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summer drinks Indian traditional summer drinks | drinks for summer at home | popular indian summer drinks | गर्मियों में पिये जाने वाले पारंपरिक पेय पदार्थ
गर्मियों में पिये जाने वाले पारंपरिक पेय पदार्थ

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summer drinks : गर्मियों में खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। खासकर मई-जून की गर्मी का नाम सुनते ही बेचैनी बढ़ जाती है। चढ़ता तापमान, गर्म लू के थपेड़े दिन के चैन और रातों की नींद पर भारी पड़ते हैं। ऐसे में शरीर भी कुछ ठंडा (ठंडे पेय पदार्थ) मांगता है। तो इन गर्मियों में आप और आपका परिवार इस समस्या से रूबरू न हो इसके लिए अजमाएं ऐसे ही कुछ हेल्दी ड्रिंक जिनका सेवन कर आप स्वस्थ रहने के साथ गर्मी की तपिश को भी आसानी से दूर कर सकेंगे।

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summer drinks :आपने देखा होगा की गर्मियां आती हैं तो बाजार में जैसे ठंडे की बहार भी आ जाती है। हर गली-चौराहे पर शिकंजी, ठंडाई, बर्फ के गोले, आम पना, लस्सी, कोल्डड्रिंक आदि की दुकानें सज जाती हैं। असल में इस मौसम में शरीर को शीतलता की जरूरत होती ही है। बढ़ती गर्मी की वजह से पसीना ज्यादा निकलता है तो शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने लगती है और लू लगने की आशंका बढ़ जाती है।

ऐसे में भांति-भांति के ठंडे पेय बड़ा सुकून लेकर आते हैं। लेकिन इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि ठंडे के नाम पर कुछ भी शरीर के भीतर पहुंचाना सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि उचित शीतल पेयों का चुनाव किया जाए, ताकि गर्मी से तो राहत मिले ही, सेहत भी सलामत रहे। कौन-कौन से पेय पदार्थ आपकी सेहत के अनुकूल हैं, आइए जानते हैं।

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नीबू की शिकंजी – गर्मी के दिनों में सबसे आसान और सस्ते शीतल पेय की बात हो तो नीबू की शिकंजी का नाम सबसे पहले आता है। ठंडे पानी में एक नीबू निचोड़कर उसमें स्वाद के अनुसार शक्कर और जरा-सा काला नमक मिलाएं तो लाजवाब पेय तैयार हो जाता है।

शहद के साथ नीबू की शिकंजी बनाई जाए तो और भी फायदेमंद हो जाती है। यह आसान-सा पेय शरीर को शीतलता प्रदान करने के अलावा ऊर्जा देता है और पेट की बीमारियों में फायदा पहुंचाता है। विटामिन-सी का भी यह बढ़िया स्रोत है।

आम का पना – सदियों से आम का पना गर्मियों के लिए अमृत जैसा माना जाता रहा है। आग में भुना या उबाला हुआ कच्चा आम, पुदीना, काला नमक, शक्कर, भुना पिसा जीरा आदि मिलाकर बनाया हुआ पना स्वाद में तो अद्भुत होता ही है, शरीर को लू से बचाने में भी अहम भूमिका निभाता है। जिन्हें वसा और कोलेस्ट्रॉल की परेशानी हो, उनके लिए तो यह और भी बढ़िया पेय है। पना कई तरह के स्वाद में तैयार किया जा सकता है। यह नमकीन और खट्टा हो सकता है और खट्टेपन के साथ मीठा भी।

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सत्तू – सत्तू पेट की गर्मी को शांत करता है इसलिए इसे ‘स्टमक कूलेंट’ भी कहते है। यूं तो बाजार में सत्तू उपलब्ध होता है। लेकिन आप इसे स्वयं घर पर भी बना सकते है। इसको बनाने के लिए जौ, चना और गेहूं को बराबर मात्रा में पिसवा लें और इसे पानी में मिलाकर पीये। स्वादनुसार आप इसे नमकीन या मीठा पी सकते हैं।

लस्सी – दही की लस्सी गर्मी से तो बचाती ही है, हमारे पाचन-तंत्र को भी दुरुस्त रखती है। लस्सी बनाने के कई तरीके हैं। श्रीकृष्ण की जन्मस्थली मथुरा की केसरिया लस्सी अपने स्वाद के लिए प्रसिद्ध है। आसान तरीका यह है कि दही में थोड़ा-सा ठंडा पानी और शक्कर, इलायची मिलाकर कुछ देर तक मथें। अपनी रुचि के हिसाब से गुलाब, केवड़ा आदि का फ्लेवर मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं।

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छाछ – दही से मक्खन निकालने के बाद पानी मिला हुआ जो तरल पदार्थ बचता है, उसे छाछ या मट्ठा कहते हैं। यह बिना मक्खन निकाले दही से भी बनाई जा सकती है। इसमें भुना हुआ जीरा पाउडर, पुदीना पाउडर, काला नमक, हींग वगैरह मिला देने से यह काफी स्वादिष्ट हो जाती है। छाछ को खाने के साथ-साथ लिया जा सकता है।

यह खाने को आसानी से पचाती है। आयुर्वेद की दृष्टि से छाछ को काफी लाभप्रद माना गया है। यह आंतों को संक्रमण से बचाती है और अल्सर जैसी बीमारियां नहीं होने देती। छाछ के बारे में यह जरूर ध्यान में रखना चाहिए कि इसे रात के समय नहीं पीना चाहिए। रात में छाछ पीने से कफ की समस्या हो सकती है।

पुदीना शर्बत – इसे बनाना बहुत आसान है। पुदीने की 10-12 पत्तियां एक गिलास पानी में पीसें और इसमें भुना हुआ जीरा, काला नमक और शक्कर मिलाकर शर्बत तैयार करें। जीरा की बजाय पुदीने के साथ एक छोटा चम्मच सौंफ पीसकर भी पुदीने के शर्बत का एक अलग स्वाद तैयार कर सकते हैं। यह शर्बत लू लगने से तो बचाता ही है, बुखार, उल्टी व गैस जैसी तकलीफों में भी लाभप्रद है।

ठंडाई – गर्मी का खास पेय है ठंडाई। दूध, शक्कर, खरबूजे-तरबूज के बीज, बादाम, सौंफ, किशमिश, खस, गुलाब जल जैसी चीजें मिलाकर स्वादिष्ट ठंडाई बनाई जाती है। किंचित फेर-बदल के साथ इसके बनाने के कई तरीके प्रचलित हैं। बाजार में ठंडाई का बना-बनाया पाउडर भी मिलता है। दो चम्मच ठंडाई पाउडर स्वाद के अनुसार शक्कर के साथ एक गिलास दूध में मिलाकर पिएं। गर्मी से राहत तो मिलती ही है, भरपूर ऊर्जा भी प्राप्त होती है।

गन्ने का रस – गन्ने में शक्कर प्राकृतिक अवस्था में होती है, इसलिए यह शरीर में सबसे आसानी से पच जाती है। दिलचस्प है कि चीनी जैसी सफेद शक्कर पीलिया जैसे लिवर के रोगों में नुकसानदेह होती है, पर गन्ना चूसना या गन्ने का रस पीना पीलिया में फायदेमंद होता है। यह ग्लूकोज का अच्छा स्रोत है। इसमें कई विटामिन और खनिज तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर को गर्मी से बचाने के साथ-साथ ऊर्जा और पोषण भी प्रदान करते हैं।

 

बेल का शरबत
बेल का शरबत

बेल का शर्बत – बेल का शर्बत गर्मी से बचाने के साथ-साथ गर्मी में होने वाले कई रोगों से भी आपकी रक्षा करता है। यह पेचिश, अतिसार, कब्ज, अल्सर जैसे रोगों में कई बार रामबाण जैसा असर करता है। कब्ज का शायद ही कोई ऐसा मरीज मिले, जिसे सौ-डेढ़ सौ ग्राम बेल खाने या इसका शर्बत पीने के बाद इसका असर न दिखा हो।

यह जरूर ध्यान रखना चाहिए कि बेल के गूदे से बीज पूरी तरह से निकाल दें, फिर मसल कर पानी मिलाकर शर्बत बनाएं। कुछ भी खाने-पीने के दो-तीन घंटे पहले या बाद में बेल का शर्बत पीने से इसका ज्यादा अच्छा लाभ मिलता है।

तरबूज का रस – गर्मी के दिनों में तरबूज भी ठंडे पेय जैसा आनंद देता है। इसका रस पिएं या गूदा खाएं, दोनों तरह से लाभ लिया जा सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट और पोटैशियम जैसे खनिज तत्व होते हैं, जिनके चलते यह डीहाइड्रेशन, डायबिटीज, कैंसर, हृदय रोगों आदि में फायदा करता है।

फालसे का शर्बत – सेहत के लिहाज से फालसा काफी फायदेमंद फल है। शर्बत बनाने के लिए फालसे के फलों को अच्छी तरह पानी में मसल कर बीज निकाल देना चाहिए। बाद में चाहें तो मिक्सी में चलाकर इसे अच्छी तरह पानी के साथ एकसार कर सकते हैं। छानकर स्वाद के अनुसार शक्कर मिलाकर पिएं, यह पोषण से भरपूर होता है।

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ताजे फलों का जूस – फलों का जूस पीने से गर्मियों में तुरंत एनर्जी आ जाती है। इसके लिए आप मौसमी, संतरा, खरबूजा और सेब का इस्तेमाल कर सकते है। बिना चीनी के जूस पीना ज्यादा फायदेमंद होता है क्योंकि फलों में प्राकृतिक मिठास पहले से ही मौजूद होती है। फलों का जूस आप खाने के पहले या बाद में कभी भी पी सकते हैं।

Iced Tea- भी गर्मियों में काफी पसंदीदा पेय पदार्थ है। चाय के अंदर एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं, तो इसे शरीर को detox करने के लिए भी पिया जाता है। इसे बनाने के लिए 4 गिलास पानी में 6 ब्लैक टी बैग्स सोक करें। उसमें थोड़ा अदरक मिलाएं। बाद में अदरक और टी बैग्स को हटा दें। अपनी स्वादानुसार शहद और नींबू मिलाएं। शहद आपके कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रण में रखता है और चीनी के बजाए यह शरीर के लिए ज्यादा लाभदायक है।

जलजीरा – जलजीरे का स्वाद भला कौन भूल सकता है। यह पारंपरिक शीतलपेय है और शरीर के लिए काफी लाभप्रद है। यह आपको लू लगने से बचाता है और पाचनशक्ति को चुस्त-दुरुस्त रखता है। बाजार में जलजीरे का बना-बनाया पाउडर मिलता है। पुदीना पत्ती, नीबू, हरा धनिया, भुना जीरा, काला नमक, अदरक, हींग, काली मिर्च, बूंदी आदि मिलाकर इसे घरों में भी लोग आसानी से बना लेते हैं।

ये शर्बत भी – गर्मी के दिनों में प्रयोग किए जाने वाले कई तरह के शर्बत ऐसे भी हैं, जिन्हें घरों में आसानी से नहीं बनाया जा सकता, पर ये काफी फायदेमंद होते हैं। गुलाब शर्बत, खस शर्बत, ब्राह्मी शर्बत, शंखपुष्पी शर्बत, चंदन शर्बत, उशीर शर्बत आदि ऐसे ही शर्बत हैं। खासकर ब्राह्मी, शंखपुष्पी से बने शर्बत शरीर के साथ मस्तिष्क को भी तरोताजा रखते हैं। विभिन्न कंपनियों के बनाए हुए ऐसे तमाम शर्बत बाजार में उपलब्ध हैं।

कोल्डड्रिंक से सावधान

किसी जमाने में गर्मी के दिनों में ज्यादातर ठंडे पेय लोग घरों में बनाया करते थे, लेकिन बदलते दौर की भागदौड़ ने हमारी दिनचर्या को काफी कुछ बाजार पर निर्भर कर दिया है। इसी वजह से आज बने-बनाए आसानी से उपलब्ध भांति-भांति के शीतल पेय बाजार में उपलब्ध हैं। परंतु ये शीतल पेय नुकसानदेह भी हो सकते हैं, इस बारे में ज्यादातर लोग ध्यान नहीं दे पाते। थोड़ी देर के लिए गला तर करने वाले कार्बोनेटेड कोल्डड्रिंक वैज्ञानिक तौर पर काफी नुकसानदेह साबित हो चुके हैं।

कोल्डड्रिंक में नुकसान पहुंचाने वाले कई तत्व

शीतल पेयों में शरीर को नुकसान पहुंचाने वाले कई तत्व पाए गए हैं। एक दौर में मैक्सिको जैसे देश में लोगों की दिनचर्या में कोल्ड ड्रिंक का इस्तेमाल इतना बढ़ गया था कि हड्िडयों की कमजोरी के रूप में असर दिखने लगा। इसके बाद वहां इन पर पाबंदी के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया। हड्िडयों के अलावा डायबिटीज, कैंसर, गैस्ट्रिक अल्सर, दांतों की खराबी, लिवर रोग जैसी अनेक बीमारियों का खतरा ये कोल्डड्रिंक बढ़ा देते हैं।

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