Conjunctivitis: कंजक्टिवाइटिस (आई फ्लू) लंबे समय से एक मानसून में होने वाली बीमारी रही है. भारत में आमतौर पर बारिश के मौसम में इसके मामले बढ़ते हैं.
‘कंजक्टिवाइटिस, कंजंक्टिवा (आंख का सफेद हिस्सा) की सूजन है.
कंजक्टिवाइटिस कुछ मामलों में बेहद संक्रामक हो सकता है और पहले से ही संक्रमित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है
‘कंजक्टिवाइटिसबीमारी फैलने का सबसे आम तरीका यह है कि जब संक्रमित लोग बार-बार अपनी आंखों को छूते हैं
,किसी व्यक्ति को यदि कंजक्टिवाइटिस बीमारी हो गई है तो उसकी आंखों में न देखें और न ही उसका रुमाल, तौलिया, टॉयलेट की टोंटी, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल आदि छूने से बचें.
डॉक्टर्स का कहना है कि कंजक्टिवाइटिस के लक्षण नजर आते ही नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए.इसके सामान्य लक्षणों में आंखें लाल होना, खुजली, आंसू आना शामिल हैं.
आंखों के आसपास डिस्चार्ज या पपड़ी भी हो सकती है. कंजक्टिवाइटिस ही है तो वह डॉक्टर एंटीबायोटिक आई ड्रॉप लिख सकते हैं.
अपनी आंखों को लगातार छूने से बचें, खासकर अगर आपके हाथ ठीक से नहीं धोए गए हों तब.
कंजक्टिवाइटिस वायरल आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाता है लेकिन इस दौरान आंखों को साफ रखना चाहिए
संक्रमण फैलने से बचने के लिए घर के अन्य सभी सदस्यों को नियमित रूप से अपने हाथ धोने चाहिए और संक्रमित व्यक्ति को भी ऐसा ही करना चाहिए.