Mungfali ke faayde or nukshan।peanuts nutrition health benefits and side effectsin hindi।kacha badam is the enemy of Your Health

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मूंगफली के फायदे, उपयोग और नुकसान। All About Peanuts (Mungfali) in Hindi
मूंगफली के फायदे, उपयोग और नुकसान। All About Peanuts (Mungfali) in Hindi

Table of Contents

Mungfali ke faayde or nukshan।peanuts nutrition health benefits and side effectsin hindi।kacha badam is the enemy of Your Health मूंगफली के फायदे, उपयोग और नुकसान ।

विषय सूची

मूंगफली क्या है – What is Peanut in Hindi
मूंगफली सेहत के लिए क्यों अच्छी है?
मूंगफली के फायदे – Benefits of Peanut in Hindi
मूंगफली के पौष्टिक तत्व – Peanut Nutritional Value in Hindi
मूंगफली का उपयोग कैसे करे – How to Use Peanut in Hindi
मूंगफली का चयन – How to Choose Good Peanut in Hindi
मूंगफली को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका – How to Store Peanut in Hindi
मूंगफली के नुकसान – Side Effects of Peanut in Hindi

मूंगफली क्या है – What is Peanut in Hindi

peanuts : मूँगफली (peanut, या groundnut ; वानस्पतिक नाम : Arachis hypogaea) एक प्रमुख तिलहन फसल है। मूँगफली वानस्पतिक प्रोटीन का एक सस्ता स्रोत हैं।और बंगाल में मूंगफली को कच्चा बादाम कहते हैं बीते कुछ समय से सोशल मिडिया में कच्चा बादाम (‘काचा बादाम’) बहुत तेजी से वायरल हो रहा है और इस गाने को बीरभूम जिले के लक्ष्मीनारायणपुर पंचायत के कुरालजुरी गांव के रहने वाले भुबन बैद्यकर (Who is Kacha Badam Singer Bhuban Badyakar) ने गया है

आज मै आपको बताऊगी की मूंगफली यानी कच्चा बादाम (‘काचा बादाम’) के फायदे, नुकसान और इसे कैसे और किन्हें खाना चाहिए। साथ ही बताऊगी की कौन है भुबन बैद्यकर एवं कच्चा बदाम इतना ट्रेंडिंग क्यों चल रहा है?

मूंगफली में गुड फैट और कई तरह के पोषक तत्व होते हैं। जो वजन कम करने और डिप्रेशन कंट्रोल करने में मदद करते हैं, लेकिन हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। इसलिए किसी भी चीज को सोच समझ कर लिमिट में खाना चाहिए

इसमें प्रोटीन की मात्रा मांस की तुलना में 1.5 गुना, अण्डों से 2.5 गुना एवं फलों से 8 गुना अधिक होती है। और इसमें 50% वसा (फैट) होता है ।

मूँगफली (peanut) पोषक तत्त्वों की अप्रतिम खान है। प्रकृति ने भरपूर मात्रा में इसे विभिन्न पोषक तत्त्वों से सजाया-सँवारा है। 100 ग्राम कच्ची मूँगफली में 1 लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। कार्बोहाड्रेड 10.2% होता है। मूँगफली में प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है,

जब कि मांस, मछली और अंडों में उसका प्रतिशत 10 से अधिक नहीं। 250 ग्राम मूँगफली के मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या 15 अंडों के बराबर ऊर्जा की प्राप्ति आसानी से की जा सकती है।

मूँगफली पाचन शक्ति बढ़ाने में भी कारगर है। 250 ग्राम भूनी मूँगफली में जितनी मात्रा में खनिज और विटामिन पाए जाते हैं, वो 250 ग्राम मांस से भी प्राप्त नहीं हो सकता है।

मूंगफली में तेल प्रतिशत मात्रा 45-55% होता है|मूंगफली का सेवन सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है। बल्कि इसे बादाम का पर्याय माना जाता है। जितने पोषक तत्व बादाम में मौजूद होते हैं वह सभी मूंगफली में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। लेकिन बादाम महंगा होता है और मूंगफली सस्ती होती है लेकिन आप बादाम की जगह मूंगफली भी खा सकते हैं।

एक लीटर दूध के बजाए 100 ग्राम कच्ची मूंगफली में अधिक प्रोटीन होता है। मूंगफली के साथ ही मूंगफली के तेल के कई फायदे होते हैं। यह कीटाणुओं को खत्म करने में मददगार होता है।

मूंगफली सेहत के लिए क्यों अच्छी है?

मूंगफली में कई स्वास्थ्यकारी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें प्रोटीन और फाइबर की उच्च मात्रा पाई जाती है। साथ ही इसमें हेल्दी फैट (मोनोसैचुरेटेड फैट) पाए जाते हैं। इसमें रेस्वेट्राल और फाइटोस्ट्राल जैसे न्यूट्रिएंट्स भी पाए जाते हैं।

वहीं, मूंगफली का उपयोग, हृदय रोग, डायबिटिज, अल्जाइमर और कैंसर से बचाव में मदद कर सकता है। वैज्ञानिक शोध कहते हैं कि मूंगफली और इससे बने उत्पाद कुपोषण से पार पाने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए, मूंगफली को सेहत और स्वास्थ्य का पॉवर पैक कहा जा सकता है

मूंगफली के अन्य नाम क्या क्या है

मूंगफली को कई नामों से जाना जाता है, जैसे हिंदी में मूंगफली, तेलगु में ‘पलेलु’ (Pallelu), तमिल में ‘कदलाई’ (Kadalai), मलयालम में ‘निलक्कड़ला’ (Nilakkadala), गुजराती में ‘सिंगदाना’ (Singdana) और मराठी में ‘शेंगदाना’ (Shengdaane) कहा जाता है। इसके अलावा, मूंगफली को जमीन से प्राप्त किया जाता है, जिस कारण इसे ग्राउंडनट भी कहा जाता है।

मूंगफली भारत में पूरे वर्ष, हर जगह मिलती है और इसके उत्पादन में भारत का दूसरा स्थान है। जानकारी के लिए बता दें की मूंगफली का उत्पादन चीन में सबसे ज्यादा किया जाता है

मूंगफली खाने के अचूक फायदे

हड्डियों को करें मजबूत- मूंगफली (peanut) के सेवन से हड्डियां मजबूत होती है। मूंगफली में मौजूद पोषक तत्वों से शरीर को विटामिन डी और कैल्शियम मिलता है। बादाम के बदले इसका आसानी से सेवन कर सकते हैं।

हार्मोन को करें बैलेंस- जब महिला और पुरुषों में हार्मोंस अनबैलेंस्ड हो जाते हैं तब कई प्रकार की शारीरिक समस्या होती है। इसलिए महिला और पुरुष को रोज एक मुट्ठी मूंगफली का सेवन करना चाहिए।

कैंसर से बचाएं- मूंगफली में एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जिसका नाम है पॉलीफिनॉलिक। इसके सेवन से पेट के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। सप्ताह में 1 बार मूंगफली के साथ मक्खन का सेवन करना चाहिए।

झुर्रियों को हटाए- मूंगफली खाने से झुर्रियां कम होती है। इसमें मौजूद तत्व चेहरे पर बारीक रेखा और झुर्रियों को बनने से रोकती है।

डायबिटीज को करें नियंत्रित- मूंगफली का सेवन करने से डायबिटीज की आशंका कम होती है। रोज अपनी डाइट में इसे जरूर शामिल करना चाहिए। ताकि घातक बीमारियों से बचा जा सकें।

ये होते हैं ज्यादा मूंगफली खाने के नुकसान | These Are The Disadvantages Of Eating More Peanuts

मूंगफली के साइडइफेक्ट्स (Peanuts Side Effects)कई हैं. हालांकि इसका सीमित मात्रा में सेवन कर कमाल के लाभ हो सकते हैं. सर्दियों में अक्सर छिलके वाली भूनी मूंगफली खाना हर किसी को पसंद होता है. थोड़ी मूंगफली को रोज खाना तो सेहत के लिए फायदेमंद है लेकिन अगर आप ज्यादा मात्रा में मूंगफली खाते हैं तो गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं.

वजन बढ़ा सकती हैं मूंगफलियां – मूंगफली आपके समग्र स्वास्थ्य में योगदान के बावजूद हाई कैलोरी से भरपूर होने के कारण वजन बढ़ा सकती है. अगर आप अपने वजन को प्रबंधित करने की कोशिश कर रहे हैं तो कैलोरी आपके लिए अच्छी नहीं हैं. वजन घटाने वाले लोगों के लिए मूंगफली का सेवन नुकसानदायक हो सकता है. बढ़ा हुआ वजन किसी के लिए भी हेल्दी नहीं होता है.

मूंगफली के एलर्जी संबंधी दुष्प्रभाव – मूंगफली (peanut) सबसे आम एलर्जी में से एक है और गंभीर, संभावित प्रतिक्रियाओं का कारण बन सकती है. बहुत कम मात्रा के साथ भी मूंगफली की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित हो सकती है. यह आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली के परिणामस्वरूप होता है, जो मूंगफली प्रोटीन को हानिकारक के रूप में पहचानता है और लक्षणों को ट्रिगर कर सकता है. मूंगफली से एलर्जी होने पर बहती नाक, त्वचा की प्रतिक्रियाएं, जैसे कि खुजली, पित्ती, लालिमा या सूजन, मुंह और गले में झुनझुनी, पाचन समस्याएं हो सकती हैं

बढ़ जाती है सोडियम की मात्रा – कई तरह की मूंगफली (peanut) में नमक और स्वाद मिला होता है जो आपके रक्तचाप पर असर डाल सकता है. उदाहरण के लिए, नमकीन वेलेंसिया मूंगफली आपके शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ सकती है. ब्लड प्रेशर और दिल के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए हमें सोडियम की मात्रा का ख्याल रखना जरूरी है. बहुत अधिक सोडियम आपके स्वास्थ्य को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है.

ओमेगा फैटी एसिड का असंतुलन – ओमेगा-6 एक आवश्यक पॉलीअनसेचुरेटेड फैटी एसिड है जो मुख्य रूप से आपके शरीर में ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए उपयोग किया जाता है. हालांकि, ओमेगा -6 और ओमेगा -3 को आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होने के लिए संयोजन और सही संतुलन में होना जरूरी है. मूंगफली में ओमेगा -3 फैटी एसिड की कमी होती है.

मूंगफली में संतृप्त वसा होती है – मूंगफली (peanut) का बहुत अधिक सेवन करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बुरा है क्योंकि इनमें उच्च स्तर के संतृप्त वसा मौजूद होते हैं. संतृप्त वसा का उच्च स्तर दिल का दौरा, स्ट्रोक, भरा हुआ धमनियों, पाचन समस्या, उच्च रक्तचाप और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है. आहार में संतृप्त वसा के स्तर को कम करने से हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा भी कम हो सकता है.

मूंगफली का तेल
मूंगफली का तेल

मूंगफली का उपयोग कैसे करे – How to Use Peanut in Hindi

मूंगफली का उपयोग करने के कई तरीके हैं जिनमें से आप अपने पसंदीदा तरीका चुनकर मूंगफली को डायट में शामिल कर सकते हैं। इसे विभिन्न तरीकों जैसे – मक्खन, तेल, आटा और फ्लेक के रूप में उपयोग किया जाता है। चलिए कुछ तरीकों पर नजर डालते हैं।

उबाल कर खाएं मूंगफली

मूंगफली (peanut) को उबालकर खाया जा सकता हैं। उबली हुई मूंगफली बहुत ही स्वादिष्ट होती है और सेहतमंद भी होती है। इससे जुड़े शोध के अनुसार, उबालने से मूंगफली की एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है। वहींं, एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स और ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मददगार हो सकता है (1)। इसलिए, सेहत के लिए मूंगफली को उबालकर भी खाया जा सकता है। नीचे हम मूंगफली उबालने की विधि आपको बता रहे हैं।

मूंगफली कैसे उबालें?

सबसे पहले मूंगफली को अच्छे से धो लें और फिर एक घंटे के लिए पानी में भिगोकर रख दें।
अब 200 एमएल पानी में एक चम्मच नमक मिला दें।
फिर इसमें मुट्ठीभर मूंगफली डालकर उबाल लें।

मूंगफली का आटा

कई लोग मूंगफली के आटे का भी सेवन करते हैं। मूंगफली का आटा बनाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली मूंगफली का चयन किया जाता है, जिससे मूंगफली खाने के नुकसान से बचा जा सकता है। फिर इन्हें भून कर आटा बनाया जाता है। इस आटे का उपयोग मिठाई बनाने या फिर बेकरी में किया जाता है। पीनट खाने के फायदे लेने के लिए इसके कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जा सकते हैं।

पीनट बटर के रूप में मूंगफली का सेवन

मूंगफली (peanut) के फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए कई लोग पीनट बटर यानी मूंगफली का मक्खन खाना भी पसंद करते हैं। पीनट खाने के फायदे लेने हैं, तो इसका बटर आसानी से बाजार में व सुपरमार्केट में मिल जाता है, लेकिन इसे घर में भी बनाया जा सकता है। बाजार की तुलना में घर में बना पीनट बटर न सिर्फ सेहतमंद होगा, बल्कि सस्ता भी होगा। नीचे हम इसकी आसान विधि बता रहे हैं –

सामग्री 

दो से तीन कप मूंगफली
आधा या एक चम्मच चीनी (आवश्यकतानुसार)
एक चम्मच शहद (वैकल्पिक)
एक चौथाई चम्मच या चुटकी-भर नमक
दो से तीन बड़े चम्मच मूंगफली का तेल या अन्य वेजिटेबल ऑयल

बनाने की विधि 

  • पहले कड़ाही या पैन में कच्ची मूंगफली को बिना तेल-घी के भून लें।
  • जब यह सुनहरी हो जाए, तो गैस बंद कर दें और इसे ठंडा होने दें।
  • ठंडा होने के बाद इसके छिलके निकाल लें।
  • फिर इसे मिक्सी में पीस लें। उसके बाद अन्य सामग्रियां जैसे – मूंगफली का तेल, चीनी, नमक व शहद मिलाकर एक बार और पीस लें।
  • पीसते वक्त बीच-बीच में मिक्सी खोलकर पेस्ट को चलाते रहें ताकि यह अच्छे से पेस्ट बन जाएं।
  • ध्यान रहे कि सामग्रियों को मिलाकर एक बार चख लें और सामग्रियां अपने स्वाद अनुसार ही मिलाएं।
  • अब पीनट बटर तैयार है। इसे किसी साफ-सुथरी शीशे के बोतल या अन्य किसी जार में रख सकते हैं। फिर जब मन करे, तब इसे रोटी या ब्रेड के साथ खाएं।

handful of peanuts gives you these 6 amazing benefits.- एक मुट्ठी मूंगफली  का सेवन आपको देता है ये 6 कमाल के फायदे।

भुनी हुई मूंगफली

भुनी हुई मूंगफली (peanut) लोकप्रिय भारतीय स्नैक है और इसे तैयार करना भी आसान है। मूंगफली को बिना तेल-घी के कड़ाही या फ्राई पैन में भून सकते हैं। इसके अलावा, तेल-घी के साथ भी इसे भून सकते हैं और भूनते वक्त स्वादानुसार नमक भी मिला सकते हैं। भूनने के बाद खाते वक्त भी नमक मिलाया जा सकता है। भुनी हुई मूंगफली को स्नैक्स के तौर पर, मिक्सचर के साथ, खीरे-प्याज के साथ या अन्य कई तरीकों से सेवन कर सकते हैं।`इस दौरान मूंगफली खाने के फायदे और नुकसान को जरूर याद रखें और संतुलित मात्रा में खाएं।`

मूंगफली का सेवन कब करें?

मूंगफली (peanut) खाने का सही समय क्या है या मूंगफली का सेवन कब करें, इसको लेकर कोई वैज्ञानिक अध्ययन मौजूद नहीं है। पूरी तरह स्वस्थ व्यक्ति इसे कभी भी खा सकते हैं। भोजन के बीच में हेल्दी स्नैक्स के रूप में भुनी मूंगफली खाने के फायदे लिए जा सकते हैं।

मूंगफली का सेवन कितनी मात्रा में करें?

विशेषज्ञों के अनुसार, एक मुट्ठी मूंगफली का सेवन प्रतिदिन किया जा सकता है। मूंगफली के फायदे और नुकसान को ध्यान रखते हुए इनका सेवन हमेशा संतुलित मात्रा में करना चाहिए।

मूंगफली का चयन – How to Choose Good Peanut in Hindi

  • मूंगफली (peanut) पूरे साल सुपरमार्केट और किराने की दुकानों में उपलब्ध होती हैं। यह अलग-अलग रूप में जैसे – छिलके वाली, कच्ची, भुनी हुई या फिर नमक वाली होती हैं।
  • छिलके वाली बिना पकी हुई (unshelled) मूंगफली हर मायने में प्रोसेस्ड मूंगफली से ज्यादा बेहतर है। प्रोसेस्ड नट के छिलके को निकालने के लिए कई तरह की रासायनिक प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक साबित हो सकते हैं।
  • अगर आप बाजार से पीनट बटर खरीद रहे हैं, तो ध्यान रहे कि आप उसकी एक्सपायरी डेट देखकर ही खरीदें।
  • कच्ची मूंगफली खरीदते समय यह सुनिश्चित करें कि मूंगफली की फली क्रीम रंग की हो।
  • मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान रहे कि उसमें नमी या पैकेट के अंदर किसी भी प्रकार के कीड़े-मकोड़े न हो।
  • छिलके वाली मूंगफली खरीदते वक्त ध्यान रखें कि वो सूखी न हो। इससे पता चलता है कि मूंगफली कितनी पुरानी है। ध्यान रहे मूंगफली का छिलका नाजुक हो ताकि वो आसानी से निकल जाए या उसे आसानी से छिला जा सके।
  • मूंगफली खरीदते और उपयोग करते वक्त उसे सूंघ लें। अगर उसमें से बदबू आए, तो इसका मतलब यह है मूंगफली खराब हो चुकी है।

मूंगफली को लम्बे समय तक सुरक्षित रखने का तरीका – How to Store Peanut in Hindi

  • आप मूंगफली (peanut) के दानों को एयर टाइट जार में कुछ वक्त तक स्टोर करके रख सकते हैं।
  • साबुत मूंगफली (Unshelled) को अगर ठंडी जगह पर रखा जाए, तो यह कई महीनों तक ठीक रह सकती है।
  • ध्यान रहे कि मूंगफली में कीड़े भी लग सकते हैं, इसलिए अगर मूंगफली को फ्रिज में रखना है, तो उसे जीप लॉक बैग में डालकर रखें।
  • घर में बने पीनट बटर को एयर टाइट डिब्बे में बंद करके फ्रिज में रखें। कोशिश करें कि इतना ही पीनट बटर बनाएं, जो एक-दो दिन में खत्म हो जाए।
  • छिलके वाली या साबुत मूंगफली (Unshelled) को कई महीनों तक ठंडी और अंधेरी जगह में रखा जा सकता है,
  • जबकि मूंगफली के दानों (shelled) को सालों तक एयरटाइट कंटेनर में रखा जा सकता है।
  • मूंगफली में तेल की मात्रा अधिक होती है, इसलिए कमरे के तापमान में लंबे समय तक रखने पर यह जल्दी खराब हो सकती है।
  • मूंगफली को कमरे के तापमान में स्टोर कर सकते हैं, लेकिन इसकी ताजगी बनाए रखने और इसकी शेल्फ लाइफ को लंबा करने के लिए इन्हें रेफ्रिजरेटर में स्टोर किया जा सकता है। मूंगफली में पानी की मात्रा कम होती है, जिस कारण यह जमेगी नहीं।
  • मूंगफली को शीशे के या प्लास्टिक कंटेनर और जिप लॉक बैग में स्टोर कर सकते हैं।
  • मूंगफली किसी भी गंध को आसानी से अवशोषित कर लेती है, इसलिए उसे अन्य तीव्र गंध वाले या बदबूदार भोजन से दूर रखें।

मूंगफली के नुकसान – Side Effects of Peanut in Hindi

  • किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा सेवन हानिकारक हो सकता है। इसी प्रकार अधिक मूंगफली खाने पर मूंगफली के नुकसान नजर आ सकते हैं, इसलिए ज्यादा मूंगफली खाने के नुकसान के बारे में जरूर जानें।
  • मूंगफली से एलर्जी की समस्या हो सकती है। पहले कभी मूंगफली से एलर्जी हुई है, तो इसे खाने से बचें। चाहें, तो पहले मूंगफली के एक या दो दाने खाकर देख लें कि यह आपको सूट कर रही है या नहीं।
    कुछ लोगों को मूंगफली खाने से सांस लेने में परेशानी हो सकती है। ऐसी स्थिति में बिना देर करते हुए डॉक्टर से संपर्क करें।
  • अगर त्वचा संवेदनशील है, तो त्वचा में खुजली व रैशेज की समस्या हो सकती है। इसके अलावा, त्वचा या गले में सूजन की समस्या भी एलर्जी के ही लक्षण हैं।
  • जरूरत से ज्यादा मूंगफली खाने से गैस, सीने में जलन यानी एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
    कुछ लोगों में इसके सेवन से अस्थमा या दमा का अटैक हो सकता है। इसलिए, जिन्हें अस्थमा की समस्या है, वो डॉक्टरी सलाह पर इसका सेवन करें।
  • मूंगफली (peanut) की तासीर गर्म होती है, इसलिए ध्यान रहे कि ठंड के मौसम में इसका सेवन करें। अगर गर्मी में इसे खा रहे हैं, तो ज्यादा मात्रा में इसका सेवन न करें। अधिक मात्रा में इसका सेवन करने से पेट खराब हो सकता है।

आइए अब आपको उस शख्स के बारे में बताते हैं जिसने ये गाना गाया है. बीरभूम जिले के लक्ष्मीनारायणपुर पंचायत के कुरालजुरी गांव के रहने वाले भुबन बैद्यकर है इस गायक का नाम है. कच्चा बादाम का यह वीडियो पर सोशल मीडिया पर आया, तो देखते ही देखते लाखों लोगों की पसंद बन गया. बड़े-बड़े सेलेब्रिटी इस गीत पर थिरकने को मजबूर हो गये.

लेकिन, यहां चर्चा कर दें कि ‘काचा बादाम’ का गायक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए सुर में ‘काचा बादाम’ गीत गाया करता था. भुबन बादायकर पश्चिम बंगाल से हैं और सड़क पर मूंगफली बेचते हैं। भुबन अपने गाने के तुरंत हिट होने के बाद तुरंत फेमस हो गए हैं। भुबन पश्चिम बंगाल में कुरालजुरी गांव के रहने वाले हैं। इनके तीन भाई हैं। आजीविका चलाने के लिए भुबन मूंगफली बेचने का काम करते हैं। साइकिल पर मूंगफली से भरा झोला टांगकर वह घर से निकलते हैं और ‘कच्चा बादाम’ वाला गाना गाते हुए गांव-गांव फेरी लगाते हैं। वहां घर की टूटी-फूटी चीजों के बदले में मूंगफली बेचते हैं। भुबन रोज 3-4 किलो मूंगफली यानी कच्चा बादाम (‘काचा बादाम’) बेचने के बाद मुश्किल से 200-250 रुपए ही कमा पाते हैं

Kacha Badam के मूँगफली विक्रेता असली गायक गरीब, उनके गाने से दूसरे कमा रहे

‘बादाम बादाम दादा कांचा बादाम’ भुबन जिस गाने को गाते हुए मूंगफली बेचते हैं, उसके बोल हैं, ”बादाम बादाम दादा कांचा बादाम, आमार काछे नाइतो बूबू वाजा बादाम, आमार काछे पाबे सुधु वाजा बादाम”। गाने के बोल भले ही बंगाली में हों, लोगों को समझ में ना आ रहे हों, लेकिन सभी इसी गाने को बेहद पसंद कर रहे हैं। कच्चा बादाम गाने की लोकप्रियता ऐसी है कि देश ही नहीं, दुनिया के अलग-अलग देशों में बैठे लोग भी इसपर रील्स और शॉर्ट वीडियो बना रहे हैं।

बांग्ला में वह टोले-मुहल्ले की महिलाओं से अपील करता है कि यदि आपके पास कोई टूटा-फूटा फोन है, आपके हाथों की टूटी बाला या रोल्ड-गोल्ड की टूटी हुई चेन है, तो आप उसे मुझे दें और बदले में कच्चा बादाम मैं आपको दूंगा. आपको मेरे पास भुना हुआ बादाम नहीं मिलेगा. सिर्फ कच्चा बादाम ही मिलेगा. इसलिए आइए, आपके पास जो भी टूटा-फूटा फोन, बाली, चेन आदि है, देकर कच्चा बादाम (मूंगफली) मेरे पास से ले जायें.

पूरे सुर में गाने वाले भुबन गीत गाते हुए ही एक-एक चीज की कीमत भी बताता है. वह बताता है कि यदि आप मुझे टूटा हुआ मोबाइल देंगे, तो बदले में पांच रुपये मेरे से पायेंगे. आप टूटा हुआ बाला, टूटी चेन भी दे सकते हैं. बदले में आप बादाम पायेंगे.

FAQ:

Q: क्या कच्ची मूंगफली (कच्चा बादाम) खाना सुरक्षित है?

Ans: हाँ, कच्ची मूंगफली का सेवन किया जा सकता है, लेकिन कच्ची मूंगफली हमेशा अच्छे ब्रांड की और साफ़-सुथरी चुनें। कच्ची मूंगफली खाने के फायदे शरीर को सही पोषण दे सकते हैं।

Q: क्या खाली पेट मूंगफली खा सकते हैं?

Ans: नहीं, खाली पेट मूंगफली नहीं खानी चाहिए, यह पेट खराब कर सकती है। हां, चाहें, तो इसे भिगोकर खा सकते हैं, भिगोने से इसका पाचन आसान हो जाता है। खाली पेट मूंगफली खाने के फायदे लेने हैं, तो इन्हें भिगोकर खाएं।

Q: भीगी मूंगफली खाने के क्या लाभ हैं?

Ans:भीगी मूंगफली (peanut) का सेवन करने से बॉडी बिल्डिंग में मदद मिल सकती है क्योंकि इसमें कैलोरी और पोषण प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। शोध ये कहते हैं कि भीगी हुई और अंकुरित मूंगफली में फ्लेवोनोइड और एंटीऑक्सीडेंट क्षमता बढ़ जाती है, इसलिए इन्हें मानव उपयोग के लिए उत्तम माना जा सकता है ।

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