नेत्र दान से बड़ा कोई दान नहीं

हेल्थ
Only corneal blind people are benefitted from donated eyes.

जीवन का अमूल्य वरदान नेत्रहीन को नेत्रदान

हर साल Eye Donation Week 25 अगस्त से 08 सितंबर तक मनाया जाता है
एक आंकड़े के अनुसार भारत में लगभग 1.25 करोड़ लोग दृष्टिहीन हैं, जिसमें करीब 30 लाख व्यक्ति कॉर्निया प्रत्यारोपण के माध्यम से नवदृष्टि प्राप्त कर सकते हैं।

जितने लोग हमारे देश में एक साल में मरते हैं, अगर वे मरने के बाद अपनी आँखें दान कर जाएँ तो देश के सभी नेत्रहीन लोगों को एक ही साल में आँखें मिल जाएंगी।

कॉर्निया कैमरे की लैंस की तरह होता है जिससे प्रकाश अंदर जाकर रेटीना पर पड़ता है इसके बाद चित्र बनता है, जिसे दृष्टि-धमनी संकेत रूप में मस्तिष्क तक पहुंचा देती है।

आंख का लगभग दो-तिहाई भाग कॉर्निया होता है, जिसमें बाहरी आंख का रंगीन भाग, पुतली और लेंस का प्रकाश देने वाला हिस्सा होते हैं। कॉर्निया खराब होने पर रेटीना पर चित्र नहीं बनता और व्यक्ति अंधा हो जाता है।

कॉर्निया में कोई रक्त वाहिका नहीं होती यह तंत्रिकाओं का एक जाल होता है।

भारत के सभी राज्यों में नेत्रबैंक हैं जहाँ पर लिखित सूचना देने पर उस व्यक्ति की मृत्यु के 6 घंटो के अन्दर उसकी आँखे (कार्निया) डॉक्टर निकल कर सुरक्षित रख लेते है।

हम नेत्रदान करके मरणोपरांत किसी की निष्काम भाव से सहायता कर सकते है।

आँखे दान कौन कर सकता है?

किसी भी उम्र, लिंग, या धर्म का कोई भी व्यक्ति और जो चश्मा पहनते है वह भी नेत्रदान कर सकते है।

कौन अपनी आँखें दान नहीं कर सकता?

अज्ञात कारणों से हुई मौत, जलकर, डूबकर, जहर खाकर, फांसी से, टीबी, क्रॉनिक बुखार,रेबीज, सिफलिस, संक्रामक हेपेटाइटिस, सेप्टिसीमिया और एड्स जैसे संक्रमणों के कारण मरने वाले व्यक्ति आँखें दान नहीं कर सकते है।

क्या दानदाता का परिवार कोई शुल्क अदा करेगा या प्राप्त करेगा?

नहीं, मानव आंखों, अंगों को खरीदना और बेचना गैरकानूनी है।

नेत्रदान की कुछ महत्वपूर्ण बाते
  1. नेत्रदान करने वाले व्यक्ति की मृत्यु के उपरान्त 4 से 6 घंटो के अंतराल में ही नेत्रदान की प्रकिया को किया जाना चाहिए इसके लिए निकटतम नेत्र बैंक को तुरंत सूचित करे।
  2. आंखों को केवल एक प्रशिक्षित चिकित्सक द्वारा हटाया जा सकता है।
  3. नेत्र बैंक की टीम मृतक के घर या अस्पताल में आंखों को हटाएगी।
  4. आंखों को हटाने में केवल 10 से 15 मिनट लगते हैं, सरल होता है और इससे कोई भी विकार नहीं होता है।
  5. नेत्रदान का मतलब कभी भी शरीर से पूरी आंख निकालना नहीं होता है नेत्रदान
  6. में मृत व्यक्ति की आखों के कॉर्निया को दान किया जाता।
  7. नेत्रदान की समस्त प्रकिया मृत्यु के 6 से 8 घंटों के अंतराल में की जाती है जिससे किसी को भी कोई परेशानी नहीं होती है।
  8. जिस व्यक्ति को नेत्रदान (कॉर्निया का उपयोग करना है) उसे 24 घंटो के अंदर ही कॉर्निया (नेत्र ) लगा (प्रत्यारोपित) करना अति आवश्यक है।
  9. एक जोड़ी आँखें 2 कॉर्नियल नेत्रहीन लोगों को दृष्टि देती हैं।
  10. दाता और प्राप्तकर्ता दोनों की पहचान गोपनीय रहती है।
  11. डॉक्टर अपनी मर्जी से किसी भी मृत व्यक्ति की आँखे निकल कर अन्य जरूरत मंद को नहीं दे सकते इसके लिए मृत व्यक्ति ने अपने जीवित समय में ही नेत्रदान की घोषणा लिखित रूप की होनी चाहिए अथवा मृत व्यक्ति के परिवार के सदस्य भी नेत्रदान कर सकते है।
  12. अपने अंगदान सर्टिफिकेट अपने घर में लगाए जिससे आपकी मृत्यु के पश्चात् आपके प्रियजन समय रहते आपके अंगदान की इच्छा को पूरी कर पाए ।

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नेत्रदान के विषय में लोगो को जागरूक करने तथा इस बात की महत्ता को समझते हुए प्र्तेक वर्ष 10 जून के दिन अंतरराष्ट्रीय दृष्टिदान दिवस मनाया जाता है जिसके जरिए लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरुक किया जाता है।

हमारे एक छोटे से प्रयास से किसी की जिंदगी रोशन हो जाये इससे अच्छी बात और कुछ नहीं हो सकती

अगर आप भी किसी की जिंदगी में उजाला लाना चाहते है आप अपने निकटतम अस्पताल में संपर्क कर अपने मृत्यु उपरांत नेत्रदान के लिए पंजीकरण कर सकते हैं किसी की दुनियां को रोशन करने के लिए एक कदम अवश्य बढ़ाये। 

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References:
http://donateeyes.org/

https://www.notto.gov.in/

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