Phulo ki kheti kaise kare

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marigold flower farming

किसान भी अपनी परम्परागत खेती के साथ फूलो की खेती (flower farming) करके अपनी आमदनी में अधिक लाभ अर्जित कर सकते हैं। शादी व्याह,जन्मदिन उत्सव जीवन में खुशी के रंग भरना हो या फिर पूजा में फूल ही ऐसा माध्यम है जो हमारे मन के भावो को प्रकट करने का जरिया बनता है

आजकल फूलों को लेकर की गई सजावट का देखते ही बनती है। ये फूल पड़ी चीजों में एक नई जान डाल देते हैं। किसी पार्टी, कान्फ्रेंस या फिर मीटिंग में जाएं, वह पर सबसे ज्यादा ध्यान फूलों की डेकोरेशन पर ही दिया जाता है। इन्हीं सब कारणों से फूलों के उत्पादन में खासा इजाफा देखने को मिल रहा है।

फूल उगाने की इस प्रक्रिया को फ्लोरीकल्चर के नाम से जाना जाता है। फूलो का मार्केट वर्ष भर बना रहता है क्युकी हमारा देश उत्सवों के लिए जाना जाता है इसलिए बाजार में फूलो की अच्छी डिमाड बनी रहती है और शादियों के सीजन में मांग बढ़ जाती है

जिसकी वजह से फूलो के व्यवसाय में ग्लेडियोलस (Gladiolus), गुलाब (Rose), गेंदा के फूल (Marigold) का सबसे ज्यादा प्रयोग साज-सज्जा के लिए किए जाता है। फूलो की खेती में सबसे अच्छी बात यह है कि ढाई से तीन महीने में इसकी फसल तैयार हो जाती है। 

फूलों की खेती “फ्लोरीकल्चर” कहलाती है, इसे हिन्दी मे “पुष्पकृषि” कहा जाता है।

फूल उत्पादन व्यापार Flower Production Business Benefits

आजकल फूलों की मांग बहुत अधिक है। गुलाब, गेंदा, कारनेशन, ग्लेडियोलस, जरबेरा, रजनीगंधा, एंथुरियम, डेहलिया, मोगरा, कॉसमॉस, गुलदाऊड़ी जैसे फूलों की मांग काफी होती है

किस फसल की खेती करनी है?

सबसे पहले आपको यह पता करना है कि कौन सी फसल आप की जमीन के लिए उपयुक्त है। किस फसल में कितना मुनाफा होता है। इसकी खेती करने से आपको अच्छा मुनाफा मिल सकता है। गेंदा (Marigold) का फूल साल के 12 महीना उपलब्ध रहता है।

उदाहरण के लिए 1 एकड़ गुलाब की खेती करके 7 लाख रूपये तक कमा सकते हैं। गुलाब का पौधा एक बार लगाने पर 5 सालों तक फूल देता रहता है।

गेंदा का (वैज्ञानिक नाम Tagetes) तेल (Essential Oil) भी निकला जाता है इसकी अधिक जानकारी के लिए आप अपने नजदीकी कृषि संसथान से संपर्क कर सकते है यह तेल औषधि और इत्र बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। Tagette Essential Oil की अंतररास्ट्रीय बाजार में कीमत 12 हज़ार तक होती है। 

गुलाब का (वैज्ञानिक नाम Rosa) भी तेल (Essential Oil) निकला जाता है 1 kg तेल निकलने के लिए 3500-4000 किलो तक फूलो का इस्तेमाल किया जाता है इसी लिए Organic Rose Essential Oil की अंतररास्ट्रीय बाजार में कीमत 5 लाख तक होती है।

rose farming

फूलों की प्रजातियों की जानकारी

फूलों की खेती करने के लिए आपको फूलों की प्रजातियों की जानकारी होनी चाहिए। कौन सी प्रजाति की फसल अच्छी होती है यह भी पता होना चाहिए। गेंदा की फसल के लिए अफ्रीकन और फ्रांसीसी गेंदा का उत्पादन करना चाहिए

इसमें अधिक मात्रा में फूल प्राप्त होता है। गुलाब के पौधे में नूरजहां और रानी साहिबा जैसी प्रजातियां ज्यादा फूलों का उत्पादन करती हैं। इसे बेचकर किसान मालामाल हो सकते हैं। गुलाब के फूलों  की बाजार मांग बहुत अधिक है।

बहुत से आयुर्वेदिक उत्पाद गुलाब से बनाए जाते हैं। गुलाब जल का निर्माण भी गुलाब से किया जाता है। इसके अलावा इत्र (परफ्यूम) का निर्माण भी गुलाब से होता है।

वैलेंटाइन डे, करवाचौथ  मदर्स डे, शादियों समारोहों, जन्मदिन में इसकी बहुत मांग होती है। बहुत से किसान गुलाब की खेती करके हर महीना 40-50 हजार कमा लेते हैं।

जलवायु और मौसम

किस मौसम में कौन से फूलों की खेती करनी चाहिए और बुवाई का समय तथा किस फूल को कितनी मात्रा में पानी देना है, खरपतवार को बाहर करना, फूलों की निराई गुड़ाई के बारे जानकारी होना आवश्यक है ।Gladiolus

फूलों के पेड़ बहुत नाजुक होते हैं इसलिए उनको सहारा देने के लिए बांस के खम्भे, डंडे लगाकर पौधों की सहारा दिया जाता है। बहुत से फूलों को रस्सी से बांधना पड़ता है जिससे भी नीचे ना गिरें।

मिट्टी

फूलों की खेती के लिए मिट्टी का मुलायम, उर्वर और भुरभुरा होना बहुत आवश्यक है। सही समय पर पानी देना चाहिये। किस मिट्ठी में कौन से फूल की पैदावार अच्छी होती है यह पता होना चाहिये। जैसे गुलाब दोमट और बलुई दोनों प्रकार की मिट्ठी में आसानी से उगाया जा सकता है।

भूमि की उर्वरता को बढ़ाने के लिए जैविक खेती तकनीक का इस्तेमाल किया जा सकता है जिसमें किसान का धन जो वह रसायन खरीदने में खर्च करता है वह बच जाता है अधिक जानकारी के मेरे पिछले पोस्ट को पढ़े।

बीज (Sheed)

फूलों की खेती के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज लेना चाहिए जिससे फसल अच्छी हो। अनेक किसान फूलों को सुखाकर अपने बीज खुद बना लेते है।

रोगों का निवारण

फूलों के पौधों में भी रोग लगते हैं जिससे बचने के लिए आवश्यक कीटनाशक का छिड़काव किया जाता है। इसलिए आपको इसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए। फूलों का उत्पादन करने वाले किसानों से आप इस तरह की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

फसल से फूल तोड़ना (Flower Harvesting)

फूल तोड़ने के समय वातावरण में नमी होना चाहिए और धूप कम से कम रहे। यदि धूप में फूल तोड़े जाएंगे तो वे बहुत जल्दी सूख जाएंगे और नष्ट हो जाएंगे।

इसलिए अधिकतर किसान सुबह के समय ही फूल तोड़ लेते हैं। एक एकड़ में 30 कुंटल तक गेंदे के फूलों का उत्पादन होता है जिसे बेचकर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

फूलो की खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का कार्य भी किया जा सकता है।

टूटे हुए फूलों का भंडारण

फसल से फूल तोड़ने के बाद उसका भंडारण शीतग्रह (कोल्ड स्टोर) में करना चाहिए जहां का तापमान 0 से 1.6 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए।

फूलों की मार्केटिंग (Flower Marketing)

फूलों को आप दुकानों पर बेच सकते हैं। इनकी मांग बहुत अधिक होती है। यह तुरंत ही बिक जाता है। इसके अलावा आप फूलों के बुके (गुलदस्ते) बनाकर भी ऊंची कीमत पर बेच सकते हैं। इसके लिए आपको फूल बांधने की कला सीखनी होगी। शादी समारोह, पार्टी में आप फूलों की सप्लाई कर सकते हैं।  

फूलों की मार्केटिंग बहुत तरह से होती है। कई बार किसान अपनी फसल को ठेकेदारों को बेच देते हैं। वे आकर फूल तोड़ते हैं और उनको बाजार ले जाते हैं।

भारत में फूलों की खेती की संभावनाएं (Flower business scope in India)

वर्ष 2013- 14 में भारत ने 455 करोड रुपए के फूलों का निर्यात किया। हमारे देश के फूलों की मांग संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा, नीदरलैंड, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों में बहुत है ।

भारत में होने वाले फूलों के कुल व्यापार का 50% तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के किसान उगाते हैं। दिल्ली में फूलों की सबसे बड़ी मंडी है। भारत में महाराष्ट्र, तमिलनाडु, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल प्रमुख रूप से फूलों का उत्पादन करते हैं।

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