AstraZeneca Vaccine : एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इस्तेमाल पर इन देशो ने रोक लगा दी है, जानिए आखिर क्या है पूरा मामला

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These countries have banned the use of AstraZeneca vaccine,
These countries have banned the use of AstraZeneca vaccine,

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) के इस्तेमाल नीदरलैंड डेनमार्क नॉर्वे और आइसलैंड के बाद जर्मनी इटली फ्रांस स्पेन पुर्तगाल स्लोवेनिया और लातविया ने भी अपने यहां फिलहाल रोक लगा दी है। जानिए आखिर क्यों हो रहा है इस पर बवाल।

कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग में वैक्सीन का अहम रोल है। कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल से हम सभी इस गंभीर बीमारी से बच सकते हैं। कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से बचने के लिए भारत समेत दुनिया के देशों में टीकाकरण अभियान तेजी से चल रहा है।

इसी बीच कुछ यूरोपीय देशों ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) कोरोना वैक्सीन को सवालों में घेरे में लाकर खड़ा कर दिया है।

नीदरलैंड, डेनमार्क, नॉर्वे, आयरलैंड और आइसलैंड के बाद जर्मनी, इटली, फ्रांस ने भी अब एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) पर फिलहाल रोक लगा दी है। इसके बाद स्पेन, पुर्तगाल, स्लोवेनिया और लातविया ने भी अपने यहां वैक्सीन के इस्तेमाल पर रोक लगाई है।

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यूरोपीय संघ के देशों साथ ही इंडोनेशिया ने भी इस वैक्सीन के इस्तेमाल में देरी की घोषणा की इन देशों ने वैक्सीन से खून के थक्के जमने की खबरों के बीच अपने यहां एहतियात के तौर पर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन के इस्तेमाल पर फिलहाल रोक लगा दी है।

नीदरलैंड्स की सरकार ने एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) पर 29 मार्च तक अस्थायी रोक लगायी

आयरलैंड के उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रोनन ग्लिन के मुताबिक, नॉर्वे की मेडिसिन एजेंसी का कहना है कि यह वैक्सीन लगने के बाद खून के थक्के जमने के चार मामले सामने आए थे। इस मामले में नीदरलैंड्स की सरकार का कहना है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर यह अस्थायी रोक कम से कम 29 मार्च तक लगी रहेगी। 

अब तक 12 करोड़ से अधिक लोग हुए संक्रमित 

कोरोना वायरस से दुनियाभर में अब तक 12 करोड़ से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, जबकि मरने वालों का आंकड़ा भी 26 लाख 66 हजार के पार पहुंच चुका है। अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।

यहां अब तक तीन करोड़ से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं जबकि पांच लाख 47 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा संक्रमण वाले देशों की सूची में दूसरे स्थान पर ब्राजील और तीसरे स्थान पर भारत है। यहां भी करोड़ों लोग कोरोना का शिकार हुए हैं।

एस्ट्राजेनेका वैक्सीन(AstraZeneca Vaccine) ने बताया सुरक्षित

हालांकि, ब्रिटिश-स्वीडिश दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) ने अपने कोरोना के टीके को पूरी तरह से सुरक्षित बताया है।कंपनी ने कहा है कि इन टीकों के कारण रक्त का थक्का (ब्लड क्लॉट) के सुबूत नहीं मिले हैं। जैसा कुछ यूरोपीय देशों से रिपोर्ट आई है।

डब्ल्यूएचओ ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) को सुरक्षित बताया

विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि डब्ल्यूएचओ (WHO) ने जोर देकर कहा कि इसका उपयोग करना बिल्कुल सुरक्षित है।डब्ल्यूएचओ (WHO) की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि लोग घबराएं।

हम कुछ समय के लिए ये सलाह दे रहे हैं कि सभी देश एस्ट्राजेनेका के साथ टीकाकरण जारी रखें। इसके अलावा यूरोपियन मेडिसिन वॉचडॉग (Europe’s medicines watchdog) ने भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) को सुरक्षित बताया है।

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कंपनी के पास जो सूचनाएं आई हैं उसके हिसाब से यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में अबतक रक्त थक्काकरण के 15 और वाहिका अवरोध के 22 मामले सामने आए हैं। कंपनी ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों के टीकाकरण के बीच यह आंकड़ा साइड इफेक्ट को दिखाता है। जो अन्य वैक्सीन के साथ भी हो रहा है।

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यूरोपीय चिकित्सा एजेंसी (ईएमए), जो गुरुवार को एक विशेष बैठक आयोजित कर रही है उसने डब्ल्यूएचओ के अपील का समर्थन किया और कहा कि यह वैक्सीन लेना पूरी तरफ सुरक्षित है। एजेंसी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कोरोना को रोकने में एस्ट्राज़ेनेका वैक्सीन के लाभ अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु के जोखिम के साथ साइड इफेक्ट के जोखिमों को दूर करते हैं।

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भारत में भी एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (AstraZeneca Vaccine) का हो रहा इस्तेमाल

एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड (AstraZeneca-Oxford) की कोरोना वैक्सीन का भारत में सीरम इंस्टीट्यूट (Serum Institute) द्वारा कोविशील्ड (Covishield) के नाम से उत्पादन किया जा रहा है। भारत में टीकाकरण अभियान में कोविशील्ड (Covishield) के साथ ही भारत बायोटेक (Bharat Biotech) के स्वदेशी टीके कोवैक्सीन (Covaxine) का भी इस्तेमाल किया जा रहा है

भारत में वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामले बहुत ही कम

navbharattimes के अनुसार : कोविड-19 पर बने नैशनल टास्क फोर्स के सदस्य एन. के. अरोड़ा ने न्यूज एजेंसी एएफपी को बताया, ‘हम साइडइफेक्ट्स वाले सभी मामलों को करीब से देख रहे हैं खासकर गंभीर मामलों को जिसमें टीका लगने के बाद मौत या अस्पताल में भर्ती कराने की नौबत आई हो।’

उन्होंने कहा कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि भारत में वैक्सीन के साइडइफेक्ट्स के मामले बहुत ही कम हैं। अरोड़ा ने कहा, ‘हम अब साइडइफेक्ट्स वाले मामलों में यह देख रहे हैं कि क्या खून का थक्का जमने जैसी भी कोई बात है या नहीं।

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