5G network :
हमारे देश की सरकार ने भी भारत को डिजिटल इंडिया का नाम दिया है और आज के समय में ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है, जो इंटरनेट का इस्तेमाल ना करता हो।
सरकारी दफ्तरों में भी सभी प्रकार के कार्य अब डिजिटल रूप में यानि कि इंटरनेट की सहायता से किए जा रहे हैं।और अब हम धीरे-धीरे 5जी तकनीक के ओर अग्रसर हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इंडिया मोबाइल (IMC 2022) के छठे एडिशन में 5जी सर्विस का शुभारंभ किया। पीएम ने इस सेवा की शुरुआत देश के 13 चुनिंदा शहरों में की
इसके बाद
5जी (5G )
को देश के हर हिस्से में पहुंचाया जाएगा। IMC 2022 कार्यक्रम चार अक्तूबर तक चलने वाला है।
यह 5वीं पीढ़ी का मोबाइल नेटवर्क है। 1G, 2G, 3G और 4G के बाद यह नया वैश्विक वायरलेस मानक है। इसे 4G से 30 गुना तक तेज माना जा रहा है।
आपको बता दें, कि 1G से लेकर 5G तक “G” का तात्पर्य जनरेशन से होता है, जनरेशन यानी की पीढ़ी। हम जिस भी पीढ़ी की टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर रहे होते हैं,
5G की टेक्नोलॉजी दूरसंचार की टेक्नोलॉजी से संबंध रखती है। किसी भी तकनीक का इस्तेमाल वायरलेस तकनीक के जरिए किया जाता है।
दूरसंचार की इस नई तकनीक में रेडियो तरंगे और विभिन्न तरह की रेडियो आवृत्ति का इस्तेमाल किया जाता है।
इस नवीन तकनीक का अंतिम मानव का निर्धारण आईटीयू यानी कि इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन (
International Telecommunication Union
) के हाथों किया जाता है।
G की तकनीक 4G
(5G technology 4G)
तकनीक के मुकाबले नेक्स्ट जनरेशन की तकनीक है और यह अब तक आ चुकी सभी तकनीक से सबसे ज्यादा आधुनिक तकनीक मानी जा रही है।