सोलोगैमी
(Sologamy)
होती क्या है
सोलोगैमी
(Sologamy)
का मतलब है किसी व्यक्ति का खुद से ही शादी कर लेना.
सोलोगैमी (Sologamy) को ओटोगैमी भी कहते हैं
सोलोगैमी
(Sologamy)
होती क्या है
सोलोगैमी
(Sologamy)
का मतलब है किसी व्यक्ति का खुद से ही शादी कर लेना.
सोलोगैमी (Sologamy) को ओटोगैमी भी कहते हैं
सोलोगैमी
(Sologamy)
होती क्या है
सोलोगैमी (Sologamy) में लड़की किसी दूल्हे के साथ वैवाहिक बंधन में न बंधकर खुद के साथ ही शादी के सूत्र में बंध जाती है।
सोलोगैमी
(Sologamy)
होती क्या है
सोलोगैमी
(Sologamy)
को अपनाने वालों का कहना है कि यह खुद का मूल्य समझने और खुद से प्यार
(Self Love)
करने की तरफ एक कदम है.
सोलोगैमी
(Sologamy)
होती क्या है
सेल्फ मैरिज
(Self Marriage)
भी कहा जा सकता है. इस तरह की शादी का चलन पश्चिमी देशों में काफी समय पहले से है।
सोलोगेमी की शुरुआत
सोलोगेमी
(Sologamy)
की शुरुआत पिछली सदी के अंतिम दशक में हुई थी। पहली बार
लिंडा बेकर
नाम की एक महिला ने 1993 में खुद से शादी की थी।
सोलोगेमी की शुरुआत
भारत में इस तरह की शादी का चलन अभी तक देखने को नहीं मिला है। इसलिए
क्षमा बिंदु (Kshama Bindu)
की होने वाली शादी ऐसी पहली शादी होगी।
सोलोगेमी की शुरुआत
इसलिए
क्षमा बिंदु (Kshama Bindu)
की होने वाली शादी ऐसी पहली शादी होगी।
सोलोगेमी की शुरुआत
भारतीय संस्कृति और परंपरा के अनुसार विवाह एक संस्कार और दो आत्माओं का मिलन है।
सोलोगेमी की शुरुआत
पति और पत्नी के रूप में आजीवन साथ रहने की शुरुआत विवाह के पावन बंधन से होती है।
सोलोगेमी की शुरुआत
विवाह आपसी समझ और समन्वय से जुड़ा होता है, लेकिन जिस तरह आज के समय में शादियां टूट रही हैं
सोलोगेमी की शुरुआत
वह सिसकते संस्कार और गिरते नैतिक मूल्यों का परिणाम है। सोलोगेमी
(Sologamy)
आत्ममुग्धता का चरम है।