Noni Ka Saag
आपने पालक, सरसों, बथुआ जैसे सागों के फायदे के बारे में बहुत सुना होगा। लेकिन क्या आप नोनी साग
(Noni Saag)
के फायदे के बारे में जानते हैं।
Noni Ka Saag
नोनी का साग विशेष रूप से बिहार (Bihar), झारखंड (Jharkhand), बंगाल (West Bangal) और उड़ीसा (Odisha) में खूब खाया जाता है।
Noni Ka Saag
इस साग के एक नहीं बल्कि कई
फायदे (benefits of noni saag)
हैं।और बिहार, झारखंड में महिलाएं जिउतिया व्रत (Jitiya Vrat 2023) रखती हैं।
Noni Ka Saag
इस व्रत में इस साग का बहुत महत्व हैं। व्रती महिलाएं इस साग को खाकर अपना व्रत तोड़ती हैं। झारखंड में इसे गोलगोला साग के नाम से भी जाना जाता है ।
Noni Ka Saag
नोनी साग (noni saag) के बिना सूना है जितिया का पारण । जितिया पर नोनी का साग और रागी (मडुआ)की रोटी खाने का है विधान
Noni Ka Saag
इस साग को खाने से शरीर में गर्मी आती है और इम्यूनिटी बूस्ट होती है। तो, वहीं मडुआ की रोटी जिसे रागी की रोटी कहते हैं ये भी बनाया जाता है।
Noni Ka Saag
ये हाई फाइबर से भरपूर होता है और आपके पेट के लिए अच्छा है।
Noni Ka Saag
इसके अलावा ये इम्यूनिटी बूस्टर है जो कि कई बीमारियों से बचाव में मददगार है। ये तो थे इन दोनों के फायदे।
Noni Ka Saag
नोनी का साग रेसिपी –
जितिया पर नोनी का साग बनाने की परंपरा रही है। इस साग को आज के दिन बिना प्याज लहसुन के बमाया जाता है। इसे बनाने के लिए नोनी के साग को उबालकर रख लें
Noni Ka Saag
इसके बाद इसे दरदरा करके पीस लें। इसके बाद कड़ाही में 1 चम्मच घी और फिर काली सरसों डालें। इसमें थोड़ा सा हल्दी और हरी मिर्च काटकर डालें। ऊपर से साग रखें, थोड़ा सा रागी का आटा मिलाएं और सेंधा नमक डालकर साग पकाएं। साग को ऐसे पकाएं कि इसमें से खुशबू आने लगे और ये पककर अपने रंग में आ जाए।