Hindi Diwas 2022: पूरा देश 14 सितंबर को हिंदी दिवस (Hindi Diwas) मनाता है ताकि देश में हिंदी भाषा को और बढ़ावा मिल सके।

लोग अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग रीति-रिवाजों का पालन करते हैं लेकिन देश के 77 फीसदी लोग हिंदी बोलते, समझते और लिखते हैं। 

हिंदी दिवस का इतिहास आजादी के बाद देखा जा सकता है जब देश में हिंदी भाषा के उत्थान के लिए 14 सितंबर 1949 को हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया गया था। 

यह कारण है कि हर साल 14 सितंबर को ही हिंदी दिवस मनाया जाता है।

राष्ट्रभाषा प्रचार समिति की सिफारिश के बाद से ही 1953 के बाद से हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाने लगा।

हिंदी दिवस का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। इसे हिंदी पखवाड़ा कहा जाता है।

राष्ट्रभाषा के बिना राष्ट्र गूंगा है. हिंदी का प्रचार और विकास कोई रोक नहीं सकता, हिंदी का प्रश्न स्वराज्य का प्रश्न है. ये कहना था महात्मा गांधी का. 

हिंदी भाषा. अलग-अलग लोगों को एक धागे में पिरोने का जरिया है

न केवल भारत बल्कि विश्व के तमाम देशों में हिंदी बोलने और समझने वाले लोग हैं. हिंदी भाषा ने उत्तर और दक्षिण के लोगों एक संवाद स्थापित किया.

हिंदी ने वो पुरानी सरहदों को तोड़ा है. हिंदी ने देश-विदेश के साहित्यकारों को एक मंच पर लेकर आई.