sunscreen

सनस्क्रीन लगाने के फायदे और नुकसान

- Dalai Lama

सनस्क्रीन हमारी त्वचा पर एक परत की तरह काम करती है, जो तेज धूप में सूरज की ‘पराबैंगनी किरणों’ से हमारी त्वचा को होने वाले सीधे नुकसान से बचाती है।  

यह एक बहुत बड़ा कारण होता है गर्मियों में हमारी त्वचा के खराब होने का। सनबर्न से हमारी त्वचा कमजोर पड़ने लगती है। सनबर्न ‘ब्लेमिशेज’ यानि झाइयों का बहुत बड़ा कारण होता है। तो गर्मियों में रोजाना बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लगाएं।

सनबर्न से बचाते हैं 

सूरज की पराबैंगनी किरणों से हमारी त्वचा को काफी नुकसान होता है। दूसरी समस्याओं के साथ ही टैनिंग एक बहुत बड़ी दिक्कत है।

Circled Dot
Circled Dot
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टैनिंग नहीं होती  

आजकल के ज्यादातर सनस्क्रीम में माइश्चराइजर का काॅम्बिनेशन एक साथ होता है। तो हमें अलग से क्रीम या माइश्चराइजर नहीं लेना पड़ता।  

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सनस्क्रीन के नुकसान

सनस्क्रीन को सचमुच के सनस्क्रीन यानि सुरक्षा गार्ड में बदलने के लिए इसे बनाने में कई तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल होता है। इनमें से कुछ केमिकल्स त्वचा के माध्यम से अंदर टिश्यू तक पहुंच जाते हैं। 

सनस्क्रीन के नुकसान

सनस्क्रीन को बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन जब त्वचा पर लगते हैं तो उससे खुजली, लाल चकत्ते, त्वचा पर लालपन, सूजन जैसी दिक्कतें पैदा हो सकती हैं। 

सनस्क्रीन के नुकसान

अगर आपकी त्वचा पहले से ही सेंसिटिव है, तब आपके लिए सनस्क्रीन का प्रयोग हानिकारक हो सकता है। क्यों? क्योंकि सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स मुहांसों की समस्या को और बढ़ा सकते हैं। 

सनस्क्रीन से जुड़ी एक और जरूरी बात

हम सोचते हैं कि सनस्क्रीन लगाने के बाद हमारी स्किन पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। दरअसल मई-जून के महीनों में जब धूप अपने चरम पर होती है, उस दौरान जितना हो सके, त्वचा को धूप के सीधे संपर्क में आने से भी बचाना चाहिए। 

सनस्क्रीन से जुड़ी एक और जरूरी बात

सनस्क्रीन लगाने के साथ-साथ पूरे और ज्यादा कपड़े पहनें। खासकर इन दिनों वाॅटर बेस्ड सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें।