण हुए लॉकडाउन (Lockdown) में सभी भी स्कूल, कॉलेज बंद है । जिससे बच्चो की पढ़ाई रूक सी गयी थी। परन्तु कोरोना वायरस (COVID-19) की समस्या बढ़ती गयी। इस परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ही, ऑनलाइन एजुकेशन (online education) शुरू की गई थी जो इस मुश्किल समय में बहुत ही अहम साबित हो रही है।

क्युकी लॉकडाउन (Lockdown) में जहाँ सभी शिक्षा के स्रोत बंद हैं वहीँ ऑनलाइन एजुकेशन (online education) प्रणाली ने शिक्षा को एक नया और डिजिटल रूप दिया है। जिसके चलते आज विश्व के सभी देशों में ऑनलाइन एजुकेशन (online education) के माध्यम से बच्चो की पढ़ाई हो रही हैं।

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) के लिए सिर्फ तेज इंटरनेट कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिसके द्वारा शिक्षक विडियो के माध्यम से इंटरनेट का उपयोग करके बच्चों को ऑनलाइन एजुकेशन (online education) दे कर शिक्षित करते हैं।

शिक्षा के अनेको क्षेत्रों में इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन एजुकेशन (online education) वर्षों से चली आ रही है। परन्तु कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी ने इसे अभी सम्पूर्ण विश्व में लागू कर दिया है आपको बताना चाहेगी की,

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) प्रणाली 1993 में ही वैध कर दी गयी थी।

ऑनलाइन एजुकेशन या होम स्कूलिंग क्या है ? (What is online education or home schooling )

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) या होम स्कूलिंग के माध्यम से सभी उम्र के लोग घर बैठे आसानी से पढ़ाई कर सकते हैं। इस समय जब सभी स्कूल कॉलेज बंद है,

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) ने उनके लिए पढ़ाई का रास्ता पहले से ज्यादा बढ़िया और आसान कर दिया है। कोई भी स्टूडेंट, चाहे उसकी स्थिति कैसे भी हो,

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) की मदद से अपनी पढ़ाई पूरी करते हुए ऑनलाइन ही पेपर देखर अपनी डिग्री प्राप्त कर सकता है। आजकल हर प्रकार की पढ़ाई ऑनलाइन (online) हो रही है,चाहे वह कोई भी कोर्स हो ऑनलाइन ऑनलाइन (online)हो सकता हैं।

बहुत से लोग हायर एजुकेशन के लिए विदेश जाना चाहते है लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन (online education) के माध्यम से केवल भारत में ही नहीं विदेशों में पढ़ाई जाने वाली शिक्षा भी घर बैठे हासिल कर सकते हैं।

ऑनलाइन एजुकेशन (online education)में आप अपनी सुविधा के अनुसार जब चाहे तब अपनी क्लासेज अटेंड करके ऑनलाइन पढ़ाई कर सकते हैं। जिसके कारण ऑनलाइन शिक्षा हर किसी के लिए सुविधाजनक साबित हो रही है।

ऑनलाइन एजुकेशन ऑफलाइन एजुकेशन से सस्ती है

ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में आपका खर्चा भी काम आता है, यह स्कूली शिक्षा से बहुत सस्ती हैं। साथ ही, ऑनलाइन एजुकेशन (online education) करने से आपका समय भी कम खर्च होता है।

स्कूल से पढ़ाई करने में हमारा आने जाने में बहुत समय खराब होता है, इसमें पैसे भी खर्च होते हैं, ऑनलाइन एजुकेशन (online education) करने से आपका समय भी बचता है और कोई स्कूली खर्चा भी नहीं होता है।

स्कूल के कई अन्य खर्चे भी होते हैं। ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में आप कभी भी कहीं से भी अपनी ऑनलाइन एजुकेशन क्लास (online education class) में शामिल हो सकते हैं।

ऑनलाइन एजुकेशन में इंटरनेट खर्च के पैसे देने होते हैं। ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में हम अपनी क्लासेज रिकॉर्ड कर सकते हैं और जब कोई बात या चेप्टर समझा में ना आये तो उसको दुबारा देखा सकते है

ऑनलाइन एजुकेशन (online education)उनके लिए भी एक वरदान है। जिनके पास पढ़ाई करने के लिए पैसे नहीं होते हैं और वह अपनी पढ़ाई के साथ -साथ कुछ पैसे भी कमाना चाहते हैं तथा इन लोगो के पास काम के कारण समय भी नहीं होता है

यह ज़रूरी नहीं कि एजुकेशन के लिए स्कूल ही जाया जाए

मशहूर लेखक मार्क ट्वेन ने ने लिखा कि मैंने कभी भी स्कूल को अपने और एजुकेशन के बीच में नहीं आने दिया। यानि एजुकेशन के लिए स्कूल जाया ही जाए, यह ज़रूरी नहीं है। हां, डिग्री हासिल करने के लिए ज़रूर स्कूल की जरूरत होती है।

मशहूर साइंटिस्ट आइंस्टाइन का मानना था कि ज्यादातर आम स्कूल बच्चों को दूसरों के अधीन काम करने के लिए तैयार करते हैं, जबकि बच्चे हों या बड़े, हम सभी उस चीज के बारे में जानना चाहते हैं जो हमें दिलचस्प लगती है। पहले हम उसका अनुभव करते हैं, उसकी जानकारी लेते हैं और फिर उसे और एक्सप्लोर करते हैं। यही तरीका पढ़ाई का भी होना चाहिए।

दिमाग में पहले से तैयार जानकारी को भरने से कुछ खास भला नहीं होता। किसी बच्चे को लगातार 8 घंटे तक पढ़ाना कुछ वैसा ही है, जैसे पहले से खाए खाने को पचाने और दोबारा भूख लगने का वक्त दिए बिना फिर से खाना ठूंसते जाना।

इसके अलावा, एग्जाम की टेंशन और पियर प्रेशर भी बच्चों का अच्छा खासा नुकसान करता है। इन सबके बीच बच्चे की क्रिएटिविटी कहीं न कहीं दब कर रह जाती है।

ऑनलाइन एजुकेशन से मिलते है नए अनुभव, जानकारी और अपने आप को निखारने का पूर्ण अवसर

यह हम सभी जानते है कि आज कल बच्चो पर पढाई का इतना बोझ है कि छोटे छोटे बच्चे भी डिप्रेसन का शिकार हो रहे है क्युकी बच्चा घर, स्कूल tushn में ही सिमट कर रह गया परन्तु अब ऑनलाइन एजुकेशन (online education) में बच्चे को अपनी जिज्ञासा व्यक्त करने और अपने छुपे टेलेंट को दिखने का पूर्ण अवशर मिल गया है।

ऑनलाइन एजुकेशन या होम स्कूलिंग के विषय में परेंट्स कि अलग-अलग राय

अनेको माता पिता का मन्ना है कि बच्चे के पूरे विकास के लिए स्कूलो का खुलना आवश्यक है , क्युकी स्कूल हमारे बच्चे को आपसी रिश्ते, सही बर्ताव की समझ और फिजिकल फिटनेस तथा अन्य आवश्य ग्यान एक साथ सिखाते हैं।

उन माता पिता के अनुसार ऑनलाइन एजुकेशन (online education) होम स्कूलिंग कराना हैं तो बच्चे को स्किल सेंटर, फिजिकल फिटनेस सेंटर में एडमिशन कराना चाहिए। होम स्कूलिंग, फॉर्मल स्कूलिंग की पूरक हो सकती है, पूरी एजुकेशन नहीं।

ऑनलाइन एजुकेशन के लाभ (Benefits of online education)

क्या सीखना चाहते हैं क्या नहीं इसकी छूट ज्यादा मिल पाती है
टाइम का बंधन नहीं यानी कि जल्दी उठने तथा जल्दी सोने का कोई टेंसन नहीं
ग्रेड की अंधी दौड़ में बच्चे को शामिल नहीं होना पड़ता
पियर प्रेशर और बुलिंग का खतरा भी नही होता
पढ़ाई और परफॉर्मेंस के अनावश्यक दबाव से भी बचाव हो जाता है

ऑनलाइन एजुकेशन के नुकसान (Disadvantages of online education)

प्रतेक समय किसी एक पेरेंट का घर पर रहना जरूरी
शुरूआत में बच्चे के साथ आपसी रिश्ते बनाने में बहुत परेशानिया होती है
बच्चा अनेक बार दोस्तों की कमी महसूस कर सकता है
घर में जगह की कमी के चलते कई बार फिजिकली कम में कमी रहती है

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