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Shivratri 2022 Date And Time | इस महाशिवरात्रि पर करें ये कुछ आसान उपाय Shivratri 2022 | shivratri 2022 date | maha shivratri 2022 | shivratri pujan vidhi | shivratri vrat vidhi
महाशिवरात्रि का पावन पर्व हर वर्ष के फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन शिव भक्त भोलेनाथ की भक्ति में लीन रहते हैं। महाशिवरात्रि के दिन शिवजी के साथ-साथ देवी पार्वती जी की भी पूजा की जाती है।
मान्यता है कि इस दिन शिवजी की पूजा करने से उनका विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस वर्ष 11 मार्च को फाल्गुन मास को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि भोलेनाथ की पूजा से सभी ग्रह दोष एवं वास्तुदोषों का शमन होता है।
ज्योतिशास्त्रो के अनुसार है, इस वर्ष महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2022) पर एक विशेष शुभ योग का निर्माण हो रहा है, जो इस शिवरात्रि की महिमा में वृद्धि करता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन शिव योग बन रहा है।शिव योग में भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है।
मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव (भोले भंडारी) और माता पार्वती का विवाह (परिणय सूत्र) हुआ था। इसलिए हिंदू धर्म में रात्रि कालीन विवाह मुहूर्त को बेहद उत्तम माना गया है। आइए जानते हैं महा शिवरात्रि का पूजा समय और शुभ मुहूर्त:
महा शिवरात्रि का पूजा समय और शुभ मुहूर्त – Maha Shivratri 2022 Date And Time
पंचांग के अनुसार 11 मार्च को अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 55 तक रहेगा. मान्यता है कि इस मुहूर्त में किए गए कार्यों का अभिजित फल प्राप्त होता है।
महा शिवरात्रि का पूजा समय और शुभ मुहूर्त
चार प्रहर की पूजा
महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2022) पर भगवान शिव की पूजा प्रहर पूजा का विधान भी है। मान्यता के अनुसार महाशिवरात्रि पर भगवान की पूजा रात्रि के समय चार प्रहर में करने से विशेष फल प्राप्त होता है।वेदों में रात्रि के चार प्रहर बताए गए हैं।
हम क्यों मनाते हैं महाशिवरात्रि, है ?
एक तो यह है कि भगवान शिव ने इसी दिन पार्वती से विवाह किया था। तो, यह इस पवित्र मिलन का उत्सव है।
एक और बात यह है कि जब देवताओं और राक्षसों ने समुद्र की गहराई में अमृत प्राप्त करने के लिए समुद्र मंथन किया, तो जहर का एक बर्तन निकला। भगवान शिव ने देवताओं और मानव जाति दोनों को बचाते हुए इस विष का सेवन किया। भगवान के कंठ में जहर भर गया, जिससे वह नीला हो गया। दुनिया के उद्धारकर्ता का सम्मान करने के लिए, शिवरात्रि मनाई जाती है।
एक और किंवदंती यह है कि जैसे ही देवी गंगा पूरी ताकत से स्वर्ग से अवतरित हुईं, भगवान शिव ने उन्हें अपने उलझे हुए तालों में पकड़ लिया, और उन्हें कई धाराओं के रूप में पृथ्वी पर छोड़ दिया। इसने पृथ्वी पर विनाश को रोका। उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में, इस शुभ रात में शिवलिंग को स्नान कराया जाता है।
इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि निराकार भगवान सदाशिव मध्यरात्रि में लिंगोध्व मूर्ति के रूप में प्रकट हुए। इसलिए, लोग पूरी रात जागकर भगवान की पूजा करते हैं।
शिवरात्रि 2022 विवरण
महा शिवरात्रि 2022 तारीख?
इस साल महा शिवरात्रि 1 मार्च को मनाई जाएगी।
महा शिवरात्रि 2022 चतुर्दशी तिथि का समय?
चतुर्दशी तिथि 1 मार्च को सुबह 3:16 बजे शुरू होती है और समाप्त होती है
2 मार्च को दोपहर 1:00 बजे।
महा शिवरात्रि 2022 पूजा का समय या पूजा शुभ मुहूर्त?
महा शिवरात्रि पर शिव पूजा निष्ठा काल या आधी रात के दौरान की जाती है।
निशिता काल पूजा का समय 2 मार्च को दोपहर 12:08 बजे से 12:58 बजे के बीच है।
हालाँकि, एक भक्त निशिता काल या किसी भी / सभी चार प्रहरों (समय की एक इकाई) के दौरान शिव पूजा कर सकता है।
महा शिवरात्रि पूजा के लिए प्रहर का समय इस प्रकार है
प्रहर 1 6:21 अपराह्न से 9:27 अपराह्न (1 मार्च)
प्रहर 2 9:27 अपराह्न (11 मार्च) से 12:33 पूर्वाह्न (2 मार्च)
प्रहर 3 12:33 पूर्वाह्न से 3:39 पूर्वाह्न (2 मार्च)
प्रहर 4 3:39 पूर्वाह्न से 6:45 पूर्वाह्न (2 मार्च)
महाशिवरात्रि का महत्व
महाशिवरात्रि उन व्यक्तियों के लिए असाधारण रूप से महत्वपूर्ण है जो परलोक के रास्ते पर हैं। यह उन लोगों के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है जो पारिवारिक परिस्थितियों में हैं, और साथ ही दुनिया में आक्रामक लोगों के लिए भी। जो लोग पारिवारिक परिस्थितियों में रहते हैं, वे महाशिवरात्रि को शिव के विवाह स्मरणोत्सव के रूप में देखते हैं। सामान्य आकांक्षा वाले लोग उस दिन को उस दिन के रूप में देखते हैं जिस दिन शिव ने अपने सभी शत्रुओं को परास्त किया था।
जो भी हो, धार्मिक उत्साही लोगों के लिए, यह वह दिन है जब वह कैलाश पर्वत के साथ एक हो गया था। वह एक पहाड़ की तरह हो गया – पूरी तरह से स्थिर। योग अभ्यास में, शिव को भगवान के रूप में नहीं, बल्कि आदि गुरु के रूप में माना जाता है, प्राथमिक गुरु जिनसे योग का अध्ययन शुरू हुआ था। कई शताब्दियों के प्रतिबिंब के बाद, एक अवसर पर वह पूरी तरह से शांत हो गया। उस दिन महाशिवरात्रि है। उसका सारा विकास रुक गया और वह बिलकुल शांत हो गया, इसलिए धार्मिक उत्साही लोग महाशिवरात्रि को वैराग्य की शाम मानते हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शंकर को प्रसन्न करने के लिए पूजा कैसे करे और पूजा में क्या-क्या सामग्री शंकर जी को अर्पित करनी चाहिये हम आपको https://sangeetaspen.com के माध्यम से बता रहे है।
महाशिवरात्रि पूजा सामग्री- Maha Shivratri puja saamgri 2022 Date And Time
भगवान शिव की पूजा में भांग, धतूरा, चन्दन, रोली, चावल, कपूर, मौली, बेलपत्र, केसर, शहद, गाय का दूध, दही, फल, गंगाजल, जनेऊ, इत्र, कुमकुम, पुष्पमाला, शमी पत्र, रत्न-आभूषण, इलायची, लौंग, सुपारी, पान, दक्षिणा और जल, दूध और बेल पत्र चढ़ाकर भक्त शिव शंकर को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि (Maha Shivratri 2022) के दिन जो भी भक्त सच्चे मन से शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं उनको महादेव की विशेष कृपा मिलती है।
यही कारण है कि भगवान शिव शंकर को भोलेनाथ कहा गया है। आपको बता दें कि हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को सिर्फ शिवरात्रि कहा जाता है। लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन आने वाले शिवरात्रि (Shivratri) को महाशिवरात्रि कहते हैं। साल में होने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है।
महाशिवरात्रि : पूजा विधि -Maha Shivratri 2022 Date And Time
एक स्व्च्छ पात्र में जल भरकर पंचामृत बनाएं तथा इसके बाद भगवान शिव को जल से अभिषेक करें और भांग, धतुरा, बेलपत्र, शमी का पत्ता, गाय का दूध, अक्षत्, लौंग, चंदन, कमलगट्टा, आदि पूजा सामग्री भगवान शिव को अर्पित करें नंदी को भी समस्त पूजन सामग्री चढ़ाएं जब आप ये सभी वस्तुए भगवान् शंकर को अर्पित करे उस समय ओम नम: शिवाय मंत्रोच्चार करते रहे।
और अब शिव चालीसा का पाठ करें इसके बाद गाय के घी या कपूर से भगवान शिव की आरती उतारें महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखना चाहिये अगर आप किसी कारणवश व्रत नहीं कर पाते है तो पूजा एवं जलाभिषेक अवश्य करे तथा सायंकाल या रात्रिकाल में शिवजी की स्तुति पाठ करें हो. सके तो रात्रि में जागरण करे रात्रि जागरण में चार आरती का विधान है।
आप चाहे तो इस दिन शिव पुराण का पाठ कर सकते है यह उत्तम फलदायक होता है।
गृहस्थ और साधकों के लिए महाशिवरात्रि पर पूजा का समय – Maha Shivratri 2022 Date And Time
इस दिन तंत्र, मंत्र साधना, तांत्रिक पूजा, रुद्राभिषेक करने के लिए जो मुहूर्त रहेगा वो 12 बजकर 25 मिनट से 1 बजकर 12 मिनट तक श्रेष्ठ होगा। गृहस्थ को सुबह और संध्या काल में शिवजी की पूजा करनी चाहिए। इसका मुहूर्त 2 बजकर 40 मिनट से होगा। इसी समय से चतुर्दशी लग रही है तो दोपहर के बाद शिवजी की पूजा करना बेहद विशेष होगा। इससे विशेष फल की प्राप्ति होती है।
महाशिवरात्रि में (Maha Shivratri 2022) नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर लाखों करोड़ो हिंदु दर्शन के लिए आते हैं।
शिवरात्रि के दिन नेपाल के प्रसिद्ध पशुपतिनाथ मंदिर में दुनिया के विभिन्न हिस्सों से लाखों करोड़ो हिंदु शिवरात्रि में दर्शन के लिए आते हैं। हर साल हिमाचल प्रदेश के मंडी में शिवरात्रि का मेला आयोजित किया जाता है। जो यहाँ का प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है।
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