Pan Ke Patton Ka Sharbat | Paan juice | betel leaf juice | Betel leaf juice benefits |हर मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद पान का जूस

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Betel leaf juice benefits
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Pan Ke Patton Ka Sharbat | Paan juice | betel leaf juice | Betel leaf juice benefits |हर मौसम में सेहत के लिए फायदेमंद पान का जूस

Paan juice : पान इंडिया का देसी माउथफ्रेशनर है. लोग इसे बड़ा ही चबा-चबाके और टेस्ट लेकर खाते है. पान का इस्तेमाल पूजा-पाठ आदि शुभ कार्यों में भी किया जाता है। इसके अलावा क्या आप यह जानते हैं कि पान एक जड़ी-बूटी की तरह भी काम करता है, और पान के कई सारे औषधीय गुण हैं। पान की पत्तियों (betel leaves)में कुछ ऐसी क्वालिटीज होती है जिन्हें खाने से मुंह तो साफ होता ही है

लेकिन साथ ही मुंह से बदबू आने जैसी प्रॉब्लम्स नहीं होती. ये खाना पचाने में भी बेहद मदद करता है. इसमें एंटी-बायोटिक, एंटी-इंफ्लामेट्री, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक क्वालिटीज होती है. क्या आपको पता है कि सिर दर्द, आंखों की बीमारी, कान दर्द, मुंह के रोग, बच्चों की सर्दी में पान के इस्तेमाल से फायदे ले सकते हैं। इतना ही नहीं, कुक्कर खांसी, सर्दी-जुकाम, ह्रदय रोग, सांसों के रोग में भी पान के औषधीय गुण से लाभ मिलता है।

लेकिन, आज मैं पान खाने नहीं बल्कि इसके पत्तों का शरबत (paan sharbat) बनाकर पीने के लिए कह रही हु . जितनी क्वालिटीज पान में होती है उतना ही फायदेमंद पान के पत्तों का शरबत बनाकर पीना होता है.पान के पत्तों (Pan Ke Patte ka sharbat) का शरबत सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। खासकर चिलचिलाती गर्मियों में पान का शरबत या जूस शरीर को ठंडक दिलाता है तो आइए जानते हैं इसके फायदों के बारे में-जिससे आप पान के औषधीय गुण से पूरा-पूरा लाभ ले पाएं।

आयुर्वेद के अनुसार, आप सूजन, फाइलेरिया, नपुसंकता, शारीरिक कमजोरी में पान के औषधीय गुण के फायदे तो ले ही सकते हैं, साथ ही दुबलेपन की समस्या, घाव, मिर्गी, बुखार, सांप के डसने पर भी पान से लाभ ले सकते हैं।


पान क्या है ? (What is Betel Leaf or Paan in Hindi?)

पान भारत के इतिहास एवं परंपराओं से गहरे से जुड़ा है। पान विभिन्न भारतीय भाषाओं में अलग-अलग नामों से जाना जाता है जैसे ताम्बूल (संस्कृत), पक्कू (तेलुगू), वेटिलाई (तमिल और मलयालम), नागवेल ( मराठी) और नागुरवेल (गुजराती) नागबल्ली, श्रीवाटी, अम्लवाटी, अम्लरसा आदि बोला जाता है।

पान का प्रयोग हिन्दू संस्कार से जुड़ा है, जैसे नामकरण, यज्ञोपवीत आदि। वेदों में भी पान के सेवन की पवित्रता का वर्णन है। बहुत साल पहले से पान का इस्तेमाल व्यवहार, सुगन्धि एवं रूचिवृद्धि के साथ-साथ पूजा-पाठ आदि शुभ कार्यों और उत्सव में किया जा रहा है।

इसकी लता कोमल होती है जो फैलती है। इसके तने चिकने, मजबूत, छोटी जड़ के सहारे ऊपर चढ़ने वाले होते हैं। इसके पत्ते पीपल के पत्तों के समान बड़े और चौड़े होते हैं। पान के पत्तों का रंग हरा होता है। बनारस में होने वाला पान सबसे उत्तम माना जाता है।

पान के पत्ते छोटे, बड़े अनेक आकार प्रकार के होते हैं। बीच में एक मोटी नस होती है और प्राय: इस पत्ते की आकृति मानव के हृदय (हार्ट) से मिलती जुलती होती है। भारत के विभिन्न भागों में होनेवाले पान के पत्तों की सैकड़ों किस्में हैं – कड़े, मुलायम, छोटे, बड़े, लचीले, रूखे आदि। उनके स्वाद में भी बड़ा अंतर होता है।

कटु, कषाय, तिक्त और मधुर-पान के पत्ते प्राय: चार स्वाद के होते हैं। उनमें औषधीय गुण भी भिन्न भिन्न प्रकार के होते हैं। देश, गंध आदि के अनुसार पानों के भी गुणर्धममूलक सैकड़ों जातिनाम हैं जैसे- जगन्नाथी, बँगाली, साँची, मगही, सौंफिया, कपुरी (कपूरी) कशकाठी, महोबाई आदि।


Pan Ke Patton Ka Sharbat : भारत में पान का सेवन काफी अधिक मात्रा में किया जाता है. शादियों में भी पान का काफी चलन है. पान का सेवन माउथ फ्रेशनर के तौर पर किया जाता है. पान के पत्तों को सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है. इसमें एंटी-डायबिटिक, एंटी-इंफ्लामेटरी, एंटी-इंफेक्टिव, एंटी-सेप्टिक और दुर्गंध दूर करने वाले गुण होते हैं.

पान के पत्तों का शरबत पीने के फायदे (Pan Ke Patton Ka Sharbat Pine Ke Fayde)

ओरल हेल्थ बेहतर – पान में एंटी-बैक्टीरियल क्वालिटीज होती है जो इफेक्टिव तरीके से मुंह में रहने वाले बैक्टीरिया का मुकाबला करते हैं जो कि दांतों की सड़न को रोकते है. इसके अलावा जिन लोगों के मुंह या सांसों से बदबू आती है. उनके लिए भी ये काफी फायदेमंद होता है. ये ना सिर्फ इंटेस्टाइन्स की हेल्थ को बढ़ाता है बल्कि सांस और मुंह की बदबू से भी छुटकारा दिलाता है. इसके साथ ही ये दांतों के दर्द, मसूड़ों के दर्द, सूजन और मुंह के इंफेक्शन से भी बचाए रखने में मदद करता है.

हाथ-पैर की जलन करे कम- हाथ-पैरों में जलन पेट की गर्मी की वजह से होती है. ऐसे में पान के पत्तों का शरबत पीने से इसे ठीक किया जा सकता है. पान के शरबत का विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट पेट को ठंडा करने में मदद करते हैं.

भूख बढ़ाएं – पान का शरबत पीने से भूख भी बढ़ने लगती है. दरअसल, इसे पीने से टॉक्सिक सब्सटांसिज को बाहर निकलकर मेटाबॉलिज्म तेज करने में मदद मिलती है. फिर आप जो भी खाते है वो तेजी से पचने लगता है. ये भूख को बढ़ावा देने में भी तेजी से मदद करता है. अगर आपको भूख ना लगने की प्रॉब्लम है तो आप पान का शरबत पी सकते है.

इम्यूनिटी करे बूस्ट- पान के पत्ते एंटीसेप्टिक और एंटी-फंगल गुणों से भरपूर होते हैं. यह इम्यूनिटी को बूस्ट करने में काफी मददगार साबित होते हैं. इसमें एंटी फंगल गुण पाए जाते हैं. वजाइनल इंफेक्शन होने पर इसका सेवन करने से काफी आराम मिलता है.

जोड़ों के दर्द से राहत- पान के पत्तों में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो जोड़ों में दर्द को काफी कम कर देता है. इसके अलावा पान के पत्तों का शरबत पीने से हड्डियों की चोट को भी हील किया जा सकता है.

मेटाबोलिज्म तेज करता है – सुबह-सुबह खाली पेट पान का शरबत पीने से ये बॉडी के अंदर जाता है और इंटेस्टाइन्स में जाकर डिटॉक्स करने का काम करता है. इसके साथ ही ये मेटाबोलिज्म (betel leaves benefits for metabolism) को भी तेज करता है. ये बाउल मूवमेंट को भी तेज करता है जो कब्ज की प्रॉब्लम को दूर करते है.

आयुर्वेद के मुताबिक, कॉन्स्टिपेशन से राहत पाने के लिए पान के पत्तों को खाने की सलाह दी जाती है. इसके लिए आप बस पान के पत्तों को मसल कर रात भर पानी में भिगोकर छोड़ दें. उसके बाद इसे पीस कर छाछ में काले नमक के साथ मिलाकर पी लें. इस तरह से ये स्टमक को क्लीन करने में मदद करेगा.

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वजन करे कम- ये पेट को साफ रखने, फैट जमा होने और कब्ज की रोकथाम में भी मददगार है जिस वजह से ये वजन घटाने वालों के लिए अच्छी वेट लॉस ड्रिंक है.

ऐसे बनाये पान के पत्ते का शर्बत

पान के पत्ते का शर्बत सेहत के लिए फायदेमंद होता है। पान पत्ता शरबत बनाने के लिए पान के पत्ते, सौंफ, इलायची, खसखस और कुछ गुलाब की पंखुड़ियों की जरूरत होती है। पान पत्ता शरबत परिवार के साथ घर आने वाले मेहमानों को भी सर्व किया जा सकता है।

पान का शरबत को आप ठंडे दूध, गर्म दूध, छाछ और लस्सी आदि में बना सकते हैं। इसमें आप अपने अनुसार सौंफ पाउडर, गुलकंद, जीरा पाउडर, लौंग, काला नमक और चीनी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं। तो, अगर आपने आज तक पान का शरबत नहीं पिया तो एक बार जरूर ट्राई करें।

पान पत्ता शरबत बनाने के लिए एक रात पहले पान के पत्ते और सभी दूसरी सामग्री को अलग-अलग बर्तन में भिगोकर रख दें। सुबह पत्तियों को बर्तन से निकाल दें। उसी पानी से चाशनी बनाएं। इसके बाद अन्य सामग्री को मिला दें। थोड़ी देर पकाने के बाद शरबत को ठंडा कर दें फिर बोतल में डालकर फ्रिज में रख दें। जब कोई मेहमान आता है तो उसे दूध या पानी में मिलाकर सर्व करें।

पान के उपयोगी भाग (Beneficial Part of Betel Leaf (Paan) in Hindi)

पान के इन भागों का इस्तेमाल किया जाता है

पत्ते
जड़
फल
तेल

पान का इस्तेमाल कैसे करें ? (How to Use Betel Leaf (Paan) in Hindi?)

पान को इतनी मात्रा में इस्तेमाल करना चाहिए

रस- 5-10 मिली

रक्तपित्त (नाक-कान से खून निकलने पर)
ह्रदय विकार
बेहोशी

पान कहां पाया या उगाया जाता है? (Where is Betel Leaf (Paan) Found or Grown?)

यह गर्म और आर्द्र प्रदेशों में होता है। यह विशेषतः बिहार, बंगाल, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और श्रीलंका में बहुत अधिक संख्या में बोया जाता है।

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