Dev Uthani Ekadashi Vrat

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु चार महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी पड़ती है। 

तुलसी विवाह पूजा विधि

एकादशी व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि करें और व्रत संकल्प लें।

तुलसी विवाह पूजा विधि

इसके बाद भगवान विष्णु की अराधना करें।

तुलसी विवाह पूजा विधि

अब भगवान विष्णु के सामने दीप-धूप जलाएं। फिर उन्हें फल, फूल और भोग अर्पित करें।

तुलसी विवाह पूजा विधि

मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु को तुलसी जरुरी अर्पित करनी चाहिए।

तुलसी विवाह पूजा विधि

शाम को विष्णु जी की अराधना करते हुए विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें।

तुलसी विवाह पूजा विधि

एकादशी के दिन पूर्व संध्या को व्रती को सिर्फ सात्विक भोजन करना चाहिए।

तुलसी विवाह पूजा विधि

एकादशी के दिन व्रत के दौरान अन्न का सेवन नहीं किया जाता।

तुलसी विवाह पूजा विधि

एकादशी के दिन चावल का सेवन वर्जित है।

तुलसी विवाह पूजा विधि

एकादशी का व्रत खोलने के बाद ब्राहम्णों को दान-दक्षिणा दें।