Somvati Amavasya 2023 date time shubh muhrat pujan vidhi | somvati amavasya 2023 date significance shubh muhurat puja rituals | Somvati Amavasya 2023 all you need to know | सोमवती अमावस्या 20 फरवरी

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somvati amavasya 2023 सोमवती अमावस्या
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Somvati Amavasya 2023 : फाल्गुन मास की पहली सोमवती अमावस्या 20 फरवरी 2023 के दिन मनाई जाएगी। हिंदू धर्म में सोमवती अमावस्या का विशेष महत्व होता है। सोमवार के दिन इस बार फाल्गुन माह की अमावस्या (Somvati Amavasya 2023 ) पड़ रही है, जिस कारण से इसका नाम सोमवती अमावस्या कहा जाता है।

हिंदू पंचांग के अनुसार इस दिन से फाल्गुन माह का कृष्ण पक्ष खत्म हो जाता है। अमावस्या तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान, ध्यान, दान और पितरों का तर्पण करने की परंपरा होती है। ऐसी मान्यता है कि सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023 ) के दिन यदि कोई व्यक्ति कुछ धर्म-कर्म, दान और पितरों का तर्पण करता है तो उसके जीवन के कष्ट दूर होते हैं। आइए जानते हैं कि जीवन में सुख-शांति के लिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं करें।

पवित्र नदियों में गंगा स्नान का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अमावस्या तिथि पर मां गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना बहुत पुण्यकारी माना गया है। अमावस्या तिथि पर स्नान का उत्तम समय सूर्योदय से पूर्व माना जाता है। मान्यता है कि सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023 ) पर विधिवत स्न्नान करने से भगवान विष्णु की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस दिन विधिवत स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य दें

भगवान सूर्य इस पृथ्वी पर एकमात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रतिदिन और विशेषकर व्रत-त्योहार के मौके पर भगवान सूर्य को अर्घ्य देना बहुत ही पवित्र माना जाता है। ऐसे में अमावस्या (Somvati Amavasya 2023 ) तिथि पर गंगा स्नान के बाद सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य को अर्घ्य अवश्य प्रदान करना चाहिए।

पीपल के वृक्ष की पूजा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीपल के पेड़ में पितरों और सभी देवी-देवताओं का वास होता है। अमावस्या तिथि पर पीपल के पेड़ की पूजा करने, जल देने और दीपक जलाने पर सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पीपल के पेड़ की पूजा करने के बाद उसकी परिक्रमा करना जरूरी होता है।

दान करने से मिलेगा पुण्य

  1. अमावस्या तिथि पर अन्न, दूध, फल, चावल, तिल और आवंले का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
  2. स्नान- दान आदि के अलावा इस दिन पितरों का तर्पण करने से परिवार पर पितरों की कृपा बनी रहती है।

सोमवती अमावस्या पर न करें ये काम

  • मावस्या तिथि (Somvati Amavasya 2023 ) पर तामसिक भोजन जैसे मांस, मदिरा, अंडा, प्याज, लहसुन का सेवन नहीं करना चाहिए।
  • अमावस्या तिथि पर घर में लड़ाई-झगड़ा न करें। विवादों से बचना चाहिए और झूठ न बोलें
  • आज के दिन शरीर पर तेल नहीं लगाना चाहिए, तेल मालिश नहीं करें।
  • इस दिन स्त्री-पुरुषों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
somvati amavasya 2023
somvati amavasya 2023

FAQ :

Q : 2023 में सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) कब है?

Ans : फाल्गुन मास की पहली सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya 2023) 20 फरवरी 2023 के दिन मनाई जाएगी।

Q : सोमवती अमावस्या साल में कितनी बार आती है?

Ans : सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहते हैं। ये वर्ष में लगभग एक अथवा दो ही बार पड़ती है। इस अमावस्या का हिन्दू धर्म में विशेष महत्त्व होता है।

Q : अमावस्या कब है 2023 फरवरी?

Ans :20 फरवरी 2023, सोमवार को सोमवती अमावस्या है। आज फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। साथ ही साल की पहली सोमवती अमावस्या है।

Q : सोमवती अमावस कौन से महीने में पढ़ रही है?

Ans : पहली सोमवती अमावस्या 31 जनवरी को थी और दूसरी सोमवती अमावस्या 30 मई को पड़ रही है। इसके बाद इस साल कोई भी सोमवती अमावस्या नहीं आएगी। जिसके कारण इस अमावस्या का महत्व और बढ़ रहा है।

Q : सोमवती अमावस्या अच्छी है या बुरी?

Ans : सोमवती अमावस्या एक शुभ दिन है क्योंकि यह भगवान शिव से भी जुड़ा हुआ है।