Top 8 Major Causes Of Obesity And Weight Gain In Hindi | vajan badhane ke karan kya hai | हेल्दी खाने के बाद भी तेजी से बढ़ रहा है वेट ? कारण जानिए

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vajan badhane ke karan kya hai
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Obesity And Weight Gain : हेल्दी खाने के बाद भी तेजी से बढ़ रहा है वेट? जानिए समस्या का बड़ा कारण

Obesity And Weight Gain : वजन बढ़ने का सबसे बड़ा कारण हाई प्रोसीड कंफर्ट फूड्स, रेस्टोरेंट फूड्स, कोल ड्रिंग्स आदि को माना जाता है। अत्यधिक हाई फैट और शुगर का सेवन करना मोटापा का कारण बनता है। लेकिन अधिक वर्कआउट और हेल्दी खाना खाने के बाद भी हर दिन बढ़ रहा है

वेट तो इस ओबेसिटी (obesity) के पीछे कई बार डिप्रेशन, एंग्जाइटी तथा अन्य कारण भी होती है, क्योंकि ये मानसिक दिक्कते हमारे पाचन तंत्र को इफेक्ट करती है। जिससे ओबेसिटी, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्राल, डायबिटीज तक अनेको समस्याओं का होना स्वाभाविक (Natural)है, माना जाता है ।

की वेट का बढ़ना केवल डाइट या किसी शारीरिक समस्या से ही नहीं जुड़ा, बल्कि इसका कनेक्शन मस्तिष्क से भी है। जी हां, अगर आप हमेशा तनाव, डिप्रेसन में रहते हैं।तो आपके मोटा होने के चांसेज (Obesity And Weight Gain) ज्यादा होते है।तो चलिए आज आपको बताएं कि मोटापे के अलावा तनाव के बड़े साइड इफेक्ट्स क्या हैं और तनाव से कैसे बचें।

हमेशा स्ट्रेस में रहने के साडइट इफेक्टस-side effects of always being in stress

भूख को अनियंत्रित करता है (uncontrolled appetite) – अगर आप हमेशा ही किसी न किसी कारण तनाव (stress) में रहते हैं तो आपका मस्तिष्क हमेशा भूखा रहेगा। तनाव से भूख अनियंत्रित होती है। इसकी वजह से व्यक्ति ज्यादा खाता है। भले ही हेल्दी खा रहा हो, लेकिन अपनी भूख से ज्यादा खाता है। ज्यादा खाने से कैलोरी शरीर में फैट के रूप में जमा होने लगती है और मेटाबोलिज्म स्लो होता है। ये मोटापे का बड़ा कारण है। भूख के अनियंत्रित होने से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, हड्डियों और पेट सभी पर बुरा प्रभाव पड़ने लगता है।

कोर्टिसोल के कारण इंसुलिन होती है प्रभावित (effect of cortisol hormone on insulin) – जब भी मस्तिष्क तनाव महसूस करता है कोर्टिसोल नामक हार्मोन मस्तिष्क से निकलना शुरू हो जाता है। ये हार्मोन सीधा इंसुलिन को प्रभावित करता है। इससे न केवल ब्लड शुगर हाई होता है, बल्कि तेजी से मोटापा भी बढ़ता है। कोर्टिसोल स्ट्रेस हार्मोन के नाम से भी जाना जाता है।

डायजेशन में होती है दिक्कत (problems with digestion)- तनाव की वजह से डायजेशन यानी पाचन तंत्र पर भी प्रभाव पड़ता है। लिवर से बाइल जूस कम निकलता है इसेस खाना सही से पचनता नहीं और मेटाबॉलिक रेट स्लो रहने से वेट का बढ़ना शुरू हो जाता। गैस और बदहजमी, एसिडिटी जैसी पेट से जुड़ी समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

गलत जानकारी (wrong information)- आज के समय में इंटरनेट में सैकड़ों मोटापा को लेकर आर्टिकल मौजूद है। जिनमें से काफी गलत भी होते है लेकिन उन्हें हम बड़े ही शिद्दत के साथ फालो करने लगते हैं। और गलत जानकारी के कारण 10 में से 6 लोग मोटापा की समस्या से परेशान होते है । इन मिथकों में से कुछ वजन घटाने की सप्लीमेंट्स और सर्जरी को बढ़ावा देते हैं। इसके अलावा भोजन को स्किप करने और बहुत कम कैलोरी खाने को प्रोत्साहित करते हैं। इसी धारणा के कारण मोटापा के शिकार आप हो जाते हैं।

Top 8 Major Causes Of Obesity And Weight Gain In Hindi
Top 8 Major Causes Of Obesity And Weight Gain In Hindi

नींद की कमी (lack of sleep)- तनाव का असर नींद पर भी होता है और नींद का कनेक्शन मोटापे से भी जुड़ा हुआ है। अगर नींद न आए या बार-बार टूटती रहती है तो इससे भी मोटापा होता है।

आंत के गुड बैक्टीरिया नष्ट होने का कारण (causes destruction of good gut bacteria) – तनाव की वजह से निकलने वाला कार्टिसोल हार्मोन आंतों में रहने वाले गुड बैक्टीरिया को नष्ट करता है। इसकी वजह से व्यक्ति का मेटाबोलिज्म प्रभावित होता है। साथ ही आंत में भी समस्या होने लगती है।

थायरॉयड हार्मोनप्रभावित होना (Thyroid being affected by hormones)-तनाव का बढ़ता स्तर थायरॉयड हार्मोन थायरॉक्सिन का उत्पादन कम करने लगता है। इससे हापोथायरॉडिज्म की दिक्कत बढ़ती है। इससे भी मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और वेट बढ़ना शुरू होता है।

अनुवांशिक कारण (genetic) – आपको मोटापा आपकी पीढियों (genetic) की देन भी हो सकती है। आपके फैमिली में अगर कोई मोटा है तो समझ लें कि यह सिलसिला आपकी पीढ़ियां काफी आगे तक ले जाएगी। अनुवांशिक ही वजन बढ़ने का एक कारण माना जाता है।

स्ट्रेस से दूर रहने के लिए करें ये काम  ways to stay away from stress

स्ट्रेस न हो ये संभव नहीं, लेकिन अगर आप स्ट्रेस से लड़ना सीख लें तो इससे आपका नुकसान नहीं होगा। इसके लिए डाइट से लेकर एक्सरसाइज तक आपकी मदद कर सकते हैं। तो स्ट्रेस से बचने के लिए ये काम जरूर करें।

  • रोज कम से कम 45 मिनट की वॉक या कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज करें। कोशिश करें कि जिम या घर में इन एक्सरसाइज को करने की जगह आप खुले में करें।
  • योग, मेडिटेशन जैसी एंटी स्ट्रेस तकनीक को अपनाएं।
  • मेगा 3 और 6 फैटी एसिड से भरपूर चीजें और विटामिन डी खानपान में बढ़ा दें। ये स्ट्रेस फाइटर होते हैं।
  • स्ट्रेस दूर करने के लिए बादाम, अखरोट, मेवे के साथ अलसी के बीज, कद्दू के बीज, सूरजमुखी के बीज आदि जैसे बीज नियमित रूप से शामिल करें।
  • डाइट में फाइबर और लिक्विड खूब लें। ओट्स, जौ,और राई खूब खाएं। फलों में विटामिन सी युक्त संतरा, मौसमी, अनार, जामुन आदि का सेवन करें।
  • तो ये उपाय आपको केवल स्ट्रेस से नहीं, बल्कि इससे होने वाली बीमारियों से भी बचाएंगे।

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