The Great Gama Pahalwan in hindi | The Great Gama Pahalwan Biography in Hindi | Gama Pahalwan Biography in Hindi | the great gama pehalwan diet | गामा पहलवान जीवन परिचय

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गामा पहलवान जीवन परिचय the great gama pehalwan
गामा पहलवान जीवन परिचय the great gama pehalwan

The Great Gama | The Great Gama pahalwan Biography in Hindi | Gama Pehalwan Biography in Hindi | the great Gama pahalwan diet | गामा पहलवान जीवन परिचय 

The Great Gama : गामा पहलवान (The Great Gama pahalwan Biography in Hindi) का वास्तविक नाम ग़ुलाम मुहम्मद बख्श ( Ghulam Muhammad Baksh غلام محمد بٹ) था। दुनियां में अजेय गामा पहलवान का जन्म 22 मई 1878 ई० को अमृतसर, पंजाब के जब्बोवाल गाँव के एक कश्मीरी गुर्जर परिवार में हुआ ।

हालांकि, उनके जन्म को लेकर विवाद है कुछ यह भी मानते हैं कि उनका जन्म दतिया के होलीपुरा में गामा का जन्म सन् 1889 में हुआ था। इनके परिवार में स्वयं ही विश्वप्रसिद्ध पहलवान हुए थे ।

गामा पहलवान (The Great Gama)ने शुरुआत में कुश्ती के दांव-पेच पंजाब के मशहूर ‘पहलवान माधो सिंह’ से सीखे। लेकिन, इसके बाद उनकी किस्मत बदल गई और उन्हें दतिया के महाराजा भवानी सिंह ने पहलवानी करने की सुविधायें दीं। साल 1947 से पहले तक गामा पहलवान ने भारत का नाम पूरे विश्व में ऊंचा रखा।

गामा कि दो पत्नियां थीं ,एक पाकिस्तान में और दूसरी बड़ोदा गुजरात में । जब गामा छः साल के थे, तो उनके पिता मौहम्मद अज़ीज़ बख्श का निधन हो गया । उसके बाद उनके नानाजी नुन पहलवान ने उनका पालन किया । बाद में उनके निधन के बाद उनके मामाजी इड़ा पहलवान ने उनका पालन किया और उनकी ही देखरेख में गामा ने पहलवानी की शिक्षा प्रारंभ की इन्होंने 10 वर्ष की उम्र में ही पहलवानी शुरू कर दी थी।

गामा पहलवान (The Great Gama Pehlwan ने पत्थर के डम्बल से अपनी बॉडी बनाई थी।

उस समय दुनिया में कुश्ती के मामले में अमेरिका के जैविस्को का बहुत नाम था। गामा ने इसे भी परास्त कर दिया था। पूरी दुनिया में गामा को कोई नहीं हरा सका, और उन्हें वर्ल्ड चैंपियन का ख़िताब मिला।

बॉडी बिल्डिंग के लिए आधुनिक युग में भले ही कई मशीनें आ रही हो, लेकिन अगर पत्थर से बने कसरत करने के सामानों को देखना है तो वह इस दतिया में रखे हुए हैं। यहां के म्यूजियम में वर्ल्ड चैम्पियन गामा पहलवान द्वारा यूज किए ये सामान आज भी सुरक्षित हैं। इनमें पत्थर के डंबल, हंसली, गोला आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं ।


गामा के बारे में कहा जाता है कि वह 80 किलो वजनी हंसली (कसरत के लिए गले में पहनी जाने वाली पत्थर की भारी वस्तु) पहन कर उठक बैठक लगाते थे।डंबल के रूप में भी वह भारी भरकम पत्थर का उपयोग करते थे। आम आदमी के लिए इन्हें उठाना मुश्किल ही है।

कहा जाता है कि गामा एक बार में एक हजार से अधिक दंड बैठक लगाया करते थे। कई बार बैठक की संख्या पांच हजार तक पहुंच जाती थी।

 

The Great Gama .गामा पहलवान जीवन परिचय the great gama pehalwan
The Great Gama .गामा पहलवान जीवन परिचय the great gama pehalwan

गामा की खुराक | the great gama pehalwan diet

बताया जाता है कि गामा पहलवान की खुराक एक समय में पांच किलो दूध व उसके साथ सवा किलो बादाम थी।10 किलो दूध उबाल कर पांच किलो किया जाता था। उनकी ( the great gama pehalwan diet) खुराक का खर्चा तत्कालीन राजा भवानी सिंह द्वारा उठाया जाता था।

विदेशी पहलवानों को भी चटाई थी धूल

गामा ने पहलवानी की शिक्षा अपने मामा इड़ा पहलवान से प्रारंभ की। आगे चलकर इनके अभ्यास में काफी बदलाव आए। जैसे कि, यूँ तो बाकी पहलवानों कि तरह उनका अभ्यास भी सामान्य ही था,परंतु इस सामान्यता में भी असामान्यता यह थी कि वे प्रत्येक मैच एक से नहीं बल्कि चालिस प्रतिद्वंदीयों के साथ एक-साथ लड़ते थे और उन्हें पराजित भी करते थे ।

  • पूरी दुनिया में गामा को कोई हरा नहीं सका। इसीलिए उन्हें वर्ल्ड चैम्पियन का खिताब मिला था।
  • गामा ने अपने जीवन में देश के साथ विदेशों के 50 नामी पहलवानों से कुश्ती लड़ी और सभी जीतीं।

10 साल की उम्र में शुरू की पहलवानी

जोधपुर में पहलवानी का टूर्नामेंट हुआ, जिसमें देशभर से हज़ारों पहलवान भाग लेने पहुंचे थे। इसमें गामा पहलवान ने भी हिस्सा लिया था।10 साल की उम्र में उन्होंने अपनी कुश्ती से लोगों के दिलों में जगह बना ली।

कैसे बने वर्ल्ड चैम्पियन

वैसे तो गामा पहलवान कई देशों में अपनी कुश्ती का झंडा गाड़ चुके हैं, लेकिन लंदन में उन्हें उनकी पहचान मिली।
लंदन पहुंचते ही उन्होंने वहां के दिग्गजों के सामने चौंकाने वाली चुनौती पेश कर दी।गामा ने उस समय के दिग्गज जैविस्को और फ्रेंक गॉच को ललकारा और उन्हें 9 मिनट 30 सेकंड के अंदर ही चित्त कर दिया।
बाद में पाकिस्तान चले गए थे

5 फुट 7 इंच के औसत हाइट वाले गामा पहलवान ने उस दौर में विश्व के लगभग हर लंबे पहलवान को पटकनी दी थी। महज 19 साल की उम्र में ही गामा पहलवान ने ‘रहीमबख्श सुल्तानी वाला’ जैसे दिग्गज पहलवान को चारों खाने चित कर दिया था। अद्वितीय शक्ति, औज और फुर्ती से रहीमबख्श सुल्तानीवाला पहलवान को हराने के बाद गुलाम मुहम्मद यानी गामा पहलवान का नाम भारत ही नहीं बल्कि विश्व में तेजी से फैल गया।

गामा पहलवान the great gama pehalwan
गामा पहलवान the great gama pehalwan

विश्व दंगल में गामा पहलवान ने अमेरिका के पहलवान ‘बैंजामिन रोलर’ और विश्व विजेता पहलवान पोलैण्ड के स्टेनली जिबिस्को को भी धूल चटाई थी। विश्व विजेता पहलवान स्टेनली जिबिस्को के बारे में ऐसा कहा जाता है कि वह गामा पहलवान से ज्यादा वजनी थी। बावजूद इसके वो गामा पहलवान से डरते थे। बताया जाता है कि एक बार तो पोलैंड का यह दिग्गज पहलवान मैदान छोड़कर भाग खड़ा हुआ था।

द ग्रेट गामा दुनिया के सबसे महान रेसलर में से एक थे। पांच दशक से लंबे पहलवानी करियर में वे अजेय थे। हैरान करने वाली बात ये थी कि वे दिन में 5000 उठक-बैठक और 1000 से ज्यादा दंड(पुश अप) लगाते थे। बताया जाता है कि गामा पहलवान ने एक भारी भरकम पत्थर को डंबल बनाया हुआ था। जबकि 80 किलो की एक वस्तू से वे उठक-बैठक करते थे क्योंकि उस समय जिम जैसा कोई कल्चर नहीं था।

भारत-पाकिस्तान बंटवारे के वक्त वे अपने परिवार के साथ लाहौर चले गए थे। गामा पहलवान की मृत्यु 23 मई 1960 को लाहौर, पाकिस्तान में हुई । वे काफी समय से बीमार थे ।

ब्रूस ली गामा पहलवान के बहुत बड़े फैन थे

जाने-माने कराटे योद्धा और अभिनेता ब्रूस ली गामा पहलवान के बहुत बड़े फैन थे । वे प्रायः अखबार में उन पर लिखे हुए लेख पढ़ा करते थे कि किस तरह से गामा पहलवान ने अपनी शक्ति का विस्तार किया, अपने शरीर को सुदृढ़ बनाया और किस तरह से उन्होंने अपनी शक्ति में वृद्धि की । इन सभी को ब्रूस ली ने भी अपने जीवन में अपनाया और वह भी कसरत के समय दंड बैठक लगाया करते थे ।

गामा पहलवान की 100 किलो की हस्ली आज भी पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में संभाल कर, सुरक्षित रूप से रखी हुई है ।

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