Strawberry Benefits, Uses And Side Effects in Hindi How to Use Strawberry

हेल्थ
Strawberry Benefits

Strawberry : दिल जैसी बनावट वाले स्ट्रॉबेरी फल को सबसे आकर्षक फल कहा जाना गलत नहीं होगा। चटक लाल रंग का दिखने वाला यह फल जितना स्वादिष्ट होता है, उतना ही सेहतमंद भी है। इसका रसदार खट्टा-मीठा स्वाद लोगों को बेहद भाता है। साथ ही इसकी खुशबू भी इसे दूसरे फलों से अलग बनाती है। sangeetaspen.com के इस लेख में आपको स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे, उपयोग और नुकसान (Strawberry Benefits, Uses And Side Effects in Hindi)के बारे में बताएंगे।

स्ट्रॉबेरी (Strawberry) फ़्रागार्या जाति का एक पेड़ होता है,जो अपने फल के लिये पूरी दुनिया भर में जाना जाता है।
इसका सुंदर फल का उपयोग एसेंस के रूप में किया जाता है।स्ट्रॉबेरी लाल रंग की होती है। इसे ताजा फल के रूप में भी खाया जाता है. इसे संरक्षित कर जैम, रस, पाइ, आइसक्रीम, मिल्क-शेक, टोफियाँ आदि के रूप में भी इसका सेवन किया जाता है।

इसे हम टेस्ट के लिया खाते हैं इसके मिश्रण से स्वाद को असीमित दायरे तक बढाया जा सकता है स्ट्रॉबेरी लाल रंग की होती है। इसे ताजा फल के रूप में भी खाया जाता है. इसे संरक्षित कर जैम, रस, पाइ, आइसक्रीम, मिल्क-शेक, टोफियाँ आदि के रूप में भी इसका सेवन किया जाता है। इसे हम टेस्ट के लिया खाते हैं इसके मिश्रण से स्वाद को असीमित दायरे तक बढाया जा सकता है

Table of Contents

स्ट्रॉबेरी का इतिहास

भारत में स्ट्राबेरी की खेती 1960 में सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश तथा हिमाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में की गयी थी। परन्तु उपयुक्त किस्मों की अनुउपब्धता तथा तकनीकी ज्ञान की कमी के कारण इसकी खेती में अब तक कोई विशेष सफलता नहीं मिल सकी ये तब तक केवल ठन्डे प्रदेशों में उगने वाला एक फल था जो भारत में कम देखने को मिलता था।

स्ट्रॉबेरी के प्रकार – Types of Strawberry in Hindi

स्ट्रॉबेरी की वैरायटी तो कई सारी हैं, लेकिन इन्हें मुख्य रूप से तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है-

जून-बियरिंग – यह स्ट्रॉबेरी का सबसे आम और लोकप्रिय प्रकार है। इसकी खेती विश्वभर में व्यापक रूप से की जाती है। इसके फल आम तौर पर जून महीने में पकते हैं। जून-बियरिंग स्ट्रॉबेरी की उत्कृष्ट किस्मों की बात करें, तो इसमें अर्लीग्लो (Earliglow), होनोई (Honeoye), ऑलस्टार (Allstar), ज्वेल (Jewel) आदि शामिल हैं ।


एवर-बियरिंग – स्ट्रॉबेरी का दूसरा प्रकार है एवर-बियरिंग। हालांकि, यह नाम की तरह सदाबहार नहीं होती। इसका उत्पादन साल में दो बार होता है- गर्मियों और बसंत में। एवर बियरिंग प्रकार के स्ट्रॉबेरी की सबसे प्रसिद्ध किस्म हैं, लारमी और ओजार्क ब्यूटी।

डे-न्यूटरल – पूरे गर्मियों में मिलने वाली स्ट्रॉब्रेरी को डे-न्यूटरल कहा जाता है। डे-न्यूटरल स्ट्रॉबेरी सबसे स्वादिष्ट स्ट्रॉबेरी मानी जाती है ।

Strawberry Benefits, Uses And Side Effects in Hindi How to Use Strawberry
How to Use Strawberry in Hindi

बता दें कि विश्व भर में स्ट्रॉब्रेरी की सैकड़ों किस्म पाई जाती हैं। इनमें से भारत में आमतौर पर चैंडलर (Chandler), टियोगा, (Tioga) सेल्वा (Selva) आदि की खेती की जाती है

स्ट्रॉबेरी के फायदे – Benefits of Strawberry in Hindi

स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण और पॉलीफेनोल कंपाउंड होते हैं, जो आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसमें मौजूद विटामिन-सी आपकी त्वचा और बालों का भी ख्याल रखने में सहायक हैं । आइए विस्तार से जानते हैं स्ट्राबेरी के फायदे

वजन कम करने में सहायक

स्ट्रॉबेरी लो कैलोरी फल है, जिसका सेवन आप वजन घटाने के लिए भी कर सकते हैं। एक कप स्ट्रॉबेरी में महज 50 कैलोरी होती है। साथ ही फाइबर से भरपूर स्ट्रॉबेरी को खाने के बाद काफी देर तक आपका पेट भरा रहता है । हानिकारक स्नैक से बचते हुए आप स्ट्राबेरी को अपने आहार में शामिल कर अपने वजन को कम कर सकते हैं ।

कैंसर से बचाने में सहायक

कैंसर जैसी घातक बीमारी के लिए स्ट्रॉबेरी एक रामबाण इलाज हो सकती है। एक शोध के अनुसार, स्ट्रॉबेरी में कैंसर प्रिवेंटिव और कैंसर थेराप्यूटिक गुण मौजूद होते हैं, जो कैंसर के बचाव और इसके उपचार में प्रभावी असर दिखा सकते हैं। साथ ही स्ट्रॉबेरी में मौजूद केमो प्रिवेंटिव गुण कैंसर सेल के प्रसार को रोकने का काम कर सकते हैं। शोध में यह भी पाया गया कि स्ट्रॉबेरी ब्रेस्ट कैंसर लिए भी लाभकारी सिद्ध हो सकती है।

हृदय स्वास्थ्य

स्ट्रॉबेरी में एंटीऑक्सीडेंट गुण और पॉलीफेनॉल्स कंपाउंड प्रचुर मात्रा में होते हैं। स्ट्रॉबेरी आपको ह्रदय संबंधी समस्याओं से बचा सकता है और आपके ह्रदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है । इसी वजह से ह्रदय स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए सप्ताह में तीन बार स्ट्रॉबेरी खाने की सलाह दी जाती है । वहीं, स्ट्रॉबेरी को ह्रदय के लिए सबसे ज्यादा स्वस्थ फल माना गया है और इसे हार्ट हेल्दी फलों की श्रेणी में रखा गया है।


दांत स्वास्थ्य

अगर आप दांतों को नुकसान पहुंचाए बिना सफेद बनाना चाहते हैं, तो आप स्ट्रॉबेरी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह फल दांतों को प्राकृतिक तरीके से सफेद करने का काम कर सकता है। विटामिन-सी से भरपूर स्ट्राबेरी आपके दांतों का पीलापन दूर कर ऐसे एंजाइमों को बनने से रोकता है, जो दांतों में बैक्टीरिया पैदा कर प्लाक और दांत टूटने की वजह बनते हैं।

हड्डी स्वास्थ्य

हड्डी को मजबूत बनाए रखने के लिए स्ट्रॉबेरी काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। दरअसल, स्ट्रॉबेरी को बेरी के अंतर्गत माना जाता है और बढ़ती उम्र की वजह से कमजोर होती हड्डियों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में बेरी को सहायक माना गया है। इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी में मौजूद मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाता है ।

सूजी आंखें के इलाज में सहायक

स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे आंखों के लिए भी देखे जा सकते हैं। स्ट्रॉबेरी में एक खास एसिड अल्फा हाइड्रॉक्सी पाया जाता है, जो त्वचा को मुलायम बनाने का काम करता है, जिसका सकारात्मक असर सूजी आंखों पर भी दिख सकता है। हालांकि, अल्फा हाइड्रॉक्सी एसिड सूजी आंखों के लिए कितना कारगर होगा, इस पर सटीक वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध नहीं है। फिर भी सूजी आंखों के लिए स्ट्रॉबेरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे करें इस्तेमाल

स्ट्राबेरी की उन्नत खेती | Hindi Water Portal

सूजी आंखों के लिए स्ट्रॉबेरी को इस प्रकार इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • सबसे पहले एक स्ट्रॉबेरी को थोड़ी देर के लिए फ्रिज में ठंडा होने के लिए रख दें।
  • फिर इसे मोटे-मोटे टुकड़ों में काट लें।
  • अब आपको ठंडी स्ट्रॉबेरी के टुकड़े को दोनों आंखों पर 10 मिनट के लिए लगाना है।
  • जब तक आराम न मिले आप इस उपाय को रोजाना दो बार करें।

रक्तचाप

स्ट्रॉबेरी के फायदे में रक्तचाप को नियंत्रित रखना भी शामिल है। दरअसल, स्ट्रॉबेरी में पोटैशियम प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित कर स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में मदद करता है । इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी में मौजूद घुलनशील फाइबर खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करता है, जिससे ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है ।


मस्तिष्क स्वास्थ्य

स्ट्रॉबेरी के सेवन से आप अपने मस्तिष्क को भी स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, स्ट्रॉबेरी में मौजूद फ्लेवोनोइड्स (Flavonoids) उम्र के साथ कमजोर होती याददाश्त को रोकने में सहायक हो सकते हैं । इसके अलावा, स्ट्रॉबेरी में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण आपके दिमाग को तनाव मुक्त रखते हैं। साथ ही मस्तिष्क से संबंधित रोगों से लड़ने में भी मदद करते हैं ।


इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक

अगर आप स्वादिष्ट फल खाकर अपनी इम्यूनिटी बढ़ाना चाहते हैं, तो स्ट्रॉबेरी आपकी मदद कर सकता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। आपको जानकर हैरानी होगी की एक कप स्ट्रॉबेरी में संतरे से भी ज्यादा विटामिन-सी पाया जाता है।

पुरुषों के लिए लाभदायक

स्ट्रॉबेरी खाने के फायदे यकीनन अनेक हैं। इसे पुरुषों के लिए खासकर लाभकारी माना जाता है। स्ट्राबेरी में अफ्रोडीसीएक (Aphrodisiac) तत्व पाया जाता है, जो कामोत्तेजना बढ़ाने में सहायक माना गया है। इसके अलावा स्ट्रॉबेरी का सेवन नपुंसकता में भी लाभदायक माना गया है। हालांकि, इसको लेकर अतिरिक्त शोध की आवश्यकता है।

प्रेग्नेंसी में सहायक

गर्भावस्था के दौरान विटामिन व कैल्शियम की अतिरिक्त मात्रा की जरूरत महिलाओं को होती है। खासकर, फोलेट (विटामिन-बी का एक प्रकार) मात्रा लेना बेहद जरूरी होता है, जिससे स्ट्रॉबेरी भरपूर है। फोलेट प्रेग्नेंसी में सहायक माना जाता है। यह बर्थ डिफेक्ट से जैसी समस्या को कम करने का काम कर सकता। बर्थ डिफेक्ट में पोषक तत्वों की कमी से बच्चे का विकास न होना, वजन कम होना, कुपोषण और शिशु से संबंधित अन्य परेशानी शामिल हैं। प्रसव पूर्व कितना विटामिन आहार में शामिल करना चाहिए, इसको लेकर डॉक्टर की राय जरूर लें।

कब्ज के इलाज में सहायक

स्ट्रॉबेरी फल के फायदे में कब्ज से राहत दिलाना भी शामिल है। स्ट्रॉबेरी फाइबर से समृद्ध होता है, इसलिए यह कब्ज के इलाज में मदद कर सकता है। फल में मौजूद फाइबर पाचन संबंधी परेशानी को भी दूर करने में सहायक है

दृष्टि स्वास्थ्य

स्ट्रॉबेरी आपकी आंखों की रोशनी बनाए रखने में मददगार साबित हो सकती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण मोतियाबिंद और अन्य नेत्र रोगों से आपको बचाने में सहायक साबित हो सकते हैं। एक अध्ययन के मुताबिक, स्ट्रॉबेरी में मौजूद फ्लेवोनोइड कंपाउंड (क्वेरसेटिन) की मात्रा आहार में बढ़ाने से आप मोतियाबिंद को रोकने के साथ ही दृष्टि स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं ।

कोलेस्ट्रॉल

स्ट्रॉबेरी में पेक्टिन होता है, जो एक प्रकार का घुलनशील फाइबर है। यह शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है। इसलिए, स्ट्रॉबेरी को आहार में शामिल कर आप कोलेस्टॉल से संबंधित हृदय रोगों से भी बच सकते हैं।

ब्लड शूगर लेवल नियंत्रित

स्ट्रॉबेरी में ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी कम होता है, इसलिए यह ब्लड शूगर के लेवल को नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है । डायबिटीज-2 के मरीजों के लिए भी स्ट्रॉबेरी को फायदेमंद माना गया है। ध्यान रहे कि साबुत स्ट्रॉबेरी का ही सेवन करें, क्योंकि जहां साबुत स्ट्रॉबेरी फायदा दे सकती है, वहीं इसका जूस नुकसान भी पहुंचा सकता है । ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आप स्ट्रॉबेरी के पाउडर को भी इस्तेमाल में ला सकते हैं ।

सूजन कम करने में सहायक

आप स्ट्रॉबेरी का सेवन कर गठिया से राहत पा सकते हैं। इसमें मौजूद पॉलीफेनोल (Polyphenols) और पोषक तत्व घुटने में होने वाली सूजन और दर्द दोनों को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, विटामिन-सी की कमी से मसूड़े में होने वाली सूजन को कम करने में भी स्ट्रॉबेरी सहायक साबित हो सकता है।

त्वचा स्वास्थ्य

त्वचा के लिए स्ट्रॉबेरी के फायदे अनेक हैं। इसमें कई पॉलीफेनोल्स (Polyphenols) होते हैं, जो कारगर एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी की तरह काम करते हैं। इसमें एंथोकायनिन (anthocyanins) नामक एक महत्वपूर्ण तत्व पाया जाता है। इसी तत्व के वजह से स्ट्रॉबेरी का रंग लाल और चमकदार होता है। यह त्वचा के लिए भी लाभकारी होता है। यह तत्व त्वचा को सूर्य की हानिकारक किरणों से बचाने का काम करता है। यही वजह है कि स्ट्रॉबेरी के अर्क का कई कॉस्मेटिक्स में इस्तेमाल किया जाता है ।

एंटी एजिंग

स्ट्रॉबेरी फल के फायदे में एंटी एजिंग भी शामिल है। स्ट्रॉबेरी उम्र के साथ घटती चेहरे की चमक और कसावट बनाए रखने में मदद करता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी आपके चेहरे की रंगत को निखारता है और त्वचा की नमी को बनाए रखने में मदद करता है । स्ट्रॉबेरी फ्री रेडिकल्स की वजह से चेहरे के नुकसान को कम करने का काम करता है। स्ट्रॉबेरी को खाने के साथ ही इसका पेस्ट बनाकर आप चेहरे पर लगा सकते हैं।

बालों को झड़ने से बचाता है

बालों के लिए स्ट्रॉबेरी एक वरदान भी साबित हो सकती है। दरअसल, बालों को स्वस्थ बनाए रखने और इन्हें झड़ने से बचाने के लिए अपनी डाइट पर ध्यान देना काफी जरूरी है। आहार में विटामिन-सी की मात्रा कम होने से भी बाल झड़ने और टूटने लगते हैं। ऐसे में स्ट्रॉबेरी के सेवन से आप बालों को झड़ने से रोक सकते हैं । बालों को स्वस्थ रखने के लिए आप स्ट्रॉबेरी पेस्ट को जैतून या नारियल के तेल और थोड़े शहद के साथ मिलाकर हेयर मास्क बना सकती हैं। इससे बालों का झड़ना कम होने के साथ ही बालों में नेचुरल चमक आएगी।

Strawberry

स्ट्रॉबेरी का चयन कैसे करें और लंबे समय तक सुरक्षित कैसे रखें ?

चयन : स्ट्रॉबेरी का चयन करते हुए ख्याल रखें कि यह फल चटक लाल रंग का ही हो। आप इन्हें खरीदते समय हल्का दबाकर भी देख सकते हैं कि यह रसीली हैं या नहीं। सूखे, सिकुड़े या मुरझाये हुए स्ट्रॉबेरी खरीदने से बचें। स्ट्रॉबेरी में अगर दाग-धब्बे हों, तो उन्हें न खरीदें।

स्ट्रॉबेरी को स्टोर 

स्ट्रॉबेरी को आप अपने फ्रिज में स्टोर करके रख सकते हैं। इन्हें आप बंद प्लास्टिक के डिब्बों में या नमी बनाए रखने के लिए खुले प्लास्टिक बैग में भी रख सकते हैं। ध्यान रहे, स्ट्रॉबेरी स्टोर करने से पहले आप इन्हें न धोएं वरना ये तेजी से खराब होने लग जाएंगे। इसे आप 7 दिनों तक स्टोर कर सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी का उपयोग – How to Use Strawberry in Hindi

स्‍ट्रॉबेरी काफी स्वादिष्ट होती हैं, आप इन्हें कई तरह से अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। स्ट्रॉबेरी का उपयोग इसके मीठे और रसदार स्वाद के कारण आमतौर पर डेसर्ट और आइसक्रीम में किया जाता है। इसका अर्क भी कई तरह के उत्पादों में इस्तेमाल में लाया जाता है। जानें इसे खाने के कुछ अन्य टिप्स-

  • स्ट्रॉबेरी को धोकर सीधे या काटकर दोनों तरह से खाया जा सकता है।
  • स्ट्रॉबेरी की स्लाइस को आप सलाद में डालकर भी खा सकते हैं।
  • स्ट्राबेरी का आप मूस बनाकर भी खा सकते हैं।
  • स्ट्रॉबेरी जूस के फायदे भी कई हैं। आप इसके जूस का सेवन भी कर सकते हैं।
  • आप इसे सूप गार्निश करने के लिए भी इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • आप स्ट्राबेरी की जैम बनाकर ब्रेड के साथ भी खा सकते हैं।
    स्ट्रॉबेरी खाने का तरीका हर किसी का अलग हो सकता है। इसलिए, आप ऊपर दिए गए टिप्स के अलावा कई अन्य तरीकों से भी इसे अपने आहार में शामिल कर सकते हैं। इसके साथ कई नए प्रयोग भी किए जा सकते हैं। यह फल इतना पौष्टिक होता है कि इसे आप किसी भी समय खा सकते हैं।

स्‍ट्रॉबेरी फल के फायदे और इसे खाने के तरीके तो आप जान चुके हैं, लेकिन इसका ज्यादा सेवन आपको नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइये जानते हैं, स्‍ट्रॉबेरी के नुकसान क्या-क्या हो सकते हैं-

स्ट्रॉबेरी के नुकसान – Side Effects of Strawberry in Hindi
Side Effects of Strawberry in Hindi

स्ट्रॉबेरी के नुकसान – Side Effects of Strawberry in Hindi

पौष्टिक तत्वों से भरपूर स्ट्रॉबेरी खाने के वैसे तो कोई नुकसान नहीं होते, लेकिन इसका अत्यधिक सेवन आपके स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाने की जगह इस तरह प्रभावित कर सकता है :

  • स्ट्रॉबेरी खाते समय ध्यान रखें कि इसमें फाइबर की मात्रा काफी होती है, इसलिए इसके अत्यधिक सेवन से आपको डायरिया, गैस और ऐंठन भी हो सकती है ।
  • स्ट्रॉबेरी में काफी ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। इसके ज्यादा सेवन से आपके पेट में मरोड़ उठ सकते हैं। साथ ही हेमोक्रोमैटोसिस (शरीर में ज्यादा आयरन का जमा होना) से जूझ रहे लोगों की स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
  • स्ट्रॉबेरी के ज्यादा सेवन से आपके शरीर में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा हो सकती है। पोटैशियम ज्यादा होने पर आपको दिल से संबंधित परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, आपको हाइपरकलेमिया भी हो सकता है, जिसकी वजह से मांसपेशियों में कमजोरी व लकवा हो सकता है


स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु

  • इसकी खेती के लिए कोई मिट्टी तय नहीं की गयी है।
  • अच्छी उपज लेने के लिए बलुई दोमट मिट्टी को उपयुक्त माना जाता है।
  • इसकी खेती के लिए ph 5.0 से 6.5 तक मान वाली मिट्टी भी उपयुक्त होती है।
  • यह फसल शीतोष्ण जलवायु वाली फसल है जिसके लिए 20 से 30 डिग्री तापमान उपयुक्त रहता है।
  • तापमान बढ़ने पर पौधों में नुकसान होता है और उपज प्रभावित हो जाती है।

भारत में स्ट्रॉबेरी की खेती

भारत में इसका उत्पादन पर्वतीय भागों में नैनीताल, देहरादून, हिमाचल प्रदेश, महाबलेश्वर, महाराष्ट्र, नीलगिरी, दार्जलिंग आदि की पहाड़ियों में व्यावसायिक तौर पर किया जा रहा है।

इसकी खेती अब मैदानी भागों दिल्ली, बेगलौर, जालंधर, मेरठ, पंजाब, हरियाणा आदि क्षेत्रों में भी की जा रही है। सोलन हल्दवानी, देहरादून, रतलाम, नासिक, गुड़गाँव स्ट्राबेरी के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए पौधे कहाँ से खरीदे

केएफ बायोप्लान्ट्स प्राइवेट लिमिटेड से पौधे खरीदे।

खेत किस प्रकार तैयार करना चाहिए

  • सितम्बर का प्रथम सप्ताह में खेत की 3 बार अच्छी जुताई करें।
  • एक हेक्टेयर जमीन में 75 टन अच्छी सड़ी हुई खाद् अच्छे से बिखेर कर मिटटी में मिला दे।
  • पोटाश और फास्फोरस भी मिट्टी परीक्षण के आधार पर खेत तैयार करते समय मिला दें।

स्ट्रॉबेरी की बेड (मेड) कैसा होना चाहिए

  • बेड की चौड़ाई 2 फुट रखें और बेड से बेड की दूरी डेढ़ फिट रखनी चाहिए।
  • बेड तैयार होने के बाद उस पर ड्रेप एरिगेशन की पाइपलाइन बिछा दें।
  • पौधे लगाने के लिए प्लास्टिक मल्चिंग में 20 से 30 सेमी की दूरी पर छेद करें।

पौधे लगाने का सही समय क्या है

  • स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाने का सही समय 10 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक है।
  • यदि तापमान ज्यादा हो तो पौधे सितम्बर लास्ट तक लगाना चाहिए।

सिंचाई की सही विधि क्या है

  • पौधे लगाने के बाद तुरंत सिंचाई की जाना चाहिए।
  • समय समय पर नमी को ध्यान में रखकर सिंचाई करना चाहिए।
  • स्ट्रॉबेरी में फल आने से पहले सूक्ष्म फव्वारे से सिंचाई कर सकते है।
  • फल आने के बाद टपक विधि से ही सिंचाई करें।

स्ट्रॉबेरी की खेती कीड़े से कैसे बचे

स्ट्राबेरी खेत में लगने वाले कुछ कीटाणु

कीड़े में पतंगे, मक्खियाँ चेफर, स्ट्राबेरी जड़ विविल्स झरबेरी एक प्रकार का कीड़ा रस भृग, स्ट्रॉबेरी मुकट कीट कण जैसे कीट इसको नुकसान पंहुचा सकते हैं।

कीटाणुओं से इसका बचाव

इसके लिए नीम की खल पौधों की जड़ों में डाले इसके अलावा पत्तों पर पत्ती स्पाट, ख़स्ता फफूंदी, पत्ता ब्लाइट से प्रभावित हो सकती है। इसके लिए समय समय पर पोधों के रोगों की पहचान कर विज्ञानिकों की सलाह में कीटनाशक दवाइयों का स्प्रे करते रहें।

लो टनल का उपयोग

  • पाली हाउस नही होने की अवस्था में किसान भाई स्ट्रॉबेरी को पाले से बचाने के लिए प्लास्टिक लो टनल का उपयोग करना चाहिए।
  • इसके लिए पारदर्शी प्लास्टिक चादर जो 100-200 माइक्रोन की हो उसका उपयोग करना चाहिए।

स्ट्रॉबेरी की खेती के लिए सरकार से मिलने वाली विशेष सहायता

  • अलग अलग राज्यों में उद्यानिकी और कृषि विभाग की तरफ से अनुदान भी है।
  • जिसमे प्लास्टिक मल्चिंग और ड्रिप इरीगेशन फुवारा सिंचाई आदि यंत्र पर 40% से 50% तक अनुदान भी मिल जाता है।
  • आप अपने राज्य के अनुसार कृषि विभाग से सहायता ले सकते हैं।

स्ट्रॉबेरी फसल की तुड़ाई का सही समय

  • तुड़ाई का सही समय तब होता है जब फल का रंग 70% असली (लाल – RED) हो जाये तो तोड़ लेना चाहिए।
  • आप अपने सप्लाई जगह की दूरी के अनुसार भी तोड़ सकते हैं जिससे माल पहुचते तक वो बिलकुल ताज़ा बना रहेगा यानी अगर माल दूर जाना है तो आप कम पक्का फल भी तोड़ें।
  • तुड़वाई अलग अलग दिनों मैं करनी चाहिए।
  • फलों को हाथ से पकड़ कर नहीं तोडना चाहिए इससे वो ख़राब भी हो सकते हैं,ऊपर से दण्डी पकड़ना चाहिए।
    फल सात से बारह टन प्रति हेक्टयेर निकलता है।

स्ट्रॉबेरी की पैकिंग कैसी करनी चाहिए

  • ध्यान दें की स्ट्रॉबेरी की पैकिंग प्लास्टिक की प्लेटों में करनी चाहिए।
  • स्ट्रॉबेरी को हवादार जगह पर रखना चाहिए।
    तापमान पांच डिग्री हो व एक दिन के बाद तापमान जीरो डिग्री होना चाहिए।

स्ट्रॉबेरी का भाव, कहा और किसको बेचें

  • बेचने के लिहाज से यह बहुत जल्दी बिक जाने वाला फल होता है क्यों की इसकी मांग अधिक है व पूर्ति कम है।
  • ये बाज़ार में 300 से 600 रूपए तक आसानी से बिकता है इसकी खरीदार भी आपको फसल लगने के साथ ही मिल जाते हैं आप इसकी एडवांस बुकिंग भी ले सकते हैं।
  • आपकी कुल लागत जो भी हो इससे आपको उस लागत का 3 गुना तो बहुत आसानी से मिलेगा ही।

आशा करते है स्ट्रॉबेरी से जुड़ी यह लेख आपको पसंद आयी होगी।अपने किसान भाईयों को जागरूक कर स्वरोज़गार मुहैया कराने हेतु https://sangeetaspen.com के माध्यम से यह शुरुवात की गयी हैं। तथा इस तरह की स्वरोजगार सम्बन्धी जानकारी के लिए अंत में कुछ पोस्ट दी हैं। उन्हें अवश्य पढ़े इस मुहीम से जुड़े रहने के लिए sangeetaspen.com को सब्सक्राइब करना न भूले। स्ट्रॉबेरी से जुड़ी किसी भी तरह की समस्याओं के समाधान हेतु नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में कमेंट करना न भूले।

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